बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 गृह विज्ञान बीए सेमेस्टर-1 गृह विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 गृहविज्ञान
प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण कीजिए एवं उनके कार्य बताइये।
अथवा
कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण कीजिए उसकी प्राप्ति के स्रोत तथा कार्य बताइये।
अथवा
कार्बोज क्या होते हैं? इनका वर्गीकरण कीजिए तथा शरीर में इनके कार्य बताइये।
सम्बन्धित लघु प्रश्न
1. मोनोसैकेराइड्स के प्रकार लिखिए।
2. डाइसैकैराइड्स में उपस्थित तत्व लिखिए।
3. पॉलीसेकेराइड्स का वर्गीकरण कीजिए।
4. कार्बोहाइड्रेट्स का वर्गीकरण कीजिए।
5. शरीर में कार्बोज के कार्य बताइये।
उत्तर-
आहार में ऊर्जा का अधिकतर भाग कार्बोहाइड्रेट से ही लिया जाता है। निम्न आर्थिक स्थिति के परिवारों के आहार में तो ऊर्जा का 90% भाग कार्बोहाइड्रेट से ही लिया जाता है। दूसरी तरफ उच्च वर्ग में भी 40% ऊर्जा कार्बोहाइड्रेट के द्वारा ली जाती है। सामान्य रूप से 55% से 65% ऊर्जा का भाग कार्बोहाइड्रेट के द्वारा लिया जाना चाहिए।
रासायनिक संरचना, संगठन व वर्गीकरण
कार्बोहाइड्रेट, कार्बन (C), हाइड्रोजन (H), व ऑक्सीजन (O) द्वारा निर्मित एक यौगिक है जिसमें हाइड्रोजन व ऑक्सीजन का अनुपात 31 पाया जाता है। यही अनुपात पानी में होने के कारण इस यौगिक का नाम कार्बोहाइड्रेट पड़ा है।
1. मोनोसैकेराइड्स (Monosaccharides) - मोनोसैकेराइड्स कार्बोहाइड्रेट की सबसे सरल इकाई है। यह रासायनिक इकाइयाँ हैं। जिनके संयोजन से जटिल कार्बोहाइड्रेट अणुओं की संरचना होती है। सामान्य रूप से मोनोसैकेराइड्स हेक्सोजेज (Hexoses) कहलाते हैं क्योंकि यह छ: कार्बन परमाणुओं की श्रृंखला द्वारा निर्मित होते हैं। तीन प्रकार के मोनोसैकेराइड्स पौष्टिकता की दृष्टि से महत्वपूर्ण होते हैं ग्लूकोज, ग्लैक्टोज एवं फ्रक्टोज।
(i) ग्लूकोज ग्लूकोज रासायनिक दृष्टि से सबसे सरल शर्करा है। यह पानी में घुलनशील व विचारणशील होते हैं तथा सरलता से रवे बनाते हैं। ग्लूकोज पर पाचक रसों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। यह चीनी की अपेक्षा कम मीठा होता है। सभी कार्बोहाइड्रेट पाचन के बाद ग्लूकोज में परिवर्तित होते हैं तथा ग्लूकोज के ही रूप में कार्बोहाइड्रेट का रक्त द्वारा अवशोषण होता है।
(ii) फ्रक्टोज यह भी ग्लूकोज के ही समान एक सरल शर्करा होती है जोकि ग्लूकोज के ही साथ पके फलों, पौधों के रसों, शहद आदि में पाई जाती है। यह ग्लूकोज से कुछ अधिक मीठी होती है।
(iii) ग्लैक्टोज अब तक कोई भी ऐसा खाद्य पदार्थ नहीं पाया गया है जिसमें ग्लैक्टोज मुक्त अवस्था में पाया जाता है। यह जटिल कार्बोहाइड्रेट्स के साथ संयुक्त अवस्था में दूध तथा सब्जियों के बीजों के छिलके में पाया जाता है।
2. डाइसैकेराइड्स (Disaccharides) - डाइसैकेराइड्स में कार्बोहाइड्रेट के दो अण उपस्थित होते हैं अतः इन्हें द्वि-शर्करा भी कहते हैं। इस कार्बोहाइड्रेट का सूत्र C12H22O11 है।
(i) सुक्रोज इसे गन्ने या चुकन्दर की शर्करा भी कहते हैं। शक्कर या चीनी भोजन में प्रयोग की जाती है, जो रासायनिक रूप से सुक्रोज ही है। सुक्रोज अत्यधिक मीठा, जल में घुलनशील होता है तथा रवे बनाने की क्षमता रखता है।
(ii) माल्टोज- इसे जवा शर्करा भी कहते हैं। यह अंकुरित अनाज, माल्टयुक्त धान्य या माल्टयुक्त दूध में मिलता है। शरीर में पॉलीसैकेराइड्स स्टार्च के पाचन से भी माल्टोज बनता है।
(iii) लैक्टोज इसे दुग्ध शर्करा भी कहते हैं। इसकी उपस्थिति सभी स्तनधारियों के होती है। लैक्टोज अन्य डाइसैकेराइड्स की अपेक्षा कम मीठी व कम घुलनशील होती है।
3. पॉलीसेकेराइड्स (Polysaccharides) - पॉलीसेकेराइड्स में तीन या तीन से अधिक कार्बोहाइड्रेट की इकाइयाँ उपस्थित होती हैं। जटिल इकाइयों के कारण ये जटिल कार्बोहाइड्रेट होते हैं तथा इनका अणुभार भी अधिक होता है।
(i) स्टार्च स्टार्च कार्बोहाइड्रेट का वह रूप है जिस रूप में पौधे अपने अन्दर कार्बोहाइड्रेट का संग्रह करते हैं और इस तरह भोजन में ऊर्जा का यह मुख्य साधन है। स्टार्च जड़, कन्द, बीज व फलों में मौजूद होता है।
(ii) डेक्सट्रिन यह भी एक पॉलीसेकेराइड्स है जो स्टार्च की अपेक्षा कम जटिल होता है। यह अंकुरित अनाजों में अधिकता से मिलता है। अनाजों के अंकुरण की क्रिया के दौरान अनाज का स्टार्च पहले डेक्सट्रिन में परिवर्तित होता है तथा फिर माल्टोज में परिवर्तित होता है।
(iii) ग्लाइकोजन ग्लाइकोजन को जन्तु स्टार्च भी कहते हैं, क्योंकि इसी रूप में जन्तु कार्बोहाइड्रेट को अपने अन्दर संग्रह करते हैं। शरीर में ग्लाइकोजन की उपस्थिति यकृत तथा माँसपेशियों में होती है। भोजन के द्वारा ली गयी ऊर्जा पर्याप्त न होने पर यह ग्लाइकोजन पुनः ग्लूकोज में विभक्त होकर ऊर्जा देने का कार्य करता है।
(iv) सैल्यूलोज - यह एक जटिल कार्बोहाइड्रेट है जो कि अघुलनशील व अपचयनशील होता हैं। मनुष्य के पाचन अंगों में सैल्यूलोज को पचाने वाला एन्जाइम नहीं होता है। गाय, घोड़ा, बकरी, खरगोश आदि शाकाहारी जानवरों के पाचक अंगों में सैल्यूलोज का पाचन हो जाता है तथा यह ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाता है। मनुष्य के लिए इसका पोषक मूल्य न होते हुए भी यह लाभदायक होता है।
(v) पेक्टिन पेक्टिन की उपस्थिति पके हुए फल, छोटे हरे पौधों तथा कुछ जड़ वाली तरकारियों जैसे शलजम आदि में होती है। उचित वातावरण जैसे चीनी की उपस्थिति में हल्के अम्लीय माध्यम में तरल रूप में पकाने से यह जैली का रूप धारण कर लेती हैं।
कार्बोहाइड्रेट की प्राप्ति के साधन
कार्बोहाइड्रेट की प्राप्ति का साधन बताने के लिए कार्बोहाइड्रेट को दो रूपों में विभाजित कर सकते हैं -
1. मीठे कार्बोहाइड्रेट या शर्करा, 2. फीका कार्बोहाइड्रेट या स्टार्च।
मीठे कार्बोहाइड्रेट शक्कर, बूरा, गुड़, दानेदार चीनी, शहद, किशमिश, खजूर, अंजीर, सूखे फल, ताजे फल, जैसे अंगूर, केला, सेब, आम, चीकू आदि में उपस्थित होते हैं। स्टार्च की उपस्थिति विभिन्न अनाजों, जैसे गेहूँ, मैदा, आरारोट, साबूदाना, चावल विभिन्न दालों, जैसे- मटर, लोबिया, सेम व राजमा में होती है। विभिन्न कन्द व मूल भाजियाँ, जैसे- आलू, अरबी, शकरकन्द व जिमीकन्द तथा विभिन्न सूखे मेवे, जैसे- बादाम, काजू, मूँगफली व आरारोट स्टार्च युक्त होते हैं। कच्चे केलों में भी स्टार्च की उपस्थिति होती है।
कार्बोहाइड्रेट के कार्य
1. कार्बोहाइड्रेट का प्रमुख कार्य शरीर के लिए ऊर्जा देना है- एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट शरीर में 4 कैलोरी ऊर्जा देता है। तुरन्त ऊर्जा की आवश्यकता पूरी करने के लिए ग्लूकोज विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है।
2. नाडी संस्थान के लिए आवश्यक - नाड़ी कोशिकाएँ तथा फेफड़े की कोशिकाएँ ग्लूकोज अणुओं को ईंधन स्रोत के रूप में प्रयोग करती हैं क्योंकि ग्लूकोज की मात्रा अमीनो अम्ल तथा वसा द्वारा बनायी जाती है। अतः इन ऊतकों को खाद्य कार्बोज की आवश्यकता नहीं होती।
3. प्रोटीन की बचत करना - कार्बोहाइड्रेट का तीसरा कार्य प्रोटीन की बचत करना है। जब हम अपनी ऊर्जा की आवश्यकतानुसार कार्बोहाइड्रेट लेते हैं तो ऊर्जा हेतु हमें प्रोटीन नहीं लेनी पड़ती तथा इस तरह प्रोटीन अपना मुख्य निर्माण का कार्य करता रहता है। अगर कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम लेते हैं तो हमें प्रोटीन से भी ऊर्जा लेनी पड़ती है और प्रोटीन मुख्य निर्माण का कार्य न करके ऊर्जा में व्यय हो जाता है। इस तरह कार्बोहाइड्रेट पर्याप्त लेने से प्रोटीन की बचत होती है।
कार्बोहाइड्रेट की कमी से हानि
साधारण रूप से खाना खा पाने वाले व्यक्ति के शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी नहीं होती है क्योंकि व्यक्ति कुछ भी खाना खाए, उसमें कार्बोहाइड्रेट अवश्य होगा। कार्बोहाइड्रेट युक्त पदार्थ, जैसे गेहूँ, चावल, मक्का आदि अनाज व आलू, शकरकन्द आदि सब्जियाँ अपेक्षाकृत सस्ते भी होते हैं।
कार्बोहाइड्रेट का पाचन तथा अभिशोषण व चयापचय
पाचन (Digestion) कार्बोज शरीर की आवश्यकता पूर्ति कर सके इसके लिए कार्बोज का व्याप्त छोटी इकाइयों में टूटना आवश्यक है जिससे यह आँत्र नली द्वारा अवशोषित करके रक्त प्रवाह में दिए जाते हैं।
एमाइलेज दो पाचक रसों में उपस्थित होता है - 1. लार (Saliva) तथा 2. अग्नाशय रस (Pancreatic juice)। लार में पाया जाने वाला इमाइलेज भोजन के साथ मिलकर क्षारीय माध्यम में स्टार्च पर क्रिया करके इसे सरल कार्बोज डैक्ट्रिन्स में बदल देता है।
अवशोषण एवं परिवहन (Absorption and Transportation) - अवशोषण के दौरान मोनोसैकेराइड्स सफलतापूर्वक विलाई की भित्तियों द्वारा शोषित कर लिए जाते हैं। परन्तु उनके शोषित होने की दर शर्करा के प्रकार पर निर्भर करती है। ग्लैक्टोज, ग्लूकोज की अपेक्षा जल्दी शोषित हो जाता है। समय के साथ इनके शोषण की दर कम हो जाती है परन्तु कार्बोज की सान्द्रता बढ़ने पर कुछ हारमोन्स जैसे इन्सुलिन तथा लायरोक्सिन की उपस्थिति में दर बढ़ जाती है।
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- प्रश्न- पारम्परिक गृह विज्ञान और वर्तमान युग में इसकी प्रासंगिकता एवं भारतीय गृह वैज्ञानिकों के द्वारा दिये गये योगदान की व्याख्या कीजिए।
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- प्रश्न- 'भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद' (I.C.M.R.) के विषय में विस्तृत रूप से बताइए।
- प्रश्न- केन्द्रीय आहार तकनीकी अनुसंधान परिषद (CFTRI) के विषय पर विस्तृत लेख लिखिए।
- प्रश्न- NIPCCD से आप समझते हैं? संक्षेप में बताइये।
- प्रश्न- केन्द्रीय खाद्य प्रौद्योगिक अनुसंधान संस्थान के विषय में आप क्या जानते हैं?
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- प्रश्न- आहार से आप क्या समझते हैं? आहार व पोषण विज्ञान का अन्य विज्ञानों से सम्बन्ध बताइए।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए। (i) चयापचय (ii) उपचारार्थ आहार।
- प्रश्न- "पोषण एवं स्वास्थ्य का आपस में पारस्परिक सम्बन्ध है।' इस कथन की पुष्टि कीजिए।
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- प्रश्न- शरीर पोषण में जल का अन्य पोषक तत्वों से कम महत्व नहीं है। इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भोजन की परिभाषा देते हुए इसके कार्य तथा वर्गीकरण बताइए।
- प्रश्न- भोजन के कार्यों की विस्तृत विवेचना करते हुए एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- आमाशय में पाचन के चरण लिखिए।
- प्रश्न- मैक्रो एवं माइक्रो पोषण से आप क्या समझते हो तथा इनकी प्राप्ति स्रोत एवं कमी के प्रभाव क्या-क्या होते हैं?
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- प्रश्न- आहार में फलों व सब्जियों का महत्व बताइए। (क) मसाले (ख) तृण धान्य।
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- प्रश्न- पाचन, अभिशोषण व चयापचय में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आहार में दाल की उपयोगिता बताइए।
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- प्रश्न- प्रोटीन की संरचना, संगठन बताइए तथा प्रोटीन का वर्गीकरण व उसका पाचन, अवशोषण व चयापचय का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रोटीन के कार्यों, साधनों एवं उसकी कमी से होने वाले रोगों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- 'शरीर निर्माणक' पौष्टिक तत्व कौन-कौन से हैं? इनके प्राप्ति के स्रोत क्या हैं?
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण कीजिए एवं उनके कार्य बताइये।
- प्रश्न- रेशे युक्त आहार से आप क्या समझते हैं? इसके स्रोत व कार्य बताइये।
- प्रश्न- वसा का अर्थ बताइए तथा उसका वर्गीकरण समझाइए।
- प्रश्न- वसा की दैनिक आवश्यकता बताइए तथा इसकी कमी तथा अधिकता से होने वाली हानियों को बताइए।
- प्रश्न- विटामिन से क्या अभिप्राय है? विटामिन का सामान्य वर्गीकरण देते हुए प्रत्येक का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वसा में घुलनशील विटामिन क्या होते हैं? आहार में विटामिन 'ए' कार्य, स्रोत तथा कमी से होने वाले रोगों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- खनिज तत्व क्या होते हैं? विभिन्न प्रकार के आवश्यक खनिज तत्वों के कार्यों तथा प्रभावों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शरीर में लौह लवण की उपस्थिति, स्रोत, दैनिक आवश्यकता, कार्य, न्यूनता के प्रभाव तथा इसके अवशोषण एवं चयापचय का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रोटीन की आवश्यकता को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- क्वाशियोरकर कुपोषण के लक्षण बताइए।
- प्रश्न- भारतवासियों के भोजन में प्रोटीन की कमी के कारणों को संक्षेप में बताइए।
- प्रश्न- प्रोटीन हीनता के कारण बताइए।
- प्रश्न- क्वाशियोरकर तथा मेरेस्मस के लक्षण बताइए।
- प्रश्न- प्रोटीन के कार्यों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भोजन में अनाज के साथ दाल को सम्मिलित करने से प्रोटीन का पोषक मूल्य बढ़ जाता है।-कारण बताइये।
- प्रश्न- शरीर में प्रोटीन की आवश्यकता और कार्य लिखिए।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट्स के स्रोत बताइये।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट्स का वर्गीकरण कीजिए (केवल चार्ट द्वारा)।
- प्रश्न- यौगिक लिपिड के बारे में अतिसंक्षेप में बताइए।
- प्रश्न- आवश्यक वसीय अम्लों के बारे में बताइए।
- प्रश्न- किन्हीं दो वसा में घुलनशील विटामिन्स के रासायनिक नाम बताइये।
- प्रश्न बेरी-बेरी रोग का कारण, लक्षण एवं उपचार बताइये।
- प्रश्न- विटामिन (K) के के कार्य एवं प्राप्ति के साधन बताइये।
- प्रश्न- विटामिन K की कमी से होने वाले रोगों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- एनीमिया के प्रकारों को बताइए।
- प्रश्न- आयोडीन के बारे में अति संक्षेप में बताइए।
- प्रश्न- आयोडीन के कार्य अति संक्षेप में बताइए।
- प्रश्न- आयोडीन की कमी से होने वाला रोग घेंघा के बारे में बताइए।
- प्रश्न- खनिज क्या होते हैं? मेजर तत्व और ट्रेस खनिज तत्व में अन्तर बताइए।
- प्रश्न- लौह तत्व के कोई चार स्रोत बताइये।
- प्रश्न- कैल्शियम के कोई दो अच्छे स्रोत बताइये।
- प्रश्न- भोजन पकाना क्यों आवश्यक है? भोजन पकाने की विभिन्न विधियों का वर्णन करिए।
- प्रश्न- भोजन पकाने की विभिन्न विधियाँ पौष्टिक तत्वों की मात्रा को किस प्रकार प्रभावित करती हैं? विस्तार से बताइए।
- प्रश्न- “भाप द्वारा पकाया भोजन सबसे उत्तम होता है।" इस कथन की पुष्टि कीजिए।
- प्रश्न- भोजन विषाक्तता पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भूनना व बेकिंग में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- खाद्य पदार्थों में मिलावट किन कारणों से की जाती है? मिलावट किस प्रकार की जाती है?
- प्रश्न- मानव विकास को परिभाषित करते हुए इसकी उपयोगिता स्पष्ट करो।
- प्रश्न- मानव विकास के अध्ययन के महत्व की विस्तारपूर्वक चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- वंशानुक्रम से आप क्या समझते है। वंशानुक्रम का मानवं विकास पर क्या प्रभाव पड़ता है?
- प्रश्न . वातावरण से क्या तात्पर्य है? विभिन्न प्रकार के वातावरण का मानव विकास पर पड़ने वाले प्रभावों की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न . विकास एवं वृद्धि से आप क्या समझते हैं? विकास में होने वाले प्रमुख परिवर्तन कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- विकास के प्रमुख नियमों के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- वृद्धि एवं विकास को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बाल विकास के अध्ययन की परिभाषा तथा आवश्यकता बताइये।
- प्रश्न- पूर्व-बाल्यावस्था में बालकों के शारीरिक विकास से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- पूर्व-बाल्या अवस्था में क्रियात्मक विकास से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- मानव विकास को समझने में शिक्षा की भूमिका बताओ।
- प्रश्न- बाल मनोविज्ञान एवं मानव विकास में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- वृद्धि एवं विकास में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- गर्भकालीन विकास की विभिन्न अवस्थाएँ कौन-सी हैं? समझाइए।
- प्रश्न- गर्भकालीन विकास को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारक कौन से है। विस्तार में समझाइए |
- प्रश्न- गर्भाधान तथा निषेचन की प्रक्रिया को स्पष्ट करते हुए भ्रूण विकास की प्रमुख अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।.
- प्रश्न- गर्भावस्था के प्रमुख लक्षणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- प्रसव कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रश्न- विकासात्मक अवस्थाओं से क्या आशर्य है? हरलॉक द्वारा दी गयी विकासात्मक अवस्थाओं की सूची बना कर उन्हें समझाइए।
- प्रश्न- "गर्भकालीन टॉक्सीमिया" को समझाइए।
- प्रश्न- विभिन्न प्रसव प्रक्रियाएँ कौन-सी हैं? किसी एक का वर्णन कीएिज।
- प्रश्न- आर. एच. तत्व को समझाइये।
- प्रश्न- विकासोचित कार्य का अर्थ बताइये। संक्षिप्त में 0-2 वर्ष के बच्चों के विकासोचित कार्य के बारे में बताइये।
- प्रश्न- नवजात शिशु की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करो।
- प्रश्न- नवजात शिशु की पूर्व अन्तर्क्रिया और संवेदी अनुक्रियाओं का वर्णन कीजिए। वह अपने वाह्य वातावरण से अनुकूलन कैसे स्थापित करता है? समझाइए।
- प्रश्न- क्रियात्मक विकास से आप क्या समझते है? क्रियात्मक विकास का महत्व बताइये |
- प्रश्न- शैशवावस्था तथा स्कूल पूर्व बालकों के शारीरिक एवं क्रियात्मक विकास से आपक्या समझते हैं?
- प्रश्न- शैशवावस्था एवं स्कूल पूर्व बालकों के सामाजिक विकास से आप क्यसमझते हैं?
- प्रश्न- शैशवावस्थ एवं स्कूल पूर्व बालकों के संवेगात्मक विकास के सन्दर्भ में अध्ययन प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- शैशवावस्था क्या है?
- प्रश्न- शैशवावस्था में संवेगात्मक विकास क्या है?
- प्रश्न- शैशवावस्था की विशेषताएं क्या हैं?
- प्रश्न- शैशवावस्था में शिशु की शिक्षा के स्वरूप पर टिप्पणी लिखो।
- प्रश्न- शिशुकाल में शारीरिक विकास किस प्रकार होता है।
- प्रश्न- शैशवावस्था में मानसिक विकास कैसे होता है?
- प्रश्न- शैशवावस्था में गत्यात्मक विकास क्या है?
- प्रश्न- 1-2 वर्ष के बालकों के संज्ञानात्मक विकास के बारे में लिखिए।
- प्रश्न- बालक के भाषा विकास पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- संवेग क्या है? बालकों के संवेगों का महत्व बताइये।
- प्रश्न- बालकों के संवेगों की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- बालकों के संवेगात्मक व्यवहार को प्रभावित करने वाले कारक कौन-से हैं समझाइये |
- प्रश्न- संज्ञानात्मक विकास से आप क्या समझते है। पियाजे के संज्ञानात्मक विकासात्मक सिद्धान्त को समझाइये।
- प्रश्न- संज्ञानात्मक विकास की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दो से छ: वर्ष के बच्चों का शारीरिक व माँसपेशियों का विकास किस प्रकार होता है? समझाइये।
- प्रश्न- व्यक्तित्व विकास से आपका क्या तात्पर्य है? बच्चे के व्यक्तित्व विकास को प्रभावित करने वाले कारकों को समझाइए।
- प्रश्न- भाषा पूर्व अभिव्यक्ति के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- बाल्यावस्था क्या है?
- प्रश्न- बाल्यावस्था की विशेषताएं बताइयें।
- प्रश्न- पूर्व बाल्यावस्था में खेलों के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- पूर्व बाल्यावस्था में बच्चे अपने क्रोध का प्रदर्शन किस प्रकार करते हैं?