बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं सैन्य अध्ययन
प्रश्न- जैविक युद्ध पर एक निबन्ध लिखिए।
उत्तर-
जैविक युद्ध
(Biological War)
जब किसी जीवधारी रचना अथवा उससे प्राप्त संक्रामक सामग्री का आशय से युद्ध के समय प्रयोग किया जाये जिससे मनुष्य, पशु अथवा वनस्पति का विनाश अथवा मृत्यु हो तथा जिसका दुष्प्रभाव मनुष्य अथवा वनस्पति में पुनरोत्पादन द्वारा बढ़ता ही जाये अथवा बढ़ने की सम्भावना हो, तब उस युद्ध को जैविक युद्ध कहते हैं। आचार्य कौटिल्य ने इस प्रकार की युद्ध व्यवस्था का विस्तृत रूप से उल्लेख किया है। यह एक ऐसा युद्ध होता है, जिसमें विपक्षी को शारीरिक एवं मानसिक रूप से अत्यधिक हानि पहुँचाने का प्रयास किया जाता है। बोटुलिज्म पैदा करने वाला जहर कुछ जीवाणु बनाते हैं। जब कोई व्यक्ति इन जीवाणुओं का शिकार हो जाता है तो उसी मिनट भर में ही लकवा मार जाता है तथा तन्त्रिकायें सुन्न हो जाती हैं। इसके साथ ही एथ्रैसिस नामक जीवाणु के प्रभाव से अत्यन्त तेज बुखार, गले में सूजन, सांस लेने में तकलीफ, अत्यधिक उलझन तथा भीतरी अंगों को विशेष रूप से नुकसान होता है। इनके प्रभाव से शारीरिक शिथिलता तो आती ही है साथ ही व्यक्ति अत्यधिक हतोत्साहित भी हो जाता है।
जैविक या जीवाणु युद्ध प्राचीन काल से ही अपनाया जा रहा है, किन्तु अब वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रगति के कारण इसके स्वरूप में आवश्यक परिवर्तन आया है। प्राचीन काल में इसका रूप अत्यन्त विकृत था। शत्रु पक्ष के जल स्रोतों में सड़ी एवं भयंकर रोगग्रस्त लाशों को फेंककर उसे रोग ग्रस्त करना विशेष रूप से प्लेग, चेचक एवं हैजा जैसी महामारी को फैलाना होता था जिससे महामारी के कारण सेना एवं जनता दोनों में ही आतंक छा जाता था। इसका एक लाभ यह भी मिल जाता था कि शत्रु पक्ष को जल्दी से इस बात का अनुमान नहीं लग पाता था कि यह बीमारियाँ स्वतः उत्पन्न हो गयी हैं अथवा शत्रु ने जीवाणु फैलाकर इसको जन्म दिया है। इसके तत्काल एवं स्थायी प्रभाव दीर्घकालिक होते हैं। आधुनिक काल में द्वितीय महायुद्ध के समय अनेक राष्ट्रों के पास जैविक हथियार थे परन्तु सौभाग्यवश अथवा भयवश इनका प्रयोग नहीं किया गया। एक अनुमान यह भी है कि अंगोला, कम्पूचिया और अफगानिस्तान के युद्ध में जीवाणु हथियारों का प्रयोग किया गया था, किन्तु इसके ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं।
जीवाणु हथियारों के अन्तर्गत जीवाणुओं (Bacteria) के अलावा घातक विषाणुओं (Virus) का प्रयोग भी आता है। इन्हें गोलों में भरकर तोपों के माध्यम से बन्द डिब्बों या विस्फोटक बम के रूप में लड़ाकू विमानों द्वारा तथा वार हेड के रूप में प्रक्षेपास्त्रों द्वारा शत्रु के क्षेत्र में गिराया जा सकता है। इन जीवाणु हथियारों से उस समय वहाँ सम्बन्धित सभी व्यक्तियों को अपनी चपेट में ले लेता ही है साथ में लम्बी अवधि तक उसका घातक प्रभाव लगातार बना रहता है। इसके साथ ही शत्रु क्षेत्र में जीवाणुओं को पहुँचाने के लिए दैनिक उपयोग की वस्तुओं जैसे पेन, खिलौनों, लाइटर एवं आकर्षक वस्तुओं को प्रयोग में लाया जाता है। ताकि लोगों के सम्पर्क में सरलता से लाया जा सके। साथ ही साथ पीने की पानी की टंकी तथा भीड़ वाले स्थानों पर इसका अधिक प्रयोग किया जाता है ताकि शीघ्रता के साथ अधिक से अधिक लोगों कों संक्रमित किया जा सके।
जीवाणु युद्ध में अनेक प्रकार के रोगाणुओं को प्रयोग में लाया जाता है। इनका रूप इतना सूक्ष्म होता है कि बिना यन्त्रों की सहायता के देखा नहीं जा सकता। इनको हवा, जमीन तथा पानी में फैलाया जाता है। छूआछूत का रोग पैदा करने वाले जीवाणु परोपजीवी होते हैं। इनका वर्गीकरण रूप एवं आकार के आधार पर इस प्रकार से कर सकते हैं
(i) बैक्टीरिया,
(ii) वायरस,
(iii) प्रोटोजोआ,
(iv) फफूंदी,
(v) स्पाइरोकीट,
(vi) एक्टीनोमाइसिट्स,
(vii) रिकेट्सिया,
(viii) प्लूरोन्यूमोनिया,
(ix) कलेस्ट्रीडियम बोटुलिस्म।
इनमें से कुछ जीवाणु जहाँ भयंकर एवं अनुवांशिक रोगों को जन्म देते हैं वहीं कुछ डिपथीरिया, इन्फलुएंजा, खाँसी एवं दमा रोग को फैलाते हैं। कुछ जीवाणु बिना किसी स्पर्श के ही हवा के माध्यम से ही एक-दूसरे के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देते हैं। यह इतने छोटे आकार में होते हैं कि केवल माइक्रोस्कोप के द्वारा ही इन्हें देखा जा सकता है। इसी कारण इनके आकार को एक माइक्रोन से अनेक माइक्रोन में आंका गया है। कुछ जीवाणु इतने घातक होते हैं कि उनका विनाश अथवा समाप्ति शीघ्रता से औषधियों द्वारा सम्भव नहीं हो पाता है।
विकसित राष्ट्रों ने जहाँ जीवाणु युद्ध से बचने के लिए नई औषधि के रूप में इन्जेक्शन (टीका) ईजाद कर लिया है वहीं दूसरी ओर जैविक हथियारों के नये-नये रूप पर भी अनुसन्धान जारी है। अमेरिका ने वर्ष 1980-82 के दौरान अपने देश के रक्षा विभाग की प्रयोगशालाओं में जीन इन्जीनियरी के प्रयोग से जीवाणु हथियारों से बचने और इनके निर्माण पर लगभग 50 अनुसन्धान योजनायें प्रारम्भ कीं जिनेवा प्रोकाल 1925 में युद्ध में जीवाणु युद्ध पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया गया है। इसके अन्तर्गत इस प्रकार के घातक जीवाणु हथियारों का विकास, उत्पादन और भण्डारण तथा नष्ट करने सम्बन्धी समझौतों पर हस्ताक्षर किये जा चुके हैं।
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- प्रश्न- स्त्रातेजी अथवा कूटयोजना (Strategy) का क्या अभिप्राय है? इसकी विभिन्न परिभाषाओं की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्त्रातेजी का उद्देश्य क्या है? स्त्रातेजी के उद्देश्यों की पूर्ति के लिये क्या उपाय किये जाते हैं?
- प्रश्न- स्त्रातेजी के सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- महान स्त्रातेजी पर एक लेख लिखिये तथा स्त्रातेजी एवं महान स्त्रातेजी में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक भूगोल से आप क्या समझते हैं? सैन्य दृष्टि से इसका अध्ययन क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- स्त्रातेजी का अर्थ तथा परिभाषा लिखिये।
- प्रश्न- स्त्रातेजिक गतिविधियाँ तथा चालें किसे कहते हैं तथा उनमें क्या अन्तर है?
- प्रश्न- महान स्त्रातेजी (Great Strategy) क्या है?
- प्रश्न- पैरालिसिस स्त्रातेजी पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- युद्धों के विकास पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
- प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते है? युद्ध की विशेषताएँ बताते हुए इसकी सर्वव्यापकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- युद्ध की चक्रक प्रक्रिया (Cycle of war) का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- युद्ध और शान्ति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- वैदिककालीन सैन्य पद्धति एवं युद्धकला का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राजदूतों के कर्तव्यों का विशेष उल्लेख करते हुए प्राचीन भारत की युद्ध कूटनीति पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- समय और कालानुकूल कुरुक्षेत्र के युद्ध की अपेक्षा रामायण का युद्ध तुलनात्मक रूप से सीमित व स्थानीय था। कुरुक्षेत्र के युद्ध को तुलनात्मक रूप में सम्पूर्ण और 'असीमित' रूप देने में राजनैतिक तथा सैन्य धारणाओं ने क्या सहयोग दिया? समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन "दस राजाओं के युद्ध" का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्धों के वास्तविक कारण क्या होते थे?
- प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्ध के कौन-कौन से नियम होते थे?
- प्रश्न- महाकाव्यकालीन युद्ध के प्रकार एवं नियमों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक काल के रण वाद्य यन्त्रों के बारे में लिखिये।
- प्रश्न- पौराणिक काल में युद्धों के क्या कारण थे?
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय सेना के युद्ध के नियमों को बताइये।
- प्रश्न- युद्ध के विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- युद्धों के सिद्धान्तों में प्रशासन (Administration) का क्या महत्व है?
- प्रश्न- नीति के साधन के रूप में युद्ध के प्रयोग पर सविस्तार एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के निर्माण में युद्ध की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अतीत को युद्धों की तुलना में वर्तमान समय में युद्धों की संख्या में कमी का क्या कारण है? प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध की प्रकृति और विशेषताओं की विस्तार से व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला स्त्रातेजी पर माओत्से तुंग के सिद्धान्तों का उल्लेख करते हुए गुरिल्ला युद्ध के चरणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चे ग्वेरा के गुरिल्ला युद्ध सम्बन्धी विभिन्न विचारों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध (छापामार युद्ध) के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए तथा गुरिल्ला विरोधी अभियान पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रति विप्लवकारी (Counter Insurgency) युद्ध के तत्वों तथा अवस्थाओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चीन की कृषक क्रान्ति में छापामार युद्धकला की भूमिका पर अपने विचार लिखिए।
- प्रश्न- चे ग्वेरा ने किन तत्वों को छापामार सैन्य संक्रिया हेतु परिहार्य माना है?
- प्रश्न- छापामार युद्ध कर्म (Gurilla Warfare) में चे ग्वेरा के योगदान की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध में प्रचार की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध कर्म की स्त्रातेजी और सामरिकी पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- छापामार युद्ध को परिभाषित करते हुए इसके सम्बन्ध में चे ग्वेरा की विचारधारा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लेनिन की गुरिल्ला युद्ध-नीति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध क्या है?
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध क्या है? 'आधुनिक युद्ध अन्ततः मनोवैज्ञानिक है' विस्तृत रूप से विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सैन्य मनोविज्ञान के बढ़ते प्रभाव क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध के कौन-कौन से हथियार हैं? व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- प्रचार को परिभाषित करते हुए इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अफवाह (Rumor) क्या है? युद्ध में इसके महत्व का उल्लेख करते हुए अफवाहों को नियंत्रित करने की विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आतंक (Panic) से आप क्या समझते हैं? आंतंक पर नियंत्रण पाने की विधि का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भय (Fear) क्या है? युद्ध के दौरान भय पर नियंत्रण रखने वाले विभिन्न उपायों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि परिवर्तन (Brain Washing) क्या हैं? बुद्धि परिवर्तन की तकनीकों तथा इससे बचने के उपायों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- युद्धों के प्रकारों का उल्लेख करते हुए विशेष रूप से मनोवैज्ञानिक युद्ध का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। युद्ध के सामाजिक, राजनैतिक, सैन्य एवं मनोवैज्ञानिक कारणों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कूटनीतिक प्रचार (Strategic Propaganda ) एवं समस्तान्त्रिक प्रचार (Tactical Propaganda ) में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- प्रचार एवं अफवाह में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- युद्ध एक आर्थिक समस्या के रूप में विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक युद्ध की परिभाषा दीजिए। आर्थिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध राजनीतिक सैनिक कारणों की अपेक्षा सामाजिक आर्थिक कारकों के कारण अधिक होते हैं। व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक क्षमता से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध में आर्थिक व्यवस्था का महत्व बताइये।
- प्रश्न- युद्ध को प्रभावित करने वाले तत्वों में से प्राकृतिक संसाधन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक आर्थिक क्षमताएँ व दुर्बलताएँ बताइये।
- प्रश्न- युद्धोपरान्त उत्पन्न विभिन्न आर्थिक समस्याओं का विश्लेषण कीजिये
- प्रश्न- युद्ध की आर्थिक समस्यायें लिखिए?
- प्रश्न- युद्ध के आर्थिक साधन क्या हैं?
- प्रश्न- परमाणु भयादोहन के हेनरी किसिंजर के विचारों की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- आणविक भयादोहन पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- परमाणु भयादोहन और रक्षा के सन्दर्भ में निम्नलिखित सैन्य विचारकों के विचार लिखिए। (i) आन्द्रे ब्यूफ्रे (Andre Beaufre), (ii) वाई. हरकाबी (Y. Harkabi), (iii) लिडिल हार्ट (Liddle Hart), (iv) हेनरी किसिंजर (Henery Kissinger) |
- प्रश्न- परमाणु युग में सशस्त्र सेनाओं की भूमिका की विस्तृत समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- मैक्यावली से परमाणु युग तक के विचारों एवं प्रचलनों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आणविक युग में युद्ध की आधुनिक स्रातेजी को कैसे प्रयोग किया जायेगा?
- प्रश्न- 123 समझौते पर विस्तार से लिखिए।
- प्रश्न- परमाणविक युद्ध की प्रकृति एवं विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आणविक शीत से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- नाभिकीय तनाव को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- परमाणु बम का प्रथम बार प्रयोग कब और कहाँ हुआ?
- प्रश्न- हेनरी किसिंजर के नाभिकीय सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध सन्धि (C.T.B.T) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- हरकावी के नाभिकीय भय निवारण- सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- आणविक युग पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हर्काबी के नाभिकीय युद्ध संक्रिया सम्बन्धी विचारों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- रासायनिक तथा जैविक अस्त्र क्या हैं? इनके प्रयोग से होने वाले प्रभावों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- रासायनिक युद्ध किसे कहते हैं? विस्तार से उदाहरण सहित समझाइए।
- प्रश्न- विभिन्न प्रकार के रासायनिक हथियारों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जैविक युद्ध पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध कर्म से बचाव हेतु तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
- प्रश्न- रासायनिक एवं जीवाणु युद्ध को समझाइये |
- प्रश्न- जनसंहारक अस्त्र (WMD) क्या है?
- प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध के प्रमुख आयामों पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- विश्व में स्थापित विभिन्न उद्योगों में रासायनिक गैसों के उपयोग एवं दुष्प्रभाव परप्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रमुख रासायनिक हथियारों के नाम एवं प्रभाव लिखिए।