बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 अर्थशास्त्र बीए सेमेस्टर-3 अर्थशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 अर्थशास्त्र : सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- नव-माल्थसवाद क्या है? इसके प्रमुख आर्थिक विचारों की विस्तृत विवेचना कीजिए।
उत्तर -
नव-माल्थसवाद का जन्म, माल्थस के जनसंख्या सम्बन्धी विचारों के प्रत्युत्तर में हुआ था। माल्थस के अनुसार जनसंख्या खाद्यान्नों की तुलना में अधिक बढ़ती है। जब जनसंख्या व खाद्यान्नों का सह-सम्बन्ध भंग हो जाता है तब प्राकृतिक प्रकोप, जैसे बीमारी, महामारी, भुखमरी तथा बेरोजगारी के द्वारा ही जनसंख्या रोकी जा सकती है। प्रकृति स्वयं अपनी शक्तियों का प्रयोग करके ऐसा करती है। माल्थस ने इसे प्राकृतिक अवरोध (Positive checks) कहा है। जब इन प्राकृतिक अवरोधों से जनसंख्या का संहार होता है तब इससे मानव समाज हा-हाकार कर उठता है और उसे असहनीय पीड़ा होती है। अतः माल्थस ने सुझाव दिया था कि प्राकृतिक कष्टों से व्यक्ति बच सकता है बशर्ते वह अपने स्वैच्छिक उपायों से जनसंख्या की रोकथाम करे। इन स्वैच्छिक उपायों को उसने 'प्रतिबन्धक अवरोध' (Preventive checks) कहा था। प्रतिबन्धक अवरोधों के अन्तर्गत संयम ब्रह्मचर्य धर्म का पालन तथा देर से विवाह करना आदि बाते हैं। जहाँ तक जनसंख्या की बाढ़ रोकने के लिए कृत्रिम उपायों जैसे गर्भपात, नसबन्दी आदि उपायों का प्रश्न है, उनके बारे में माल्थस ने नैतिकता को ध्यान में रखते हुए ऐसे साधनों को न अपनाने की सलाह दी थी।
नव-माल्थसवादियों के विचार
नव-माल्थसवादी वह विचारधारा है जो स्वयं को माल्थस का उत्तराधिकारी मानती है। नव-माल्थसवादी कहते हैं कि हम ही माल्थस के विचारों के निकट हैं। नव-माल्थसवाद की प्रमुख लेखिकाएँ थीं - श्रीमती मेरी स्टोप्स (Marie Stopes) इंग्लैण्ड में, तथा श्रीमती मार्गरेट सेंगर (Margarett Sanger) अमरीका में इन्होंने जनसंख्या की बाढ़ को रोकने के लिए अपने स्तर पर अनेक कार्य किये। सन्तति-विवाह (Birth control) के लिए नव-माल्थसवादियों ने एक ऐसा आन्दोलन खड़ा कर दिया जिसने विश्व के अनेक देशों के राजनीतिज्ञों, विचारकों, बुद्धिजीवियों, शासकों, चिकित्सकों व समाजवादी विचारकों को प्रभावित किया। यहाँ तक कि नव-माल्थसवादियों के विचारों से प्रभावित होकर अनेक देशों की सरकारों ने उनके आन्दोलन को सहयोग प्रदान किया।
नव-माल्थसवादियों का विचार है कि कामेच्छा और सन्तानेच्छा में अन्तर है। उनका यह विचार माल्थस के विचार से मेल नहीं खाता है, क्योंकि माल्थस ने कामेच्छा का सम्बन्ध सन्तानोत्पत्ति से स्थापित किया था। नव-माल्थसवादियों के अनुसार, कामेच्छा एक प्राकृतिक इच्छा है और सभी प्राणियों में देखी जाती है; किन्तु संतान पैदा करने की इच्छा धार्मिक एवं सामाजिक है तथा यह सब प्राणियों में समान रूप से नहीं पायी जाती। इस सन्दर्भ में जीड एवं रिस्ट ने लिखा है कि "कामवासना जीवधारियों की एक प्राकृतिक इच्छा है जो सभी व्यक्तियों में पायी जाती है, जबकि सन्तान पैदा करने की इच्छा का उदय विभिन्न स्थानों व समयों में सामाजिक एवं धार्मिक परिस्थितियों के अनुसार होता है।"
सन्तानोत्पत्ति के लिए सामाजिक एवं धार्मिक कारण
अनेक धार्मिक एवं सामाजिक कारण ऐसे हैं जो व्यक्ति में सन्तान पैदा करने की इच्छा जाग्रत करते हैं। इनमें से कुछ सामाजिक एवं धार्मिक कारण निम्नलिखित हैं :
(1) हिन्दुओं के धार्मिक ग्रन्थ, विशेषकर मनुस्मृति में यह लिखा है कि प्रत्येक व्यक्ति का कम से कम एक पुत्र होना चाहिए। उसके अनुसार, पुत्र पिता को नरक से मुक्त करता है। इसी प्रकार, यदि कोई हिन्दू अपनी लड़की का विवाह नहीं करता, तो वह नरक का भागी है।
(2) मूसा (सूदों) तथा कनफ्यूशियस के मतानुसार जिस व्यक्ति की अन्तिम क्रिया उसके पुत्र द्वारा नहीं होती, उसे मोक्ष प्राप्त नहीं होता।
(3) कुछ देशों में ऐसी जातियाँ भी हैं जो अपने सैनिक बेड़े को मजबूत बनाने के लिए जनसंख्या को बढ़ाना चाहती हैं।
(4) लोगों के मतानुसार अपनी वंश-परम्परा तथा अपनी कला व संस्कृति को जीवित रखने तथा उसके विकास के लिए जनसंख्या का बढ़ाना उपयुक्त है।
(5) धनी वर्ग सन्तान की इच्छा अधिक रखता है, ताकि उसकी मृत्यु के बाद उसकी सन्तान सम्पत्ति का सुख भोग कर सके।
(6) निर्धन वर्ग भी सन्तान की इच्छा अधिक रखता है ताकि उसके अधिक बच्चे छोटा-मोटा काम करके परिवार के लिए कुछ धन कमा सकें।
सन्तानोत्पत्ति के अवरोधक तत्व
कुछ विशेष कारण ऐसे हैं जो सन्तानोत्पत्ति के मार्ग में बाधक होते हैं। इनमें से प्रमुख कारणों को नीचे दिया गया है :
(1) अनेक व्यक्ति अपने उत्तरदायित्वों से बचने के लिए विवाह नहीं करना चाहते हैं, भले ही वे अपनी कामवासना की पूर्ति अन्यत्र कर लेते हैं। ऐसी स्थिति में सन्तान उत्पन्न नहीं हो सकती।
(2) अनेक स्त्रियाँ प्रसव काल की पीड़ा से बचने के लिए सन्तान पैदा नहीं करना चाहती हैं। (3) कुछ पति-पत्नी अपने दाम्पत्य जीवन को भार से मुक्त रखने के लिए सन्तान पैदा नहीं करना चाहते।
(4) कुछ आधुनिक महिलाएँ अपने शारीरिक सौन्दर्य एवं आकर्षण को बनाये रखने के लिए सन्तान उत्पन्न करना नहीं चाहती।
(5) कुछ महिलाएँ इस कारण से भी विवाह नहीं करती है कि उनकी स्वतंत्रता पर अंकुश लग जायेगा।
नव-माल्थसवादी माल्थस की इस बात से सहमत थे कि प्रजनन शक्ति को अनियन्त्रित रखने से जनसंख्या बड़ी तीव्र गति से बढ़ती है। परिणामतः अकाल मृत्यु, भुखमरी, महामारी जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हो जाती हैं। परन्तु वे माल्थस की इस बात से सहमत नहीं थे कि जनसंख्या को आत्मसंयम (Self- restraint) से रोका जा सकता है। नव-माल्थसवादी जनसंख्या को रोकने के लिए कृत्रिम उपायों को अधिक महत्व देते थे। कृत्रिम उपायों के पक्ष में उन्होंने निम्न तर्क प्रस्तुत किये हैं:-
(i) अविवाहित स्त्रियों व पुरुषों के दुराचार छिप सकते हैं;
(ii) विवाहित जीवन सुखी हो सकता है;
(iii) वेश्यागमन आदि बुराइयों से बचा जा सकता है;
(iv) समाज की आर्थिक विषमताएँ दूर की जा सकती हैं; तथा
(v) राष्ट्र की उन्नति होती है।
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- प्रश्न- स्मिथ के प्रकृतिवाद पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
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- प्रश्न- क्या कार्ल मार्क्स को प्रतिष्ठित सम्प्रदाय का अर्थशास्त्री माना जा सकता है? विस्तार से समझाइए।
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- प्रश्न- सिसमाण्डी के आर्थिक विचारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- "सिसमाण्डी समाजवादी विचारक था। " सिद्ध कीजिए।
- प्रश्न- मार्क्सवाद की विचारधारा के मूल तत्त्व कौन-कौन से थे?
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- प्रश्न- वर्ग संघर्ष पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- जे. एस. मिल के प्रमुख आर्थिक विचारों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- जे. एस. मिल के आर्थिक विचारों पर प्रभाव डालने वाले मुख्य घटकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- जे आर. हिक्स के विचारों की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- "मिल के द्वारा परम्परावादी अर्थशास्त्र पूर्ण रूप से विकसित किया गया और उसी के साथ उसका पतन प्रारम्भ हुआ।" इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- जे. एस. मिल परम्परावादी सिद्धान्तों के किन-किन नियमों से सहमत तथा किन-किन नियमों से असहमत था? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- जे. एस. मिल के स्वहित सिद्धान्त की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- जे. एस. मिल के स्वतन्त्रता प्रतियोगिता के सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- जे. एस. मिल के जनसंख्या सिद्धांत की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मिल के समाजवादी विचारों की आलोचना कीजिए।
- प्रश्न- 'जे. एस. मिल समाजवादी था'। इस कथन के पक्ष में तर्क दीजिए।
- प्रश्न- जे. एस. मिल के आर्थिक विचारों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- जे. बी. से के आर्थिक विचारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जे. एस. मिल के मजदूरी सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मिल के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- नव परम्परावाद क्या है? परम्परावादी एवं नव परम्परावादी विचारों में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- प्रकृतिवाद को जन्म देने वाली शक्तियों की व्याख्या कीजिए तथा आर्थिक विचारधारा में उसका मुख्य योगदान बताइये।
- प्रश्न- मार्शल के निरंतरता सिद्धांत पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मार्शल के आभास लगान के संबंध में विचारों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्रतिनिधि फर्म के विषय में मार्शल के विचारों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मार्शल ने अल्पकालीन व दीर्घकालीन विवाद के हल को कैसे सुलझाया?
- प्रश्न- परम्परावादी तथा नवपरम्परावादी विचारों में अन्तर कीजिए।
- प्रश्न- मार्शल के उपयोगितावाद पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- शुद्ध उत्पत्ति का सिद्धान्त बताइए।
- प्रश्न- राबिन्स के विचारों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पीगू के आर्थिक कल्याण सम्बन्धी विचारों का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- पीगू ने अर्थशास्त्र का क्षेत्र निर्धारण किस प्रकार किया है?
- प्रश्न- पीगू के रोजगार सम्बन्धी विचार का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पीगू के समाजवादी विचारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शुम्पीटर के आर्थिक विचारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सीमान्तवाद क्या है? सीमान्तवादियों का अर्थशास्त्र में क्या योगदान रहा है?
- प्रश्न- क्रूनो के आर्थिक विचारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मूल्य निर्धारण के सम्बन्ध में क्रूनो के विचारों का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- गोसेन के आर्थिक विचारों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जेवन्स के मूल्य सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रो. एल. वालरा (वालरस) के बाजार सन्तुलन सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सिसमण्डी के आर्थिक विचारों की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- सीमान्तवादी क्रान्ति की व्याख्या कीजिए तथा इस सम्बन्ध में मेंजर के विचारों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- जेवन्स के प्रमुख आर्थिक विचारों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कार्ल मेंजर के द्रव्य सम्बन्धी विचारों को संक्षेप में लिखिए।
- प्रश्न- विकस्टीड के आर्थिक विचारों का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- वालरस के साम्य सम्बन्धी विचारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कार्ल मेंजर के आर्थिक विचारों पर प्रकाश डालिए
- प्रश्न- कार्ल मेंजर के विनिमय सम्बन्धी विचारों का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- कार्ल मेंजर के मुद्रा सम्बन्धी विचारों का विश्लेषण कीजिए।
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- प्रश्न- जेवेन्स के आर्थिक विचारों का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- यूजिन वॉन बाम बावर्क के आर्थिक विचारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बाम बावर्क के मूल्य सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नटविकसेल के आर्थिक विचारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- इविंग फिशर के प्रमुख आर्थिक विचारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- "मुद्रा प्रसार व संकुचन दोनों हानिकारक हैं।" इविंग फिशर के इस विचार का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- फिशर के मुद्रा के परिमाण सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।