बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-C - लिंग, विद्यालय एवं समाज बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-C - लिंग, विद्यालय एवं समाजसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-C - लिंग, विद्यालय एवं समाज
प्रश्न- लिंगीय विभेद से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
लिंगीय विभेद से तात्पर्य है बालक तथा बालिकाओं के मध्य व्याप्त लैंगिक असमानता। बालक तथा बालिकाओं में उनके लिंग के आधार पर भेद करना जिसके कारण बालिकाओं को समाज में, शिक्षा में तथा पालन-पोषण में बालकों से निम्नतर स्थिति में रखा जाता है, जिससे वे पिछड़ जाती हैं। बालक तथा बालिकाओं में विभेद उनके लिंग को लेकर किया जाता है। प्राचीन काल से ही यह अवधारणा प्रचलित रही है कि जीवित पुत्र का मुख देखने मात्र से ही नरक और कई प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है, और बालिकाओं की प्रत्येक प्रकार से सुरक्षा करनी पड़ती है। अतः बालक श्रेष्ठ है और कुल का गौरव तथा कुल का नाम आगे ले जाने और रोशन करने के लिये उत्तरदायी होने के कारण ही बालिकाओं की अपेक्षा प्रमुख है। इस प्रकार लिंग के आधार पर किया जाने वाला भेदभाव लिंगीय विभेद कहलाता है।
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