बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहास बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहाससरल प्रश्नोत्तर समूह
|
0 |
बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहास
अध्याय - 6
महाकाव्य युग की संस्कृति, सामाजिक संगठन व नैतिक मॉडल
(Culture, Social Organization and MoralModels of the Epic Age)
प्रश्न- प्राग्हड़प्पा और हड़प्पा काल का विस्तृत वर्णन कीजिए।
अथवा
हड़प्पा की प्राकृतिक स्थिति से अवगत कराइये।
अथवा
ग्राम संस्कृतियाँ नगरीकरण तक पहुँचने में क्यों असफल हुई? सफलता की ओर कौन-से लोग अग्रसर हुऐ?
सम्बन्धित लघु प्रश्न
1. अर्द्ध शुष्क जलवायु पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
2. मध्य भारत और दक्षिण की अधिकतर संस्कृतियाँ संकरे जलोढ़ मैदानों में ही क्यों फैलीं?
उत्तर-
प्राग्हड़प्पा और हड़प्पा काल
हड़प्पा संस्कृति उत्तर-पश्चिम में एकाएक पूर्ण विकसित रूप में उदित हुई व हड़प्पा संस्कृति एक अर्द्ध शुष्क पारिस्थितिकीय क्षेत्र में, जो एक सप्तसिंधु से सिंचित होता "था, फैली थी। इस सांस्कृतिक और पारिस्थितिकीय समरसता में एक प्रकार का साम्य है। राइक्स आदि ने इस क्षेत्र की बढ़ती हुई शुष्कता के सिद्धान्त का खंडन किया है। दूसरी ओर सिंध के राजस्थान की झीलों पर पराग आधारित अनुसंधानों ने दर्शाया है कि लगभग 38000 ई. पूर्व वहाँ एक आर्द्र जलवायु लेकिन 1700 ई. पूर्व में शुष्कता का दौर प्रारम्भ हो जाता है। इस संस्कृति का कालानुक्रम लगभग 2350 ई. पूर्व से 2000 ई. पूर्व तथा परिधीय क्षेत्रों का काल विस्तार 2000 ई. पू. से 12700 ई. पू. था। इस प्रकार हम पाते हैं कि तीसरी सहस्त्राब्दी से 1700 ई. पू. तक संस्कृतियाँ यहाँ विकास पर थीं। 1700 ई. पू. के लगभग ये संस्कृतियाँ लुप्त होने लगीं। पुरातात्विक और जलवायु सम्बन्धी प्रमाणों में ऐसा तादात्म्य सिंध के निष्कर्षों का प्रतिपादन करता है। तकनीकी क्षेत्र में लगभग 70 सैंधव उपकरण शुद्ध ताम्र के हैं। धातु मिश्रण ऊपरी स्तरों में अधिक व्यापक था। सैंधव लोग तरह-तरह के पात्र व उपकरण बनाते थे जिनके लिए विभिन्न प्रकार की तकनीकों का प्रयोग होता था। जैसे हथौड़ियाना, तापानुशीतन, रिवेटिंग, बंद सांचो और लुप्त मोम प्रक्रिया का ढालने में उपयोग। हड़प्पा संस्कृति धातु में पुरैतिहासिक काल की सबसे बड़ी संपन्न संस्कृति थी। जिनका विवरण निम्न है-
(1) ( अंजीरा II, मुंडीगाक I, रानाघुडई I आदि) पुरातात्विक लगभग 3300-3000 ई. पू. कार्बन तिथियाँ लगभग 3200-2800 ई. पू.।
(2) (आम्री I और मुंडीगाक II, अंजीरा III आदि) पुरातात्विक लगभग 3000-2700 ई. पू. कार्बन तिथियाँ लगभग 2800-2600 ई. पू.।
(3) (हड़प्पा से पहले की संस्कृतियाँ) पुरातात्विक लगभग 2600-2300 ई. पू. कार्बन तिथियाँ लगभग 2600-2300 ई. पू.।
(4) पुरातात्विक लगभग 2350-2000 ई. पू. कार्बन तिथियाँ -केन्द्रीय क्षेत्र लगभग 2300 (या और पहले) से 2000 ई. पू.। परिधीय क्षेत्र लगभग 2000-1700 ई. पू. 1
भारत-पाक महाद्वीप के उत्तर-पश्चिम में अनेक संस्कृतियाँ छोटे-छोटे क्षेत्रों में फैली हुई थीं। ताम्र का सीमित प्रयोग उन्हें ज्ञात था परन्तु उन पारिस्थितिकी में कोई अतिरिक्त उत्पादन सम्भव नहीं था। इस कारण यह ग्राम संस्कृतियाँ नागरीकरण तक नहीं पहुँच सकीं। जो लोग सिंधु घाटी में उतर आये वे ही सभ्यता की ओर अग्रसर हो पाये। कूबड़ और साँड के डिजाइनों का प्राचुर्य यातायात और कृषि में चौपायों की शक्ति के उपयोग का ज्ञान दर्शाता हैं। समाज में अनेक प्रकार के परिवर्तन चरण इन संस्कृतियों को नागरीकरण की दजलीज पर खड़ा कर रहे थे। धातुकर्म का विकास, कृषि तकनीकों में सुधार, पशुओं को पालतू बनाकर उनकी शक्ति का प्रयोग और व्यापार आदि सब प्रक्रियाएँ इस सामाजिक परिवर्तन में योगदान दे रही थीं।
संसार की सभी आदि सभ्यताएँ चाहे वह नील नदी की हों या चाहे दजला फरात की या सिंधु की, सभी अर्द्ध-शुष्क जलवायु में और उर्वर जलोढ़ गाद पर पनपी सिंधु उपत्यका में भी अतिरिक्त उत्पादन ने बाजारों को जन्म दिया होगा, जिन्हें नियंत्रण में रखने के लिए और शांति बनाये रखने के लिए नागरिक व्यवस्था का जन्म हुआ होगा। धातुकर्मी और विविध प्रकार के शिल्पियों को समाज अतिरिक्त उत्पादन के आधार पर पाल सकता था। बार-बार बाढ़ों ने ऊँचे विशाल मंचों पर स्थित पूर्वनियोजित नगरों के निर्माण के लिये किसी केन्द्रीय सत्ता को जन्म दिया होगा, जिसके नियंत्रण के कारण समाज के हर क्षेत्र में एकरसता और मानकीकरण व्याप्त हुआ होगा। इस केन्द्रीय शक्ति को सुदृढ़ बनाने में दो और महत्वपूर्ण एकाधिकारों ने योग दिया होगा। यह एकाधिकार थे ताम्र अयस्कों और रोहरी तथा सुक्कुट के चर्ट भंडारों पर इस संस्कृति के आयुध थोड़े थे जो कमजोर बनावट के लगते हैं। यह तथ्य इस बात का द्योतक है कि युद्ध की आवश्यकता इस काल में बहुत कम थी। विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक शक्तियों जैसे नदी का प्रवाह, वायु, पशु शक्ति और पहियों आदि के प्रयोग से उत्पादन और यातायात में क्रांतिकारी परिवर्तन संभव हुए। मकरान और गुजरात के बंदरगाहों से सामुद्रिक व्यापार होता था। संभवतः मेलुहा का तांबा राजस्थान से पश्चिम एशिया को निर्यात होता था।
हड़प्पा संस्कृति एक बड़े भू-भाग में फैली हुई थी। इसका फैलाव एक विशेष प्रकार के पारिस्थितिकीय क्षेत्र में हुआ था, परन्तु यह संस्कृति पूरे भू-भाग में किसी एक ही समय पर साम्राज्य की तरह नहीं फैली थी। इसके केन्द्रीय क्षेत्र, परिधी क्षेत्रों के मुकाबले कुछ पूर्ववर्ती ये। सैंधव सभ्यता के अन्त के विषय में कुछ निश्चित रूप से कहना अभी संभव नहीं है। राइक्स के विचार, हड़प्पा संस्कृति के अंत की व्याख्या करने की कोशिश में उसके प्रादुर्भाव को ही असंभव बना देते हैं। यह संस्कृति जो प्रारम्भ से ही निरन्तर बढ़ती हुई सर्वव्यापी कीचड़ को झील से जूझती रही हो उसका नागरीकरण होना असंभव ही था।
(2) ताम्रश्मीय संस्कृतियाँ
मध्य भारत और दक्षिण की अधिकतम संस्कृतियाँ संकरे जलोढ़ मैदानों में पनपीं थीं, इस कारण कृषि उत्पादन पर एक सीमा बँध गयी थी। काली कपासी मिट्टी जो ताम्रश्मीय स्थलों के पास पाई जाती है वह प्राचीन काल में भी ऐसी ही थीं। ताम्रश्मीय संस्कृतियों में ताँबा और लध्वश्म दोनों ही का उपयोग होता था। केवल बनास संस्कृति ही ऐसी थी जिसमें लध्वश्मों का प्रयोग नहीं के बराबर था। इन संस्कृतियों में धातु मिश्रण ज्ञात था और कांस्य बनाने के लिए 1-5% तक टिन का उपयोग होता था, जिसमें सीसा 1-2% तक प्रयोग होता था लेकिन संख्यिा मिश्रण के कोई उदाहरण अभी तक नहीं पाये गये हैं। ऐसा ज्ञात होता है कि अधिकतर क्षेत्र के ऑक्साइड ताम्र अयस्क भंडारों का उपयोग हुआ था। ढलाई खुले साँचों में होती थी और तापानुशीतन तकनीक का ज्ञान इन्हें नहीं था।
ताम्र-संचय संस्कृति के ताम्र उपकरणों में धातु मिश्रण के निश्चित आसार नहीं हैं। यह लोग बंद साँचों में शुद्ध ताम्र की भी ढलाई कर सकते थे। धातु प्राचुर्य में इनका स्थान केवल सैंधवों के बाद आता है, पर यह ताम्रश्मीय संस्कृतियाँ सैंधव संस्कृति से परवर्ती मानी जाती थीं। परन्तु कार्बन निधिकरण ने यह दर्शया है कि लगभग 2000-1700 ई. पू. तक के काल में परिधीय सैंधव और ताम्राश्मीय संस्कृतियाँ, काल दृष्टि से अंतव्यापी थीं। बनास संस्कृति में बड़े-बड़े सामूहिक चूल्हे दीर्घाकार इमारतें और अनेक प्रकार के मृद्भांड मिलते हैं। इन ताम्राश्मीय संस्कृतियों पर सैंधवों का बहुत हल्का प्रभाव नजर आता है। सारांशतः संकरे जलोढ़ मैदान अतिरिक्त कृषि उत्पादन के लिए पर्यान्त नहीं थे।
|
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास को समझने हेतु उपयोगी स्रोतों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास को जानने में विदेशी यात्रियों / लेखकों के विवरण की क्या भूमिका है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पुरातत्व के विषय में बताइए। पुरातत्व के अन्य उप-विषयों व उसके उद्देश्य व सिद्धान्तों से अवगत कराइये।
- प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- भास की कृति "स्वप्नवासवदत्ता" पर एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- 'फाह्यान पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- दारा प्रथम तथा उसके तीन महत्वपूर्ण अभिलेख के विषय में बताइए।
- प्रश्न- आपके विषय का पूरा नाम क्या है? आपके इस प्रश्नपत्र का क्या नाम है?
- प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान के अध्ययन की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिलालेख, पुरातन के अध्ययन में किस प्रकार सहायक होते हैं?
- प्रश्न- न्यूमिजमाटिक्स की उपयोगिता को बताइए।
- प्रश्न- पुरातत्व स्मारक के महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डालिए
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के विषय में आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के सामाजिक व्यवस्था व आर्थिक जीवन का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु नदी घाटी के समाज के धार्मिक व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता की राजनीतिक व्यवस्था एवं कला का विस्तार पूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के नामकरण और उसके भौगोलिक विस्तार की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता की नगर योजना का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हड़प्पा सभ्यता के नगरों के नगर- विन्यास पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- हड़प्पा संस्कृति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी के लोगों की शारीरिक विशेषताओं का संक्षिप्त मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- पाषाण प्रौद्योगिकी पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के सामाजिक संगठन पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- सिंधु सभ्यता के कला और धर्म पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- सिंधु सभ्यता के व्यापार का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सिंधु सभ्यता की लिपि पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता में शिवोपासना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सैन्धव धर्म में स्वस्तिक पूजा के विषय में बताइये।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक अथवा पूर्व वैदिक काल की सभ्यता और संस्कृति के बारे में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- विवाह संस्कार से सम्पादित कृतियों का वर्णन कीजिए तथा महत्व की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक काल के प्रमुख देवताओं का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- ऋग्वेद में सोम देवता का महत्व बताइये।
- प्रश्न- वैदिक संस्कृति में इन्द्र के बारे में बताइये।
- प्रश्न- वेदों में संध्या एवं ऊषा के विषय में बताइये।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में जल की पूजा के विषय में बताइये।
- प्रश्न- वरुण देवता का महत्व बताइए।
- प्रश्न- वैदिक काल में यज्ञ का महत्व बताइए।
- प्रश्न- पंच महायज्ञ' पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक देवता द्यौस और वरुण पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक यज्ञों की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक देवता इन्द्र के विषय में लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक यज्ञों के सम्पादन में अग्नि के महत्त्व को व्याख्यायित कीजिए।
- प्रश्न- उत्तरवैदिक कालीन धार्मिक विश्वासों एवं कृत्यों के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- वैदिक काल में प्रकृति पूजा पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक संस्कृति की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- अश्वमेध पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- आर्यों के आदिस्थान से सम्बन्धित विभिन्न मतों की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक काल में आर्यों के भौगोलिक ज्ञान का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- आर्य कौन थे? उनके मूल निवास स्थान सम्बन्धी मतों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक साहित्य से आपका क्या अभिप्राय है? इसके प्रमुख अंगों की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आर्य परम्पराओं एवं आर्यों के स्थानान्तरण को समझाइये।
- प्रश्न- वैदिक कालीन धार्मिक व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- ऋत की अवधारणा का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक देवताओं पर एक विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक धर्म और देवताओं के विषय में लिखिए।
- प्रश्न- 'वेदांग' से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन समाज पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिककालीन समाज में हुए परिवर्तनों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिक काल में शासन प्रबन्ध का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिक काल के शासन प्रबन्ध की रूपरेखा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन आर्थिक जीवन का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन व्यापार वाणिज्य पर एक निबंध लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन लोगों के कृषि जीवन का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन कृषि व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक काल के पशुपालन पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक आर्यों के संगठित क्रियाकलापों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आर्य की अवधारणा बताइए।
- प्रश्न- आर्य कौन थे? वे कब और कहाँ से भारत आए?
- प्रश्न- भारतीय संस्कृति में वेदों का महत्त्व बताइए।
- प्रश्न- यजुर्वेद पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऋग्वेद पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वैदिक साहित्य में अरण्यकों के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आर्य एवं डेन्यूब नदी पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- क्या आर्य ध्रुवों के निवासी थे?
- प्रश्न- "आर्यों का मूल निवास स्थान मध्य एशिया था।" विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- संहिता ग्रन्थ से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- ऋग्वैदिक आर्यों के धार्मिक विश्वासों के बारे में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- पणि से आपका क्या अभिप्राय है?
- प्रश्न- वैदिक कालीन कृषि पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक कालीन उद्योग-धन्धों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक काल में सिंचाई के साधनों एवं उपायों पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- क्या वैदिक काल में समुद्री व्यापार होता था?
- प्रश्न- उत्तर वैदिक कालीन कृषि व्यवस्था पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- उत्तर वैदिक काल में प्रचलित उद्योग-धन्धों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए?
- प्रश्न- शतमान पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक कालीन व्यापार वाणिज्य की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारत में लोहे की प्राचीनता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक आर्थिक जीवन पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिककाल में लोहे के उपयोग की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- नौकायन पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी की सभ्यता के विशिष्ट तत्वों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी के लोग कौन थे? उनकी सभ्यता का संस्थापन एवं विनाश कैसे.हुआ?
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता की आर्थिक एवं धार्मिक दशा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक काल की आर्यों की सभ्यता के बारे में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- वैदिक व सैंधव सभ्यता की समानताओं और असमानताओं का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन सभा और समिति के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- वैदिक काल में स्त्रियों की स्थिति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के कालक्रम का निर्धारण कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के विस्तार की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता का बाह्य जगत के साथ संपर्कों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- हड़प्पा से प्राप्त पुरातत्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हड़प्पा कालीन सभ्यता में मूर्तिकला के विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संस्कृति एवं सभ्यता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्राग्हड़प्पा और हड़प्पा काल का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन काल के सामाजिक संगठन को किस प्रकार निर्धारित किया गया व क्यों?
- प्रश्न- जाति प्रथा की उत्पत्ति एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वर्णाश्रम धर्म से आप क्या समझते हैं? इसकी मुख्य विशेषताएं बताइये।
- प्रश्न- संस्कार शब्द से आप क्या समझते हैं? उसका अर्थ एवं परिभाषा लिखते हुए संस्कारों का विस्तार तथा उनकी संख्या लिखिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय समाज में संस्कारों के प्रयोजन पर अपने विचार संक्षेप में लिखिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में विवाह के प्रकारों को बताइये।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय समाज में नारी की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वैष्णव धर्म के उद्गम के विषय में आप क्या जानते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- महाकाव्यकालीन स्त्रियों की दशा पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- पुरातत्व अध्ययन के स्रोतों को बताइए।
- प्रश्न- पुरातत्व साक्ष्य के विभिन्न स्रोतों पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- पुरातत्वविद् की विशेषताओं से अवगत कराइये।
- प्रश्न- पुरातत्व के विषय में बताइए। पुरातत्व के अन्य उप-विषयों व उसके उद्देश्य व सिद्धान्तों से अवगत कराइये।
- प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पुरातात्विक स्रोतों से प्राप्त जानकारी के लाभों से अवगत कराइये।
- प्रश्न- पुरातत्व को जानने व खोजने में प्राचीन पुस्तकों के योगदान को बताइए।
- प्रश्न- विदेशी (लेखक) यात्रियों के द्वारा प्राप्त पुरातत्व के स्रोतों का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- पुरातत्व स्रोत में स्मारकों की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान के अध्ययन की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिलालेख, पुरातन के अध्ययन में किस प्रकार सहायक होते हैं?
- प्रश्न- न्यूमिजमाटिक्स की उपयोगिता को बताइए।
- प्रश्न- पुरातत्व स्मारक के महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- "सभ्यता का पालना" व "सभ्यता का उदय" से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- विश्व में नदी घाटी सभ्यता के विकास पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चीनी सभ्यता के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- जियाहू एवं उबैद काल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अकाडिनी साम्राज्य व नॉर्ट चिको सभ्यता के विषय में बताइए।
- प्रश्न- मिस्र और नील नदी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- नदी घाटी सभ्यता के विकास को संक्षिप्त रूप से बताइए।
- प्रश्न- सभ्यता का प्रसार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के विस्तार के विषय में बताइए।
- प्रश्न- मेसोपोटामिया की सभ्यता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सुमेरिया की सभ्यता कहाँ विकसित हुई? इस सभ्यता की सामाजिक संरचना पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता के भारतवर्ष से सम्पर्क की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- सुमेरियन समाज के आर्थिक जीवन के विषय में बताइये। यहाँ की कृषि, उद्योग-धन्धे, व्यापार एवं वाणिज्य की प्रगति का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता की लिपि का विकासात्मक परिचय दीजिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता की प्रमुख देनों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन सुमेरिया में राज्य की अर्थव्यवस्था पर किसका अधिकार था?
- प्रश्न- बेबीलोनिया की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? इस सभ्यता की सामाजिक.विशिष्टताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- बेबीलोनिया के लोगों की आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- बेबिलोनियन विधि संहिता की मुख्य धाराओं पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- बेबीलोनिया की स्थापत्य कला पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- बेबिलोनियन सभ्यता की प्रमुख देनों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- असीरियन कौन थे? असीरिया की सामाजिक व्यवस्था का उल्लेख करते हुए बताइये कि यह समाज कितने वर्गों में विभक्त था?
- प्रश्न- असीरिया की धार्मिक मान्यताओं को स्पष्ट कीजिए। असीरिया के लोगों ने कला एवं स्थापत्य के क्षेत्र में किस प्रकार प्रगति की? मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम असीरियाई साम्राज्य की स्थापना कब और कैसे हुई?
- प्रश्न- "असीरिया की कला में धार्मिक कथावस्तु का अभाव है।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- असीरियन सभ्यता के महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्राचीन मिस्र की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? मिस्र का इतिहास जानने के प्रमुख साधन बताइये।
- प्रश्न- प्राचीन मिस्र का समाज कितने वर्गों में विभक्त था? यहाँ की सामाजिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मिस्र के निवासियों का आर्थिक जीवन किस प्रकार का था? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मिस्रवासियों के धार्मिक जीवन का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- मिस्र का समाज कितने भागों में विभक्त था? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मिस्र की सभ्यता के पतन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- चीन की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? इस सभ्यता के इतिहास के प्रमुख साधनों का उल्लेख करते हुए प्रमुख राजवंशों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन चीन की सामाजिक व्यवस्था का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- चीनी सभ्यता के भौगोलिक विस्तार का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चीन के फाचिया सम्प्रदाय के विषय में बताइये।
- प्रश्न- चिन राजवंश की सांस्कृतिक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।