बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहास बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहाससरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहास
अध्याय - 12
असीरिया की सभ्यता
(Assyrian Civilization)
प्रश्न- असीरियन कौन थे? असीरिया की सामाजिक व्यवस्था का उल्लेख करते हुए बताइये कि यह समाज कितने वर्गों में विभक्त था?
अथवा
असीरिया के निवासियों की सामाजिक व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
अथवा
असीरियाई समाज एवं समाजिक संस्थाओं के विषय में आप क्या जानते हैं?
सम्बन्धित लघु प्रश्न
1. असीरियन कौन थे?
2. असीरिया की सामाजिक व्यवस्था पर संक्षिप्त नोट लिखिए।
3. असीरियन समाज में कितने वर्ग थे? प्रत्येक का उल्लेख कीजिए।
4. असीरियन समाज में स्त्रियों की दशा पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
5. असीरिया की सामाजिक संरचना के विषय में आप कया जानते हैं? लिखिए।
6. असीरिया सभ्यता के सामाजिक संगठन पर प्रकाश डालिए।
उत्तर -
दजला नदी के ऊपरी भाग पर दोनों ओर असीरिया का एक छोटा प्रदेश अवस्थित था। मेसोपोटामिया का भौगोलिक दृष्टि से अंग होने का अवसर असीरिया को तो नहीं मिला, किन्तु पूर्व तथा उत्तर में स्थित पर्वतमालाओं से पृथक होने के कारण तथा दक्षिण में स्थित बेबीलोनिया से दजला नदी द्वारा सम्बद्ध होने के कारण इसकी गणना मेसोपोटामिया की सभ्यताओं में की जाती है।
असीरियन जाति पहले अरब के शुष्क प्रदेश में निवास करती थी। 3000 ई.पू. के पूर्व इनका एक समुदाय दजला के किनारे 'असुर' नामक स्थान पर आकर बस गया था। यह एक युद्धप्रिय जाति थी तथा असुर नगर भी इनके स्वभाव के सदैव अनुकूल रहा। चूँकि ये सेमेटिक जाति की ही एक शाखा थे, इसलिये इन्हें भी सेमेटिक कहा गया। इनके राजनीतिक और सांस्कृतिक क्रियाकलापों का केन्द्र 'असुर' नामक नगर रहा है, इसलिये इन्हें असीरियन नाम से सम्बोधित किया जाने लगा।
असीरिया की सामाजिक व्यवस्था
असीरिया के निवासियों ने बेबीलोनिया की सभ्यता को अपनाया था। इस क्षेत्र में उनकी कोई नवीन देन
नहीं है। असीरिया की सामाजिक व्यवस्था को निम्न प्रकार से समझा जा सकता है -
1. समाज का विभाजन
असीरिया का समाज निम्नलिखित तीन वर्गों में विभक्त था-
(i) अभिजात्य वर्ग अभिजात्य वर्ग में पुरोहित, सेनापति, राजा एवं सामन्त आदि आते थे, जिन्हें समाज में विशेष अधिकार प्राप्त थे। कभी-कभी इस वर्ग की महिलाओं को भी गवर्नर के पद पर नियुक्त किया जाता था। प्राचीन विश्व की सभ्यताओं में महिलाओं को उच्च पदों पर नियुक्त करने का श्रेय असीरिया को ही दिया जाता था।
(ii) शिल्पी बर्ग समाज का दूसरा वर्ग शिल्पियों का था। इस वर्ग में लिपिक, कुम्हार, बढ़ई तथा साहूकार आदि आते थे। साहूकारों को तामकरू, लिपिक को तुपशारू, कुम्हार को परवारू तथा बढ़ई को नग्नारू के नाम से पुकारा जाता था। इनका एक निश्चित व्यवसाय होता था। प्रत्येक पेशे वाले के लिये राजधानी में अलग-अलग मुहल्ले थे, जहाँ एक ही पेशे के लोग रहते थे। शिल्पी वर्ग के लोगों को राजकीय कर चुकाना अनिवार्य था।
(iii) श्रमिक वर्ग असीरियन समाज का तीसरा वर्ग श्रमिकों अथवा दासों का था। समाज में दासों की दशा अत्यन्त खराब थी। यहाँ दो प्रकार के दासों का उल्लेख मिलता है युद्ध-बन्दी दास तथा ऋणग्रस्त दास। युद्ध में बन्दी बनाये गये दासों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता था। वे स्वतन्त्र वर्ग के सदस्यों की सेवा करते थे। वे कुछ स्वतन्त्र व्यवसाय करके धनार्जन कर सकते थे।
2. पारिवारिक गठन
असीरिया का पारिवारिक गठन पितृसत्तात्मक था। परिवार के सभी सदस्यों को उसकी आज्ञा का पालन करना पड़ता था। इस समाज में पिता को अपनी सन्तान को बेचने का पूरा अधिकार था। कभी-कभी पिता अपनी पुत्री को ऋणदाता के पास जमानत के रूप में रख सकता था। यही नहीं, पति अपनी पत्नी तथा पुत्रों को भी जमानत के रूप में रख सकता था। जमानत के रूप में दिये गये व्यक्ति को बेचना कानूनी दृष्टि से अपराध माना जाता था और इसके लिये कठोर दण्ड का प्रावधान भी था। यदि पिता अपनी पुत्री को जमानत से मुक्त नहीं करा पाता था तो ऋण देने वाला व्यक्ति उस लड़की से विवाह कर सकता था। पिता की मृत्यु के पश्चात् उसकी सम्पत्ति पर उप-पनियों की सन्तानों का कोई अधिकार नहीं होता था। दहेज में मिली हुई सम्पत्ति पर स्त्री तथा उनके पुत्रों का ही अधिकार होता था।
3. विवाह व्यवस्था -
असीरिया में सामान्यतः एक विवाह का ही प्रचलन था। अभिजात्य वर्ग के लोग सुन्दर दासियों को भी अपनी उप-पत्नी के रूप में रखते थे। असीरिया में स्त्रियों को सम्मान नहीं दिया जाता था। यहाँ पुरुष दूसरी स्त्रियों के साथ सम्भोग कर सकते थे, परन्तु स्त्रियों को पति के अतिरिक्त अन्य पुरुष के साथ सम्भोग का अधिकार प्राप्त नहीं था। यहाँ स्त्री एवं पुरुष दोनों को तलाक का अधिकार प्राप्त था। पत्नी के भरण-पोषण का प्रबन्ध किये बिना यदि पति पाँच वर्ष तक लापता रहता था तो उसकी पत्नी को पुनर्विवाह करने का अधिकार था।
4. स्त्रियों की दशा
असीरियन समाज में स्त्रियों की स्थिति अत्यन्त दयनीय थी। उन्होंने पूर्ववत् प्राप्त किये हुए समस्त अधिकारों को खो दिया था। इनके विधि सम्मत लेखों से स्त्रियों की स्थिति पर प्रकाश पड़ता है। उनके द्वारा की गई चोरी, पुरुषों पर प्रहार, भ्रूण हत्या, व्यभिचार इत्यादि के लिये दण्ड सम्बन्धी कानून मिलते हैं। यहाँ सामान्यतः लड़की को खरीदकर विवाह किया जाता था। यहाँ पुनर्विवाह की प्रथा भी प्रचलित थी। विवाहित स्त्रियों को पूर्ण रूप से पतिव्रत का पालन करना पड़ता था।
असीरियन समाज में विवाहित स्त्रियों को पर्दे में रहना अनिवार्य था। पर्दा प्रथा का विकास यहीं से माना जा सकता है। अविवाहित स्त्रियों, पुजारिनों, वेश्याओं, दासियों, तथा गणिकाओं के लिये पर्दा प्रथा नहीं थी। यदि कोई स्त्री जान-बूझकर गर्भपात करवा लेती, तो उसे कठोर दण्ड दिया जाता था। स्त्रियों के लिये अधिक से अधिक सन्तान पैदा करना अनिवार्य था, जिससे सैनिकों की कमी न हो पाये। तलाक सम्बन्धी अधिकार पति की इच्छा पर निर्भर था। इस प्रकार असीरिया में स्त्रियों को अधिकारों से वंचित रखा गया था।
5. दासों की स्थिति
असीरिया में दासों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। यहाँ दासों का क्रय- विक्रय किया जाता था। एक दास के विक्रय से उसका पूरा परिवार ही बिक जाता था। इस समय स्वामी अपने दास की प्रत्नी को उप-पत्नी के रूप में रख सकते थे। दास के नाम के साथ उसके पिता का नाम नहीं लिखा जाता था। यहाँ दासों को अपनी सम्पत्ति के क्रय-विक्रय का अधिकार प्राप्त था। वे किसी भी मुकदमे में गवाही दे सकते थे। कुछ दास उन्नति करते हुए उच्च पदों पर भी नियुक्त हो जाते थे।
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- प्रश्न- वैदिक कालीन व्यापार वाणिज्य पर एक निबंध लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन लोगों के कृषि जीवन का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन कृषि व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- ऋग्वैदिक काल के पशुपालन पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वैदिक आर्यों के संगठित क्रियाकलापों की विवेचना कीजिए।
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- प्रश्न- भारतीय संस्कृति में वेदों का महत्त्व बताइए।
- प्रश्न- यजुर्वेद पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ऋग्वेद पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वैदिक साहित्य में अरण्यकों के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आर्य एवं डेन्यूब नदी पर टिप्पणी लिखिये।
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- प्रश्न- ऋग्वैदिक कालीन उद्योग-धन्धों पर टिप्पणी लिखिए।
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- प्रश्न- ऋग्वैदिक कालीन व्यापार वाणिज्य की विवेचना कीजिए।
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- प्रश्न- पुरातत्व साक्ष्य के विभिन्न स्रोतों पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- पुरातत्वविद् की विशेषताओं से अवगत कराइये।
- प्रश्न- पुरातत्व के विषय में बताइए। पुरातत्व के अन्य उप-विषयों व उसके उद्देश्य व सिद्धान्तों से अवगत कराइये।
- प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पुरातात्विक स्रोतों से प्राप्त जानकारी के लाभों से अवगत कराइये।
- प्रश्न- पुरातत्व को जानने व खोजने में प्राचीन पुस्तकों के योगदान को बताइए।
- प्रश्न- विदेशी (लेखक) यात्रियों के द्वारा प्राप्त पुरातत्व के स्रोतों का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- पुरातत्व स्रोत में स्मारकों की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान के अध्ययन की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिलालेख, पुरातन के अध्ययन में किस प्रकार सहायक होते हैं?
- प्रश्न- न्यूमिजमाटिक्स की उपयोगिता को बताइए।
- प्रश्न- पुरातत्व स्मारक के महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- "सभ्यता का पालना" व "सभ्यता का उदय" से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- विश्व में नदी घाटी सभ्यता के विकास पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चीनी सभ्यता के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- जियाहू एवं उबैद काल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अकाडिनी साम्राज्य व नॉर्ट चिको सभ्यता के विषय में बताइए।
- प्रश्न- मिस्र और नील नदी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- नदी घाटी सभ्यता के विकास को संक्षिप्त रूप से बताइए।
- प्रश्न- सभ्यता का प्रसार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के विस्तार के विषय में बताइए।
- प्रश्न- मेसोपोटामिया की सभ्यता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सुमेरिया की सभ्यता कहाँ विकसित हुई? इस सभ्यता की सामाजिक संरचना पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता के भारतवर्ष से सम्पर्क की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- सुमेरियन समाज के आर्थिक जीवन के विषय में बताइये। यहाँ की कृषि, उद्योग-धन्धे, व्यापार एवं वाणिज्य की प्रगति का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता की लिपि का विकासात्मक परिचय दीजिए।
- प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता की प्रमुख देनों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन सुमेरिया में राज्य की अर्थव्यवस्था पर किसका अधिकार था?
- प्रश्न- बेबीलोनिया की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? इस सभ्यता की सामाजिक.विशिष्टताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- बेबीलोनिया के लोगों की आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- बेबिलोनियन विधि संहिता की मुख्य धाराओं पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- बेबीलोनिया की स्थापत्य कला पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- बेबिलोनियन सभ्यता की प्रमुख देनों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- असीरियन कौन थे? असीरिया की सामाजिक व्यवस्था का उल्लेख करते हुए बताइये कि यह समाज कितने वर्गों में विभक्त था?
- प्रश्न- असीरिया की धार्मिक मान्यताओं को स्पष्ट कीजिए। असीरिया के लोगों ने कला एवं स्थापत्य के क्षेत्र में किस प्रकार प्रगति की? मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम असीरियाई साम्राज्य की स्थापना कब और कैसे हुई?
- प्रश्न- "असीरिया की कला में धार्मिक कथावस्तु का अभाव है।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- असीरियन सभ्यता के महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्राचीन मिस्र की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? मिस्र का इतिहास जानने के प्रमुख साधन बताइये।
- प्रश्न- प्राचीन मिस्र का समाज कितने वर्गों में विभक्त था? यहाँ की सामाजिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मिस्र के निवासियों का आर्थिक जीवन किस प्रकार का था? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मिस्रवासियों के धार्मिक जीवन का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- मिस्र का समाज कितने भागों में विभक्त था? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मिस्र की सभ्यता के पतन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- चीन की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? इस सभ्यता के इतिहास के प्रमुख साधनों का उल्लेख करते हुए प्रमुख राजवंशों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन चीन की सामाजिक व्यवस्था का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- चीनी सभ्यता के भौगोलिक विस्तार का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चीन के फाचिया सम्प्रदाय के विषय में बताइये।
- प्रश्न- चिन राजवंश की सांस्कृतिक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।