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बीए सेमेस्टर-3 गृहविज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2644
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-3 गृहविज्ञान

प्रश्न- भाषा विकास के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।

उत्तर -

भाषा के विकास पर अनेक कारकों का प्रभाव पड़ता है, उनमें से कुछ प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं-

1. मानसिक योग्यता (Mental Ability) - अनेक अध्ययनों से ज्ञात हुआ है कि भाषा विकास पर बुद्धि का प्रभाव पड़ता है। मीड (Mead, 1913) के अनुसार औसत मानसिक योग्यता के बच्चों में वाणी प्रदर्शन 15-18 महीने में तथा बन्द बुद्धि बच्चों में 34-44 महीने में होता है। टर्मन (Terman, 1925) का कहना है कि प्रतिभाशाली बच्चों में प्रथम शब्द 11 माह में स्फुटित होता है। तथा प्रतिभाशाली बालिकाओं में यह 10 माह में ही होता है। इरविन (Erwin, 1942) ने भी अपने अध्ययनों में इस कथन की पुष्टि की। अतः स्पष्ट है कि भाषा विकास तथा मानसिक योग्यता के मध्य घनिष्ठ सम्बन्ध है।

2. सामाजिक परिवेश (Social Environment) - बच्चों में भाषा विकास तथा सामाजिक परिवेश के सम्बन्ध को ज्ञात करने के लिए जो अध्ययन हुए हैं, उनसे यह निष्कर्ष निकलता है कि निम्न सामाजिक स्तर के बच्चों में भाषा विकास विलम्ब से होता है जबकि उच्च सामाजिक आर्थिक स्तर के बच्चों में भाषा विकास शीघ्र होता है। इस सम्बन्ध में डे (Day, 1932): वान एलस्टाइन (Van Alstyne, 1921) तथा डेविस ( Davis, 1937) के अध्ययन प्रमुख हैं। स्कील्स (1932) आदि ने अनाथ बच्चों में भाषा का अत्यधिक ह्रास पाया।

3. शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health) - भाषा विकास पर बच्चों के स्वास्थ्य का भी प्रभाव पड़ता है। ऐसे बच्चे जो प्रायः बीमार पड़ते हैं, उनमें भाषा का विकास समुचित रूप से नहीं हो पाता है। बीमारी के कारण बच्चे अन्य लोगों के सम्पर्क में नहीं आ पाते हैं और भाषा विकास की प्रक्रिया अवरुद्ध हो जाती है। इस सम्बन्ध में स्मिथ ( Smith, 1930) के अध्ययन अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं।

4. नकारवृत्ति (Negatism ) - कभी-कभी यह देखा गया है कि जब बच्चे बोलना नहीं चाहते हैं या पढ़ाया जाना और उच्चारण सिखाया जाना नहीं सीखना चाहते हैं. ऐसी स्थिति में यदि उन पर दबाव डाला जाता है या जबरन सिखाने का प्रयास किया जाता है तो प्रतिरोध प्रकट करते हैं और कुछ भी वार्ता करने या उच्चारण करने से इन्कार कर देते हैं। इसे बच्चों की नकारवृत्ति कहते हैं। इस प्रकार की आदत से भाषा के अधिगम की प्रक्रिया अवरुद्ध होती है।

5. बहरापन (Deafness) - जिन बच्चों के बहरेपन की समस्या होती है या जो कठिनाई से सुन पाते हैं उनमें भाषा विकास विलम्बित हो जाता है। उनमें उच्चारण क्षमता का स्तर निम्न होता है। शब्द भण्डार भी बहुत सीमित होता है। चूंकि भाषा विकास या वाणी विकास में अनुकरण का विशेष महत्व होता है अतः श्रवण सम्बन्धी कठिनाई के कारण उच्चारणों या ध्वनियों का सुन पाना कठिन होता है और इसका वाणी विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

6. लैंगिक भिन्नता (Sexual Difference) - वाणी विकास, उच्चारण तथा शब्द भण्डार पर लैंगिक भिन्नता का भी प्रभाव पड़ता है। इरविन एवं चेन (Irwin and Chen, 1946) ने एक अध्ययन में पाया गया कि प्रथम वर्ष में बालकों एवं बालिकाओं को ध्वनियों में कोई अन्तर नहीं था, परन्तु दूसरे वर्ष तथा उसके बाद बालिकाओं ने बालकों की अपेक्षा अधिक दक्षता का प्रदर्शन किया। इस सम्बन्ध में मीड (Mead, 1413 मैक्कार्थी (Maccarthy, 1930) आदि के अध्ययन भी इस प्रकार के परिणामों की पुष्टि करते हैं।

7. बहुजन्म (Multiple Birth) - कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि यदि एक साथ एक से अधिक सन्तानों का जन्म हुआ है तो उनमें भाषा का विकास विलम्ब से होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वे परस्पर एक-दूसरे का अनुकरण करते हैं और उन्हें अनुकरण के लिए उपयुक्त प्रतिमान ( मॉडल) नहीं मिल पाता है। इसके विपरीत यदि एक बार में एक ही सन्तान उत्पन्न होती है तो उनमें भाषा का विकास समय से ही आरम्भ हो जाता है। इस सम्बन्ध में डेविस (Davis, 1937) तथा होवर्ड (Howard, 1946) आदि के द्वारा किये गये अध्ययन अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं।

8. द्विभाषा वाद (Bilingualism) - बच्चों की वाणी या भाषा विकास पर इसका भी प्रभाव पड़ता है कि वे एक साथ कितनी भाषायें सीख रहे हैं। यदि मातृभाषा के अतिरिक्त कोई अन्य विदेशी भाषा भी बच्चों को सिखाई जाती है तो इसका उनकी उच्चारण क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बच्चों को भ्रम हो जाता है और भाषा विकास की प्रक्रिया प्रभावित होती है। उदाहरणार्थ, यदि बच्चों को हिन्दी एवं अंग्रेजी साथ-साथ सिखाई जाती है तो दोनों में ही संतोषजनक परिणाम प्राप्त नहीं होते हैं। स्मिथ (Smith, 1939) ने अपने अध्ययनों में पाया है कि दो भाषाओं का एक साथ अध्ययन करने पर दोनों ही भाषाओं में त्रुटियाँ बढ़ती हैं।

9. परिपक्वता एवं अधिगम (Maturity and Learning ) - भाषा विकास के लिए परिपक्वता एवं अधिगम अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। आवश्यक परिपक्वता के अभाव में भाषा का प्रशिक्षण देने पर भी अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं होते हैं और बच्चों में नकारात्मक प्रवृत्ति विकसित होने का भय रहता है। हरलॉक (Hurlock, 1950) का मानना है कि भाषा का प्रशिक्षण देते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों में आवश्यक परिपक्वता आ चुकी है। इसी प्रकार अधिगम के अनुकूल वातावरण भी उत्पन्न करना आवश्यक है अन्यथा बच्चों की भाषा के विकास में ह्रास होता है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझती हैं? आहार आयोजन का महत्व बताइए।
  2. प्रश्न- आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
  3. प्रश्न- आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिए।
  4. प्रश्न- एक खिलाड़ी के लिए एक दिन के पौष्टिक तत्वों की माँग बताइए व आहार आयोजन कीजिए।
  5. प्रश्न- एक दस वर्षीय बालक के पौष्टिक तत्वों की मांग बताइए व उसके स्कूल के लिए उपयुक्त टिफिन का आहार आयोजन कीजिए।
  6. प्रश्न- "आहार आयोजन करते हुए आहार में विभिन्नता का भी ध्यान रखना चाहिए। इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
  7. प्रश्न- आहार आयोजन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  8. प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं के अनुसार एक किशोरी को ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
  9. प्रश्न- सन्तुलित आहार क्या है? सन्तुलित आहार आयोजित करते समय किन-किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
  10. प्रश्न- आहार द्वारा कुपोषण की दशा में प्रबन्ध कैसे करेंगी?
  11. प्रश्न- वृद्धावस्था में आहार को अति संक्षेप में समझाइए।
  12. प्रश्न- आहार में मेवों का क्या महत्व है?
  13. प्रश्न- सन्तुलित आहार से आप क्या समझती हैं? इसके उद्देश्य बताइये।
  14. प्रश्न- वर्जित आहार पर टिप्पणी लिखिए।
  15. प्रश्न- शैशवावस्था में पोषण पर एक निबन्ध लिखिए।
  16. प्रश्न- शिशु के लिए स्तनपान का क्या महत्व है?
  17. प्रश्न- शिशु के सम्पूरक आहार पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  18. प्रश्न- किन परिस्थितियों में माँ को अपना दूध बच्चे को नहीं पिलाना चाहिए?
  19. प्रश्न- फार्मूला फीडिंग आयोजन पर एक लेख लिखिए।
  20. प्रश्न- 1-5 वर्ष के बालकों के शारीरिक विकास का वर्णन करते हुए उनके लिए आवश्यक पौष्टिक आहार की विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- 6 से 12 वर्ष के बालकों की शारीरिक विशेषताओं का वर्णन करते हुए उनके लिए आवश्यक पौष्टिक आहार की विवेचना कीजिए।
  22. प्रश्न- विभिन्न आयु वर्गों एवं अवस्थाओं के लिए निर्धारित आहार की मात्रा की सूचियाँ बनाइए।
  23. प्रश्न- एक किशोर लड़की के लिए पोषक तत्वों की माँग बताइए।
  24. प्रश्न- एक किशोरी का एक दिन का आहार आयोजन कीजिए तथा आहार तालिका बनाइये।
  25. प्रश्न- एक सुपोषित बच्चे के लक्षण बताइए।
  26. प्रश्न- वयस्क व्यक्तियों की पोषण सम्बन्धी आवश्यकताओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  27. प्रश्न- वृद्धावस्था की प्रमुख पोषण सम्बन्धी आवश्यकताएँ कौन-कौन-सी हैं?
  28. प्रश्न- एक वृद्ध के लिए आहार योजना बनाते समय आप किन बातों को ध्यान में रखेंगी?
  29. प्रश्न- वृद्धों के लिए कौन से आहार सम्बन्धी परिवर्तन करने की आवश्यकता होती है? वृद्धावस्था के लिए एक सन्तुलित आहार तालिका बनाइए।
  30. प्रश्न- गर्भावस्था में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व आवश्यक होते हैं? समझाइए।
  31. प्रश्न- स्तनपान कराने वाली महिला के आहार में कौन से पौष्टिक तत्वों को विशेष रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
  32. प्रश्न- एक गर्भवती स्त्री के लिए एक दिन का आहार आयोजन करते समय आप किन किन बातों का ध्यान रखेंगी?
  33. प्रश्न- एक धात्री स्त्री का आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
  34. प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था क्या है? इसकी विशेषतायें बताइये।
  35. प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था का क्या अर्थ है? मध्यावस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
  36. प्रश्न- शारीरिक विकास का क्या तात्पर्य है? शारीरिक विकास को प्रभावित करने वाले करकों को समझाइये।
  37. प्रश्न- क्रियात्मक विकास का क्या अर्थ है? क्रियात्मक विकास को परिभाषित कीजिए एवं मध्य बाल्यावस्था में होने वाले क्रियात्मक विकास को समझाइये।
  38. प्रश्न- क्रियात्मक कौशलों के विकास का वर्णन करते हुए शारीरिक कौशलों के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- सामाजिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामाजिक विकास के लिए किन मानदण्डों की आवश्यकता होती है? सामाजिक विकास की विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- समाजीकरण को परिभाषित कीजिए।
  41. प्रश्न- सामाजिक विकास को प्रभावित करने वाले तत्वों की विस्तारपूर्वक चर्चा कीजिए।
  42. प्रश्न- बालक के सामाजिक विकास के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- समाजीकरण से आप क्या समझती हैं? इसकी प्रक्रियाओं की व्याख्या कीजिए।
  44. प्रश्न- सामाजिक विकास से क्या तात्पर्य है? इनकी विशेषताओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- उत्तर बाल्यावस्था में सामाजिक विकास का क्या तात्पर्य है? उत्तर बाल्यावस्था की सामाजिक विकास की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  46. प्रश्न- संवेग का क्या अर्थ है? उत्तर बाल्यावस्था में संवेगात्मक विकास का वर्णन कीजिए।
  47. प्रश्न- संवेगात्मक विकास की विशेषताएँ लिखिए एवं बालकों के संवेगों का क्या महत्व है?
  48. प्रश्न- बालकों के संवेग कितने प्रकार के होते हैं? बालक तथा प्रौढों के संवेगों में अन्तर बताइये।
  49. प्रश्न- संवेगात्मक विकास को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
  50. प्रश्न- बच्चों के भय के क्या कारण हैं? भय के निवारण एवं नियन्त्रण के उपाय लिखिए।
  51. प्रश्न- संज्ञान का अर्थ एवं परिभाषा लिखिए। संज्ञान के तत्व एवं संज्ञान की विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- संज्ञानात्मक विकास से क्या तात्पर्य है? इसे प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
  53. प्रश्न- भाषा से आप क्या समझते हैं? वाणी एवं भाषा का क्या सम्बन्ध है? मानव जीवन के लिए भाषा का क्या महत्व है?
  54. प्रश्न- भाषा- विकास की विभिन्न अवस्थाओं का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- भाषा-विकास से आप क्या समझती? भाषा-विकास पर प्रभाव डालने वाले कारक लिखिए।
  56. प्रश्न- बच्चों में पाये जाने वाले भाषा सम्बन्धी दोष तथा उन्हें दूर करने के उपाय बताइए।
  57. प्रश्न- भाषा से आप क्या समझती हैं? भाषा के मापदण्ड की चर्चा कीजिए।
  58. प्रश्न- भाषा से आप क्या समझती हैं? बालक के भाषा विकास के प्रमुख स्तरों की व्याख्या कीजिए।
  59. प्रश्न- भाषा के दोष के प्रकारों, कारणों एवं दूर करने के उपाय लिखिए।
  60. प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था में भाषा विकास का वर्णन कीजिए।
  61. प्रश्न- सामाजिक बुद्धि का आशय स्पष्ट कीजिए।
  62. प्रश्न- 'सामाजीकरण की प्राथमिक प्रक्रियाएँ' पर टिप्पणी लिखिए।
  63. प्रश्न- बच्चों में भय पर टिप्पणी कीजिए।
  64. प्रश्न- बाह्य शारीरिक परिवर्तन, संवेगात्मक अवस्थाओं को समझाइए।
  65. प्रश्न- संवेगात्मक अवस्था में होने वाले परिवर्तन क्या हैं?
  66. प्रश्न- संवेगों को नियन्त्रित करने की विधियाँ बताइए।
  67. प्रश्न- क्रोध एवं ईर्ष्या में अन्तर बताइये।
  68. प्रश्न- बालकों में धनात्मक तथा ऋणात्मक संवेग पर टिप्पणी लिखिए।
  69. प्रश्न- भाषा विकास के अधिगम विकास का वर्णन कीजिए।
  70. प्रश्न- भाषा विकास के मनोभाषिक सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- बालक के हकलाने के कारणों को बताएँ।
  72. प्रश्न- भाषा विकास के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- भाषा दोष पर टिप्पणी लिखिए।
  74. प्रश्न- भाषा विकास के महत्व को समझाइये।
  75. प्रश्न- वयः सन्धि का क्या अर्थ है? वयः सन्धि अवस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
  76. प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए - (a) वयःसन्धि में लड़के लड़कियों में यौन सम्बन्धी परिपक्वता (b) वयःसन्धि में लैंगिक क्रिया-कलाप (e) वयःसन्धि में नशीले पदार्थों का उपयोग एवं दुरूपयोग (d) वय: सन्धि में आहार सम्बन्धी आवश्यकताएँ।
  77. प्रश्न- यौन संचारित रोग किसे कहते हैं? भारत के प्रमुख यौन संचारित रोग कौन-कौन से हैं? वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- एच. आई. वी. वायरस क्या है? इससे होने वाला रोग, कारण, लक्षण एवं बचाव बताइये।
  79. प्रश्न- ड्रग और एल्कोहल एब्यूज डिसआर्डर क्या है? विस्तार से समझाइये।
  80. प्रश्न- किशोर गर्भावस्था क्या है? किशोर गर्भावस्था के कारण, लक्षण, किशोर गर्भावस्था से बचने के उपाय बताइये।
  81. प्रश्न- युवाओं में नशीले पदार्थ के सेवन की समस्या क्यों बढ़ रही है? इस आदत को कैसे रोका जा सकता है?
  82. प्रश्न- किशोरावस्था में संज्ञानात्मक विकास, भाषा विकास एवं नैतिक विकास का वर्णन कीजिए।
  83. प्रश्न- सृजनात्मकता का क्या अर्थ है? सृजनात्मकता की परिभाषा लिखिए। किशोरावस्था में सृजनात्मक विकास कैसे होता है? समझाइये।
  84. प्रश्न- किशोरावस्था की परिभाषा देते हुये उसकी अवस्थाएँ लिखिए।
  85. प्रश्न- किशोरावस्था की विशेषताओं को विस्तार से समझाइये।
  86. प्रश्न- किशोरावस्था में यौन शिक्षा पर एक निबन्ध लिखिये।
  87. प्रश्न- किशोरावस्था की प्रमुख समस्याओं पर प्रकाश डालिये।
  88. प्रश्न- किशोरावस्था क्या है? किशोरावस्था में विकास के लक्षण स्पष्ट कीजिए।
  89. प्रश्न- किशोरावस्था को तनाव या तूफान की अवस्था क्यों कहा गया है?
  90. प्रश्न- प्रारम्भिक वयस्कावस्था में 'आत्म प्रेम' (Auto Emoticism ) को स्पष्ट कीजिए।
  91. प्रश्न- किशोरावस्था से क्या आशय है?
  92. प्रश्न- किशोरावस्था में परिवर्तन से सम्बन्धित सिद्धान्त कौन से हैं?
  93. प्रश्न- किशोरावस्था की प्रमुख सामाजिक समस्याएँ लिखिए।
  94. प्रश्न- आत्म की मुख्य विशेषताएँ लिखिए।
  95. प्रश्न- शारीरिक छवि की परिभाषा लिखिए।
  96. प्रश्न- प्राथमिक सेक्स की विशेषताएँ लिखिए।
  97. प्रश्न- किशोरावस्था के बौद्धिक विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  98. प्रश्न- सृजनात्मकता और बुद्धि में क्या सम्बन्ध है?
  99. प्रश्न- प्रौढ़ावस्था से आप क्या समझते हैं? प्रौढ़ावस्था में विकासात्मक कार्यों का वर्णन कीजिए।
  100. प्रश्न- प्रारंभिक वयस्कावस्था के मानसिक लक्षणों पर प्रकाश डालिये।
  101. प्रश्न- वैवाहिक समायोजन से क्या तात्पर्य है? विवाह के पश्चात् स्त्री एवं पुरुष को कौन-कौन से मुख्य समायोजन करने पड़ते हैं?
  102. प्रश्न- प्रारंभिक वयस्कतावस्था में सामाजिक विकास की विवेचना कीजिए।
  103. प्रश्न- उत्तर व्यस्कावस्था में कौन-कौन से परिवर्तन होते हैं तथा इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप कौन-कौन सी रुकावटें आती हैं?
  104. प्रश्न- वृद्धावस्था से क्या आशय है? संक्षेप में लिखिए।
  105. प्रश्न- वृद्धावस्था में संज्ञानात्मक सामर्थ्य एवं बौद्धिक पक्ष पर प्रकाश डालिए।
  106. प्रश्न- पूर्व प्रौढ़ावस्था की प्रमुख विशेषताओं के बारे में लिखिये।
  107. प्रश्न- युवा प्रौढ़ावस्था शब्द को परिभाषित कीजिए। माता-पिता के रूप में युवा प्रौढ़ों के उत्तरदायित्वों का वर्णन कीजिए।
  108. प्रश्न- वृद्धावस्था में रचनात्मक समायोजन पर टिप्पणी लिखिए?
  109. प्रश्न- उत्तर वयस्कावस्था (50-60 वर्ष) में हृदय रोग की समस्याओं का विवेचन कीजिए।
  110. प्रश्न- वृद्धावस्था में समायोजन को प्रभावित करने वाले कारकों को विस्तार से समझाइए।
  111. प्रश्न- उत्तर-वयस्कावस्था में स्वास्थ्य पर टिप्पणी लिखिए।

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