बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 इतिहास बीए सेमेस्टर-3 इतिहाससरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 इतिहास
प्रश्न- प्रथम आंग्ल मराठा युद्ध के कारणों एवं परिणामों की विवेचना कीजिए।
सम्बन्धित लघु प्रश्न
प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध के क्या कारण थे?
उत्तर -
प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध का प्रमुख कारण मराठों के आपसी झगड़े तथा अंग्रेजों की महत्वाकांक्षाएँ थीं। मुगल साम्राज्य के अवशेषों पर भारत में जिन राजनीतिक शक्तियों का उदय हुआ उनमें मराठे सबसे प्रमुख शक्ति के रूप में उभरे। जो शक्ति भारत में प्रमुख स्थान प्राप्त कर रही थी, उसका अंग्रेजों से संघर्ष होना स्वाभाविक था।
कम्पनी सदैव इस बात का ध्यान रखने लगी कि वह ऐसा कोई कार्य न करे, जिससे मराठों के साथ संघर्ष करना पड़े। फिर भी कम्पनी अपनी नीतियों को कार्यान्वित करने का प्रयास करती रही। 1758 ई. में अंग्रेजों व मराठों के बीच एक समझौता हुआ, जिसके अनुसार अंग्रेजों ने मराठों से 10 गाँव प्राप्त किये तथा मराठा क्षेत्र में कुछ व्यापारिक सुविधाएँ भी प्राप्त की। 1759 ई. में ब्रिटिश अधिकारी प्राइप व थामस वॉटसन पूना गये। इन दोनों का उद्देश्य मराठों से सालसेट व बसीन प्राप्त करना था। इस बार भी सालसेट व बसीन के सम्बन्ध में कोई समझौता नहीं हो सका। क्योंकि पेशवा माधवराव, मैसूर के शासक हैदरअली के विरुद्ध अंग्रेजों की सहायता चाहता था, किन्तु कम्पनी ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। फिर भी मॉटसन ने पेशवा को आश्वासन दिया कि कम्पनी मराठों से कभी युद्ध नहीं करेगी और यदि कोई तीसरी शक्ति मराठों से युद्ध करती है तो कम्पनी मराठों के विरुद्ध सहायता नहीं देगी।
18 नवम्बर, 1772 ई. को पेशवा माधवराव की निःसन्तान मृत्यु हो गयी। अतः उसका भाई नारायण राव पेशवा की मनसब पर बैठा। परन्तु उसका चाचा राघोबा पेशवा बनना चाहता था अतः राघोबा मैं अपनी पत्नी आनंदीबाई के सहयोग से 13 अगस्त 1773 को नारायण राव की हत्या कर दी और अपने आपको पेशवा घोषित कर दिया। परन्तु मराठों में एक ऐसा व्यक्ति भी था, जिसके नेतृत्व में मराठा सरदारों ने उसका विरोध किया। वह व्यक्ति था बाला जी जनार्दन जो नाना फडनवीस के नाम से प्रसिद्ध था। नाना फड़नवीस के नेतृत्व में मराठों ने बाराबाई संसद का निर्माण किया और शासन प्रबन्ध अपने हाथ में ले लिया। किन्तु उनके सामने समस्या यह थीं कि पेशवा किसे बनाया जाये। जिस समय नारायण राव की मृत्यु हुई थी, उस समय उसकी पत्नी गंगाबाई गर्भवती थी। 18 अप्रैल, 1774 ई. को उसने एक बालक को जन्म दिया, जिसका नाम माधवराव II रखा गया। बाराबाई संसद ने माधवराव II को पेशवा घोषित कर दिया तथा नाना फड़नवीस को उसका संरक्षक नियुक्त किया। बाराबाई संसद ने राघोबा को गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया। इस पर राधोबा ने दिसम्बर 1774 ई. में थाणा पर आक्रमण कर दिया, किन्तु वह पराजित हुआ।
सूरत की सन्धि राघोबा बम्बई में कौंसिल के अध्यक्ष हॉर्नबाई से मिलता है उसके बाद कम्पनी की बम्बई शाखा और राधोबा के बीच 6 मार्च, 1775 को सन्धि हो गई, जिसे सूरत की सन्धि कहते हैं। इस सन्धि की शर्तें निम्न हैं-
(I) राघोबा ने अंग्रेजों को बम्बई के समीप स्थित सालसेट द्वीप, थाणा, जंबूसर का प्रदेश तथा बसीन को देने का वचन दिया।
(II) अंग्रेज राघोबा को पेशवा बनाने में मदद करेंगे।
(III) सूरत की सन्धि के अनुसार बम्बई सरकार राधोबा से 1,50,000 रुपये मासिक खर्च लेकर उसे 2500 सैनिकों की सहायता देगी।
(IV) अपनी सुरक्षा के बदले राधोबा कम्पनी की बम्बई शाखा को छः लाख रुपये देगा।
(V) यदि राघोबा पूना से कोई शान्ति समझौता करेगा तो उसमें अंग्रेजों को भी शामिल करेगा। कम्पनी की बम्बई शाखा ने यह सन्धि गवर्नर जनरल के बिना पूछे की थी तथा रेग्यूलेटिंग एक्ट के द्वारा कम्पनी की बम्बई शाखा इसके लिए अधिकृत नहीं थी। सन्धि के बाद हार्नबाई ने केवल पत्र लिखकर इसकी सूचना गवर्नर जनरल को भेज दी। इस सन्धि के कारण ही अंग्रेज व मराठों के संघर्षों का सूत्रपात हुआ तथा मॉटसन ने मराठों को जो आश्वासन दिया था, उसे इस सन्धि के द्वारा तोड़ दिया गया। राधोबा ने अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के कारण सम्पूर्ण मराठा जाति की प्रतिष्ठा का बलिदान कर दिया।
प्रथम आंग्ल-मराठा संघर्ष सूरत की सन्धि के बाद बम्बई सरकार ने राघोबा की सहायता हेतु एक सेना भेजी। अंग्रेजी सेनाएँ पूना की ओर बढ़ी। 18 मई, 1775 को अंग्रेजों व मराठों के बीच अरास नामक स्थान पर युद्ध हुआ, जिसमें मराठे पराजित हुए अंग्रेजों ने सालसेट पर अधिकार कर लिया किन्तु इसी समय बंगाल कौंसिल ने हस्तक्षेप किया, क्योंकि बम्बई सरकार ने यह समझौता बिना बंगाल कौंसिल की स्वीकृति से किया था। बंगाल कौंसिल ने सूरत की सन्धि को अस्वीकार कर युद्ध बन्द करने का आदेश दिया, क्योंकि यह सन्धि राघोबा द्वारा हस्ताक्षरित है और अब वह पेशवा नहीं है। सूरत सन्धि से कम्पनी को अनावश्यक युद्ध में भाग लेना पड़ा है। मराठा शक्ति से अंग्रेजों की कोई क्षति नहीं हुई अतः उनके आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई औचित्य नहीं है। यह सन्धि रेग्यूलेटिंग एक्ट के विरुद्ध थी। बंगाल कौंसिल ने युद्ध बन्द करने का आदेश दिया था, फिर भी युद्ध बन्द नहीं हुआ तब बंगाल कौंसिल ने कर्नल अप्टन को मराठों से बातचीत करने पूना भेजा। अप्टन के पूना पहुँचने पर युद्ध बन्द हो गया। पूना में अप्टन और मराठों के बीच मतभेद उत्पन्न हो गये, क्योंकि अप्टन ने राधोबा को सौंपने से इन्कार कर दिया तथा वह सालसेट और बसीन पर अधिकार बनाये रखना चाहता था अतः वार्ता असफल हुई और युद्ध पुनः शुरू हो गया। मराठों ने बड़ी वीरता से प्रदर्शन किया किन्तु दुर्भाग्य से पेशवा का विद्रोही मराठा सरदार सदाशिव एक- दूसरे मोर्चे पर मराठों के विरुद्ध आ धमका। मराठे दो मोर्चों पर युद्ध नहीं कर सके और उन्होंने अंग्रेजों से 1 मार्च 1776 को पुरन्दर की सन्धि कर ली।
पुरन्दर की सन्धि (1776) ई.
इस सन्धि की प्रमुख बातें इस प्रकार हैं-
• कलकत्ता कौंसिल द्वारा सूरत सन्धि का विरोध।
• 1 मार्च, 1776 को पुरन्दर की सन्धि मराठों तथा कलकत्ता कौसिल युद्ध बन्द, रघुनाथ राव की सेना भंग, पेन्शन देकर गुजरात राजनीति से अलग होना। 12 लाख क्षतिपूर्ति अंग्रेजों को सालसेट अंग्रेजों को।
• बम्बई की सरकार सूरत की सन्धि की मान्यता और राधोबा की सहायता जारी।
• नाना फडनवीस का फ्रांसीसियों से सम्बन्ध, अमेरिकी स्वतन्त्रता संग्राम के कारण अंग्रेज- फ्रांसीसी दुश्मन, सम्बन्ध अंग्रेजों के लिये घातक होना फलस्वरूप बम्बई कौंसिल और मराठों की सेना में संघर्ष, अंग्रेज पराजित फलतः बड़गाँव की सन्धि (1779), राधोबा का पक्ष लेना बन्द, पुरन्दर की सन्धि समाप्त। वारेन हेस्टिंग्स ने युद्ध जारी रखने का फैसला लिया। अनेक स्थानों पर संघर्ष हुए जिसमें मराठे पराजित हुए।
सालबाई की सन्धि (1782) ई.
इस सन्धि के प्रमुख बिन्दु इस प्रकार हैं-
• इस सन्धि के तहत प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध समाप्त हुआ। विजित क्षेत्रों से अपने-अपने अधिकार वापस।
• सालसेट और एलीफैंटा अंग्रेजों के पास, राधोबा का पक्ष लेना बन्द। माधवराव को पेशवा बनाया गया, राधोबा को मात्र पेन्शन दी गई।
• इससे अंग्रेजों को मैसूर पर दबाव डालने की क्षमता प्रदान की, मराठों ने हैदरअली के खिलाफ सहायता का आश्वासन दिया। अंग्रेज भारतीय शक्तियों में फूट डालने में सफल रहे। दोनों पक्षों को अस्थायी शान्ति प्राप्त हुई, जो 20 वर्षों तक रही।
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- प्रश्न- भारत में सर्वप्रथम प्रवेश करने वाले विदेशी व्यापारी कौन थे? विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में डच शक्ति के आगमन को समझाते हुए डचों के पुर्तगालियों व अंग्रेजों से हुए संघर्षो पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत में पुर्तगालियों के पतन के कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- फ्रांसीसियों के भारत आगमन एवं भारत में फ्रांसीसी शक्ति के विस्तार को समझाइए।
- प्रश्न- यूरोपीय डच कम्पनी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अंग्रेजों का भारत में किस प्रकार प्रवेश हुआ संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- यूरोपीय फ्रांसीसी कंपनी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- पुर्तगालियों की सफलता के कारण बताइये।
- प्रश्न- पुर्तगालियों के असफलता के कारण बताइये।
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- प्रश्न- "अपनी अन्तिम असफलता के बावजूद भी डूप्ले भारतीय इतिहास का एक प्रतिभावान एवं तेजस्वी व्यक्तित्व है।" क्या आप प्रो. पी. ई. राबर्ट्स के डूप्ले की उपलब्धियों के सम्बन्ध में इस कथन से सहमत हैं?
- प्रश्न- भारत में अंग्रेजों की सफलता के क्या कारण थे?.
- प्रश्न- ईस्ट इंडिया कम्पनी के अधीन भारत में हुए सामाजिक और आर्थिक अभावों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अंग्रेजी कम्पनी के अधीन भारत में सामाजिक एवं धार्मिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- "भारत में फ्राँसीसियों की असफलता का कारण डूप्ले था।' इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत में साम्राज्य स्थापित करने में अंग्रेजों की सफलता के कारण बताइये।
- प्रश्न- प्लासी के युद्ध के कारण व परिणामों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- बक्सर के युद्ध के कारण व परिणामों की विवेचना कीजिए।
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- प्रश्न- द्वितीय कर्नाटक युद्ध के कारणों और परिणामों की व्याख्या कीजिए।
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- प्रश्न- क्लाइव द्वारा बंगाल में द्वैध शासन की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- भारत में लार्ड क्लाइव के कार्यों का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये।
- प्रश्न- "प्रथम अफगान युद्ध भारत के इतिहास में अंग्रेजों की सबसे गम्भीर भूल थी।' समीक्षात्मक मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में आंग्ल- फ्रांसीसी संघर्ष क्या था? इसके महत्त्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- द्वैध शासन व्यवस्था के गुण एवं दोषों की विवेचना कीजिए।
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- प्रश्न- बंगाल के द्वैध शासन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- द्वैध शासन की असफलता के क्या कारण थे?
- प्रश्न- कालकोठरी की दुर्घटना क्या थी?
- प्रश्न- नवाब सिराजुद्दौला के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत में डच शक्ति के उत्थान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बक्सर का युद्ध (1764) तथा उसके महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लॉर्ड क्लाइव द्वारा किये गये सुधारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 'क्लाइव भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक था। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- इलाहाबाद की सन्धि की प्रमुख शर्तें क्या थीं?
- प्रश्न- प्लासी युद्ध के महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अलीनगर की सन्धि (सन् 1757 ई.) बताइये।
- प्रश्न- सिराजुद्दौला के विरुद्ध अंग्रेजों के मीर जाफर के साथ षड्यंत्र को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्लासी के युद्ध (सन् 1757 ई.) के परिणाम बताइये।
- प्रश्न- राबर्ट क्लाइव के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- बक्सर के युद्ध का महत्त्व बताइये।
- प्रश्न- बंगाल में द्वैध शासन का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- कालकोठरी की दुर्घटना क्या थी?
- प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के सुधारों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वॉरेन हेस्टिंग्ज के अधीन विदेशी सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- 1773 के रेग्युलेटिंग ऐक्ट के गुण-दोष क्या थे?
- प्रश्न- हैदर अली के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रथम आंग्ल मराठा युद्ध के कारणों एवं परिणामों की विवेचना कीजिए।
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- प्रश्न- मराठों के पतन के क्या कारण थे?
- प्रश्न- पानीपत के युद्ध की प्रमुख घटनाएँ क्या थीं?
- प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के समय अवध की बेगमों का क्या मामला था?
- प्रश्न- लार्ड कॉर्नवालिस के सुधारों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- बंगाल की स्थायी भूमि कर व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कार्नवालिस ने वॉरेन हेस्टिंग्ज का कार्य पूर्ण किया। विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- तृतीय मैसूर युद्ध के क्या कारण थे?
- प्रश्न- भूमि कर नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- एक साम्राज्य निर्माता के रूप में वेलेजली की भूमिका का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- टीपू और वेलेजली के मध्य चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध की कारणों सहित व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- लार्ड वेलेजली की सहायक सन्धि प्रणाली को समझाते हुए उसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वेलेजली तथा फ्रांसीसियों के बीच सम्बन्धों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- टीपू सुल्तान की पराजय के कारण बताइए।
- प्रश्न- वेलेजली के अधीन अंग्रेजी साम्राज्य के विस्तार एवं कंपनी के प्रदेश की सीमाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- लार्ड वेलेजली के आगमन के समय भारत की राजनीतिक स्थितियाँ क्या थीं?
- प्रश्न- वेलेजली की सहायक सन्धि की शर्तें क्या थीं?
- प्रश्न- वेलेजली के अवध के साथ सम्बन्ध पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वेलेजली की उपलब्धियों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- ठगी को समाप्त करने के लिए लार्ड विलियम बैंटिक ने कहां तक सफलता प्राप्त की?
- प्रश्न- ब्रिटिश कम्पनी की भारत में आर्थिक एवं शैक्षिक नीति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लॉर्ड विलियम बेंटिक के प्रशासनिक एवं सामाजिक सुधारों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- लार्ड विलियम बैंटिक ने सती प्रथा तथा अन्य क्रूर प्रथाओं को बन्द करने की क्या नीति अपनाई? संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विलियम बैंटिक के समाचार पत्रों के प्रति उदार नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विलियम बैंटिक के द्वारा नैतिक तथा बौद्धिक विकास के लिए किये गये शैक्षणिक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बैंटिक के वित्तीय तथा न्यायिक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- लार्ड विलियम बैंटिक के प्रशासनिक एवं न्यायिक सुधारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ब्रिटिश भारत में स्त्रियों की स्थिति का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत पर ब्रिटिश शासन के सामाजिक प्रभाव का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- अंग्रेजों द्वारा पारित सामाजिक कानून पर निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- 1833 के चार्टर एक्ट पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- लार्ड डलहौजी की 'हड़पनीति से आप क्या समझते हैं? इस नीति से ब्रिटिश साम्राज्यवाद को कैसे प्रोत्साहन मिला?
- प्रश्न- - डलहौजी के द्वारा किए गए रचनात्मक कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लार्ड डलहौजी द्वारा विद्युत तार एवं डाक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- लार्ड डलहौजी द्वारा रेलवे विभाग में क्या सुधार किये गये?
- प्रश्न- लार्ड डलहौजी के प्रशासनिक एवं सैनिक सुधारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारत के आधुनिकीकरण में लार्ड डलहौजी का योगदान क्या था?
- प्रश्न- लार्ड डलहौजी को शिक्षा सम्बन्धी सुधारों में कहां तक सफलता प्राप्त हुई? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 1853 के चार्टर एक्ट पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- रणजीत सिंह का परिचय देते हुए अफगानों एवं अंग्रेजों के साथ सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
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- प्रश्न- रणजीत सिंह का डोंगरों और नेपालियों से सम्बन्ध को संक्षिप्त में समझाइये |
- प्रश्न- रणजीत सिंह के प्रशासन के अंतर्गत भूमिकर एवं न्याय प्रशासन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- रणजीत सिंह ने सैनिक प्रशासन में कहाँ तक सफलता प्राप्त की? संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिक्खों और अंग्रेजों के सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- हैदराबाद के एक राज्य के रूप में उदय की परिस्थितियों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- हैदराबाद अकस्मात ही विघटनकारी शक्तियों का शिकार हो गया था, विवेचनात्मक उत्तर दीजिये।
- प्रश्न- 1724-1802 तक की हैदराबाद की राजनीतिक गतिविधियों का अवलोकन कीजिये।
- प्रश्न- टीपू की शासन प्रणाली का सविस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मैसूर राज्य का विस्तृत अध्ययन कीजिए।
- प्रश्न- एंग्लो-मैसूर युद्धों का समीक्षात्मक अध्ययन कीजिये।
- प्रश्न- टीपू सुल्तान और मैसूर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- मैसूर व इतिहास लेखन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- 18वीं सदी में, मैसूर की स्थिति से संक्षिप्त रूप से परिचित कराइये।
- प्रश्न- 1399 ईस्वी से अठारहवीं सदी के मध्य मैसूर राज्य की स्थिति से अवगत कराइये।
- प्रश्न- स्थायी बंदोबस्त से क्या आशय है? लार्ड कार्नवालिस द्वारा स्थायी बंदोबस्त लागू करने के क्या कारण थे?
- प्रश्न- ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर भिन्न-भिन्न कर प्रणाली लगाने का क्या उद्देश्य रहा?
- प्रश्न- स्थायी बंदोबस्त ने किस प्रकार जमींदारी व्यवस्था को जन्म दिया?
- प्रश्न- भारतीय पुनर्जागरण के कारणों, परिणामों एवं विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 19वीं शताब्दी के प्रमुख सामाजिक-धार्मिक आन्दोलनों को बताइये।
- प्रश्न- क्या राजा राममोहन राय को 'आधुनिक भारत का पिता' कहना उचित है?
- प्रश्न- भारतीय सामाजिक तथा धार्मिक पुनर्जागरण में आर्य समाज की देनों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- ब्रह्म समाज के प्रमुख सिद्धान्तों व कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत के सामाजिक-धार्मिक पुनरुत्थान में स्वामी विवेकानन्द के योगदान का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- 19-20वीं सदी के जातिवाद विरोधी आंदोलनों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अहिंसा और सत्याग्रह पर गाँधी जी के विचारों का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- रामकृष्ण परमहंस पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- अछूतोद्धार हेतु भीमराव अम्बेडकर के किए गये कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक भारत में महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- एक शासक के रूप में अशोक के महत्व का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- अस्पृश्यता से आप क्या समझते हैं? इसकी समस्याओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय पुनर्जागरण का क्या अर्थ है?
- प्रश्न- ब्रह्म समाज से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- प्रार्थना समाज ने समाज सुधार की दिशा में क्या कार्य किए?
- प्रश्न- ईश्वर चन्द्र विद्यासागर के समाज सुधार में किए गए कार्यों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आर्य समाज की मुख्य शिक्षाएँ व समाज सुधार में किए गए योगदान का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- थियोसोफिकल सोसाइटी पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- स्वामी विवेकानन्द के सामाजिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में 19वीं सदी में हुए विभिन्न सुधारवादी आन्दोलनों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
- प्रश्न- अश्पृश्यता निवारण के लिए महात्मा गाँधी की सेवाओं का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- 20वीं सदी में हुए प्रमुख सामाजिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समाजवाद पर नेहरू के विचारों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक काल में जाति प्रथा पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय समाज पर पड़े दो पाश्चात्य प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- नाविक विद्रोह 1946 का महत्व स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- स्वदेशी विचार के विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- होमरूल से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- साम्प्रदायिक निर्णय 1932 ई. की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- दाण्डी यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- श्री अरविन्द घोष के जीवन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- रामकृष्ण मिशन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चैतन्य महाप्रभु पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- 'पुरुषार्थ आश्रमों के मनोनैतिक आधार हैं। टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- उन्नीसवीं सदीं में सामाजिक जागरण के क्या कारण थे?