बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 गृह विज्ञान बीए सेमेस्टर-1 गृह विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 गृहविज्ञान
प्रश्न- लार ग्रन्थियों के बारे में बताइए तथा ये किस-किस नाम से जानी जाती हैं?
अथवा
दाँतों की संरचना तथा प्रकारों का वर्णन कीजिए।
सम्बन्धित लघु प्रश्न
1. दाँतों के प्रकार बताइए।
2. दाँत की रचना चित्र के माध्यम से समझाइए।
3. लार ग्रन्थियों के कार्य बताइए।
4. मुँह में भोजन के पाचन पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर -
लार ग्रन्थियाँ
(Salivary Glands)
जब भोजन मुँह में दाँतों द्वारा काटा जाता है तो धीरे-धीरे भोजन में एक तरल पदार्थ आकर मिलने लगता है जिसे 'लार रस' कहते हैं। 'लार रस के मिलने से भोजन लिसलिसा, आहारनाल में खिसकने योग्य हो जाता है। लार रस क्षारीय, चिपचिपा पदार्थ है जो मुँह में स्थित लार ग्रन्थियों से स्रावित होता है। लार ग्रन्थियाँ 6 होती हैं जो मुँह में तीन स्थानों पर होती हैं और अलग-अलग नामों से जानी जाती हैं।
(i) कर्ण पूर्व ग्रन्थियाँ (Parotid Glands) - यह ग्रन्थियाँ कानों के पास मुँह के अन्दर कपोलों में स्थित होती हैं तथा ये संख्या में दो होती हैं।
(ii) जिह्वाधर ग्रन्थियाँ (Sublingual Glands) - ये ग्रन्थियाँ भी संख्या में दो होती हैं तथा जीभ के नीचे स्थित होती हैं।
(iii) अजिह्वानवीय ग्रन्थियाँ (Submaxillary glands) - ये ग्रन्थियाँ जबड़ों के नीचे स्थित रहती है तथा जीभ के नीचे स्थित रहती है।
इस प्रकार लार ग्रन्थियाँ तीन दायीं ओर तथा इतनी बाँयीं ओर स्थित रहती हैं। सभी लार ग्रन्थियाँ तन्त्रिकाओं के द्वारा मस्तिष्क से सम्बन्धित रहती हैं। तन्त्रिकाओं की उत्तेजना के फलस्वरूप ही लार निकलने लगती है। जब मुँह में भोजन नहीं होता है तो इन ग्रन्थियों से बहुत थोड़ा स्राव होता है। जो मुँह के आन्तरिक भाग को गीला रखने तथा स्पष्ट बोलने के लिए पर्याप्त होता है लेकिन जैसे ही भोजन मुँह में आता है वैसे ही लार ग्रन्थियाँ अधिक मात्रा में लार स्रावित करने लगती हैं। लार रस कई कार्य करता है -
1. भोजन को तरल बनाता है। जिससे भोजन को आगे ग्रासनली में खिसकने में सुविधा रहती है।
2. मुँह के आन्तरिक भाग को गीला रखता है जिससे स्पष्ट बोलने में रुकावट नहीं आती है।
3. भोजन का पाचन करता है। यह बहुगुणी शर्करा स्टार्च का पाचन कर उसे दोहरी शर्करा माल्टोज में परिवर्तित कर देता है।
दाँत (Teeth) - दाँत भोजन को काटने व पीसने का कार्य करते हैं जिससे भोजन महीन सूक्ष्मतम कणों में विभक्त हो जाता है और पाचन क्रिया आसान हो जाती है। दाँत मनुष्य के जीवन में दो बार निकलते हैं।
1. दूध के दाँत (अस्थायी दाँत)
2. अन्न के दाँत (स्थायी दाँत)
दूध के दाँत (अस्थायी दाँत) - दूध के दाँत 6-7 महीने बाद निकलना प्रारम्भ हो जाते हैं और 2-3 वर्ष में लगभग 20 दाँत निकल आते हैं। इन्हें दूध के दाँत भी कहा जाता है क्योंकि प्रारम्भ में बच्चे का प्रमुख आहार दूध ही होता है।
अन्न के दाँत ( स्थायी दाँत) - स्थायी दाँत 6-7 वर्ष की आयु से निकलना प्रारम्भ हो जाते हैं, इस कारण दूध के दाँत हिलकर निकलने लगते हैं। लगभग 12 वर्ष की आयु तक 24 स्थायी दाँत निकल आते हैं पिछली चार दाढ़ें वयस्क होने पर निकलती हैं। इस प्रकार कुल 32 दाँत होते हैं। 16 ऊपरी जबड़े में व 16 नीचे के जबड़े में।
दाँतों के प्रकार (Types of Teeth) दाँतों को उनकी बनावट और कार्य के अनुसार चार भागों में विभाजित किया जाता है -
(i) छेदक या कुतरने वाले दाँत (Incisor) 4 + 4 = 8
(ii) भेदक या चीरने वाले दाँत (Canine) 2 + 2 = 4
(iii) अग्रवर्णक या कुचलने वाले (Bicuspids or Premolars) 4 + 4 = 8
(iv) चर्वणक या पीसने वाले (Tricuspid or Molar) 6 + 6 = 12
छेदक या कुतरने वाले दाँत (Incisor) - ये दाँत भोजन को कुतरने का कार्य करते हैं तथा मुँह में सामने की ओर व्यवस्थित रहते हैं। ये संख्या में आठ होते हैं 4 ऊपर तथा 4 नीचे। ये दाँत चपटे और तेज धार वाले होते हैं।
भेदक या चीरने वाले (Canine) - ये दाँत भोजन को चीरने फाड़ने का कार्य करते हैं, इसीलिए माँसाहारी पशुओं में नुकीले व लम्बे होते हैं। ये छेदक दाँतों के दोनों ओर व्यवस्थित रहते हैं। ये संख्या में 4 होते हैं, 2 ऊपर तथा 2 नीचे।
अग्र चवर्णक दाँत (Bicuspids or Permolars) - ये भेदक दाँतों के दोनों ओर 2 + 2 होते हैं ऊपर व नीचे मिलकर कुल आठ होते हैं तथा ये भोजन को चबाने व कुचलने का कार्य करते हैं। ऊपरी सिरे पर ये चौडे व चौकोर होते हैं।
चवर्णक दाँत (Tricuspid or Molar) - ये अग्रचवर्णक दाँतों के दोनों ओर होते हैं। इन्हें दाढें भी कहते हैं। ऊपरी सिरे पर ये भी चपटे व चौकोर होते हैं। ये भोजन को पीसकर महीन कणों में विभक्त करने का कार्य करते हैं। ये संख्या में कुल 12 होते हैं। (6 + 6) अन्तिम, 2 दाँत 20 से 30 वर्ष की उम्र में निकलते हैं।
दाँत की संरचना (Structure of Teeth) - प्रत्येक दाँत के तीन भाग होते हैं -
(i) दंत शिखर (Tooth Crown) - दाँत का वह शिखर कहलाता है। स्वस्थ दाँतों में इस भाग पर सफेद व चमकीला सफेद पदार्थ चढ़ा रहता है जिसे इनेमल कहते हैं। यह दृढ़ पॉलिश है जो कि दाँतों के आन्तरिक भाग की रक्षा करती है।
(ii) दंत ग्रीवा (Tooth Neck) - यह अन्दर से खोखला होता है। इसकी दीवार एक मजबूत पदार्थ से बनी होती है। यही पदार्थ दाँतों को मसूढ़ों से अच्छी तरह चिपकाए रहता है जिसे मज्जा (pulp) कहते हैं। 'दन्त मज्जा में रक्त कोशिकाओं और लसिका कोशिकाओं द्वारा बना दाँत का यह भाग संवेदनशील होता है। दाँत में खराबी आने पर पीड़ा का अनुभव होता है अतः दाँत निर्जीव नहीं होते हैं।
(iii) दंत मूल (Tooth Root) - दंत मूल का पदार्थ से मज्जा से जुड़ा रहता है।
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- प्रश्न- विटामिन K की कमी से होने वाले रोगों का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- आयोडीन के कार्य अति संक्षेप में बताइए।
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- प्रश्न- भोजन पकाने की विभिन्न विधियाँ पौष्टिक तत्वों की मात्रा को किस प्रकार प्रभावित करती हैं? विस्तार से बताइए।
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- प्रश्न- खाद्य पदार्थों में मिलावट किन कारणों से की जाती है? मिलावट किस प्रकार की जाती है?
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- प्रश्न- मानव विकास के अध्ययन के महत्व की विस्तारपूर्वक चर्चा कीजिए।
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- प्रश्न . वातावरण से क्या तात्पर्य है? विभिन्न प्रकार के वातावरण का मानव विकास पर पड़ने वाले प्रभावों की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न . विकास एवं वृद्धि से आप क्या समझते हैं? विकास में होने वाले प्रमुख परिवर्तन कौन-कौन से हैं?
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- प्रश्न- वृद्धि एवं विकास को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बाल विकास के अध्ययन की परिभाषा तथा आवश्यकता बताइये।
- प्रश्न- पूर्व-बाल्यावस्था में बालकों के शारीरिक विकास से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- पूर्व-बाल्या अवस्था में क्रियात्मक विकास से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- मानव विकास को समझने में शिक्षा की भूमिका बताओ।
- प्रश्न- बाल मनोविज्ञान एवं मानव विकास में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- वृद्धि एवं विकास में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- गर्भकालीन विकास की विभिन्न अवस्थाएँ कौन-सी हैं? समझाइए।
- प्रश्न- गर्भकालीन विकास को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारक कौन से है। विस्तार में समझाइए |
- प्रश्न- गर्भाधान तथा निषेचन की प्रक्रिया को स्पष्ट करते हुए भ्रूण विकास की प्रमुख अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।.
- प्रश्न- गर्भावस्था के प्रमुख लक्षणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- प्रसव कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रश्न- विकासात्मक अवस्थाओं से क्या आशर्य है? हरलॉक द्वारा दी गयी विकासात्मक अवस्थाओं की सूची बना कर उन्हें समझाइए।
- प्रश्न- "गर्भकालीन टॉक्सीमिया" को समझाइए।
- प्रश्न- विभिन्न प्रसव प्रक्रियाएँ कौन-सी हैं? किसी एक का वर्णन कीएिज।
- प्रश्न- आर. एच. तत्व को समझाइये।
- प्रश्न- विकासोचित कार्य का अर्थ बताइये। संक्षिप्त में 0-2 वर्ष के बच्चों के विकासोचित कार्य के बारे में बताइये।
- प्रश्न- नवजात शिशु की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करो।
- प्रश्न- नवजात शिशु की पूर्व अन्तर्क्रिया और संवेदी अनुक्रियाओं का वर्णन कीजिए। वह अपने वाह्य वातावरण से अनुकूलन कैसे स्थापित करता है? समझाइए।
- प्रश्न- क्रियात्मक विकास से आप क्या समझते है? क्रियात्मक विकास का महत्व बताइये |
- प्रश्न- शैशवावस्था तथा स्कूल पूर्व बालकों के शारीरिक एवं क्रियात्मक विकास से आपक्या समझते हैं?
- प्रश्न- शैशवावस्था एवं स्कूल पूर्व बालकों के सामाजिक विकास से आप क्यसमझते हैं?
- प्रश्न- शैशवावस्थ एवं स्कूल पूर्व बालकों के संवेगात्मक विकास के सन्दर्भ में अध्ययन प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- शैशवावस्था क्या है?
- प्रश्न- शैशवावस्था में संवेगात्मक विकास क्या है?
- प्रश्न- शैशवावस्था की विशेषताएं क्या हैं?
- प्रश्न- शैशवावस्था में शिशु की शिक्षा के स्वरूप पर टिप्पणी लिखो।
- प्रश्न- शिशुकाल में शारीरिक विकास किस प्रकार होता है।
- प्रश्न- शैशवावस्था में मानसिक विकास कैसे होता है?
- प्रश्न- शैशवावस्था में गत्यात्मक विकास क्या है?
- प्रश्न- 1-2 वर्ष के बालकों के संज्ञानात्मक विकास के बारे में लिखिए।
- प्रश्न- बालक के भाषा विकास पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- संवेग क्या है? बालकों के संवेगों का महत्व बताइये।
- प्रश्न- बालकों के संवेगों की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- बालकों के संवेगात्मक व्यवहार को प्रभावित करने वाले कारक कौन-से हैं समझाइये |
- प्रश्न- संज्ञानात्मक विकास से आप क्या समझते है। पियाजे के संज्ञानात्मक विकासात्मक सिद्धान्त को समझाइये।
- प्रश्न- संज्ञानात्मक विकास की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दो से छ: वर्ष के बच्चों का शारीरिक व माँसपेशियों का विकास किस प्रकार होता है? समझाइये।
- प्रश्न- व्यक्तित्व विकास से आपका क्या तात्पर्य है? बच्चे के व्यक्तित्व विकास को प्रभावित करने वाले कारकों को समझाइए।
- प्रश्न- भाषा पूर्व अभिव्यक्ति के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- बाल्यावस्था क्या है?
- प्रश्न- बाल्यावस्था की विशेषताएं बताइयें।
- प्रश्न- पूर्व बाल्यावस्था में खेलों के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- पूर्व बाल्यावस्था में बच्चे अपने क्रोध का प्रदर्शन किस प्रकार करते हैं?