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बी.ए._बी.एस-सी._बी.कॉम. ( III सेमेस्टर) मानव मूल्य एवं पर्यावरण अध्ययन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2654
आईएसबीएन :0

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बी.ए./बी.एस-सी./बी.कॉम. ( III सेमेस्टर)  मानव मूल्य एवं पर्यावरण अध्ययन

सामाजिक नेटवर्क एवं संचार में व्यक्तिगत नीति

सामाजिक नेटवर्किंग सेवा एक ऑनलाइन सेवा, प्लेटफॉर्म या साइट होती है जो लोगों के बीच सामाजिक नेटवर्किंग अथवा सामाजिक संबंधों को बनाने अथवा उनको परिलक्षित करने पर केन्द्रित होती है, उदाहरण के लिए ऐसे व्यक्ति जिनकी रुचियाँ अथवा गतिविधियाँ समान होती हैं।

अनिवार्य रूप से प्रत्येक प्रयोगकर्ता का निरूपण (अक्सर एक प्रोफ़ाइल), उसके सामाजिक संपर्क तथा कई अन्य अतिरिक्त सेवाएँ शामिल रहती हैं। अधिकांश सामाजिक नेटवर्किंग सेवाएँ वेब आधारित होती हैं और प्रयोगकर्ताओं को इन्टरनेट का प्रयोग करते हुए एक-दूसरे से संपर्क करने का साधन प्रदान करती हैं। उदाहरण के रूप में ई-मेल तथा इंसटैंट मैसेजिंग।

इतिहास - वर्ल्ड वाइड वेब पर प्रारंभिक सामाजिक नेटवर्किंग सामान्यीकृत ऑनलाइन समुदायों के रूप में शुरू हुई, जैसे Theglobe.com (1994), Geo Cities (1995) तथा Tripod.com (1995)। इन ऑनलाइन समुदायों में से कई में लोगों को एक-दूसरे के निकट संपर्क में लाने के लिए चैट रूम उपलब्ध कराये जाते थे, तथा लोगों को अपनी व्यक्तिगत जानकारियों तथा विचार बाँटने के लिए व्यक्तिगत वेबपेज बनाने के लिए बढ़ावा दिया जाता था, तथा इसके लिए प्रयोग करने में आसान प्रकाशन टूल तथा मुफ्त अथवा सस्ता वेबस्पेस दिया जाता है। कुछ समुदायों-जैसे Classmates.com ने एक अलग दृष्टिकोण को अपनाते हुए ई-मेल पतों के माध्यम से लोगों को एक-दूसरे से जोड़ दिया। 1990 के दशक के अंत तक प्रयोगकर्ता की प्रोफाइल सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की केंद्रीय विशिष्टता हो गयी थी, इनके द्वारा प्रयोगकर्ताओं को अपने "मित्रों" की सूची बनाने तथा समान रुचि वाले अन्य प्रयोगकर्ताओं को खोजने की सुविधा प्राप्त होती थी।

सामाजिक नेटवर्किंग के नए तरीके 1990 के अंत तक विकसित किए गए और कई साइटों ने मित्रों को खोजने तथा उनके प्रबंधन के लिए अधिक उन्नत सुविधाओं को विकसित करना प्रारंभ कर दिया। सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की यह नई पीढ़ी, 2002 में फ्रेंडस्टर के आने के साथ ही विकसित होना प्रारंभ हो गयी और जल्द ही इंटरनेट की मुख्यधारा का हिस्सा बन गयी। फ्रेंडस्टर के एक वर्ष पश्चात् ही माइस्पेस तथा लिंक्डइन आ गए तथा इसके बाद बेबो आया। सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की लोकप्रियता में तीव्र वृद्धि का सत्यापन इसी बात से किया जा सकता है कि 2005 तक माइस्पेस के देखे जाने वाले पेजों की संख्या गूगल से भी अधिक थी।

2004 में प्रारंभ हुई फेसबुकं विश्व की सबसे बड़ी सामाजिक नेटवर्किंग साइट बन चुकी है।

सामाजिक प्रभाव - वेब आधारित सामाजिक नेटवर्किंग सेवाओं के द्वारा समान रुचियों और गतिविधियों वाले व्यक्तियों को राजनीतिक, आर्थिक और भौगालिक सीमाओं को लाँघते हुए जुड़ाव संभव हो पाता है। ई-मेल और इन्सटैंट मैसेजों के माध्यम से ऑनलाइन समुदायों की स्थापना हुई है जिसमें उपहार अर्थव्यवस्था और पारस्परिक परोपकारिता को सहयोग के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाता है। सूचनाएँ उपहार अर्थव्यवस्था के लिए विशेष रूप से अनुकूल हैं क्योंकि सूचनाएँ गैर-प्रतिस्पर्धी वस्तु है तथा व्यावहारिक रूप से बिना किसी मूल्य के उपहार में दी जा सकती हैं।

फेसबुक और अन्य सामाजिक नेटवर्किंग के साधन तीव्रता के साथ विद्वानों के अनुसंधान का विषय बनते जा रहे हैं। कई क्षेत्रों में विद्वान नेटवर्किंग साइटों के सामाजिक प्रभाव की जाँच करना प्रारंभ कर चुके हैं, जाँच में ऐसी साइटों से पहचान, गोपनीयता, सामाजिक पूँजी, युवा संस्कृति तथा शिक्षा संबंधित विषयों पर अध्ययन सम्मिलित है।

कई वेबसाइटें परोपकार के लिए सामाजिक नेटवर्किंग मॉडल का प्रयोग कर रही हैं। इस तरह के मॉडल अलग-थलग उद्योगों तथा छोटे संगठनों में रुचि रखने वाले प्रयोगकर्ताओं तथा विस्तृत जनों तक पहुँच उपलब्ध कराते हैं। सामाजिक नेटवर्किंग व्यक्तियों को डिजिटल रूप से संवाद करने के लिए अलग माध्यम प्रदान कर रहे हैं। हाइपरटेक्स्ट के ये समुदाय सूचना एवं विचारों को साझा करना संभव करते हैं, जो कि एक पुरानी एक डिजिटल अवधारणा है।

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    अनुक्रम

  1. अध्याय-1 मानव मूल्य (Human Values) पाठ्य सामग्री
  2. मूल्यों के प्रकार
  3. भारतीय संस्था में विकसित मूल्य
  4. उद्यम प्रबन्धन में मूल्य
  5. पेशे के प्रति वफादारी की श्रेणियाँ
  6. पेशे के प्रति वफादारी के मूल्य के सिद्धान्त
  7. समाज कार्य पेशे के प्रति निष्ठा का पालन
  8. प्रबन्धन में सांस्कृतिक मानवीय मूल्य
  9. दर्शन
  10. सांस्कृतिक मूल्य
  11. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञांत कीजिए।
  12. अध्याय - 2 चरित्र निर्माण में स्वामी विवेकानन्द के सिद्धान्त (The Principles of Swami Vivekanand in Character Building) पाठ्य सामग्री
  13. भारत के युवाओं के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती क्या है?
  14. सात पापों की गाँधीवादी अवधारणा
  15. अहिंसा का दर्शन और गाँधी
  16. माता-पिता तथा अध्यापकों की भूमिका के प्रति डॉ० ए० पी० जे० अब्दुल कलाम के विचार
  17. माता-पिता तथा शिक्षक की भूमिका के प्रति APJ अब्दुल कलाम के विचार
  18. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए।
  19. अध्याय - 3 मानव मूल्य और वर्तमानव्यवहार-मुद्दे : भ्रष्टाचार एवं रिश्वत (Human Values and Present Behaviour Issues: Corruption and Bribe) पाठ्य सामग्री
  20. भ्रष्टाचार के दुष्प्रभाव
  21. भ्रष्टाचार व असमानता
  22. विभिन्न क्षेत्रों में भ्रष्टाचार
  23. संचार माध्यमों (मीडिया) का भ्रष्टाचार
  24. चुनाव सम्बन्धी भ्रष्टाचार
  25. नौकरशाही का भ्रष्टाचार
  26. कॉरपोरेट भ्रष्टाचार
  27. शिक्षा के क्षेत्र में भ्रष्टाचार
  28. विविध भ्रष्टाचार
  29. भ्रष्टाचार और स्विस बैंक
  30. समाधान
  31. रिश्वत
  32. सामाजिक नेटवर्क एवं संचार में व्यक्तिगत नीति
  33. विशिष्ट संरचना
  34. ऑनलाइन शॉपिंग
  35. यूनाइटेड किंगडम का रिश्वत अधिनियम
  36. सामान्य रिश्वतखोरी अपराध
  37. विदेशी सरकारी अधिकारियों की रिश्वत
  38. अभियोजन और दंड
  39. अन्य प्रावधान
  40. रिश्वत अधिनियम का अनुपालन
  41. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए।
  42. अध्याय - 4 नीतिशास्त्र के सिद्धान्त (Principles of Ethics) पाठ्य सामग्री
  43. महत्त्वपूर्ण परिभाषाएँ
  44. नीतिशास्त्र के प्रमुख सिद्धान्त
  45. आध्यात्मिक मूल्य
  46. भारत में धर्मनिरपेक्षता का अर्थ
  47. निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (Corporate social responsibility या "CSR" )
  48. रतन नवल टाटा
  49. अजीम हाशिम प्रेमजी
  50. बिल गेट्स
  51. माइक्रोसॉफ्ट
  52. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए।
  53. अध्याय - 5 निर्णय निर्माण में धार्मिकता (Holistic Approach in Decision Making) पाठ्य सामग्री
  54. समस्या का विश्लेषण करने के तरीके
  55. श्रीमद्भगवत् गीता : प्रबंधन में तकनीक (The Bhagwat Gita : Techniques in Management)
  56. धर्म एवं जीवन प्रबंधन
  57. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए।
  58. अध्याय - 6 चर्चा द्वारा दुविधाओं की व्याख्या (Elaboration of Dilemmas through Discussion) पाठ्य सामग्री
  59. विपणन संगठन : अर्थ व उद्देश्य
  60. मार्केटिंग की दुविधा
  61. भारतीय दवा उद्योग
  62. जेनेरिक दवा (Generic Drug)
  63. निजीकरण में दुविधा (Dilemma of Privatisation)
  64. सार्वजनिक उद्यमों द्वारा संतोषजनक कार्य न करने के कारण
  65. निजीकरण
  66. उदारीकरण में दुविधा (Dilemma on Liberalisation)
  67. भारतीय अर्थव्यवस्था पर उदारीकरण का प्रभाव
  68. सोशल मीडिया एवं साइबर सुरक्षा में दुविधा (Dilemmas in Social Media and Cyber Security)
  69. सोशल मीडिया और भारत
  70. सोशल मीडिया से जुड़ी समस्याएँ
  71. सोशल मीडिया और निजता का मुद्दा
  72. साइबर सुरक्षा दृष्टिकोण के समक्ष समस्याएँ
  73. साइबर सुरक्षा की दिशा में किये गए सरकार के प्रयास
  74. जैविक खाद्य पदार्थों की दुविधा (Dilemma on Organie Food)
  75. खाद्य मानक का महत्त्व
  76. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए।
  77. अध्याय - 7 पारितन्त्र (Ecosystem) पाठ्य सामग्री
  78. पारितन्त्र की संरचना एवं कार्य प्रणाली (Structure and Functioning of Ecosystem)
  79. आहार श्रृंखला (Food Chain)
  80. खाद्य जाल (Food Web)
  81. ऊर्जा प्रवाह (Energy Flow)
  82. पारिस्थितिक पिरामिड (Ecological Pyramids)
  83. जैव विविधता का संरक्षण (Conservation of Biodiversity)
  84. जर्मप्लाज्म बैंक अथवा जीन बैंक (Germplasm Bank or Gene Bank)
  85. स्वस्थानें एवं उत्स्थाने संरक्षण (In situ conservation & Ex-situ Conservation of Biodiversity)
  86. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए।
  87. अध्याय - 8 व्यक्ति विशेष की प्रदूषण नियंत्रण में भूमिका (Role of Individual in Pollution Control) पाठ्य सामग्री
  88. जनसंख्या एवं पर्यावरण Population & Environment)
  89. दीर्घकालिक या ठोस विकास (Sustainable Development)
  90. वस्तुनिष्ठ प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए।
  91. अध्याय - 9 भारत एवं संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के लक्ष्य (Sustainable Development Goals of India and UN) पाठ्य सामग्री
  92. यूएनडीपी की भूमिका
  93. सर्कुलर अर्थव्यवस्था की अवधारणा एवं उद्योग उपक्रम (Concept of circular economy and entrepreneurship)
  94. वस्तुनिष्ठ प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए।
  95. अध्याय - 10 पर्यावरणीय नियम (Environmental Laws) पाठ्य सामग्री
  96. वन अधिकार अधिनियम 2006
  97. स्वस्थ पर्यावरण का अधिकार
  98. पर्यावरणीय संरक्षण में अन्तर्राष्ट्रीय उन्नति (International Advancement in Environmental Conservation)
  99. वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF)
  100. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal)
  101. NGT के महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक निर्णय
  102. वस्तुनिष्ठ प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए।
  103. अध्याय - 11 हवा की गुणवत्ता (Quality of Air) पाठ्य सामग्री
  104. संयुक्त राष्ट्र की रिर्पोट के अनुसार
  105. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम
  106. वायु गुणवत्ता सूचकांक
  107. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
  108. भारतीय परम्परागत पर्यावरणीय ज्ञान का महत्त्व (Importance of Indian Traditional knowledge on Environment)
  109. पर्यावरणीय गुणवत्ता का जैव मूल्यांकन (Bio Assessment of Environmental Quality)
  110. पर्यावरण का क्षेत्र
  111. पर्यावरण का महत्त्व
  112. वस्तुनिष्ठ प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए।
  113. अध्याय - 12 पर्यावरण प्रबन्धन (Environment Management) पाठ्य सामग्री
  114. पर्यावरण प्रबंधन की प्रणालियाँ
  115. पर्यावरण आकलन का महत्त्व (Importance of Environment Assessment )
  116. पर्यावरणीय प्रभाव आकलन के उद्देश्य
  117. भारत में पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन
  118. पर्यावरणीय ऑडिट (Environmental Audit)
  119. पर्यावरण ऑडिट कितने प्रकार के होते हैं?
  120. पर्यावरण लेखा परीक्षा के लाभ
  121. वस्तुनिष्ठ प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए।

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