लोगों की राय

बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 मनोविज्ञान

बीए सेमेस्टर-3 मनोविज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2647
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

बीए सेमेस्टर-3 मनोविज्ञान सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- प्रभावांकन के साधन की व्याख्या कीजिए तथा यह किस प्रकार व्यक्ति प्रत्यक्षीकरण में सहायक है? स्पष्ट कीजिए।

अथवा
प्रभावांकन के साधनों की उदाहरण की सहायता से व्याख्या कीजिए।

उत्तर -

व्यक्ति प्रत्यय आयु में वृद्धि के साथ-साथ धीरे-धीरे विकसित होते हैं। सम्भवतः आयु- वृद्धि के साथ-साथ अन्य व्यक्तियों के बारे में हमारा संज्ञान तथा सूझ-बूझ में वृद्धि होती है, जिससे दूसरों को समझने में आसानी भी होती है और उनके व्यवहार की प्रत्याशा करने की क्षमता भी। इन प्रत्ययों की प्रकार्यता के द्वारा अन्य व्यक्तियों को जानने और मूल्यांकित करने की, प्रक्रिया में सूचना के तीन मुख्य साधन निहित होते हैं.

1. परिस्थिति (The Situation)
2. उद्वीपक व्यक्ति या लक्ष्य व्यक्ति (The Stimulus or Target Person)
3. प्रेक्षक (The Observer)

1. परिस्थिति (The Situation ) - प्रेक्षक और परीक्षित व्यक्तियों की अन्तः क्रिया को परिप्रेक्ष्य प्रदान करने वाली परिस्थिति सूचना का एक प्रमुख साधन हैं। परिस्थिति के अनेक लक्षण इस विषय में महत्वपूर्ण होते हैं। सामाजिक संज्ञान में प्रत्येक अन्तः क्रिया का महत्वपूर्ण स्थान होता है। यह प्रायः एक प्रकार की भूमिका वर्ग होती है, जिसके साथ हम कुछ प्रत्याशाएँ सम्बद्ध कर लेते हैं। जैसे- सेल्समैन की भूमिका में व्यक्ति से यह प्रत्याशा की जाती है, वह बातचीत में नर्म, हँसमुख और सामान की बिक्री में ग्राहक को सहायता देगा।

परिस्थिति का एक और अभिप्राय भी है। परिस्थिति का वर्गीकरण इसके अन्तर्वस्तु के आधार पर भी करते हैं जैसे समस्या समाधान, कार्योन्मुख परिस्थिति है या वह परिस्थति जब कोई व्यक्ति नगर में किसी स्थान को ज्ञात करने के लिए दिशा निर्देश प्राप्त करता है। कभी-कभी सम्बन्ध मात्र सामाजिक विनिमय होता है, जैसे- हवाई जहाज में यात्रा कर रहे दो व्यक्ति एक- दूसरे के सम्पर्क में आते हैं। यह कारक भी व्यक्ति के मूल्यांकन को प्रभावित करते हैं।

2. उद्वीपक व्यक्ति या लक्ष्य व्यक्ति (The Stimulus or Target Person) - सूचना का दूसरा साधन उद्दीपक या लक्ष्य व्यक्ति है, जिसका निरीक्षण किया जाता है। निरीक्षण व्यक्ति के रंग-रूप, उसकी क्रियाएँ तथा गुणों द्वारा प्रभाव निर्मित होते हैं। निरीक्षित व्यक्ति के रंग रूप तथा गुणों का निर्धारण अनेक कारकों द्वारा होता है, जैसे प्रेक्षक और लक्ष्य में पूर्व अन्तर्क्रिया की मात्रा, भूमिकावर्गी के अनुसार परिस्थिति के संरचित होने की मात्रा तथा अन्तः क्रिया की अन्य विशेषताएँ व्यक्ति के रंग-रूप और गुणों के महत्व को निर्धारित करती हैं। अपरिचित व्यक्ति के साथ आकस्मिक अन्तर्क्रिया में, व्यक्ति के रंग रूप तथा क्रियाएँ प्रभाव निर्माण को निर्धारित करती है। किन्तु जब लक्ष्य व्यक्ति पुराना परिचित या पुराना मित्र होता है, तो उसके रंग-रूप या. तात्कालिक गुणों का प्रभावांकन पर न्यूनतम प्रभाव पड़ता है।

3. प्रेक्षक (The Observer) - सूचना का तीसरा और अन्तिम साधन स्वयं प्रेक्षक होता है। यह प्रत्याशा कि अन्य व्यक्ति कैसा व्यवहार करेगा, उस अन्य व्यक्ति के विषय में प्रेक्षक की भावना, संज्ञान तथा मनोवृत्तियों पर निर्भर करेगा। कुछ लोग दूसरे लोगों पर विश्वास नहीं करते, जबकि अन्य व्यक्ति हर एक को विश्वसनीय समझ लेते हैं। कुछ व्यक्ति किसी से सहयाता का आग्रह करने में संकोच नहीं करते हैं, तो अनेक लोग किसी के आगे हाथ फैलाना या किसी पर निर्भर रहना सर्वथा अनुचित समझते हैं। किसी व्यक्ति के किसी वर्ग विशेष के लोगों के विषय में कुछ निश्चित विचार होते हैं जैसे असभ्य, आक्रामक, दयालु, बातूनी, गन्दे आदि। कुछ लोग उनके विरुद्ध होते हैं, जो अधिकार रखते हैं। वे अपनी विरोधी भावना का प्रकाशन भी अपने व्यवहार एवं क्रियाओं द्वारा करते हैं। कुछ बालक माता-पिता, अध्यापकों तथा अन्य अधिकार रखनें वालों के प्रति विरोधी व्यवहार एवं अभिवृत्तियों का प्रदर्शन करते रहते हैं। इसका कारण उनकी अधिकार विरोधी अभिवृत्ति होती है।

इस क्षेत्र के शोधकर्ताओं ने प्रभावांकन में सहायक सूचना के तीनों साधनों पर समान रूप से ध्यान नहीं दिया है। प्रेक्षकों की सामान्य विशेषताओं की ओर अधिक ध्यान दिया गया है। जबकि प्रभावांकन में प्रेक्षकों की व्यक्तिगत विशेषताओं की ओर अपेक्षाकृत कम ध्यान दिया गया है। यद्यपि प्रभाव निर्माण में प्रेक्षकों की सामान्य विशेषताओं की अपेक्षा निजी गुण अधिक प्रमुख होते हैं।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

    अनुक्रम

  1. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान के कार्यक्षेत्र की व्याख्या करें।
  2. प्रश्न- सामाजिक व्यवहार के स्वरूप की व्याख्या कीजिए।
  3. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की परिभाषा दीजिए। इसके अध्ययन की दो महत्वपूर्ण विधियों पर प्रकाश डालिए।
  4. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की प्रयोगात्मक विधि से क्या तात्पर्य है? सामाजिक परिवेश में इस विधि की क्या उपयोगिता है?
  5. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की निरीक्षण विधि का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये।
  6. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान में सर्वेक्षण विधि के महत्व का मूल्यांकन कीजिए।
  7. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान में क्षेत्र अध्ययन विधि से आप क्या समझते हैं? इसके प्रकार तथा गुण दोषों पर प्रकाश डालिए।
  8. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान को परिभाषित कीजिए। इसकी प्रयोगात्मक तथा अप्रयोगात्मक विधियों की विवेचना कीजिए।
  9. प्रश्न- अन्तर- सांस्कृतिक शोध विधि क्या है? इसके गुण-दोषों का वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की आधुनिक विधियों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  11. प्रश्न- सामाजिक व्यवहार के अध्ययन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान के महत्व पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  13. प्रश्न- अर्ध-प्रयोगात्मक विधि का वर्णन कीजिये।
  14. प्रश्न- क्षेत्र अध्ययन विधि तथा प्रयोगशाला प्रयोग विधि का तुलनात्मक अध्ययन कीजिये।
  15. प्रश्न- समाजमिति विधि के गुण-दोष बताइये।
  16. प्रश्न- निरीक्षण विधि पर टिप्पणी लिखिये।
  17. प्रश्न- व्यक्ति प्रत्यक्षीकरण का अर्थ स्पष्ट करते हुए उसके स्वरूप को समझाइए।
  18. प्रश्न- प्रभावांकन के साधन की व्याख्या कीजिए तथा यह किस प्रकार व्यक्ति प्रत्यक्षीकरण में सहायक है? स्पष्ट कीजिए।
  19. प्रश्न- दूसरे व्यक्तियों के बारे में हमारे मूल्यांकन पर उस व्यक्ति के व्यवहार का क्या प्रभाव पड़ता है? स्पष्ट कीजिए
  20. प्रश्न- व्यक्ति प्रत्यक्षीकरण से आप क्या समझते हैं? यह जन्मजात है या अर्जित? विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- चित्रीकरण करना किसे कहते हैं?
  22. प्रश्न- अवचेतन प्रत्यक्षण किसे कहते हैं?
  23. प्रश्न- सामाजिक प्रत्यक्षण पर संस्कृति का क्या प्रभाव पड़ता है?
  24. प्रश्न- छवि निर्माण किसे कहते हैं?
  25. प्रश्न- आत्म प्रत्यक्षण किसे कहते हैं?
  26. प्रश्न- व्यक्ति प्रत्यक्षण में प्रत्यक्षणकर्ता के गुणों पर प्रकाश डालिए।
  27. प्रश्न- प्रत्यक्षपरक सुरक्षा किसे कहते हैं?
  28. प्रश्न- सामाजिक अनुभूति क्या है? सामाजिक अनुभूति का विकास कैसे होता है?
  29. प्रश्न- स्कीमा किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार का होता है?
  30. प्रश्न- सामाजिक संज्ञानात्मक के तहत स्कीमा निर्धारण की प्रक्रिया कैसी होती है? व्याख्या कीजिए।
  31. प्रश्न- बर्नार्ड वीनर के गुणारोपण सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
  32. प्रश्न- केली के सह परिवर्तन गुणारोपण सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  33. प्रश्न- क्या स्कीमा स्मृति को प्रभावित करता है? अपने विचार व्यक्त कीजिए।
  34. प्रश्न- क्या सामाजिक अनुभूति में सांस्कृतिक मतभेद पाए जाते हैं?
  35. प्रश्न- स्कीम्स (Schemes) तथा स्कीमा (Schema) में क्या अन्तर है? स्पष्ट कीजिए।
  36. प्रश्न- मनोवृत्ति से आप क्या समझते हैं? इसके घटकों को स्पष्ट करते हुए इसकी प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
  37. प्रश्न- अभिवृत्ति निर्माण की प्रक्रिया को स्पष्ट करते हुए अभिवृत्ति में परिवर्तन लाने के उपायों का वर्णन कीजिए।
  38. प्रश्न- मनोवृत्ति परिवर्तन में हाईडर के संतुलन सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  39. प्रश्न- संज्ञानात्मक अंसवादिता से आप क्या समझते हैं? फेसटिंगर ने किस तरह से इसके द्वारा मनोवृत्ति परिवर्तन की व्याख्या की?
  40. प्रश्न- मनोवृत्ति की परिभाषा दीजिए। क्या इसका मापन संभव है? अभिवृत्ति मापन की किसी एक विधि की विवेचना कीजिए।
  41. प्रश्न- मनोवृत्ति मापन में लिकर्ट विधि का मूल्यांकन कीजिए।
  42. प्रश्न- मनोवृत्ति मापन में बोगार्डस विधि के महत्व का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- अभिवृत्ति मापन में शब्दार्थ विभेदक मापनी का वर्णन कीजिए।
  44. प्रश्न- अभिवृत्ति को परिभाषित कीजिए। अभिवृत्ति मापन की विधियों का वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- मनोवृत्ति को परिभाषित कीजिए। मनोवृत्ति के निर्माण को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
  46. प्रश्न- अन्तर्वैयक्तिक आकर्षण क्या है? इसके स्वरूप तथा निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
  47. प्रश्न- अभिवृत्ति के क्या कार्य हैं? लिखिए।
  48. प्रश्न- अभिवृत्ति और प्रेरणाओं में अन्तर समझाइये।
  49. प्रश्न- अभिवृत्ति मापन की कठिनाइयों का उल्लेख कीजिए।
  50. प्रश्न- थर्स्टन विधि तथा लिकर्ट विधि का तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
  51. प्रश्न- उपलब्धि प्रेरक पर प्रकाश डालिए।
  52. प्रश्न- अन्तर्वैयक्तिक आकर्षण में वैयक्तिक कारकों की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  53. प्रश्न- “अन्तर्वैयक्तिक आकर्षण होने का एक मुख्य आधार समानता है।" विवेचना कीजिए।
  54. प्रश्न- आक्रामकता को स्पष्ट कीजिए एवं इसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- क्या आक्रामकता जन्मजात होती है? एक उपयुक्त सिद्धान्त द्वारा इसकी आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  56. प्रश्न- कुंठा आक्रामकता सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  57. प्रश्न- क्या आक्रामकता सामाजिक रूप से एक सीखा गया व्यवहार होता है? एक उपयुक्त सिद्धान्त द्वारा इसकी आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  58. प्रश्न- आक्रामकता के प्रमुख सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  59. प्रश्न- कुंठा-आक्रामकता सिद्धान्त को बताइए।
  60. प्रश्न- आक्रामकता को उकसाने वाले प्रमुख कारकों का वर्णन कीजिए। अपने उत्तर के पक्ष में प्रयोगात्मक साक्ष्य भी दें।
  61. प्रश्न- मानवीय आक्रामकता के वैयक्तिक तथा सामाजिक निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- समाजोपकारी व्यवहार का अर्थ और इसके निर्धारकों पर एक निबन्ध लिखिए।
  63. प्रश्न- प्रतिसामाजिक व्यवहार का स्वरूप तथा विशेषताएँ बताइये।
  64. प्रश्न- सहायतापरक व्यवहार के सामाजिक व सांस्कृतिक निर्धारक का वर्णन कीजिए।
  65. प्रश्न- परोपकारी व्यवहार को किस प्रकार उन्नत बनाया जा सकता है?
  66. प्रश्न- सहायतापरक व्यवहार किसे कहते हैं?
  67. प्रश्न- सहायतापरक व्यवहार के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
  68. प्रश्न- अनुरूपता से क्या आशय है? अनुरूपता की प्रमुख विशेषताएँ बताते हुए इसको प्रभावित करने वाले कारकों का उल्लेख कीजिए।
  69. प्रश्न- अनुरूपता के सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
  70. प्रश्न- पूर्वाग्रह की उपयुक्त परिभाषा दीजिये तथा इसकी प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए। पूर्वाग्रह तथा विभेद में अन्तर बताइये।'
  71. प्रश्न- सामाजिक पूर्वाग्रहों की प्रवृत्ति की संक्षिप्त रूप में विवेचना कीजिए। इसके हानिकारक प्रभावों को किस प्रकार दूर किया जा सकता है? उदाहरण देकर अपने उत्तर की पुष्टि कीजिये।
  72. प्रश्न- पूर्वाग्रह कम करने की तकनीकें बताइए।
  73. प्रश्न- पूर्वाग्रह से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताओं एवं स्रोतों का वर्णन कीजिए।
  74. प्रश्न- आज्ञापालन (Obedience) पर टिप्पणी लिखिये।
  75. प्रश्न- दर्शक प्रभाव किसे कहते हैं?
  76. प्रश्न- पूर्वाग्रह की प्रकृति एवं इसके संघटकों की विवेचना कीजिए।
  77. प्रश्न- पूर्वाग्रह के प्रमुख प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- पूर्वाग्रह के नकारात्मक प्रभाव का वर्णन कीजिये।
  79. प्रश्न- पूर्वाग्रह के विकास और सम्पोषण में निहित प्रमुख संज्ञानात्मक कारकों का वर्णन कीजिए।
  80. प्रश्न- पूर्वाग्रह एवं विभेदन को कम करने के लिये कुछ कार्यक्रमों की व्याख्या कीजिए।
  81. प्रश्न- समूह समग्रता से आप क्या समझते हैं? समूह समग्रता को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों का वर्णन कीजिये।
  82. प्रश्न- समूह मानदंड क्या है? यह किस प्रकार से समूह के लिए कार्य करते हैं?
  83. प्रश्न- समूह भूमिका किस प्रकार अपने सदस्यों के लिए कार्य करती है? स्पष्ट कीजिए।
  84. प्रश्न- निवैयक्तिकता से आप क्या समझते हैं? प्रयोगात्मक अध्ययनों से निवैयक्तिकता की प्रक्रिया पर किस तरह का प्रकाश पड़ता है?
  85. प्रश्न- “सामाजिक सरलीकरण समूह प्रभाव का प्रमुख साधन है। व्याख्या कीजिए।
  86. प्रश्न- “निर्वैयक्तिता में व्यक्ति अपनी आत्म- अवगतता खो देता है। इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  87. प्रश्न- समूह के प्रकार बताइये।
  88. प्रश्न- सामाजिक श्रमावनयन से आप क्या समझते हैं? इसके कारणों का उल्लेख कीजिए और इसे किस तरह से कम किया जा सकता है? विवेचना कीजिए।
  89. प्रश्न- आज्ञापालन (Obedience) पर टिप्पणी लिखिये।
  90. प्रश्न- समूह निर्णय पर टिप्पणी लिखिये।
  91. प्रश्न- सामाजिक श्रमावनयन पर टिप्पणी लिखिये।
  92. प्रश्न- समूह की संरचना पर टिप्पणी लिखिये।

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book