बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 शिक्षाशास्त्र द्वितीय प्रश्नपत्र - शैक्षिक अनुसंधान की पद्धति एम ए सेमेस्टर-1 शिक्षाशास्त्र द्वितीय प्रश्नपत्र - शैक्षिक अनुसंधान की पद्धतिसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
0 |
एम ए सेमेस्टर-1 शिक्षाशास्त्र द्वितीय प्रश्नपत्र - शैक्षिक अनुसंधान की पद्धति
प्रश्न- शोध समस्या की जाँच आप कैसे करेंगे?
उत्तर -
किसी समस्या पर कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व निम्नांकित प्रश्नों पर विचार कर लेना लाभदायक होगा -
1. क्या इस समस्या में आपकी रुचि है? - यदि कोई समस्या अनुसंधानकर्ता को नीरस तथा ऊब उत्पन्न करने वाली प्रतीत होती है। वह उस समस्या के साथ न्याय नहीं कर सकेगा।
2. क्या यह समस्या नवीन है? - यदि उस समस्या पर पहले ही किसी अनुसंधानकर्ता द्वारा कार्य सम्पन्न हो चुका है तो पुनः उसी समस्या पर किया गया प्रयास सर्वथा व्यर्थ चला जायेगा। परन्तु उस अध्ययन के निष्कर्ष की वैधता की जाँच करना उद्देश्य हो तो उसको फिर से चुना जा सकता है।
3. क्या समस्या महत्वपूर्ण है - यदि यह समस्या उपयोगी नहीं है, यदि इसके समाधान द्वारा न तो ज्ञान- क्षेत्र में कोई वृद्धि होती है और न इससे प्रचलित प्रथाओं में ही कोई सुधार की सम्भावनाएँ प्रस्तुत होती हैं तो ऐसी समस्या पर किया गया कार्य व्यर्थ सिद्ध होगा।
4. क्या इस समस्या पर कार्य करना सम्भव है? - यह सम्भव है कि कोई अनुसन्धान समस्या रुचिकर महत्वपूर्ण तथा नवीन होते हुए भी किसी विशेष अनुसंधानकर्ता के लिए उपयुक्त न हो, जिसके परिणामस्वरूप वह उस समस्या से कोई सफल निष्कर्ष प्राप्त न कर सके। अतः निम्नांकित बातों पर विचार कर लेना आवश्यक हो जाता है
(i) इस समस्या के अनुरूप योजना निर्मित करके सफल समाधान के लिए अध्ययन परिचालित करने की क्या मैं आवश्यक योग्यता एवं क्षमता रखता है? क्या मुझे इस क्षेत्र के विषय में पर्याप्त ज्ञान है? क्यों मुझमें इस अध्ययन के लिए दत्तों का संग्रह एवं व्याख्या करने के लिए उचित उपकरण व तकनीकें प्रयुक्त करने की दक्षता विद्यमान है?
(ii) क्या उपयुक्त आँकड़े उपलब्ध हैं? क्या मुझमें इस अध्ययन के लिए दत्तों का संग्रह एवं व्याख्या करने के लिए उचित उपकरण व तकनीकें प्रयुक्त करने की दक्षता विद्यमान है।
(iii) क्या इस कार्य की योजना बनाने तथा उसे पूर्ण करने में मैं अपने महाविद्यालय के शिक्षकों अथवा अपने संकाय के किसी सदस्य से उचित संदर्शन प्राप्त कर सकने में समर्थ हो सकूँगा? यदि इस कार्य को पूर्ण करने में किसी समर्थन, सहयोग तथा विशेष अनुमति की आवश्यकता पड़ी तो क्या वे मुझे प्राप्त हो सकती है।
(iv) क्या इस अध्ययन को परिचालित रखने के लिए आवश्यक वित्तीय साधन मुझे उपलब्ध है।
(v) इस परियोजना को पूर्ण करने में आरम्भ से लेकर अंत तक जितने समय की आवश्यकता है- क्या उतना समय मुझे उपलब्ध है?
(vi) क्या मुझमें इतना साहस तथा निश्चय की दृढ़ता विद्यमान है कि मैं अध्ययन के मार्ग में आई हुयी कठिनाइयों तथा सामाजिक बाधाओं के उपरान्त भी इस अध्ययन को परिचालित रख सकूँ? विशेष जोखिम, जुर्माना तथा बाधाएँ अथवा शारीरिक, वित्तीय, व्यक्तिगत, सामाजिक या व्यावसायिक प्रकृति के कुछ मूल्य चुकाने का अवसर किसी भी समय सामने आ सकता है, ऐसी स्थिति में क्या उनका साहसपूर्वक सामना कर सकूँगा?
(vii) जब किसी समस्या के सन्दर्भ में उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर हम स्वीकारात्मक रूप में दे सके, तभी वह समस्या हमारे द्वारा अनुसंधान के लिए उत्तम मानी जा सकती है।
"किसी शैक्षिक अनुसंधान परियोजना पर तब तक कार्य आरम्भ नहीं करना चाहिये जब तक कि उस अध्ययन के परिणाम किसी महत्वपूर्ण शैक्षिक प्रथा या क्रिया को प्रभावकारी ढंग से श्रेष्ठतर बनाने की सम्भावना प्रस्तुत नहीं कर देते हैं।"
"समस्या चयन और उसके मूल्यांकन के स्तर की कसौटियाँ संक्षेप में चार सिद्धान्तों में कही जा सकती है- वैयक्तिक अभिरुचि, व्यक्तिगत योग्यता, विषय की मूल्यताएँ और सूचना दल का मिलना।"
समस्या में रुचि - विषय में रुचि जानने के लिए निम्नलिखित प्रश्न पूछने चाहिये -
1. अपनी समस्या समधान में क्या मुझे केवल निष्क्रिय जिज्ञासा है अथवा यह पूर्णतया सन्तुष्ट न होने वाली बौद्धिक प्रेरणा है?
2. क्या मेरी रुचि सम्भावित पारितोषिकों के कारण है; जैसे प्रतिष्ठा में उन्नति, अधिक अधि कार अथवा वित्तीय लाभ?
3. क्या मेरी रुचि इतनी प्रबल है कि समस्या के समाधान की खोज में बहुत पूर्वाग्रह आ सकता है?
समस्या का महत्व - विषय का महत्व निर्धारित करने में निम्न प्रश्न पूछे जा सकते हैं -
1. " क्या यह सम्भव है कि इस अध्ययन के परिणाम अभी तक प्राप्त ज्ञान में वृद्धि करेंगे अथवा वे जो कुछ अब तक हुआ है उसकी पुनरावृत्ति करेंगे?
2. क्या इस क्षेत्र में पुनः कार्य करने की आवश्यकता है?
3. क्या पुष्ट ज्ञान में कुछ रिक्त कड़िया हैं, जिनको भरने की आवश्यकता है?
4. जो परिणाम आयेंगे, क्या वे व्यापार, समाज, सरकार अथवा अन्य एजेन्सी को व्यवहारिक रूप से उपयोगी होगी?
5. पारिणामों में कितनी रुचि होगी।
समस्या समाधान की क्षमता - यह जानने के लिए कि विषय अनुसंधानकर्ता की योग्यता के भीतर है, वह अपने से यह प्रश्न पूछ सकता है -
1. क्या मुझमें वे साधारण व विशिष्ट कौशल ज्ञान और योग्यताएँ हैं व आ सकती हैं? जो समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक है?
2. क्या यह सम्भव है कि यह विषय मेरी आर्थिक स्थिति और प्राप्त समय में पूर्ण हो सकेगा।
3. क्या विषय ऐसा है कि मेरे लिए उपयुक्त समर्थन और प्रशासकीय सहयोग पाना सम्भव होगा।
आवश्यक आँकड़ों की सुलभता - अन्त में अनुसंधान छात्र को दत्त की सुलभता के निर्णय के लिए निम्नलिखित प्रश्नों के सन्तोषजनक उत्तर पाने चाहिये -
1. विषय के समाधान के लिए आवश्यक विशेष दत्त क्या मुझे प्राप्त है।
2. विषय के समाधान के लिए आवश्यक तकनीकें क्या उस सीमा तक विकसित हैं कि निष्कर्षो को इतना विशेषित तथा संकुचित न किया जायेगा कि उनका कुछ मूल्य ही न रहे।
3. कुछ दत्त की प्राप्यता में कमी के कारण क्या विषय को यथेष्ट सीमित किया जा सकता है। ताकि उस पर सन्तोषजनक कार्य हो सके।
|
- प्रश्न- शैक्षिक शोध को परिभाषित करते हुए इसका अर्थ बताइये तथा इसकी विशेषताएँ कौन-कौन सी हैं?
- प्रश्न- शिक्षा अनुसंधान की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- शैक्षिक अनुसंधान की परिभाषा तथा उसका स्वरूप बताइये?
- प्रश्न- शैक्षिक अनुसंधान की प्रकृति तथा उसके क्षेत्र के विषय में समझाइये।
- प्रश्न- शैक्षिक अनुसंधान के क्षेत्र की विस्तृत चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षाशास्त्र में अनुसन्धान की क्या आवश्यकता है? उदाहरणों द्वारा यह बताइये कि शैक्षिक अनुसन्धान और प्रायोगिक अनुसन्धान ने शिक्षाशास्त्र विषय को कैसे प्रभावित किया है?
- प्रश्न- अनुसन्धान कार्य की प्रस्तावित रूपरेखा से आप क्या समझती है? इसके विभिन्न सोपानों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक शोध की परिभाषा दीजिए। शोध प्रक्रिया में निहित चरणों की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा अनुसंधान के कार्य बताते हुए इसके महत्व पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक अनुसंधान के महत्व पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक अनुसंधानों के निष्कर्षों की उपयोगिता क्या है? तथा अनुसंधान के कितने सोपान हैं?
- प्रश्न- अनुसंधान के कितने सोपान होते हैं?
- प्रश्न- शैक्षिक अनुसंधान के क्या लाभ होते हैं? बताइये। .
- प्रश्न- शोध सामान्यीकरण की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शैक्षिक शोध में परिणामों व निष्कर्षों की उपयोगिता संक्षेप में लिखिए।
- प्रश्न- शैक्षिक अनुसंधान के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- मौलिक अनुसंधान का क्या अर्थ है? तथा इसकी विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- व्यवहृत अनुसंधान का अर्थ एवं इसकी विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- व्यवहारिक अनुसंधान की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- क्रियात्मक अनुसंधान का अर्थ क्या है? तथा इसकी विशेषताएँ एवं महत्व का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- क्रियात्मक अनुसंधान की उत्पत्ति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- क्रियात्मक अनुसंधान की विशेषताएँ क्या है? बिन्दुवार वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र में क्रियात्मक अनुसंधान का क्या महत्व है?
- प्रश्न- मौलिक शोध एवं क्रियात्मक शोध में क्या अन्तर है? क्रियात्मक शोध के विभिन्न चरणों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मौलिक तथा क्रियात्मक शोध में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र में क्रियात्मक अनुसंधान की क्या आवश्यकता है तथा क्या उद्देश्य है? के बारे में समझाइये।
- प्रश्न- क्रियात्मक अनुसंधान की शिक्षा के क्षेत्र में क्या आवश्यकता है?
- प्रश्न- समस्या के कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- क्रियात्मक परिकल्पना का मूल्यांकन कीजिए!
- प्रश्न- मात्रात्मक अनुसंधान से आप क्या समझते हैं? तथा यह कितने प्रकार का होता है।
- प्रश्न- मात्रात्मक अनुसंधान कितने प्रकार का होता है।
- प्रश्न- मात्रात्मक अनुसंधान की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- मात्रात्मक अनुसंधान की सीमाएँ कौन-कौन सी हैं?
- प्रश्न- गुणात्मक अनुसंधान से आप क्या समझते हैं? इसके उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- गुणात्मक अनुसंधान के उद्देश्यों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- गुणात्मक अनुसंधान के लक्षण तथा सीमाएँ बताइये।
- प्रश्न- मात्रात्मक एवं गुणात्मक शोध में क्या-क्या अन्तर होते हैं? समझाइये।
- प्रश्न- सम्बन्धित साहित्य की समीक्षा की आवश्यकता एवं प्रक्रिया बताइये।
- प्रश्न- सम्बन्धित साहित्य की समीक्षा की प्रक्रिया बताइये।
- प्रश्न- समस्या का परिभाषीकरण कीजिए तथा समस्या के तत्वों का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- समस्या का सीमांकन तथा मूल्यांकन कीजिए तथा समस्या के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- समस्या का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- समस्याओं के प्रकार बताइए?
- प्रश्न- समस्या के चुनाव का सिद्धान्त लिखिए। एक समस्या कथन लिखिए।
- प्रश्न- शोध समस्या की जाँच आप कैसे करेंगे?
- प्रश्न- अच्छी समस्या की विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- शोध समस्या और शोध प्रकरण में अंतर बताइए।
- प्रश्न- शैक्षिक शोध में प्रदत्तों के वर्गीकरण की उपयोगिता क्या है?
- प्रश्न- समस्या का अर्थ तथा समस्या के स्रोत बताइए?
- प्रश्न- शोधार्थियों को शोध करते समय किन कठिनाइयों का सामना पड़ता है? उनका निवारण कैसे किया जा सकता है?
- प्रश्न- समस्या की विशेषताएँ बताइए तथा समस्या के चुनाव के अधिनियम बताइए।
- प्रश्न- चरों के प्रकार तथा चरों के रूपों का आपस में सम्बन्ध बताते हुए चरों के नियंत्रण पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चरों के रूपों का आपसी सम्बन्ध बताइए।
- प्रश्न- बाह्य चरों पर किस प्रकार नियंत्रण किया जाता है?
- प्रश्न- चर किसे कहते हैं? चर को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- स्वतन्त्र चर और आश्रित चर का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
- प्रश्न- कारक अभिकल्प की प्रक्रिया का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- परिकल्पना या उपकल्पना से आप क्या समझते हैं? परिकल्पना कितने प्रकार की होती है।
- प्रश्न- परिकल्पना की परिभाषा को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- परिकल्पना के प्रकारों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- दिशायुक्त एवं दिशाविहीन परिकल्पना को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सामान्य परिकल्पना किसे कहते हैं?
- प्रश्न- उपकल्पना के स्रोत, उपयोगिता तथा कठिनाइयाँ बताइए।
- प्रश्न- वैज्ञानिक अनुसन्धान में उपकल्पना की उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- उपकल्पना निर्माण में आने वाली कठिनाइयाँ बताइए?
- प्रश्न- उत्तम परिकल्पना की विशेषताएँ लिखिए। परिकल्पना के कार्य लिखिए।
- प्रश्न- परिकल्पना से आप क्या समझते हैं? किसी शोध समस्या को चुनिये तथा उसके लिये पाँच परिकल्पनाएँ लिखिए।
- प्रश्न- उपकल्पनाएँ कितनी प्रकार की होती हैं?
- प्रश्न- शैक्षिक शोध में न्यादर्श चयन का महत्त्व बताइये।
- प्रश्न- शोधकर्त्ता को परिकल्पना का निर्माण क्यों करना चाहिए।
- प्रश्न- शोध के उद्देश्य व परिकल्पना में क्या सम्बन्ध है?
- प्रश्न- अच्छे न्यादर्श की क्या विशेषताएँ हैं? न्यादर्श चयन की कौन-सी विधियाँ हैं? शैक्षिक अनुसंधान में कौन-सी विधि सर्वाधिक प्रयोग में लाई जाती है और क्यों?
- प्रश्न- दैव निर्देशन के बारे में बताइए तथा उसकी समस्याओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निदर्शन की प्रमुख समस्याएँ बताइए।
- प्रश्न- स्तरित निदर्शन व उद्देश्यपूर्ण निदर्शन और विस्तृत पद्धति से आप क्या समझते हैं? न्यादर्श के अन्य प्रकार बताइये।।
- प्रश्न- उद्देश्यपूर्ण निदर्शन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- विस्तृत निदर्शन पद्धति से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- न्यादर्श के अन्य प्रकार समझाइए।
- प्रश्न- न्यादर्श की विधियाँ लिखिए।
- प्रश्न- शोध में न्यादर्श की क्या आवश्यकता है? अच्छे न्यादर्श की प्रमुख दो विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मापन की त्रुटि और न्यादर्श की त्रुटि को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- जनसंख्या व न्यादर्श में अन्तर कीजिए।
- प्रश्न- निदर्शन विधि किसे कहते हैं? परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- निदर्शन पद्धति के क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आदर्श निदर्शन की विशेषताएँ तथा गुण बताइए।
- प्रश्न- न्यादर्श प्रणाली के दोष।
- प्रश्न- न्यादर्श 'अ' में N = 150, M = 120 और = 20 तथा न्यादर्श 'ब' में N = 75, M = 126 और 5 = 22 जब इन दोनों को 225 प्राप्ताकों के समूह में संयुक्त कर दिया जाए तो 'अ' और 'ब' के मध्यमान तथा प्रमाणिक विचलन क्या होगें?
- प्रश्न- सामान्य सम्भावना वक्र क्या है? तथा इसमें कौन-सी विशेषताएँ पायी जाती हैं?
- प्रश्न- सामान्य प्रायिकता वक्र में कौन-कौन सी विशेषताएँ पायी जाती है?
- प्रश्न- सामान्य प्रायिकता वक्र के क्या उपयोग है?
- प्रश्न- असम्भाव्यता न्यादर्शन कब और क्यों उपयोगी होते हैं?
- प्रश्न- अवलोकन किसे कहते हैं? अवलोकन का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा अवलोकन पद्धति की विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- अवलोकन के प्रकारों की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- सहभागी अवलोकन किसे कहते हैं?
- प्रश्न- असहभागी अवलोकन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अवलोकन का महत्व, दोष तथा अवलोकनकर्त्ता के गुण बताइए।
- प्रश्न- अवलोकन पद्धति के दोष तथा अनुसन्धानकर्त्ता के गुण बताइए।
- प्रश्न- निरीक्षण विधि क्या हैं?
- प्रश्न- साक्षात्कार के प्रमुख चरण, गुण तथा दोष बताइए।
- प्रश्न- साक्षात्कारकर्त्ता के आवश्यक गुणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- साक्षात्कार के गुण तथा दोष बताइए।
- प्रश्न- साक्षात्कार के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- साक्षात्कार किसे कहते हैं? साक्षात्कार की परिभाषाएँ दीजिए।
- प्रश्न- साक्षात्कार के उद्देश्य तथा विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- समाजमिति की विशेषताएँ तथा समाजमिति विश्लेषण की विधियाँ बताइए।
- प्रश्न- समाजमिति विश्लेषण की विधियाँ लिखिए।
- प्रश्न- समाजमिति विधि किसे कहते हैं? परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- प्रश्नावली का अर्थ बताइये तथा उसे परिभाषित करते हुए उसके प्रकार तथा विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रश्नावली के प्रकार तथा विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- प्रश्नावली निर्माण प्रविधि का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रश्नावली के गुण या लाभ बताइये।
- प्रश्न- प्रश्नावली विधि की सीमाएँ या दोष बताइए।
- प्रश्न- प्रश्नावली तथा अनुसूची में अन्तर लिखिए।
- प्रश्न- पश्चोन्मुखी या कार्योत्तर अनुसंधान किसे कहते हैं? इनकी विशेषताओं का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- कार्योत्तर अनुसंधान की विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- पश्चोन्मुखी अनुसंधान का महत्व बताइये तथा इसकी मुख्य कठिनाइयाँ क्या हैं? उदाहरण सहित विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- पश्चोन्मुखी अनुसन्धान में कौन-सी मुख्य कठिनाइयाँ हैं? उदाहरण सहित विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- अनुसंधान परिषद की संगठनात्मक संरचना क्या है? इसके लक्ष्य एवं उद्देश्यों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- दार्शनिक अनुसंधान परिषद् के लक्ष्य एवं उद्देश्यों का वर्णन करिए।
- प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान की प्रयोगात्मक विधि क्या है? इसके प्रमुख पदों को लिखिए। तथा इसके गुण-दोष का वर्णन कीजिए और शिक्षा में इसकी उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान की प्रयोगात्मक विधि के गुण-दोषों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रयोगात्मक विधि की शिक्षा में उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- दार्शनिक अनुसंधान कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रश्न- व्यक्ति इतिहास पद्धति की संक्षित व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा मनोविज्ञान के अध्ययन की विभिन्न विधियों के नाम बताइये।
- प्रश्न- सम्बन्धित साहित्य की आवश्यकता और कार्य स्पष्ट कीजिए। शोध प्रतिवेदन में सम्बन्धित साहित्य की क्या उपयोगिता है?
- प्रश्न- शोध प्रबन्ध के प्रारूप को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- उद्धरण में प्रतिवेदन के क्या नियम हैं? समझाइए।
- प्रश्न- फुटनोट के नियम बताइए।
- प्रश्न- सन्दर्भग्रन्थ-सूची क्या है?
- प्रश्न- शोध-प्रबन्ध का मूल्यांकन कीजिए?
- प्रश्न- शोध रिपोर्ट तैयार करने के क्या उद्देश्य हैं? रिपोर्ट लेखन की प्रक्रिया बताइये।
- प्रश्न- शोध रिपोर्ट लेखन क्या है? रिपोर्ट लेखन की प्रक्रिया बताइये।
- प्रश्न- शैक्षिक शोध से सम्बन्धित साहित्य की विवेचना कीजिए।