बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 चित्रकला प्रथम प्रश्नपत्र बीए सेमेस्टर-1 चित्रकला प्रथम प्रश्नपत्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 चित्रकला प्रथम प्रश्नपत्र
प्रश्न- भारतीय प्रागैतिहासिक चित्रकला के विषयों तथा तकनीक का वर्णन कीजिए।
अथवा
प्रागैतिहासिक चित्रों के उद्देश्य, विषय तथा विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
अथवा
प्रागैतिहासिक काल के चित्रों की विशेषताओं और मूल प्रवृत्तियों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर -
प्रागैतिहासिक चित्रों का उद्देश्य
गुफाओं में चित्रों के निर्माण के पीछे विचार यह है कि पाषाण युग के मनुष्यों ने अपने चारों ओर के वातावरण की स्मृति को बनाये रखने के लिये तथा अपनी विजय का इतिहास व्यक्त करने की भावना के वशीभूत होकर इनका निर्माण किया। गुहावासी मानव ने अपनी अमूर्त भावना को मूर्त रूप प्रदान करने की प्रवृत्ति के कारण अधिकांश चित्रों की रचना की, इसी भावना के कारण ये जादू-टोने में विश्वास रखते थे। मूलतः इन्हीं मनोवृत्तियों के कारण ही सम्पूर्ण मानव जाति की उन्नति हुई है।
इन चित्रों से हम आदिमानव के दैनिक जीवन को जान पाते हैं। अपनी धारणा के अनुसार आखेट करने से पूर्व आदिम आखेटक पशु का चित्र बनाकर और उस पर कुछ जादू-टोना करके अपने आखेट की सफलता में विश्वास करता था। जिस पशु को वह चित्ररूप में अंकित करता था वह सरलतापूर्वक उसका शिकार कर पाता था। अनेकों ऐसे चित्र मिले हैं जिनमें तीरों, बछ या भालों से बिंधे पशु अंकित किये गए हैं। इससे यह अनुमान लगाया गया कि आखेट के लिए जाने से पहले आदिम अनेक आखेटक समूहों को चित्रित करता था तथा जिस प्रकार के जानवर का शिकार करना हो उसे अंकित करता था।
आर० डी० बैनर्जी की अध्यक्षता में पुरातत्व विभाग ने सिन्धु घाटी क्षेत्र में 1922 ई० में उत्खनन कार्य शुरू किया और लरकाना जिले में मोहनजोदड़ो तथा लाहौर और मुल्तान के बीच हड़प्पा की खुदाई में एक विकसित सभ्यता के अवशेष प्राप्त किए। एक बार फिर इसी प्रकार की सभ्यता का परिचय काठियावाड़ क्षेत्र के लोथल नामक स्थान पर सन् 1954 ई० में एस० आर० राओ की अध्यक्षता में हुए पुरातत्त्व विभागीय उत्खनन कार्य से प्राप्त हुआ है। इस प्रकार की सभ्यता के अवशेष चन्हूदड़ो में भी मिले हैं।
सिन्धु क्षेत्र की समृद्धि फारस के सम्राट अच्छेयनिद (पाँचवीं श० ई० पू०) के समय तक अस्तित्व में रही। सिकंदर महान ने भी जब भारत पर आक्रमण किया तब इस भाग को हरा-भरा पाया था। यहाँ के भवन अवशेषों की ठोस तथा ऊँची आधारशिलाएँ इस बात का साक्ष्य प्रस्तुत करती हैं कि इस क्षेत्र में सिन्धु नदी में आने वाली बाढ़ से क्षति होने का भय बराबर बना रहता था। राजस्थान में पीलीवंगन तथा कालीवंगन की खुदाई में भी इसी प्रकार की प्राचीन सभ्यता के प्रमाण स्वरूप अनेक साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।
4,000 ई० पू० तक भारतवर्ष में प्रागैतिहासिक कृषक जातियाँ उत्तरी बलूचिस्तान से सिन्ध तक बस चुकी थीं। यह कृषक जातियाँ काली तथा लाल मिट्टी के बर्तन बनाती थीं। यह बर्तन सरल तरीके द्वारा रंगीन आलेखनों से सजाये जाते थे। इन आलेखनों की चित्रकारी आदिम शैली की है। आरम्भिक कृषक सभ्यता के स्थलों के उत्खनन में कहीं भी दाष्टिक कलाओं के अवशेष दृष्टिगोचर नहीं होते। कृषक सभ्यता के चिह्न इस विस्तीर्ण क्षेत्र में अनेक स्थानों पर प्राप्त हुए हैं। इस सभ्यता का विकास अनेक चरणों में हुआ जिसके प्रमाण अनेक भू-तलों की खुदाई से प्राप्त हुए हैं। इस सभ्यता का पूर्ण विकसित रूप, सिन्धु नदी के किनारे अनेक स्थलों से की गई खुदाई से प्राप्त हुआ है। इस कारण इस सभ्यता को 'सिन्धु घाटी सभ्यता' के नाम से पुकारा जाता है।
इनका काल विभाजन निम्न प्रकार से किया जा सकता है-
1. मिट्टी के बर्तनों से पूर्व की सभ्यता (जिसका काल तथा रूप अनिश्चित है)।
2. कुयेटा सभ्यता - 3500 ई० पू० से 3000 ई० पू०।
3. अमरी - नुन्दरानाल सभ्यता - 3000 ई० पू० से 1800 ई० पू०।
4. झोभ सभ्यता – 4000 ई० पू० 2000 ई० पू०।
5. कुल्ली मेंही सभ्यता - 2800 ई० पू० से 2000 ई० पू०।
6. हड़प्पा सभ्यता – 2700 ई० पू० से 2000 ई० पू०।
7. हड़प्पा - मोहनजोदड़ो तथा लोथल सभ्यता - 2200 ई० पू० से 1800 ई० पू०|
8. झंकर तथा झांगर सभ्यता - 1500 ई० पू०।
उपर्युक्त दी गई सभ्यताओं का नाम उन्हीं स्थानों पर दिया गया है जहाँ इन सभ्यताओं के चिह्न पाये गए हैं। इन स्थानों की खुदाई में रोचक कलात्मक सामग्री प्राप्त हुई है जिसके आधार पर सम्बन्धित काल की चित्रकला के विषय में अनुमान लगाया जा सकता है।
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- प्रश्न- कला अध्ययन के स्रोतों पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रागैतिहासिक भारतीय चित्रकला की खोज का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
- प्रश्न- भारतीय प्रागैतिहासिक चित्रकला के विषयों तथा तकनीक का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय चित्रकला के साक्ष्य कहाँ से प्राप्त हुए हैं तथा वे किस प्रकार के हैं?
- प्रश्न- भीमबेटका क्या है? इसके भीतर किस प्रकार के चित्र देखने को मिलते हैं?
- प्रश्न- प्रागैतिहासिक काल किसे कहते हैं? इसे कितनी श्रेणियों में विभाजित कर सकते हैं?
- प्रश्न- प्रागैतिहासिक काल का वातावरण कैसा था?
- प्रश्न- सिन्धु घाटी के विषय में आप क्या जानते हैं? सिन्धु कला पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी में चित्रांकन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मोहनजोदड़ो - हड़प्पा की चित्रकला को संक्षेप में समझाइए।
- प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता की कला पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- जोगीमारा की गुफा के चित्रों की विषयवस्तु तथा शैली का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- कार्ला गुफा के विषय में आप क्या जानते हैं? वर्णन कीजिए।.
- प्रश्न- भाजा गुफाओं पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- नासिक गुफाओं का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- अजन्ता की गुफाओं की खोज का संक्षिप्त इतिहास बताइए।
- प्रश्न- अजन्ता की गुफाओं के चित्रों के विषय एवं शैली का परिचय देते हुए नवीं और दसवीं गुफा के चित्रों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अजन्ता की गुहा सोलह के चित्रों का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- अजन्ता की गुहा सत्रह के चित्रों का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- अजन्ता गुहा के भित्ति चित्रों की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- बाघ गुफाओं के प्रमुख चित्रों का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- अजन्ता के भित्तिचित्रों के रंगों पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अजन्ता में अंकित शिवि जातक पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिंघल अवदान के चित्र का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- अजन्ता के चित्रण-विधान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अजन्ता की गुफा सं० 10 में अंकित षडूदन्त जातक का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सित्तन्नवासल गुफाचित्रों पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- बादामी की गुफाओं की चित्रण शैली की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- सिगिरिया की गुफा के विषय में बताइये। इसकी चित्रण विधि, शैली एवं विशेषताएँ क्या थीं?
- प्रश्न- एलीफेण्टा अथवा घारापुरी गुफाओं की मूर्तिकला पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- एलोरा की गुहा का विभिन्न धर्मों से सम्बन्ध एवं काल निर्धारण की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- एलोरा के कैलाश मन्दिर पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- एलोरा के भित्ति चित्रों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- एलोरा के जैन गुहा मन्दिर के भित्ति चित्रों का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- मौर्य काल का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- शुंग काल के विषय में बताइये।
- प्रश्न- कुषाण काल में कलागत शैली पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- गान्धार शैली के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- मथुरा शैली या स्थापत्य कला किसे कहते हैं?
- प्रश्न- गुप्त काल का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- “गुप्तकालीन कला को भारत का स्वर्ण युग कहा गया है।" इस कथन की पुष्टि कीजिए।
- प्रश्न- अजन्ता की खोज कब और किस प्रकार हुई? इसकी प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख करिये।
- प्रश्न- भारतीय कला में मुद्राओं का क्या महत्व है?
- प्रश्न- भारतीय कला में चित्रित बुद्ध का रूप एवं बौद्ध मत के विषय में अपने विचार दीजिए।