बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 समाजशास्त्र तृतीय प्रश्नपत्र - सामाजिक स्तरीकरण एवं गतिशीलता एम ए सेमेस्टर-1 समाजशास्त्र तृतीय प्रश्नपत्र - सामाजिक स्तरीकरण एवं गतिशीलतासरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 समाजशास्त्र तृतीय प्रश्नपत्र - सामाजिक स्तरीकरण एवं गतिशीलता
प्रश्न- सामाजिक स्तरीकरण के प्रकार्य पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
उत्तर -
सामाजिक स्तरीकरण के मुख्य प्रकार्य इस प्रकार हैं -
(1) श्रम विभाजन - मनुष्य की अनेक आवश्यकतायें होती हैं। इन आवश्यकताओं की पूर्ति के निमित्त उसे विभिन्न व्यक्तियों का सहयोग प्राप्त करना पड़ता है। स्तरीकरण के माध्यम से समाज में कार्यों का विभाजन कर दिया जाता है। प्रत्येक स्तर के कुछ निश्चित प्रकार्य होते हैं जिन्हें प्रत्येक सदस्य पूरा करता है। प्रत्येक व्यक्ति प्रदत्त कार्य को पूरा करके लोगों की आवश्यकता की पूर्ति में सहयोग प्रदान करता है।
(2) कठोर परिश्रम करने की प्रेरणा - सामाजिक स्तरीकरण के फलस्वरूप व्यक्ति को कठोर परिश्रम तथा अधिक कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। समाज में प्रत्येक व्यक्ति की यह इच्छा होती है कि उसे प्रसिद्धि प्राप्त हो; वह बड़ा बने। इस इच्छा को पूरी करने की दृष्टि से वह उच्च पद पाने के लिये कठोर परिश्रम करता है।
(3) परस्पर सहयोग में वृद्धि - स्तरीकरण के द्वारा विभिन्न योग्यताओं वाले व्यक्तियों को पदं प्रदान किये जाते हैं। इससे समाज में संघर्ष की स्थिति उत्पन्न नहीं होती वरन् व्यक्ति परस्पर सहयोग करके समाज व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने में मदद देते हैं।
(4) सामाजिक नियन्त्रण - सामाजिक स्तरीकरण के अन्तर्गत प्रत्येक स्तर पर अपने विशिष्ट नियम व नियन्त्रणकारी शक्तियाँ होती हैं। प्रत्येक सदस्य इनके अन्तर्गत ही अपनी भूमिका अदा करता है। इस प्रकार सामाजिक स्तरीकरण से नियन्त्रण भी सम्भव होता है।
(5) मनोवृत्तियों के निर्धारण में सहायक - ओलसन के अनुसार, स्तरीकरण मानव की मनोवृत्तियों के निर्धारण में भी सहायक है। व्यक्ति जिस जाति एवं वर्ग का होता है, उसकी मनोवृत्तियाँ भी उसी प्रकार की हो जाती हैं। श्रमिक एवं पूँजीपति की मनोवृत्तियाँ भी इसी आधार पर भिन्न-भिन्न होती हैं।
(6) मनोवैज्ञानिक सन्तोष की प्राप्ति - सामाजिक स्तरीकरण से व्यक्ति अपनी भूमिका से सन्तुष्टि प्राप्त करता है। यह स्थिति व्यक्ति को मानसिक सुरक्षा प्रदान करती है तथा उसे प्रदत्त परिस्थिति के अनुकूल भूमिका निभाने हेतु प्रोत्साहित करती है।
(7) शक्ति सन्तुलन - जिन व्यक्तियों के पास महत्वपूर्ण पद होते हैं, उनके पास शक्ति भी अधिक होती है। दूसरी ओर, ऐसे लोगों की संख्या अधिक होती है जो राजनीतिक अधिकार एवं शक्ति - विहीन होते हैं लेकिन ये ही लोग शक्ति सम्पन्न लोगों को शक्ति के दुरुपयोग करने से रोकते हैं। दूसरी ओर शक्ति सम्पन्न लोग सामान्य जनता पर नियन्त्रण रखते हैं। इस प्रकार दोनों ही वर्ग परस्पर नियन्त्रण रखकर समाज में शक्ति संतुलन बनाये रखते हैं।
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- प्रश्न- सामाजिक स्तरीकरण क्या है? सामाजिक स्तरीकरण की विशेषताओं का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- सामाजिक स्तरीकरण की क्या आवश्यकता है? सामाजिक स्तरीकरण के प्रमुख आधारों को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- सामाजिक स्तरीकरण को निर्धारित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- सामाजिक विभेदीकरण किसे कहते हैं? सामाजिक स्तरीकरण और सामाजिक विभेदीकरण में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- सामाजिक स्तरीकरण से सम्बन्धित आधारभूत अवधारणाओं का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक स्तरीकरण के सम्बन्ध में पदानुक्रम / सोपान की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- असमानता से क्या आशय है? मनुष्यों में असमानता क्यों पाई जाती है? इसके क्या कारण हैं?
- प्रश्न- सामाजिक स्तरीकरण के स्वरूप का संक्षिप्त विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- सामाजिक स्तरीकरण के अकार्य/दोषों का संक्षिप्त परिचय दीजिये।
- प्रश्न- वैश्विक स्तरीकरण से क्या आशय है?
- प्रश्न- सामाजिक विभेदीकरण की विशेषताओं को लिखिये।
- प्रश्न- जाति सोपान से क्या आशय है?
- प्रश्न- सामाजिक गतिशीलता क्या है? उपयुक्त उदाहरण देते हुए सामाजिक गतिशीलता के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक गतिशीलता के प्रमुख घटकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक वातावरण में परिवर्तन किन कारणों से आता है?
- प्रश्न- सामाजिक स्तरीकरण की खुली एवं बन्द व्यवस्था में गतिशीलता का वर्णन कीजिए तथा दोनों में अन्तर भी स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय समाज में सामाजिक गतिशीलता का विवेचन कीजिए तथा भारतीय समाज में गतिशीलता के निर्धारक भी बताइए।
- प्रश्न- सामाजिक गतिशीलता का अर्थ लिखिये।
- प्रश्न- सामाजिक गतिशीलता के पक्षों का संक्षिप्त विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक स्तरीकरण के संरचनात्मक प्रकार्यात्मक दृष्टिकोण का विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- सामाजिक स्तरीकरण के मार्क्सवादी दृष्टिकोण का विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- सामाजिक स्तरीकरण पर मेक्स वेबर के दृष्टिकोण का विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- सामाजिक स्तरीकरण की विभिन्न अवधारणाओं का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये।
- प्रश्न- डेविस व मूर के सामाजिक स्तरीकरण के प्रकार्यवादी सिद्धान्त का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- सामाजिक स्तरीकरण के प्रकार्य पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- डेविस-मूर के संरचनात्मक प्रकार्यात्मक सिद्धान्त का संक्षिप्त परिचय दीजिये।
- प्रश्न- स्तरीकरण की प्राकार्यात्मक आवश्यकता का विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- डेविस-मूर के रचनात्मक प्रकार्यात्मक सिद्धान्त पर एक आलोचनात्मक टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- जाति की परिभाषा दीजिये तथा उसकी प्रमुख विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- भारत में जाति-व्यवस्था की उत्पत्ति के विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- जाति प्रथा के गुणों व दोषों का विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- जाति-व्यवस्था के स्थायित्व के लिये उत्तरदायी कारकों का विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- जाति व्यवस्था को दुर्बल करने वाली परिस्थितियाँ कौन-सी हैं?
- प्रश्न- भारतवर्ष में जाति प्रथा में वर्तमान परिवर्तनों का विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- जाति व्यवस्था में गतिशीलता सम्बन्धी विचारों का विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- वर्ग किसे कहते हैं? वर्ग की मुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- सामाजिक स्तरीकरण व्यवस्था के रूप में वर्ग की आवधारणा का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- अंग्रेजी उपनिवेशवाद और स्थानीय निवेश के परिणामस्वरूप भारतीय समाज में उत्पन्न होने वाले वर्गों का परिचय दीजिये।
- प्रश्न- जाति, वर्ग स्तरीकरण की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- 'शहरीं वर्ग और सामाजिक गतिशीलता पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- खेतिहर वर्ग की सामाजिक गतिशीलता पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- धर्म क्या है? धर्म की विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- धर्म (धार्मिक संस्थाओं) के कार्यों एवं महत्व की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- धर्म की आधुनिक प्रवृत्तियों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- समाज एवं धर्म में होने वाले परिवर्तनों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- सामाजिक स्तरीकरण में धर्म की भूमिका को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- जाति और जनजाति में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- जाति और वर्ग में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- स्तरीकरण की व्यवस्था के रूप में जाति व्यवस्था को रेखांकित कीजिये।
- प्रश्न- आंद्रे बेत्तेई ने भारतीय समाज के जाति मॉडल की किन विशेषताओं का वर्णन किया है?
- प्रश्न- बंद संस्तरण व्यवस्था से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- खुली संस्तरण व्यवस्था से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- धर्म की आधुनिक किन्हीं तीन प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- "धर्म सामाजिक संगठन का आधार है।" इस कथन का संक्षेप में उत्तर दीजिये।
- प्रश्न- क्या धर्म सामाजिक एकता में सहायक है? अपना तर्क दीजिये।
- प्रश्न- 'धर्म सामाजिक नियन्त्रण का प्रभावशाली साधन है। इस सन्दर्भ में अपना उत्तर दीजिये।
- प्रश्न- वर्तमान में धार्मिक जीवन (धर्म) में होने वाले परिवर्तन लिखिये।
- प्रश्न- जेण्डर शब्द की अवधारणा को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- जेण्डर संवेदनशीलता से क्या आशय हैं?
- प्रश्न- जेण्डर संवेदशीलता का समाज में क्या भूमिका है?
- प्रश्न- जेण्डर समाजीकरण की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- समाजीकरण और जेण्डर स्तरीकरण पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- समाज में लैंगिक भेदभाव के कारण बताइये।
- प्रश्न- लैंगिक असमता का अर्थ एवं प्रकारों का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- परिवार में लैंगिक भेदभाव पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- परिवार में जेण्डर के समाजीकरण का विस्तृत वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- लैंगिक समानता के विकास में परिवार की भूमिका का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- पितृसत्ता और महिलाओं के दमन की स्थिति का विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- लैंगिक श्रम विभाजन के हाशियाकरण के विभिन्न पहलुओं की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- महिला सशक्तीकरण की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पितृसत्तात्मक के आनुभविकता और व्यावहारिक पक्ष का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- जाति व्यवस्था और ब्राह्मणवादी पितृसत्ता से क्या आशय है?
- प्रश्न- पुरुष प्रधानता की हानिकारकं स्थिति का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- आधुनिक भारतीय समाज में स्त्रियों की स्थिति में क्या परिवर्तन आया है?
- प्रश्न- महिलाओं की कार्यात्मक महत्ता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक क्षेत्र में लैंगिक विषमता का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- आर्थिक क्षेत्र में लैंगिक विषमता की स्थिति स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- अनुसूचित जाति से क्या आशय है? उनमें सामाजिक गतिशीलता तथा सामाजिक न्याय का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- जनजाति का अर्थ एवं परिभाषाएँ लिखिए तथा जनजाति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय जनजातियों की समस्याओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अनुसूचित जातियों एवं पिछड़े वर्गों की समस्याओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जनजातियों में महिलाओं की प्रस्थिति में परिवर्तन के लिये उत्तरदायी कारणों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- सीमान्तकारी महिलाओं के सशक्तीकरण हेतु किये जाने वाले प्रयासो का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- अल्पसंख्यक कौन हैं? अल्पसंख्यकों की समस्याओं का वर्णन कीजिए एवं उनका समाधान बताइये।
- प्रश्न- भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की स्थिति एवं समस्याओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों से क्या आशय है?
- प्रश्न- सीमान्तिकरण अथवा हाशियाकरण से क्या आशय है?
- प्रश्न- सीमान्तकारी समूह की विशेषताएँ लिखिये।
- प्रश्न- आदिवासियों के हाशियाकरण पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- जनजाति से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- भारत के सन्दर्भ में अल्पसंख्यक शब्द की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- अस्पृश्य जातियों की प्रमुख निर्योग्यताएँ बताइये।
- प्रश्न- अस्पृश्यता निवारण व अनुसूचित जातियों के भेद को मिटाने के लिये क्या प्रयास किये गये हैं?
- प्रश्न- मुस्लिम अल्पसंख्यक की समस्यायें लिखिये।