बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 इतिहास बीए सेमेस्टर-1 इतिहाससरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 इतिहास के नवीन पाठ्यक्रमानुसार प्रश्नोत्तर
प्रश्न- गुर्जर-प्रतिहार नरेश नागभट्ट द्वितीय के शासनकाल की घटनाओं पर प्रकाश डालिए।
अथवा
नागभट्ट द्वितीय की उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
नागभट्ट द्वितीय (795 - 833 ई.)
राष्ट्रकूट नरेश से वत्सराज की पराजय के बाद की घटनाओं के सम्बन्ध में अभी तक कोई साक्ष्य प्राप्त नही है। अतः नागभट्ट द्वितीय के शासनकाल की प्रारम्भिक घटनाओं के सम्बन्ध में ऐतिहासिक साक्ष्यो का पूर्ण अभाव है, परन्तु फिर भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इसके वंश के तथा अन्य वशों के शिलालेख ऐसे मिलते है जिनमे इस परम प्रतापी सम्राट के कार्यों का उल्लेख है। इन शिलालेखों में निम्नलिखित शिलालेख प्रमुख है -
1. ग्वालियर अभिलेख,
2. माने लेख
3. जोधपुर शिलालेख
4. सजन लेख,
5. बडौदा ताम्रपत्र,
6. बगुला (जोधपुर) शिलालेख, तथा
7. चन्द्रप्रभा सूरि का वप्पाभट्टचरित।
वत्सराज का पुत्र एवं उत्तराधिकारी नागभट्ट द्वितीय था। उसकी माता का नाम सुन्दर देवी था नागभट्ट द्वितीय देवी भगवती का उपासक था। राष्ट्रकूट विजयों ने गुर्जर वंश को समाप्त कर दिया था। पराजय के काले मेघा से निकालकर सूर्य का तेजमय प्रकाश प्रदान करने वाला नागभट्ट द्वितीय का कब आविर्भाव हुआ अर्थात् वह सिंहासन पर कब बैठा, इस सम्बन्ध मे विद्वानों में बड़ा मतभेद है। याने पत्रों के अनुसार उसके राष्ट्रकूट संघर्ष की तिथि सन् 802 ई है। माने पत्रों की ऐतिहासिकता संदेहास्पद है। परन्तु सिसवाई दानपत्रों के मिल जाने से उपरोक्त लेख की ऐतिहासिकता में संदेह करने का कोई कारण नही प्रतीत होता। प्रो मीराशी जैसे सुप्रसिद्ध इतिहासकार ने भी माने पत्रों के सम्बन्ध में अब अपने विचारों में परिवर्तन कर दिया है और इन पत्रों को प्रामाणिक स्वीकार कर लिया है। इसके अतिरिक्त शिलालेख की लिपि भी तिथि की पुष्टि करती है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि इन प्लेटों के उत्कीर्ण किये जाने के पूर्व ही युद्ध हुआ होगा। अतः नागभट्ट द्वितीय का राज्यारोहण भी इस तिथि के पूर्व ही हुआ होगा। सम्भवत: वह तिथि सन 795 ई. के लगभग रही होगी।
राजनैतिक उपलब्धियाँ
सिहासन प्राप्त करने के शीघ्र पश्चात ही नागभट्ट द्वितीय ने अपने पिता की पराजय का प्रतिशोध लेने का प्रयास किया। सन् 871 ई. के अमोघवर्ष प्रथम के सजन ताम्रपत्र के अनुसार राष्ट्रकूट नरेश गोविन्द तृतीय ने युद्ध क्षेत्र में नागभट्ट और चन्द्रगुप्त के अचल गौरव को हर लिया। नागभट्ट निश्चित रूप से वत्सराज का पुत्र था? एक अन्य विवरण से ज्ञात होता है कि नागभट्ट के बाहुक घबल नामक सामन्त राष्ट्रकूट सेना के किसी अग पर विजय प्राप्त की। सम्भवतः यह विजय कोई स्थानीय विजय थी। प्रबल के पठारी स्तम्भ लेख के अनुसार कर्कराज ने नागावलोक को युद्ध-क्षेत्र मे पराजित कर दिया। डॉ. भण्डारकर और उनके समकालीन सभी विद्वान नागावलोक का समीकरण नागभटट द्वितीय से करते है। इस शिलालेख की तिथि सन 861 ई है। इसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि प्रवाल ने दीर्घकाल तक शासन किया और सम्भवत कर्कराज गोविन्द तृतीय का सामन्त था। उसने सामन्त रूप में ही नागभट्ट द्वितीय पर विजय प्राप्त की थी। अतः इस अभियान में गोविन्द तृतीय को सफलता प्राप्त हुई।
माने पत्र, नौसेरी पत्र, सिसवाई दानपत्र, राधनपुर लेख. नीलगढ शिलालेख से इस अभियान की तिथि के विषय में ज्ञात होता है। इन सभी साक्ष्यों में नागभट्ट द्वितीय और गोविन्द तृतीय के संघर्ष का उल्लेख है। माने पत्रो की तिथि सन् 802 ई. है। अतः यह युद्ध इस तिथि के पूर्व ही हुआ होगा परन्तु इस सम्बन्ध में कुछ भी निश्चय पूर्व नहीं कहा जा सकता।
कान्यकुब्ज (कन्नौज) पर अधिकार - निःसन्देह गोविन्द तृतीय से पराजित होने के उपरान्त नागभट्ट द्वितीय को अपनी शक्ति संगठित करने में कुछ समय अवश्य लगा होगा। अतः कन्नौज पर उसके आक्रमण की तिथि निश्चित रूप से बाद की घटना है।
संजन ताम्रपत्र के अनुसार धर्मा और चक्रायुध ने गोविन्द तृतीय के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। विद्वानों ने लेख के धर्मा और चक्रायुध का समीकरण गौड नरेश धर्मपाल और उसके निर्वाचित शासक कन्नौज नरेश चक्रायुद्ध से किया है। कुछ इतिहासकारों का कथन है कि यदि चक्रायुध गोविन्द तृतीय के आक्रमण के समय कन्नौज पर शासन नहीं कर रहा था तो राजन ताम्रपत्र में उसके नाम के उल्लेख किये जाने का कोई अर्थ ही नहीं था।
अतीत का प्रतिशोध लेने के लिये नागभट्ट द्वितीय ने कन्नौज पर आक्रमण किया। इस आक्रमण का विवरण ग्वालियर (सगरताल) शिलालेख में प्राप्त होता है। नागभट्ट द्वितीय ने चक्रायुध पर विजय प्राप्त करके कन्नौज पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया। इस समय से कन्नौज गुर्जर प्रतिहारों को नयी राजधानी बन गई। इसी समय से उत्तर भारत के नागभट्ट द्वितीय की शक्ति में असाधारण वृद्धि हो गयी और उसने सन् 815 ई. में बकुला अभिलेख में दी गई उपाधियाँ परम भट्टारक, महाराजाधिराज परमेश्वर को चरितार्थ कर दिया।
पालवंशीय नरेशों से युद्ध - यद्यपि इस समय राष्ट्रकूटों के पारस्परिक संघर्षों के कारण नागभट्ट द्वितीय की शक्ति में असाधारण वृद्धि हो गई थी, परन्तु बंगाल के पालवंशीय नरेश धर्मपाल के लिये यह असहनीय था कि उसके सामन्त स्तरीय शासक चक्रायुध को सदैव के लिए सिंहासन से च्युत कर दिया जावे। अतः पाल नरेश धर्मपाल ने नागभट्ट द्वितीय पर आक्रमण कर दिया। ग्वालियर अभिलेख में इस घटना का पूर्ण विवरण मिलता है।
ग्वालियर अभिलेख के विवरण से स्पष्ट है कि इस संघर्ष में नागभट्ट द्वितीय विजयी रहा। परन्तु यह युद्ध किस स्थल पर हुआ? विद्वानों का विचार है कि सम्भवत यह युद्ध मुदगगिरि (मुंगेर) में हुआ था। बाऊक के जोधपुर शिलालेख के अनुसार कक्क ने मुदगगिरि नामक स्थान पर गौड़ो से युद्ध किया। सम्भवत कक्क नागभट्ट द्वितीय का सामन्त था परन्तु यह विश्वसनीय नहीं है कि उसने अकेले ही गौड़ों से युद्ध किया हो। सम्भवतः उसने अपने स्वामी के साथ एक सामन्त के रूप में युद्ध किया था।
सम्भवत: नागभट्ट द्वितीय के एक अन्य सामन्त शंकरगण ने भी पालो के विरुद्ध युद्ध में भाग लिया था। बालादित्य के चाटसु अभिलेख के अनुसार गौड़ों पर विजय प्राप्त करके भट्ट (नागभट्ट) तलवार के बल पर समस्त संसार का स्वामी बन गया। इसी आधार पर उक्त कथन की पुष्टि होती है।
राज्य विस्तार - नि सन्देह नागभट्ट द्वितीय को आरम्भ में राष्ट्रकूट नरेश से पराजित होना पड़ा, परन्तु कालान्तर में उसने क्रमशः अनेक सफलताएं प्राप्त की। गौड़ नरेश पर विजय प्राप्त करके उसने अपने साम्राज्य की सीमाओ में वृद्धि की। ग्वालियर अभिलेख के अनुसार आन्ध्र, सिन्धु, विदर्भ तथा कलिंग के शासक नागभट्ट द्वितीय की ओर उसी प्रकार चले आये जिस प्रकार पतंके दीपक की लौ की ओर आते हैं। इतिहासकारो ने इन स्थानो का समीकरण क्रमश: गोदावरी और कृष्णा नदियों के मध्य का प्रदेश, सिन्धु नदी का प्रदेश बरार तथा उडीसा के प्रदेशों से किया है।
इसी शिलालेख से ज्ञात होता है कि नागभट्ट द्वितीय ने आनर्त, मालवा, किरात तुरुष्क, वत्स और मत्स्य के प्रदेशों को बलात उनके शासकों से छीन लिया। विद्वानों ने इन स्थानों का समीकरण उत्तरी काठियावाड, मध्य भारत हिमालय अथवा अन्य पर्वतीय क्षेत्र के कबीले तथा पश्चिमी भारत के अरब अधिकृत क्षेत्र, कौशाम्बी तथा पूर्वी राजपूताना के क्षेत्रों से किया है। यदि ग्वालियर अभिलेख के कथन को स्वीकार किया जाये तो नागभट्ट द्वितीय के साम्राज्य के अन्तर्गत पूर्व से लेकर पश्चिम तक के प्रदेश तथा हिमालय से लेकर नर्मदा तक का क्षेत्र सम्मिलित था। इसके अतिरिक्त उत्तरी पश्चिमी भाग और पाल साम्राज्य के कुछ क्षेत्र भी उसके साम्राज्य में सम्मिलित थे। यद्यपि शिलालेख की भाषा और शब्दों के प्रयोग से यह निश्चयपूर्वक नहीं कहा जा सकता है कि लेखक ने किस सीमा तक अतिशयोक्ति का सहारा लिया है, परन्तु डॉ. आर. एस. त्रिपाठी का कथन है "नागभट्ट द्वितीय के साम्राज्य के अन्तर्गत राजपूताने का कुछ भाग उत्तर प्रदेश का विशाल भूखण्ड, मध्य भारत और सम्भवतः उत्तरी काठियावाड, कौशाम्बी और दक्षिण पूर्व के निकटवर्ती प्रदेश थे।
अन्तिम काल - नागभट्ट द्वितीय ने सन् 833 ई तक शासन किया। प्रभावकचरित के अनुसार नागभट्ट ने भाद्रपद विक्रम संवत 833 ई में गंगा के पवित्र जल में डूबकर अपने प्राणों का अन्त कर दिया।
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- प्रश्न- ऐतिहासिक युग के इतिहास पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता का परिचय दीजिए व भारत में उसके बाद विकसित होने वाली सभ्यता व संस्कृति को चित्रित कीजिए।
- प्रश्न- भारत के प्रख्यात इतिहाकार कल्हण व आर. सी. मजूमदार का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- भारतीय ज्ञान प्रणाली के स्रोत पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जदुनाथ सरकार, वी. डी. सावरकर, के. पी. जायसवाल का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- भारत के प्रख्यात इतिहासकार मृदुला मुखर्जी के बारे में बताइए।
- प्रश्न- भारत संस्कृति (भाषाओं) के ज्ञान से अवगत कराइये।
- प्रश्न- नृत्य व रंगमंच की भारतीय संस्कृति से अवगत कराइये।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता से मगध राज्य तक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारत के प्रख्यात इतिहासकार विपिनचन्द्र पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मध्य पाषाण समाज और शिकारी संग्रहकर्ता पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- ऊपरी पुरापाषाण क्रांति क्या थी?
- प्रश्न- प्रसिद्ध इतिहासकार रोमिला थापर पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- पाषाण युग की जीवनशैली किस प्रकार की थी?
- प्रश्न- के. पी. जायसवाल के विशिष्ट कार्यों से अवगत कराइये।
- प्रश्न- वी. डी. सावरकर के धार्मिक और राजनीतिक विचार से अवगत कराइये।
- प्रश्न- लोअर पैलियोलिथिक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के विषय में आप क्या समझते हैं? 'हड़प्पा संस्कृति' के निर्माता कौन थे? बाह्य देशों के साथ उनके सम्बन्धों के विषय में आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के सामाजिक व्यवस्था का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के लोगों के आर्थिक जीवन के विषय में विस्तारपूर्वक बताइये।
- प्रश्न- सिन्धु नदी घाटी के समाज के धार्मिक व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता की राजनीतिक व्यवस्था एवं कला का विस्तार पूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के नामकरण और उसके भौगोलिक विस्तार की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता की नगर योजना का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हड़प्पा सभ्यता के नगरों के नगर-विन्यास पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- हड़प्पा संस्कृति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी के लोगों की शारीरिक विशेषताओं का संक्षिप्त मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- पाषाण प्रौद्योगिकी पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के सामाजिक संगठन पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- सिंधु सभ्यता के कला और धर्म पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- सिंधु सभ्यता के व्यापार का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सिंधु सभ्यता की लिपि पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता में शिवोपासना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सैन्धव धर्म में स्वस्तिक पूजा के विषय में बताइये।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के विनाश के क्या कारण थे?
- प्रश्न- लोथल के 'गोदी स्थल' पर लेख लिखो।
- प्रश्न- मातृ देवी की उपासना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- 'गेरुए रंग के मृदभाण्डों की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- 'मोहन जोदडो' का महान स्नानागार' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक अथवा पूर्व-वैदिक काल की सभ्यता और संस्कृति के बारे में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- विवाह संस्कार से सम्पादित कृतियों का वर्णन कीजिए तथा महत्व की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन समाज पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिककालीन समाज में हुए परिवर्तनों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन समाज की प्रमुख विशेषताओं का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक साहित्य के बारे में संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ब्रह्मचर्य आश्रम के कार्य व महत्व को समझाइये।
- प्रश्न- वानप्रस्थ आश्रम के महत्व को समझाइये।
- प्रश्न- सन्यास आश्रम का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मनुस्मृति में लिखित विवाह के प्रकार लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक काल में दास प्रथा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पुरुषार्थ पर लघु लेख लिखिए।
- प्रश्न- 'संस्कार' पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गृहस्थ आश्रम के महत्व को समझाइये।
- प्रश्न- महाकाव्यकालीन स्त्रियों की दशा पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिककालीन स्त्रियों की दशा पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिककाल में विवाह तथा सम्पत्ति अधिकारों की क्या स्थिति थी?
- प्रश्न- उत्तर वैदिककाल की राजनीतिक दशा का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- विदथ पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऋग्वेद पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- आर्यों के मूल स्थान पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'सभा' के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- वैदिक यज्ञों के सम्पादन में अग्नि के महत्त्व को व्याख्यायित कीजिए।
- प्रश्न- उत्तरवैदिक कालीन धार्मिक विश्वासों एवं कृत्यों के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- बिम्बिसार के समय से नन्द वंश के काल तक मगध की शक्ति के विकास का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नन्द कौन थे? महापद्मनन्द के जीवन तथा उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न. बिम्बिसार की राज्यनीति का वर्णन कीजिए तथा परिचय दीजिए।
- प्रश्न- उदयिन के जीवन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- नन्द साम्राज्य की विशालता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- धननंद और कौटिल्य के सम्बन्ध का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- धननंद के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- मगध की भौगोलिक सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मौर्य कौन थे? इस वंश के इतिहास जानने के स्रोतों का उल्लेख कीजिए तथा महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के विषय में आप क्या जानते हैं? उसकी उपलब्धियों और शासन व्यवस्था पर निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- सम्राट बिन्दुसार का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- मौर्यकाल में सम्राटों के साम्राज्य विस्तार की सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के बचपन का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सुदर्शन झील पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अशोक के प्रारम्भिक जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताइये कि वह किस प्रकार सिंहासन पर बैठा था?
- प्रश्न- सम्राट अशोक के साम्राज्य विस्तार पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सम्राट के धम्म के विशिष्ट तत्वों का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- अशोक के शासन व्यवस्था की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- 'भारतीय इतिहास में अशोक एक महान सम्राट कहलाता है। यह कथन कहाँ तक सत्य है? प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मौर्य वंश के पतन के लिए अशोक कहाँ तक उत्तरदायी था?
- प्रश्न- अशोक ने धर्म प्रचार के क्या उपाय किये थे? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सारनाथ स्तम्भ लेख पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- बृहद्रथ किस राजवंश का शासक था और इसके विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- कौटिल्य और मेगस्थनीज के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- कौटिल्य की पुस्तक 'अर्थशास्त्र' में उल्लेखित विषयों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- कौटिल्य रचित 'अर्थशास्त्र' में 'कल्याणकारी राज्य' की परिकल्पना को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- गुप्तों की उत्पत्ति के विषय में आप क्या जानते हैं? विस्तृत विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- काचगुप्त कौन थे? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रयाग प्रशस्ति के आधार पर समुद्रगुप्त की विजयों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- चन्द्रगुप्त (द्वितीय) की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से लिखिए।
- प्रश्न- कल्याणी के उत्तरकालीन पश्चिमी चालुक्य को समझाइए।
- प्रश्न- गुप्त शासन प्रणाली पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
- प्रश्न- गुप्तकाल की साहित्यिक एवं कलात्मक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गुप्तों के पतन का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गुप्तों के काल को प्राचीन भारत का 'स्वर्ण युग' क्यों कहते हैं? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- रामगुप्त की ऐतिहासिकता पर विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य के विषय में बताइए।
- प्रश्न- आर्यभट्ट कौन था? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राजा के रूप में स्कन्दगुप्त के महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कुमारगुप्त पर संक्षेप में टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- कुमारगुप्त प्रथम की उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गुप्तकालीन भारत के सांस्कृतिक पुनरुत्थान पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कालिदास पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विशाखदत्त कौन था? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्कन्दगुप्त कौन था?
- प्रश्न- जूनागढ़ अभिलेख से किस राजा के विषय में जानकारी मिलती है उसके विषय में आपसूक्ष्म में बताइए।
- प्रश्न- गुर्जर प्रतिहारों की उत्पत्ति का आलोचनात्मक विवरण दीजिए।
- प्रश्न- मिहिरभोज की उपलब्धियों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- गुर्जर-प्रतिहार नरेश नागभट्ट द्वितीय के शासनकाल की घटनाओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न-
- प्रश्न- गुर्जर-प्रतिहार शासक नागभट्ट प्रथम के शासन-काल का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- वत्सराज की उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गुर्जर-प्रतिहार वंश के इतिहास में नागभट्ट द्वितीय के स्थान का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- मिहिरभोज की राजनैतिक एवं सांस्कृतिक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गुर्जर-प्रतिहार सत्ता का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- गुर्जर प्रतिहारों का विघटन पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- गुर्जर-प्रतिहार वंश के इतिहास जानने के साधनों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- महेन्द्रपाल प्रथम कौन था? उसकी उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए। उत्तर -
- प्रश्न- राजशेखर और उसकी कृतियों पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- राज्यपाल तथा त्रिलोचनपाल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- त्रिकोणात्मक संघर्ष में प्रतिहारों की भूमिका का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- कन्नौज के प्रतिहारों पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- प्रतिहार वंश का महानतम शासक कौन था?
- प्रश्न- गुर्जर एवं पतन का विश्लेषण कीजिये।
- प्रश्न- कीर्तिवर्मा द्वितीय एवं बादामी के चालुक्यों के अन्त पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चालुक्य राज्य के अंधकार काल पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पूर्वी चालुक्य शासकों ने कला और संस्कृति में क्या योगदान दिया है?
- प्रश्न- चालुक्य कौन थे? इनकी उत्पत्ति के बारे में बताइए।
- प्रश्न- वेंगी के पूर्व चालुक्यों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- चालुक्यकालीन धर्म एवं कला का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चालुक्यों की विभिन्न शाखाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चालुक्य संघर्ष के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- कल्याणी के पश्चिमी चालुक्यों की शक्ति के प्रसार का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- चालुक्यों की उपलब्धियों के महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चालुक्यों की शासन व्यवस्था का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चालुक्य- पल्लव संघर्ष का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- परमारों की उत्पत्ति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- राजा भोज के शासन काल में चतुर्दिक उन्नति हुई।
- प्रश्न- परमार नरेश वाक्पति II मुंज के शासन काल की घटनाओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- राजा भोज के शासन प्रबंध के विषय में आप क्या जानते हैं? बताइए।
- प्रश्न- परमार वंश के पतन पर प्रकाश डालिए तथा इस वंश का पतन क्यों हुआ?
- प्रश्न- परमार साहित्य और कला की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- परमार वंश का संस्थापक कौन था?
- प्रश्न- मुंज परमार की उपलब्धियों का आंकलन कीजिए।
- प्रश्न- 'धारा' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सीयक द्वितीय 'हर्ष' के शासन काल की घटनाओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धुराज पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- परमारों के पतन के कारण बताइए।
- प्रश्न- राजा भोज एवं चालुक्य संघर्ष का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- राजा भोज की सांस्कृतिक उपलब्धियों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- परमार इतिहास जानने के साधनों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भोज परमार की उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- परमारों की प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- विग्रहराज चतुर्थ के शासन काल की घटनाओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- अर्णोराज चाहमान के जीवन एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज चौहान की उपलब्धियों की समीक्षा कीजिए। मोहम्मद गोरी के हाथों उसकी पराजय के क्या कारण थे? उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- चाहमान कौन थे? विग्रहराज चतुर्थ के विजयों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चाहमान कौन थे?
- प्रश्न- विग्रहराज द्वितीय के शासनकाल की घटनाओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अजयराज चाहमान की उपलब्धियों पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज चौहान की सैनिक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विग्रहराज चतुर्थ की उपलब्धियों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज और जयचन्द्र की शत्रुता पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- ऐतिहासिक साक्ष्य के रूप में पृथ्वीराज रासो के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- चाहमान वंश का प्रसिद्ध शासक आप किसे मानते हैं?
- प्रश्न- चाहमानों के विदेशी मूल का सिद्धान्त पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- पृथ्वीराज तृतीय के चन्देलों के साथ सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- गोविन्द चन्द्र गहड़वाल की उपलब्धियों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- गहड़वालों की उत्पत्ति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- जयचन्द्र पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अर्णोराज के राज्यकाल की प्रमुख राजनीतिक घटनाओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चाहमानों (चौहानों) के राजनीतिक इतिहास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ललित विग्रहराज नाटक पर नोट लिखिए।
- प्रश्न- चाहमान नरेश पृथ्वीराज तृतीय के तराइन युद्धों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चौहान वंश के इतिहास जानने के स्रोतों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामंतवाद पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सामंतवाद के पतन के कारण बताइए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में सामंतवाद की क्या स्थिति थी?
- प्रश्न- मौर्य प्रशासन और सामंतवाद पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न-
- प्रश्न- वेदों की उत्पत्ति के विषय में बताइए। वेदों ने हमारे जीवन को किस प्रकार के ज्ञान दिये?
- प्रश्न- हिन्दू धर्म और संस्कृति पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए
- प्रश्न- हिन्दू वर्ग की जाति-व्यवस्था व त्योहारों के विषय में बताइए।
- प्रश्न- 'लिंगायत'' के बारे में बताइए।
- प्रश्न- हिन्दू धर्म के सुधारकों के विषय में बताइए।
- प्रश्न- हिन्दू धर्म में आत्मा से सम्बन्धित विचारों से अवगत कराइये।
- प्रश्न- हिन्दुओं के मूल विश्वासों से अवगत कराइए।
- प्रश्न- उपवास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- हिन्दू धर्म में लोगों के गाय के प्रति कर्तव्य से अवगत कराइये।
- प्रश्न- हिन्दू धर्म में
- प्रश्न- मुहम्मद गोरी के भारत आक्रमण का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मुहम्मद गोरी की भारत विजय के कारणों की सुस्पष्ट व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- राजपूतों के पतन के कारणों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मुस्लिम आक्रमण के समय उत्तर की राजनीतिक स्थिति का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- महमूद गजनवी के भारतीय आक्रमणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत पर मुहम्मद गोरी के आक्रमण के क्या कारण थे?
- प्रश्नृ- गोरी के आक्रमण के समय भारत की राजनीतिक दशा कैसी थी?
- प्रश्न- गोरी के आक्रमण के समय भारत की सामाजिक स्थिति का संक्षिप्त वर्णन करें।
- प्रश्न- 11-12वीं सदी में भारत की आर्थिक स्थिति पर टिप्पणी लिखें।
- प्रश्न- 11-12वीं सदी में भारतीय शासकों के तुर्कों से पराजय के क्या कारण थे?
- प्रश्न- भारत में तुर्की राज्य स्थापना के क्या परिणाम हुए?
- प्रश्न- मुहम्मद गोरी का चरित्र-मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- अरबों की असफलता के क्या कारण थे?
- प्रश्न- अरब आक्रमण का प्रभाव स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- तराइन के प्रथम युद्ध पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत पर तुर्कों के आक्रमण के क्या कारण थे?
- प्रश्न- महमूद गजनवी का आनन्दपाल पर आक्रमण का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- महमूद गजनवी का कन्नौज पर आक्रमण पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- महमूद गजनवी द्वारा सोमनाथ का विध्वंस पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये। [
- प्रश्न- महमूद गजनवी के आक्रमण के कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारत पर महमूद गजनवी के आक्रमण के परिणामों पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- मोहम्मद गोरी की विजयों के बारे में लिखिए।
- प्रश्न- भारत पर तुर्की आक्रमण के प्रभावों का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए।