बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 गृहविज्ञान बीए सेमेस्टर-3 गृहविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 गृहविज्ञान
प्रश्न- एक किशोर लड़की के लिए पोषक तत्वों की माँग बताइए।
उत्तर -
एक किशोर लड़की के लिए निम्नलिखित पौष्टिक तत्वों की आवश्यकता होती है -
1. कैलोरी किशोरावस्था में किशोरियों की शारीरिक लम्बाई, वजन, क्रियाशीलता एवं आधारीय चयापचय दर में वृद्धि हो जाती है इसी कारण उनमें कैलोरी की माँग में वृद्धि हो जाती. है। ICMR के भोज्य विशेषज्ञों के अनुसार 13-15 वर्ष की बालिकाओं के लिए 2060 Kcal तथा 16 - 18 वर्ष की बालिकाओं के लिए 2660 Kcal दैनिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
2. प्रोटीन इस अवस्था में शारीरिक विकास अत्यन्त तीव्र गति से होने के कारण और माँसपेशियों के निर्माण, कोशिकाओं की टूट-फूट की मरम्मत, नये कोषों एवं तन्तुओं का निर्माण, हार्मोन्स का निर्माण आदि सभी के लिए प्रोटीनयुक्त भोज्य पदार्थ देना अति आवश्यक है। किशोरियों को प्रोटीनयुक्त भोज्य पदार्थ जैसे मांस-मछली, दूध, अण्डा, छाछ, दाल, सोयाबीन दूध व दूध से बने व्यंजन आदि देने चाहिए।
ICMR के विशेषज्ञों के अनुसार किशोरियों के लिए 13-15 वर्ष और 16-18 वर्ष की आयु में क्रमशः 65 ग्राम और 63 ग्राम प्रोटीन की मात्रा प्रतिदिन आवश्यक होती है।
3. वसा वसा का मुख्य कार्य ऊर्जा देना है। किशोरियों को प्रतिदिन 22 ग्राम वसा की आवश्यकता होती है।
4. लौह लवण किशोरियों में मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्त निकलने के कारण अधिक लौह लवण की आवश्यकता होती है। इनकी पूर्ति के लिए हरी पत्तेदार सब्जियाँ, गुड़ आदि से होती है।
ICMR भोज्य विशेषज्ञों ने 13-18 वर्ष की किशोरियों के लिए 28-30 मिग्रा. प्रतिदिन लौह लवण की आवश्यकता होती है।
5. कैल्शियम कैल्शियम हड्डियों एवं दाँतों के समुचित निर्माण एवं विकास के लिए आवश्यक होता है। यदि इस अवस्था में कैल्शियम की उचित मात्रा नहीं दी जायेगी तो उनकी अस्थियों का विकास ठीक तरह से न हो पाने के कारण वे नाटे रह जाते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियाँ, दूध व दूध से बने व्यंजन प्रतिदिन आहार में सम्मिलित करना चाहिए। इससे कैल्शियम की पूर्ति शरीर में होती रहेगी।
ICMR के भोज्य विशेषज्ञों ने प्रतिदिन 13-15 वर्ष की किशोरियों के लिए 600 (mg) तथा 16-18 वर्ष की किशोरियों के लिए 500 (mg) मात्रा निर्धारित की है।
6. विटामिन 'ए' आँखों के उत्तम स्वास्थ्य के लिए आहार में विटामिन 'ए' का सम्मिलित होना अति आवश्यक है। इसके मुख्य स्रोत हैं हरी पत्तेदार सब्जियाँ, दूध, अण्डा, मक्खन आदि।
ICMR के भोज्य विशेषज्ञों ने किशोरियों के आहार में 600 ug रेटीनॉल तथा 2400 ug, B कैरोटीन की दैनिक प्रस्तावना की है।
7. थायमिन बेरी-बेरी नामक रोग से बचने हेतु थायमिन का सम्मिलित होना बेहद जरूरी है। थायमिन साबुत अनाजों तथा शुष्क खमीर में पाया जाता है।
ICMR के भोज्य विशेषज्ञों ने 13-18 वर्ष की किशोरियों के लिए 1.0 मिग्रा. प्रतिदिन थाइमिन की प्रस्तावना दी है।
8. राइबोफ्लेविन राइबोफ्लेबिनोसिस' नामक रोग से बचने और शारीरिक वृद्धि एवं विकास के लिए राइबोफ्लेविन का आहार में सम्मिलित होना आवश्यक है।
इनकी पूर्ति के लिए साबुत अनाजों, तिल, गाजर की पत्तियों, साबुत मूँग, सोयाबीन आदि से की जा सकती है।
ICMR के भोज्य विशेषज्ञों के अनुसार 13-18 वर्ष की किशोरियों को 1.2 मिग्रा. प्रतिदिन इस विटामिन की आवश्यकता होती है।
9. नियासिन पेलाग्रा रोग से बचाव के लिए नियासिन का अपने आहार में सम्मिलित करना आवश्यक है। इस विटामिन के अभाव में त्वचा खुरदरी व रूखी हो जाती है। पाचन सम्बन्धी विकार एवं मानसिक विकार उत्पन्न हो जाते हैं।
ICMR के भोज्य विशेषज्ञों के अनुसार किशोरियों को प्रतिदिन 14 mg इस विटामिन की आवश्यकता होती है।
10. फोलिक अम्ल मैक्रोसाइटिक या मेगालोब्लास्टिक रक्ताल्पता रोगों से बचाव हेतु फोलिक अमल की आवश्यकता होती है। इनकी पूर्ति अण्डा, यकृत, तिल, भिण्डी, मूँगफली, बाजरा आदि के सेवन से की जा सकती है।
ICMR के भोज्य विशेषज्ञों ने किशोरियों हेतु 100 ug प्रतिदिन इस विटामिन की प्रस्तावना की है।
11. विटामिन 'बी 12' शरीर में विटामिन बी 12 की कमी से पार्निशियस रक्ताल्पता हो जाता है। इसकी प्राप्ति दूध, दही, मांस-मछली, अण्डा आदि से की जा सकती है।
ICMR के भोज्य विशेषज्ञों के किशोरियों के लिए 0.2-1.0 ug प्रतिदिन इस विटामिन की प्रस्तावना की है।
12. विटामिन 'सी' शरीर में विटामिन 'सी' मसूड़ों के स्वास्थ्य, घावों को भरने तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करने के लिए अति आवश्यक है। इनकी पूर्ति आँवला, अमरूद, नीबू, सन्तरा तथा विभिन्न प्रकार के खट्टे पदार्थों के सेवन से की जा सकती है।
ICMR के भोज्य विशेषज्ञों ने किशोरियों के लिए प्रतिदिन 40 mg इस विटामिन की आवश्यकता होती है।
13. विटामिन D शरीर में विटामिन D की कमी से रिकेट्स, टिटैनी, दाँतों का सड़ना, अस्थि मृदुलता, ऑस्टोपोरोरिस हो जाता है। इन रोगों से बचने के लिए प्रतिदिन इस विटामिन की आवश्यकता होती है। इसके मुख्य स्रोत हैं धूप, कॉडलिवर ऑयल, मछली, अण्डा, दूध आदि।
ICMR के भोज्य विशेषज्ञों ने किशोरियों के लिए 5 माइक्रोग्राम प्रतिदिन इस विटामिन की प्रस्तावना की है।
तालिका
किशोरियों के लिए आवश्यक पौष्टिक तत्वों की दैनिक प्रस्तावित मात्रा ICMR, 1993
पौष्टिक तत्व | 13-15 वर्ष | 16-18 वर्ष |
कैलोरी (K.cal) | 2060 | 2060 |
प्रोटीन (gm) | 65 | 63 |
वसा ( gm) | 22 | 22 |
कैल्शियम (mg) | 600 | 500 |
लोहा (mg) | 28 | 30 |
विटामिन 'A' | - | - |
रेटीनॉल (ug) | 600 | 600 |
B कैरोटीन (ug) | 2400 | 2400 |
थायमिन (mg) | 1.0 | 1.0 |
राइबोफ्लेविन (mg) | 1.2 | 1.2 |
नायसिन (mg) | 14 | 14 |
फोलिक अम्ल (ug) | 100 | 100 |
विटामिन B12 (ug) | 2.0 | 2.0 |
विटामिन 'C' (mg) | 40 | 40 |
विटामिन 'D' (ug) | 5 | 5 |
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- प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझती हैं? आहार आयोजन का महत्व बताइए।
- प्रश्न- आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
- प्रश्न- आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- एक खिलाड़ी के लिए एक दिन के पौष्टिक तत्वों की माँग बताइए व आहार आयोजन कीजिए।
- प्रश्न- एक दस वर्षीय बालक के पौष्टिक तत्वों की मांग बताइए व उसके स्कूल के लिए उपयुक्त टिफिन का आहार आयोजन कीजिए।
- प्रश्न- "आहार आयोजन करते हुए आहार में विभिन्नता का भी ध्यान रखना चाहिए। इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आहार आयोजन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं के अनुसार एक किशोरी को ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
- प्रश्न- सन्तुलित आहार क्या है? सन्तुलित आहार आयोजित करते समय किन-किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
- प्रश्न- आहार द्वारा कुपोषण की दशा में प्रबन्ध कैसे करेंगी?
- प्रश्न- वृद्धावस्था में आहार को अति संक्षेप में समझाइए।
- प्रश्न- आहार में मेवों का क्या महत्व है?
- प्रश्न- सन्तुलित आहार से आप क्या समझती हैं? इसके उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- वर्जित आहार पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- शैशवावस्था में पोषण पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- शिशु के लिए स्तनपान का क्या महत्व है?
- प्रश्न- शिशु के सम्पूरक आहार पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- किन परिस्थितियों में माँ को अपना दूध बच्चे को नहीं पिलाना चाहिए?
- प्रश्न- फार्मूला फीडिंग आयोजन पर एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- 1-5 वर्ष के बालकों के शारीरिक विकास का वर्णन करते हुए उनके लिए आवश्यक पौष्टिक आहार की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- 6 से 12 वर्ष के बालकों की शारीरिक विशेषताओं का वर्णन करते हुए उनके लिए आवश्यक पौष्टिक आहार की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विभिन्न आयु वर्गों एवं अवस्थाओं के लिए निर्धारित आहार की मात्रा की सूचियाँ बनाइए।
- प्रश्न- एक किशोर लड़की के लिए पोषक तत्वों की माँग बताइए।
- प्रश्न- एक किशोरी का एक दिन का आहार आयोजन कीजिए तथा आहार तालिका बनाइये।
- प्रश्न- एक सुपोषित बच्चे के लक्षण बताइए।
- प्रश्न- वयस्क व्यक्तियों की पोषण सम्बन्धी आवश्यकताओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वृद्धावस्था की प्रमुख पोषण सम्बन्धी आवश्यकताएँ कौन-कौन-सी हैं?
- प्रश्न- एक वृद्ध के लिए आहार योजना बनाते समय आप किन बातों को ध्यान में रखेंगी?
- प्रश्न- वृद्धों के लिए कौन से आहार सम्बन्धी परिवर्तन करने की आवश्यकता होती है? वृद्धावस्था के लिए एक सन्तुलित आहार तालिका बनाइए।
- प्रश्न- गर्भावस्था में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व आवश्यक होते हैं? समझाइए।
- प्रश्न- स्तनपान कराने वाली महिला के आहार में कौन से पौष्टिक तत्वों को विशेष रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
- प्रश्न- एक गर्भवती स्त्री के लिए एक दिन का आहार आयोजन करते समय आप किन किन बातों का ध्यान रखेंगी?
- प्रश्न- एक धात्री स्त्री का आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
- प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था क्या है? इसकी विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था का क्या अर्थ है? मध्यावस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शारीरिक विकास का क्या तात्पर्य है? शारीरिक विकास को प्रभावित करने वाले करकों को समझाइये।
- प्रश्न- क्रियात्मक विकास का क्या अर्थ है? क्रियात्मक विकास को परिभाषित कीजिए एवं मध्य बाल्यावस्था में होने वाले क्रियात्मक विकास को समझाइये।
- प्रश्न- क्रियात्मक कौशलों के विकास का वर्णन करते हुए शारीरिक कौशलों के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामाजिक विकास के लिए किन मानदण्डों की आवश्यकता होती है? सामाजिक विकास की विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समाजीकरण को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक विकास को प्रभावित करने वाले तत्वों की विस्तारपूर्वक चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- बालक के सामाजिक विकास के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समाजीकरण से आप क्या समझती हैं? इसकी प्रक्रियाओं की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक विकास से क्या तात्पर्य है? इनकी विशेषताओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- उत्तर बाल्यावस्था में सामाजिक विकास का क्या तात्पर्य है? उत्तर बाल्यावस्था की सामाजिक विकास की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संवेग का क्या अर्थ है? उत्तर बाल्यावस्था में संवेगात्मक विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संवेगात्मक विकास की विशेषताएँ लिखिए एवं बालकों के संवेगों का क्या महत्व है?
- प्रश्न- बालकों के संवेग कितने प्रकार के होते हैं? बालक तथा प्रौढों के संवेगों में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- संवेगात्मक विकास को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बच्चों के भय के क्या कारण हैं? भय के निवारण एवं नियन्त्रण के उपाय लिखिए।
- प्रश्न- संज्ञान का अर्थ एवं परिभाषा लिखिए। संज्ञान के तत्व एवं संज्ञान की विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संज्ञानात्मक विकास से क्या तात्पर्य है? इसे प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भाषा से आप क्या समझते हैं? वाणी एवं भाषा का क्या सम्बन्ध है? मानव जीवन के लिए भाषा का क्या महत्व है?
- प्रश्न- भाषा- विकास की विभिन्न अवस्थाओं का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भाषा-विकास से आप क्या समझती? भाषा-विकास पर प्रभाव डालने वाले कारक लिखिए।
- प्रश्न- बच्चों में पाये जाने वाले भाषा सम्बन्धी दोष तथा उन्हें दूर करने के उपाय बताइए।
- प्रश्न- भाषा से आप क्या समझती हैं? भाषा के मापदण्ड की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- भाषा से आप क्या समझती हैं? बालक के भाषा विकास के प्रमुख स्तरों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- भाषा के दोष के प्रकारों, कारणों एवं दूर करने के उपाय लिखिए।
- प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था में भाषा विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक बुद्धि का आशय स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 'सामाजीकरण की प्राथमिक प्रक्रियाएँ' पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बच्चों में भय पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- बाह्य शारीरिक परिवर्तन, संवेगात्मक अवस्थाओं को समझाइए।
- प्रश्न- संवेगात्मक अवस्था में होने वाले परिवर्तन क्या हैं?
- प्रश्न- संवेगों को नियन्त्रित करने की विधियाँ बताइए।
- प्रश्न- क्रोध एवं ईर्ष्या में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- बालकों में धनात्मक तथा ऋणात्मक संवेग पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भाषा विकास के अधिगम विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भाषा विकास के मनोभाषिक सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बालक के हकलाने के कारणों को बताएँ।
- प्रश्न- भाषा विकास के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भाषा दोष पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भाषा विकास के महत्व को समझाइये।
- प्रश्न- वयः सन्धि का क्या अर्थ है? वयः सन्धि अवस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए - (a) वयःसन्धि में लड़के लड़कियों में यौन सम्बन्धी परिपक्वता (b) वयःसन्धि में लैंगिक क्रिया-कलाप (e) वयःसन्धि में नशीले पदार्थों का उपयोग एवं दुरूपयोग (d) वय: सन्धि में आहार सम्बन्धी आवश्यकताएँ।
- प्रश्न- यौन संचारित रोग किसे कहते हैं? भारत के प्रमुख यौन संचारित रोग कौन-कौन से हैं? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- एच. आई. वी. वायरस क्या है? इससे होने वाला रोग, कारण, लक्षण एवं बचाव बताइये।
- प्रश्न- ड्रग और एल्कोहल एब्यूज डिसआर्डर क्या है? विस्तार से समझाइये।
- प्रश्न- किशोर गर्भावस्था क्या है? किशोर गर्भावस्था के कारण, लक्षण, किशोर गर्भावस्था से बचने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- युवाओं में नशीले पदार्थ के सेवन की समस्या क्यों बढ़ रही है? इस आदत को कैसे रोका जा सकता है?
- प्रश्न- किशोरावस्था में संज्ञानात्मक विकास, भाषा विकास एवं नैतिक विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सृजनात्मकता का क्या अर्थ है? सृजनात्मकता की परिभाषा लिखिए। किशोरावस्था में सृजनात्मक विकास कैसे होता है? समझाइये।
- प्रश्न- किशोरावस्था की परिभाषा देते हुये उसकी अवस्थाएँ लिखिए।
- प्रश्न- किशोरावस्था की विशेषताओं को विस्तार से समझाइये।
- प्रश्न- किशोरावस्था में यौन शिक्षा पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- किशोरावस्था की प्रमुख समस्याओं पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- किशोरावस्था क्या है? किशोरावस्था में विकास के लक्षण स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- किशोरावस्था को तनाव या तूफान की अवस्था क्यों कहा गया है?
- प्रश्न- प्रारम्भिक वयस्कावस्था में 'आत्म प्रेम' (Auto Emoticism ) को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- किशोरावस्था से क्या आशय है?
- प्रश्न- किशोरावस्था में परिवर्तन से सम्बन्धित सिद्धान्त कौन से हैं?
- प्रश्न- किशोरावस्था की प्रमुख सामाजिक समस्याएँ लिखिए।
- प्रश्न- आत्म की मुख्य विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- शारीरिक छवि की परिभाषा लिखिए।
- प्रश्न- प्राथमिक सेक्स की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- किशोरावस्था के बौद्धिक विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सृजनात्मकता और बुद्धि में क्या सम्बन्ध है?
- प्रश्न- प्रौढ़ावस्था से आप क्या समझते हैं? प्रौढ़ावस्था में विकासात्मक कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रारंभिक वयस्कावस्था के मानसिक लक्षणों पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- वैवाहिक समायोजन से क्या तात्पर्य है? विवाह के पश्चात् स्त्री एवं पुरुष को कौन-कौन से मुख्य समायोजन करने पड़ते हैं?
- प्रश्न- प्रारंभिक वयस्कतावस्था में सामाजिक विकास की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- उत्तर व्यस्कावस्था में कौन-कौन से परिवर्तन होते हैं तथा इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप कौन-कौन सी रुकावटें आती हैं?
- प्रश्न- वृद्धावस्था से क्या आशय है? संक्षेप में लिखिए।
- प्रश्न- वृद्धावस्था में संज्ञानात्मक सामर्थ्य एवं बौद्धिक पक्ष पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पूर्व प्रौढ़ावस्था की प्रमुख विशेषताओं के बारे में लिखिये।
- प्रश्न- युवा प्रौढ़ावस्था शब्द को परिभाषित कीजिए। माता-पिता के रूप में युवा प्रौढ़ों के उत्तरदायित्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वृद्धावस्था में रचनात्मक समायोजन पर टिप्पणी लिखिए?
- प्रश्न- उत्तर वयस्कावस्था (50-60 वर्ष) में हृदय रोग की समस्याओं का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- वृद्धावस्था में समायोजन को प्रभावित करने वाले कारकों को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- उत्तर-वयस्कावस्था में स्वास्थ्य पर टिप्पणी लिखिए।