बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक संगठन बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक संगठनसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
0 |
बीकाम सेमेस्टर-1 व्यावसायिक संगठन
प्रश्न- सहकारिताओं के प्रारूप या प्रकार बताइये।
अथवा
व्यावसायिक संगठन के प्रारूप के रूप में सहकारिताओं के भेद समझाइये।
उत्तर -
(Forms or Types of Co-operative )
अथवा
व्यावसायिक संगठन के प्रारूप के रूप में सहकारियों के भेद
(Types of Co-operatives As a form of Business Organization)
ये निम्नलिखित हैं-
1. सहकारी साख समितियाँ (Co-operative Credit Societies) - सहकारी साख समितियाँ भारतीय सहकारिता आन्दोलन का सबसे महत्वपूर्ण अंग है तथा वे सहकारी साख के ढाँचे की आधारशिलाएँ (Foundation Stones) हैं। सहकारी संस्थाओं की कुल संख्या में सबसे अधिक संख्या इसी प्रकार की समितियों की है।
(i) प्राथमिक ग्रामीण साख समितियाँ (Primary Rural Credit Society) - ग्रामीण सहकारी साख व्यवस्था प्राथमिक साख समिति पर आधारित है। यह समिति ही ग्राम स्तर पर किसानों को साख-सुविधाएँ प्रदान करती हैं। वह व्यक्तियों को सेवा प्रदान करती हैं, समितियों को नहीं। हेनरी वोल्फ ने इस प्रकार की समितियों के बारे में कहा है- "सबसे नीची सतह पर यह स्थानीय समिति ही अकेली ईंट है, जिस पर सम्पूर्ण ढाँचे को खड़ा करने का विचार किया गया है। अतः सम्पूर्ण संरचना की सुरक्षा उसी पर निर्भर है।'
(ii) शहरी प्राथमिक साख समिति (Urban Primary Credit Society) - शहर के निर्धन कारीगर, मजदूर, दस्तकार व छोटे-छोटे व्यापारी आदि मिलकर इसकी स्थापना करते हैं। ये समितियाँ सदस्यों से प्राप्त रकम बाहरी निक्षेप व ऋण आदि प्राप्त कर सदस्यों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करती हैं।
मैकलेगन समिति ने कहा था कि, "शहरी साख समितियाँ उच्च तथा मध्यवर्गीय शहरी समाज को बैंकिंग सिद्धान्तों का ज्ञान प्रदान करने में उपयोगी सिद्ध हो सकती हैं।'
2. सहकारी विपणन समितियाँ (Co-operative Marketing Societies) - सहकारी विपणन समितियाँ वे समितियाँ होती हैं जोकि अपने सदस्यों द्वारा उत्पादित माल को सामूहिक रूप से बेचने का कार्य करती हैं। इनकी स्थापना लघु एवं कुटीर उद्योग चलाने वाले व्यक्तियों, लघु कृषकों तथा दस्तकारी में संलग्न कारीगरों द्वारा की जाती है। सहकारी विपणन समिति अपने सदस्यों का माल एकत्रित करके उसका सामूहिक रूप से विक्रय करती है जिसके परिणामस्वरूप माल का अच्छा मूल्य प्राप्त हो जाता है। विक्रय से प्राप्त धनराशि में से अपने खर्च एवं कोष की राशि काटकर शेष धन को अपने सदस्यों को उनके माल के विक्रय के अनुपात में लौटा देती है।
3. उपभोक्ता सहकारी भण्डार (Consumers' Co-operative Stores) - उपभोक्ता सहकारी भण्डार उपभोक्ताओं का एक ऐसा ऐच्छिक (Voluntary) संगठन है जो उपभोग वस्तुओं तथा सेवाओं की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के उद्देश्य से स्थापित किया जाता है। इस प्रकार के भण्डार फुटकर तथा थोक व्यापार करने के साथ-साथ कभी-कभी उपभोग वस्तुओं का उत्पादन तथा प्रसंस्करण भी करते हैं। उपभोक्ता सहकारी भण्डार का प्रमुख उद्देश्य अपने सदस्यों एवं ग्राहकों को उचित मूल्यों पर शुद्ध वस्तु उपलब्ध कराना है जिससे उनके हितों की रक्षा की जा सके। इस सहकारी संस्था से यह भी आशा की जाती है कि वह उपभोग वस्तुओं में स्थिरता लाने तथा निजी व्यापारियों द्वारा उपभोक्ताओं के शोषण को समाप्त करने में सहायक होगी।
4. औद्योगिक सहकारी समितियाँ (Industrial Co-operative Societies) - औद्योगिक सहकारिताएँ निर्धन दस्तकारों, कारीगरों तथा छोटी-छोटी औद्योगिक इकाइयों को कई प्रकार की सुविधाएँ प्रदान करती हैं। सहकारी समिति संगठित करने पर उनको उचित मूल्य पर कच्चा माल तथा उपकरण खरीदने, पूँजी प्राप्त करने तथा उत्पादित वस्तुओं की बिक्री की उचित व्यवस्था करने में कठिनाई होती है। एल. एन. रेणु के अनुसार, "औद्योगिक सहकारी समितियों में एक प्रकार की वे समितियाँ हैं जो उत्पादन का कार्य करती हैं और दूसरी वे जो सदस्यों को केवल सेवाएँ उपलब्ध करती हैं।' औद्योगिक सहकारिताओं का अभिप्राय ऐसी सहकारी समितियों से है जोकि कारीगरी, दस्तकारों, छोटे-छोटे उद्योगपतियों का औद्योगिक कर्मचारियों द्वारा पारस्परिक सहायता के उद्देश्य से स्थापित की जाती हैं। इन समितियों के सदस्यों का दायित्व उनके द्वारा खरीदे गये अंशों के मूल्य या उससे कुछ गुने तक सीमित होता है।
5. आवास सहकारी समितियाँ (Housing Co-operative Societies) - सहकारी गृह-निर्माण समितियों का मुख्य उद्देश्य कम लागत पर मकानों का प्रबन्ध करना है। सहकारिता के द्वारा आत्म-निर्भरता लाने और निर्माण खर्चों में कमी के प्रयत्न किए जाते हैं। सामूहिक रूप से काम करके खर्चों में काफी बचत की जाती है।
आर्चीटेक्ट सेवाओं और बिल्डिंग मैटीरियल की सप्लाई को मिलाकर हासिल किया जा सकता है। इस तरह सहकारी आधार पर बिचौलिए और सट्टाखोरों को निकालकर मकान निर्माण कार्य में तेजी लायी जा सकती है।
|
- प्रश्न- व्यवसाय का अर्थ बताइये। इसकी विशेषताओं तथा कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यवसाय की विशेषताएं बताइये।
- प्रश्न- व्यवसाय के कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 'व्यवसाय किसी भी राष्ट्र की संस्कृति में एक प्रधान संस्था है, राष्ट्र के साधनों का एक प्रमुख उपभोक्ता एवं प्रबन्ध है तथा रोजगार एवं आय का मूल स्रोत है। इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यवसाय की परिभाषा दीजिए तथा इसके क्षेत्र की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- व्यवसाय का क्षेत्र समझाइये।
- प्रश्न- 'व्यवसाय का मुख्य उद्देश्य लाभ कमाना होना चाहिए या सेवा करना अथवा दोनों ही? इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यवसाय के विकास की अवस्थाएँ समझाइए।
- प्रश्न- व्यापार तथा वाणिज्य में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- वाणिज्य तथा उद्योग में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- व्यापार तथा उद्योग में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 'व्यवसाय एक सामाजिक क्रिया है। समझाइये |
- प्रश्न- व्यापार, वाणिज्य तथा उद्योग का परस्पर सम्बन्ध बताइये।
- प्रश्न- व्यापार किसे कहते हैं ? यह कितने प्रकार का होता है ?
- प्रश्न- वाणिज्य, व्यवसाय व व्यापार में अन्तर स्पष्ट कीजिए ।
- प्रश्न- व्यवसाय के उद्देश्यों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- यदि व्यापार वाणिज्य का अंग है तो उद्योग उसका आधार है। इस कथन की विस्तारपूर्वक विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- व्यवसाय की अवधारणा स्पष्ट करो।
- प्रश्न- व्यावसायिक संगठन से आप क्या समझते हैं? इसका महत्व अथवा लाभ बताइए।
- प्रश्न- व्यावसायिक संगठन का महत्व या लाभ समझाइए।
- प्रश्न- व्यावसायिक संगठन की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यावसायिक संगठन के उद्देश्य क्या हैं?
- प्रश्न- व्यावसायिक संगठन का कार्यक्षेत्र समझाइए।
- प्रश्न- आधुनिक व्यवसाय का क्या अभिप्राय है? इसकी विशेषताएँ क्या होती हैं? ई-व्यवसाय का वर्णन कीजिए। इसके लाभ एवं हानियाँ भी बताइये।
- प्रश्न- ई-व्यवसाय क्या है?
- प्रश्न- ई-व्यवसाय के लाभ समझाइये।
- प्रश्न- ई-व्यवसाय की हानियाँ समझाइये |
- प्रश्न- बाह्यस्रोतीकरण अथवा व्यावसायिक प्रक्रिया बाह्यस्रोतीकरण की अवधारणा समझाइए। इसके लाभ एवं हानियाँ क्या हैं?
- प्रश्न- बाह्यस्रोतीकरण के लक्षण समझाइये।
- प्रश्न- बाह्यस्रोतीकरण अथवा व्यावसायिक प्रक्रिया बाह्यस्रोतीकरण के लाभ समझाइये |
- प्रश्न- बाह्यस्रोतीकरण की हानियाँ क्या हैं?
- प्रश्न- उन सेवाओं को समझाइए जिनका बाह्यस्रोतीकरण किया जा सकता है।
- प्रश्न- ई-व्यवसाय का क्षेत्र बताइये।
- प्रश्न- ई-व्यवसाय तथा परम्परागत व्यवसाय में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- ई-व्यवसाय के क्रियान्वयन हेतु जरूरी संसाधन बताइये।
- प्रश्न- एक नये व्यवसाय की स्थापना करने से पूर्व ध्यान में रखे जाने वाले घटक कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- नये व्यवसाय के सम्बन्ध में प्रारम्भिक अन्वेषण से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- व्यवसाय संगठन के प्रारूप का चयन करते समय ध्यान में रखे जाने बिन्दु कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- व्यवसाय की स्थापना के घटकों पर विचार करते समय वित्तीय नियोजन को समझाइये।
- प्रश्न- व्यवसाय के स्थान, स्थिति एवं आकार को बताइए।
- प्रश्न- क्या व्यवसाय की स्थापना में किन्हीं कानूनी औपचारिकताओं को ध्यान में रखना होता है?
- प्रश्न- व्यवसाय की स्थापना करने में निम्नलिखित विचारणीय कारकों को समझाइये - (a) संयन्त्र अभिन्यास (b) क्रय तथा विक्रय नीति (c) प्रबन्ध (d) कार्यालय का उचित संगठन।
- प्रश्न- एक सफल व्यवसायी कौन होता है? उन गुणों को बताइये जो आपके विचार में एक सफल व्यवसायी में होने चाहिए।
- प्रश्न- ऐसे कौन-से घटक हैं जिन पर व्यावसायिक संगठन के प्रारूप का चयन आधारित होता है? समझाइए।
- प्रश्न- व्यावसायिक इकाइयों के स्वामित्व के विभिन्न प्रकार अथवा प्रारूप कौन-कौन से हैं? एकाकी व्यापार को परिभाषित कीजिए तथा इसकी प्रधान विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- एकाकी व्यापार से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- एकाकी व्यापार की विशेषताएँ समझाइए।
- प्रश्न- एकाकी व्यापार के गुण एवं दोष समझाइए।
- प्रश्न- एकाकी व्यापार की हानियाँ या दोष समझाइए।
- प्रश्न- एकाकी व्यापार का सामाजिक महत्व बताइए।
- प्रश्न- क्या एकाकी व्यापार प्राचीन जंगली युग का अवशेष माना जाता है?
- प्रश्न- एकाकी व्यापार की सीमाएँ एवं भविष्य बताइए।
- प्रश्न- "एकाकी नियंत्रण विश्व में सर्वश्रेष्ठ है यदि वह एक व्यक्ति इतना बड़ा है कि व्यवसाय को भली प्रकार संभाल सके।' व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- साझेदारी का आशय एवं परिभाषाएँ दीजिए। इसकी विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- साझेदारी की विशेषताएँ, प्रकृति या लक्षण क्या हैं?
- प्रश्न- "व्यवसाय के अन्तर्गत साझेदारी प्रारूप अनुपयोगी बन चुका है इसे मिटा देना चाहिए।" इस कथन की सार्थकता पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- साझेदारी की हानियाँ बताइए।
- प्रश्न- "साझेदारी का अधिक दिन चलना कठिन है।' आदर्श साझेदारी की विशेषताएँ बताइए और यह सिद्ध कीजिए कि आदर्श साझेदारी अधिक समय तक चल सकती है।
- प्रश्न- आदर्श साझेदारी की विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- क्या आदर्श साझेदारी ज्यादा समय तक चल सकती है?
- प्रश्न- साझेदारी संलेख क्या है? इसमें किन-किन महत्वपूर्ण बातों का उल्लेख रहता है?
- प्रश्न- साझेदारी तथा सहस्वामित्व में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- क्या साझेदारी फर्म का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है? एक साझेदारी फर्म का रजिस्ट्रेशन न कराने के क्या परिणाम होते हैं?
- प्रश्न- "लाभों का बँटवारा करना ही साझेदारी के अस्तित्व का निश्चयात्मक प्रमाण नहीं है।' इस कथन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- साझेदारी के भेद कीजिए तथा सीमित साझेदारी की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- एकाकी व्यापार तथा साझेदारी से किस प्रकार भिन्न है?
- प्रश्न- साझेदारी तथा संयुक्त हिन्दू परिवार व्यवसाय में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- दीर्घ उत्तरीय संयुक्त पूँजी वाली कम्पनी क्या है? इसकी विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- एक कम्पनी में कौन-कौन सी विशेषताएँ पायी जाती हैं? संक्षिप्त विवरण दीजिए।
- प्रश्न- संयुक्त पूँजी कम्पनी के गुण एवं दोष बताइये।
- प्रश्न- संयुक्त पूँजी वाली कम्पनी के दोष बताइये।
- प्रश्न- निजी कम्पनी तथा लोक कम्पनी को परिभाषित कीजिए। इनमें अन्तर बताइये।
- प्रश्न- लोक कम्पनी से आपका क्या आशय है?
- प्रश्न- सार्वजनिक कम्पनी की विशेषताओं का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निजी कम्पनी तथा सार्वजनिक कम्पनी में अन्तर बताइए।
- प्रश्न- एक व्यक्ति कम्पनी के बारे में बताइये।
- प्रश्न- एक व्यक्ति कम्पनी के निर्माण सम्बन्धी प्रावधान बताइये।
- प्रश्न- एक व्यक्ति कम्पनी के सम्बन्ध कम्पनी अधिनियम, 2013 में दिये गये प्रावधान बताइये।
- प्रश्न- कम्पनी और साझेदारी में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- कम्पनी के निगमन की विधि के अनुसार कम्पनियाँ कितने प्रकार की होती हैं? उनका संक्षिप्त वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- निम्नलिखित को समझाइए - (i) विदेशी कम्पनी (ii) सूत्रधारी कम्पनी |
- प्रश्न- निष्क्रिय कम्पनी पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- एक व्यक्ति कम्पनी को प्राप्त विशेषाधिकार / छूटें बताइये।
- प्रश्न- बहु-व्यक्ति कम्पनी तथा एक व्यक्ति कम्पनी में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- (i) एकाकी व्यापार की तुलना में संयुक्त पूँजी वाली कम्पनी से होने वाले लाभ बताइये। (ii) क्या संयुक्त पूँजी कम्पनी प्रारूप साझेदारी प्रारूप पर सुधार है?
- प्रश्न- सहकारी संगठन से आप क्या समझते हैं? संगठन के सहकारी प्रारूप के लाभ-दोषों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सहकारिता या सहकारी संगठन की विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सहकारी संगठन के लाभ बताइये।
- प्रश्न- सहकारी संगठन अथवा सहकारिता के दोष बताइये।
- प्रश्न- सहकारिताओं के प्रारूप या प्रकार बताइये।
- प्रश्न- सहकारी संगठन तथा संयुक्त पूँजी वाली कम्पनी में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- स्थानीयकरण से क्या आशय है? सार्जेन्ट फ्लोरेन्स के औद्योगिक स्थान निर्धारण सिद्धान्त का आलोचनात्मक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सार्जेन्ट फ्लोरेन्स के स्थानीयकरण सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सार्जेन्ट फ्लोरेन्स के सिद्धान्त की आलोचनाएं बताइए।
- प्रश्न- संयन्त्र स्थान निर्धारण से आप क्या समझते हैं? संयन्त्र स्थान निर्धारण को प्रभावित करने वाले घटकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- स्थानीयकरण को प्रभावित करने वाले घटकों को समझाइए।
- प्रश्न- अल्फ्रेड वेबर का स्थानीयकरण का सिद्धान्त क्या है? इसे कौन-कौन से घटक प्रभावित करते हैं?
- प्रश्न- वेबर के स्थानीयकरण सिद्धान्त की आलोचनाएँ बताइए।
- प्रश्न- वेबर तथा फ्लोरेन्स के औद्योगिक स्थानीयकरण के सिद्धान्तों में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- संयन्त्र स्थानीयकरण के उद्देश्य व महत्व लिखिए।
- प्रश्न- संयन्त्र स्थानीयकरण के लाभ-दोष समझाइये।
- प्रश्न- संयन्त्र अभिन्यास से आप क्या समझते हैं? एक आदर्श संयन्त्र अभिन्यास के लक्षण बताइए। वे कौन से उद्देश्य हैं जिन्हें प्रबन्ध वर्ग संयन्त्र अभिन्यास के माध्यम से प्राप्त करना चाहता है?
- प्रश्न- आदर्श संयन्त्र अभिन्यास के लक्षण बताइए।
- प्रश्न- संयन्त्र अभिन्यास के उद्देश्य बताइए।
- प्रश्न- संयन्त्र अभिन्यास के प्रकार बताइए तथा इनके सापेक्षिक लाभ तथा दोष बताइए।
- प्रश्न- उत्पाद अथवा रेखा संयन्त्र अभिन्यास के लाभ-दोष समझाइए।
- प्रश्न- कार्यात्मक अथवा प्रक्रिया संयन्त्र अभिन्यास क्या होता है? इसके लाभ व हानियाँ समझाइए।.
- प्रश्न- स्थिर सामग्री वाला संयन्त्र अभिन्यास अथवा स्थायी स्थिति संयन्त्र अभिन्यास क्या होता है? इसके गुण-दोष बताइए।
- प्रश्न- संयुक्त संयन्त्र अभिन्यास को समझाइए।
- प्रश्न- अच्छे संयन्त्र अभिन्यास का महत्व बताइए।
- प्रश्न- उचित रूप से नियोजित संयन्त्र अभिन्यास के सिद्धान्त बताइए।
- प्रश्न- संयन्त्र अभिन्यास को प्रभावित करने वाले घटकों को समझाइए।
- प्रश्न- व्यावसायिक इकाई से आप क्या समझते हैं? व्यावसायिक इकाई अथवा औद्योगिक इकाई के आकार के माप अथवा प्रमाप या मानदण्ड समझाइये |
- प्रश्न- व्यावसायिक या औद्योगिक इकाई के आकार की माप या प्रमाप अथवा मापदण्ड समझाइये।
- प्रश्न- व्यवसाय के अनुकूलतम आकार से आप क्या समझते हैं? अनुकूलतम आकार की इकाई निर्धारित करने वाले तत्व कौन-कौन हैं, इनकी व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यावसायिक इकाई के अनुकूलतम आकार को निर्धारित करने वाले तत्व कौन-कौन से हैं, विस्तारपूर्वक समझाइये।
- प्रश्न- बड़े आकार से प्राप्त होने वाली मितव्ययिताएँ या बचतें समझाइये।
- प्रश्न- व्यावसायिक अथवा औद्योगिक इकाई के आकार को निर्धारित करने वाले घटक बताइये।
- प्रश्न- प्रतिनिधि फर्म तथा साम्य फर्म क्या हैं?
- प्रश्न- अन्तर कीजिए - (a) अनुकूलतम फर्म तथा प्रतिनिधि फर्म (b) अनुकूलतम फर्म तथा साम्य फर्म।
- प्रश्न- बड़े आकार वाली व्यावसायिक अथवा औद्योगिक इकाइयों की हानियाँ बताइये।
- प्रश्न- व्यावसायिक संयोजन से आप क्या समझते हैं? संयोजन आन्दोलन को प्रेरित करने वाले तत्व कौन-कौन से हैं? समझाइये।
- प्रश्न- व्यावसायिक संयोजन की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- व्यावसायिक संयोजन के आन्दोलन को प्रेरित करने वाले तत्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संयोजन के विभिन्न प्रारूपों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चेम्बर ऑफ कामर्स क्या है? इसके उद्देश्य व कार्य बताइये।
- प्रश्न- श्रम संघ को समझाइये।
- प्रश्न- अनौपचारिक ठहराव से आप क्या समझते है? इसके प्रकार एवं लाभ-दोष बताइये।
- प्रश्न- सन्धान का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- उत्पादक संघ क्या होता है?
- प्रश्न- प्रन्यास क्या होता है? इसके गुण व दोष लिखिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए - (a) सूत्रधारी कम्पनी (b) सामूहिक हित
- प्रश्न- पूर्ण संघनन से आप क्या समझते है? इनके गुण व दोष लिखिए।
- प्रश्न- विभिन्न प्रकार के संयोजनों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- औद्योगिक संयोजन क्या हैं? इसके लाभ व दोष बताइए।
- प्रश्न- मिश्रित संयोजन क्या है? इसके उद्देश्य बताइए।
- प्रश्न- सेवा संयोजन पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सहायक संयोजन को समझाइए।
- प्रश्न- क्या व्यावसायिक संयोजन उपभोक्ताओं के हित में है?
- प्रश्न- व्यावसायिक संयोगों के लाभों एवं हानियों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- क्षैतिज संयोजन तथा उदग्र संयोजन में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- पूल से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताएँ एवं उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- संघ या पूल के लाभ एवं हानियाँ बताइये।
- प्रश्न- संघों के प्रकार समझाइये।
- प्रश्न- संयोजन के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- उत्पादक संघ कार्टेल तथा संघनन में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- प्रन्यास एवं उत्पादक संघों में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- प्रन्यास एवं सूत्रधारी कम्पनी में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- विवेकीकरण से आप क्या समझते हैं? विवेकीकरण को प्रोत्साहित करने वाले घटक कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- विवेकीकरण की विशेषताएं बताइये।
- प्रश्न- विवेकीकरण को प्रोत्साहित करने वाले घटक अथवा कारण कौन-कौन हैं?
- प्रश्न- विवेकीकरण से आप क्या समझते हैं। इसके लाभों को बताइये।
- प्रश्न- विवेकीकरण के लाभों को बताइये।
- प्रश्न- "भारतीय उद्योगों का भविष्य विवेकीकरण में निहित है।' इस कथन की विवेचना कीजिए तथा विवेकीकरण के लाभों को समझाइये |
- प्रश्न- विवेकीकरण तथा वैज्ञानिक प्रबन्ध में अन्तर कीजिए।
- प्रश्न- विवेकीकरण तथा राष्ट्रीयकरण में अन्तर कीजिए।
- प्रश्न- विवेकीकरण के प्रमुख पहलू बताइये।
- प्रश्न- विवेकीकरण के सिद्धान्तों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय उद्योगों में विवेकीकरण की धीमी प्रगति के कारण स्पष्ट रूप से समझाइये।
- प्रश्न- विवेकीकरण का मानवीय या सामाजिक पहलू बताइए। विवेकीकरण के उद्देश्य क्या हैं?
- प्रश्न- विवेकीकरण की हानियाँ बताइये।