बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन बीए सेमेस्टर-2 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- कारगिल युद्ध 1999 में भारतीय वायुसेना की आक्रामक कार्यवाही का मूल्याँकन कीजिए।
अथवा
कारगिल युद्ध के सैन्य अभियान का वर्णन कीजिए।
अथवा
कारगिल युद्ध पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
अथवा
कारगिल संघर्ष पर एक निबन्ध लिखिए।
उत्तर -
सैनिक अभियान - भारतीय थल सेना एवं वायु सेना दोनों ने आपरेशन विजय' अभियान के तहत कारगिल सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों के विरुद्ध 26 मई 1999 को सैनिक कार्यवाही आरम्भ कर दी। 27 मई को घुसपैठियों ने हमारे एक मिग-21 विमान को मार गिराया तथा हमारा दूसरा मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। 28 मई को घुसपैठियों ने हमारे एक एम. आई. -17 हेलीकाप्टर को स्ट्रींगर मिसाइल से मार गिराया। 30 मई को भारतीय वायुसेना ने मिराज 2000 वायुयान का प्रयोग करना आरम्भ किया।
9 जून को मिराज 2000 वायुयानों ने मुश्कोह घाटी में शत्रु की आपूर्ति डिपो एवं बंकरों को अपना निशाना बनाया।
11 जून को भारतीय सैनिकों ने बटालिक चोटी को पुनः अपने अधिकार में ले लिया।
13 जून को तोलोलिंग पर पुनः अधिकार हो गया।
14 जून भारतीय सेना ने द्रास क्षेत्र में प्वाइंट 4590 पर अधिकार कर लिया।
17 जून को मिराज जेट वायुयानों ने 14,600 फुट पर स्थित मोन्टो डालो पर स्थित शत्रु के सैनिकों को निशाना बनाया।
29 जून को भारतीय सेना ने मुश्कोह घाटी में प्वाइंट 4700 पर पुनः अधिकार कर लिया।
1 जुलाई - को भारतीय सेना ने टाइगर हिल के समीप स्थित प्वाइंट 5100 पर पुनः अधिकारकर लिया।
4 जुलाई - को टाइगर हिल प्वाइंट 4660 पर भी अधिकार कर लिया।
6 जुलाई - को बटालिक क्षेत्र में स्थित शत्रु की तीन चौकियों पर पुनः अधिकार कर लिया गया।
7 जुलाई - को जुबार हिल तथा प्वाइंट 4268 पर अधिकार कर लिया गया।
8 जुलाई -को द्रास क्षेत्र के प्वाइट 5287 तथा बटालिक के प्वाइंट 4957 पर पुनः अधिकार कर लिया।
9 जुलाई - को बटालिक के लगभग 99 प्रतिशत क्षेत्र को मुक्त करा लिया गया तथा गनसोंक के प्वाइंट 5307 पर अधिकार कर लिया गया।
10 जुलाई - को पाकिस्तानी सेनायें पीछे हटने लगीं।
16 जुलाई - पाकिस्तान अपनी समस्त सेनायें हटा लेने पर राजी हो गया।
16 जुलाई - के बाद भी नियन्त्रण रेखा से सटे कुछ प्वाइंट्स को शत्रु के सैनिकों से मुक्त कराया गया।
इस प्रकार 30 मई से 16 जुलाई के मध्य भारतीय वायुसेना ने आक्रामक कार्यवाही करके कारगिल की सभी चोटियों से शत्रु सेना को मार भगाया तथा उन पर पुनः अधिकार कर लिया।
विश्लेषण : यद्यपि भारतीय थल सेना एवं वायु सेना ने आपरेशन 'विजय' अभियान के तहत 50 दिनों के अंदर ही पाकिस्तानी सैनिकों और विदेशी भाड़े के सैनिकों को कारगिल सेक्टर से मार गिराया भगाया यद्यपि इस सैनिक कार्यवाही से हमारे पाँच सौ से अधिक सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए तथा छः सौ से अधिक सैनिक घायल हुए। कुछ रक्षा विशेषज्ञों का यह मत है कि पाकिस्तान ने कारगिल सेक्टर में ऊँची चोटियों पर अधिकार कर लेने की एक योजना मई, 1998 में परमाणु परीक्षण के बाद ही बना ली थी, परन्तु अधिकांश का यह मत है कि इन ऊँची-ऊँची चोटियों पर अधिकार कर लेने की योजना उसने नवम्बर 98 में ही बनायी थी। वस्तुतः 21 फरवरी, 1999 के "लाहौर घोषणा पत्र" के बाद ही पाकिस्तानी सेना और मुजाहिदों ने कारगिल सेक्टर में स्थित बंकरों की ओर कूच करना आरम्भ कर दिया था। .
वास्तव में पाकिस्तानी सेना की तोपों के गोलों के गिरने की रफ्तार अगस्त, 98 से ही बढ़ गयी थी। पाकिस्तान ने बहुत पहले ही यूरोपीय बाजार से बर्फ पर चलने वाले जूतों, पहनने वाली जैकेटों तथा अन्य साजो-सामान की खरीदारी करना आरम्भ कर दिया था। विगत 20-22 वर्षों से शरद ऋतु के आरम्भ होने से पूर्व भारत एवं पाकिस्तान दोनों देशों के सैनिक पहाड़ियों से उतर कर घाटियों में आ जाते थे तथा अपनी चौकियों एवं बंकरों को खाली छोड़ देते थे। परन्तु पाकिस्तान ने अवसर पाकर जनवरी- फरवरी, 99 में नियन्त्रण रेखा से सटे कारगिल सेक्टर में चुपके से अपने सैनिकों को भेजकर चोटियों पर अधिकार कर लिया। हमारी खुफिया एजेन्सियों (रॉ, आई. बी., सैनिक एंटेलीजेंस) को इसकी भनक भी नहीं मिली।
जब 6 मई, 1999 को 'रूटीन पेट्रोलिंग' हेतु लेफ्टीनेंट सौरभ कालिया के नेतृत्व में एक टोली इन बर्फीली चोटियों की खोज खबर लेने ऊपर गयी तो यह रहस्यमय ढंग से गायब हो गयी। 14 मई, 99 को यह अधिकृत तौर पर ज्ञात हुआ कि पाकिस्तानी घुसपैठियों ने 'कारगिल सेक्टर में स्थित लगभग सभी चोटियों पर अधिकार कर लिया है।
कुछ आलोचकों का जिसमें कुछ विरोधी दल भी सम्मिलित हैं, यह आरोप है कि जब केन्द्र सरकार को बहुत पहले ही घुसपैठियों का पता लग गया था तब तत्काल सैनिक कार्यवाही आरम्भ न करके 26 मई से क्यों की गई? लेखक की राय में इस हेतु हमारी थल सेना पूरी तरह से तैयार नहीं थी। थल सेनाध्यक्ष मलिक भी उस समय विदेश में थे। इसके अतिरिक्त केन्द्रीय मंत्रिमंडल की 'रक्षा समिति' को आवश्यक निर्णय लेने में कुछ समय लग गया।
यह सही है कि हमारी सेनाओं ने पाकिस्तानी सेना और अन्य घुसपैठियों को नियन्त्रण रेखा के उस पार खदेड़ दिया, परन्तु आज भी नियन्त्रण रेखा के समीप कुछ ऐसे स्थल हैं जहाँ पाकिस्तानी सेना का अधिकार यथावत् कायम है। इसी कारण पाकिस्तानी सैनिक कारगिल सेक्टर के अनेक स्थानों पर यदा-कदा गोले बरसाते रहते हैं (उनका निशाना श्रीनगर- लेह राजमार्ग ही है )।
वास्तव में हम सैनिक शब्दावली में 'कारगिल संघर्ष' को संघर्ष ही कहेंगे, परन्तु नियन्त्रण रेखा के आस-पास 50 दिनों तक युद्ध जैसा माहौल कायम रहा। हम विजयी अवश्य हुए, परन्तु यह संघर्ष अधिक खर्चीला सिद्ध हुआ। इस संघर्ष में हमारा लगभग पाँच खरब रुपया खर्च हुआ जबकि पाकिस्तान का सात सौ मिलयन डालर खर्च हुआ।
कारगिल संघर्ष के दौरान देश में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी रहा। विपक्षी दलों ने यह आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार ने पाकिस्तानी घुसपैठियों के विरुद्ध सैनिक कार्यवाही करने में अधिक देरी की तथा हमारी सेनाओं को अपनी ही धरती पर लड़ना पड़ा। केन्द्र सरकार ने इस आरोप को स्वीकार नहीं किया परन्तु उसे घुसपैठ के कारणों की जाँच हेतु रक्षा विशेषज्ञ के सुब्रह्मण्यम की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय समिति का गठन कर दिया। इस समिति ने न केवल घुसपैठ एवं प्रशासनिक व सैनिक असफलताओं के कारणों की जाँच की वरन् राष्ट्र की सुरक्षा हेतु कारगर एवं आवश्यक सुझाव भी दिये हैं।
केन्द्र सरकार का यह तर्क है कि कारगिलं संघर्ष के दौरान हमारी कूटनीति शत-प्रतिशत सफल रही। पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी में अकेला पड़ गया। उसके मित्र अमरीका ने उस पर इस संघर्ष को समाप्त करने और अपने समस्त सैनिकों को नियन्त्रण रेखा से अपनी ओर हटा लेने हेतु विवश किया। यहाँ तक कि चीन ने पाकिस्तान को ऐसा करने हेतु नेक सलाह दी। विश्व में भारतीय सेनाओं के संयम की प्रशंसा की गयी क्योंकि नियन्त्रण रेखा को पार कर पाकिस्तानी क्षेत्र को निशाना नहीं बनाया गया। पाकिस्तान को कारगिल संघर्ष से कुछ विशेष उपलब्धि नहीं मिली, परन्तु उसने कश्मीर समस्या का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने में थोड़ी बहुत सफलता अवश्य हासिल कर ली। कारगिल संघर्ष के बाद अब पाकिस्तान ने छद्म युद्ध आरम्भ कर दिया है। विदेशी भाड़े के सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिक कैम्पों पर हमले किये जा रहे हैं। इन भाड़े के सैनिकों द्वारा जम्मू-कश्मीर की निर्दोष जनता को निशाना बनाया जा रहा है।
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- प्रश्न- वैदिककालीन सैन्य पद्धति एवं युद्धकला का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- महाकाव्य एवं पुराणकालीन सैन्य पद्धति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में गुप्तचर व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए गुप्तचरों के प्रकार तथा कर्मों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- राजदूतों के कर्त्तव्यों का विशेष उल्लेख करते हुए प्राचीन भारत की युद्ध कूटनीति पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- समय और कालानुकूल कुरुक्षेत्र के युद्ध की अपेक्षा रामायण का युद्ध तुलनात्मक रूप से सीमित व स्थानीय था। कुरुक्षेत्र के युद्ध को तुलनात्मक रूप में सम्पूर्ण और 'असीमित' रूप देने में राजनैतिक तथा सैन्य धारणाओं ने क्या सहयोग दिया? समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन "दस राजाओं के युद्ध" का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- वैदिकयुगीन दुर्गों के वर्गीकरण का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिककालीन सैन्य संगठन पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- सैन्य पद्धति का क्या अर्थ है?
- प्रश्न- भारतीय सैन्य पद्धति के अध्ययन के स्रोत कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्धों के वास्तविक कारण क्या होते थे?
- प्रश्न- पौराणिक काल के अष्टांग बलों के नाम लिखिये।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास में कितने प्रकार के राजदूतों का उल्लेख है? मात्र नाम लिखिये।
- प्रश्न- धनुर्वेद के अनुसार आयुधों के वर्गीकरण पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्ध के कौन-कौन से नियम होते थे?
- प्रश्न- महाकाव्यकालीन युद्ध के प्रकार एवं नियमों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक काल के रण वाद्य यन्त्रों के बारे में लिखिये।
- प्रश्न- वैदिककालीन दस राजाओं के युद्ध का क्या परिणाम हुआ?
- प्रश्न- पौराणिक काल में युद्धों के क्या कारण थे?
- प्रश्न- वैदिक काल की रथ सेना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन काल में अश्व सेना के कार्यों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में राजूदतों के कार्यों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय सेना के युद्ध के नियमों को बताइये।
- प्रश्न- किन्हीं तीन प्रकार के प्राचीन हथियार एवं दो प्रकार के कवचों के नाम लिखिए।
- प्रश्न- धर्म युद्ध से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- किलों पर विजय प्राप्त करने की विधियों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- झेलम के संग्राम (326 ई.पू.) में पोरस की पराजय के कारणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- झेलम के संग्राम से क्या सैन्य शिक्षाएं प्राप्त हुई?
- प्रश्न- झेलम के संग्राम के समय भारत की यौद्धिक स्थिति का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सिकन्दर की आक्रमण की योजना की समीक्षा करो।
- प्रश्न- पोरस तथा सिकन्दर की सैन्य शक्ति की तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- सिकन्दर तथा पुरू की सेना का युद्ध किस रूप में प्रारम्भ हुआ?
- प्रश्न- सिकन्दर तथा पोरस की सेना को कितनी क्षति उठानी पड़ी?
- प्रश्न- कौटिल्य के अर्थशास्त्र में वर्णित सैन्य पद्धति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कौटिल्य के अनुसार मौर्यकालीन युद्ध कला एवं सैन्य संगठन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- कौटिल्य कौन था? उसकी पुस्तक का नाम लिखिए।
- प्रश्न- कौटिल्य द्वारा वर्णित सैन्य बलों की श्रेणियां लिखिये।
- प्रश्न- कौटिल्य ने अर्थशास्त्र में कितने प्रकार के राजदूतों का वर्णन किया है
- प्रश्न- कौटिल्य के सैन्य संगठन सम्बन्धी विचार प्रकट कीजिए।
- प्रश्न- कौटिल्य के व्यूहरचना (Tactical Formatic) सम्बन्धी विचारों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- कौटिल्य के द्वारा बताये गये दुगों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कौटिल्य ने युद्ध संचालन के लिए कौन-कौन से विभागों का वर्णन किया है?
- प्रश्न- कौटिल्य द्वारा बताये गये गुप्तचरों के रूप लिखिए।
- प्रश्न- राजपूत सैन्य पद्धति और युद्धकला पर एक संक्षिप्त निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- तराइन के द्वितीय संग्राम (1192 ई०) का वर्णन कीजिए। हमें इस युद्ध से क्या शिक्षाएँ मिलती हैं?
- प्रश्न- तराइन के दूसरे युद्ध ( 1192 ई०) में राजपूतों की पराजय तथा मुसलमानों की विजय के क्या कारण थे?
- प्रश्न- तराइन के युद्ध की सैन्य शिक्षाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राजपूतों के गुणों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- "राजपूतों में दुर्गुणों का भी अभाव न था।" इस कथन को साबित कीजिए।
- प्रश्न- दिल्ली सल्तनत के सैन्य संगठन और युद्ध कला पर प्रकाश डालिए। बलबन तथा अलाउद्दीन के सैन्य सुधारों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- दिल्ली सल्तनत के पतन के कारणों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- मुगल काल में अश्वारोही सैनिक कितने प्रकार के होते थे?
- प्रश्न- तोप और अश्वारोही सेना मुगलकालीन सेना के मुख्य सेनांग थे जिनके ऊपर उन्हें विजय प्राप्त करने का विश्वास था। विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आघात समरतंत्र (Shock Tactics) क्या है?
- प्रश्न- दिल्ली सल्तनत की सैन्य व्यवस्था तथा विस्तार पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- मुगल स्त्रातजी तथा सामरिकी का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1526 ई० में पानीपत के प्रथम संग्राम का सचित्र वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मुगलों की सेना में कितने प्रकार के सैनिक थे?
- प्रश्न- मुगल सैन्य पद्धति के पतन के क्या कारण थे?
- प्रश्न- सेना के वह मुख्य भाग क्या थे? जिन पर मुगलों की विजय आधारित थी? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मुगल तोपखाने पर संक्षेप में लिखिये।
- प्रश्न- युद्ध क्षेत्र में मुगल सेना की रचना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मुगल काल में अश्वारोही सैनिक कितने प्रकार के होते थे?
- प्रश्न- तोप और अश्वारोही सेना मुगलकालीन सेना के मुख्य सेनांग थे जिनके ऊपर उन्हें विजय प्राप्त करने का विश्वास था। विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- खानवा की लड़ाई (1527 ई०) का सचित्र वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राजपूतों की असफलता के क्या कारण थे?
- प्रश्न- राजपूतों की युद्ध कला पर संक्षेप में लिखिये।
- प्रश्न- राजपूतों का सैन्य संगठन कैसा था?
- प्रश्न- राजपूतों के गुणों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- राजपूतों में दुर्गणों का भी अभाव न था। इस कथन को साबित करिये।
- प्रश्न- तराइन के दूसरे युद्ध (1192 ई.) में राजपूतों की पराजय तथा मुसलमानों की विजय के क्या कारण थे?
- प्रश्न- 1527 ई० की खानवा की लड़ाई में राजपूतों और मुगलों की तुलनात्मक सैन्य शक्ति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 17वीं शताब्दी में मराठा शक्ति के उत्कर्ष के कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- मराठा सैन्य पद्धति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मराठा सेनाओं की युद्ध कला एवं संगठन का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- पानीपत के तीसरे संग्राम (1761 ई०) का सचित्र वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मराठा शक्ति के उदय पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिवाजी के समय मराठों का सैन्य संगठन का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- मराठों की युद्धकला पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मराठा सैनिकों के सैन्य गुणों को बताइये।
- प्रश्न- शिवाजी के सैन्य गुणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- पानीपत के तृतीय युद्ध ( 1761 ई०) में मराठों और अफगानों की सैन्य शक्ति का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- पानीपत के तृतीय युद्ध का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पानीपत के तीसरे युद्ध (1761 ई.) में मराठों की पराजय के प्रमुख कारण लिखिए।
- प्रश्न- सिक्ख सैन्य पद्धति, युद्ध कला तथा संगठन का पूर्ण विवरण दीजिए।
- प्रश्न- रणजीत सिंह के पूर्व सिक्ख सैन्य पद्धति की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- "रणजीत सिंह भारत का गुस्तावस एडोल्फस माना जाता है। इस कथन के संदर्भ में रणजीत सिंह द्वारा सिक्ख सेना के किये गये विभिन्न सुधारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सोबरांव के संग्राम (1864 ई०) का वर्णन करते हुए सिक्ख सेना की पराजय के कारण बताइये।
- प्रश्न- दल खालसा पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सिक्ख सैन्य संगठन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह ने सिक्खों को सैनिक क्षेत्र में क्या योगदान दिये?
- प्रश्न- सिक्खों के सेनांग का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रणजीत सिंह से पूर्व सिक्खों के समरतंत्र पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- खालसा युद्ध कला पर लिखिये।
- प्रश्न- महाराजा रणजीत सिंह के तोपखाने का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रणजीत सिंह ने सेना में क्या-क्या सुधार किये?
- प्रश्न- सोबरांव के युद्ध (1846) में सिक्खों की मोर्चे बन्दी का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सोबरांव के युद्ध में सिक्खों की पराजय के क्या कारण थे?
- प्रश्न- सिक्ख दल खालसा का युद्ध के समय क्या महत्व था?
- प्रश्न- ईस्ट इण्डिया कम्पनी की सैन्य पद्धति का वर्णन कीजिए तथा 1857 ई. के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के कारण बताइये।
- प्रश्न- सन् 1858 से लेकर सन् 1918 तक अंग्रेजों के अधीन भारतीय सेना के संगठन तथा विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्वतंत्रता पश्चात् सशस्त्र सेनाओं के भारतीयकरण का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सेना के भारतीयकरण में मोतीलाल नेहरु की रिपोर्ट का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- 1939-45 के मध्य भारतीय सशस्त्र सेनाओं के विस्तार और भारतीयकरण का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- भारतीय नभ शक्ति की विशेषताओं तथा कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय कवचयुक्त सेना पर एक संक्षिप्त निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- आधुनिक भारत में सैन्य संगठन की रचना एवं तत्वों का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय थल सेना के अंगों का विस्तृत विवरण दीजिए।
- प्रश्न- भारत के लिए एक शक्तिशाली नौसेना क्यों आवश्यक है? नौसेना के युद्ध कालीन कार्य बताइए।
- प्रश्न- भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के सैन्य संगठन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- लार्ड क्लाइव ने सेना में क्या-क्या सुधार किये?
- प्रश्न- लार्ड कार्नवालिस के सैन्य सुधारों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कमाण्डर-इन-चीफ लार्ड रॉलिन्सन ने क्या सुधार किये?
- प्रश्न- कम्पनी सेना की स्थापना के क्या कारण थे?
- प्रश्न- प्रेसीडेन्सी सेनाओं के विकास का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- क्राउनकालीन भारतीय सेना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ब्रिटिशकालीन भारतीय सेना को किन कारणों से राष्ट्रीय सेना नहीं कहा जा सकता?
- प्रश्न- भारतीय मिसाइल कार्यक्रम पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- ब्रह्मोस क्या है?
- प्रश्न- भारत की नाभिकीय नीति का संक्षेप में विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- भारत ने व्यापक परीक्षण प्रतिबन्ध सन्धि (CTBT) पर हस्ताक्षर क्यों नहीं किया है?
- प्रश्न- पोखरन-II परीक्षणों में भारत ने किस प्रकार के अस्त्रों की क्षमता का परिचय दिया था?
- प्रश्न- भारत की प्रतिरक्षात्मक तैयारी का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- भारत की स्थल सेना के कमाण्ड्स के नाम व उनके मुख्यालय लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय वायु सेना के कार्यों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय वायु सेना के संगठन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारतीय वायुसेना के कमाण्ड्स के नाम व उनके मुख्यालय लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय वायुसेना पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- भारतीय स्थल सेना की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वायुसेना का महत्व समझाइये।
- प्रश्न- भारत की स्थल सेना के कमाण्ड्स के नाम व उनके मुख्यालय लिखिए।
- प्रश्न- प्रथम भारत-पाक युद्ध या कश्मीर युद्ध (1947-48) का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्वतन्त्रता के पश्चात् भारतीय सेनाओं द्वारा लड़े गये युद्धों का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- 1948 के भारत-पाक युद्ध में स्थल सेना की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कश्मीर विवाद 1948 में सैन्य कार्यवाही के कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 1948 का युद्ध भारत पर अचानक आक्रमण था। कैसे?
- प्रश्न- कश्मीर सैन्य कार्यवाही, 1948 के राजनैतिक परिणाम क्या थे? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- "भारतीय उपमहाद्वीप में शान्ति भारत-पाक सम्बन्धों पर अवलम्बित है।" इस कथन का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए
- प्रश्न- भारत-पाक युद्ध 1948 में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका।
- प्रश्न- 1962 में चीन के विरुद्ध भारत की सैनिक असफलताओं के कारण बताइए।
- प्रश्न- 1948 तथा 1962 के युद्धों में प्रयुक्त समरनीति का तुलनात्मक विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- भारत के सन्दर्भ में तिब्बत की सुरक्षा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत-चीन युद्ध 1962 में वायुसेना की भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत-चीन संघर्ष, 1962 ने भारतीय सेना की कमजोरियों को उजागर किया। समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- नदी बाहुल्य क्षेत्र में वायुसेना की महत्ता समझाइये।
- प्रश्न- "भारत में रक्षा अनुसंधान एवं रेखास संगठन की भूमिका' पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- 1965 में भारत और पाकिस्तान के मध्य हुए युद्ध का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1965 के भारत-पाक संघर्ष के प्रमुख कारणों को आंकलित कीजिए।
- प्रश्न- 1965 के कच्छ के विवाद पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- ताशकन्द समझौता क्यों हुआ? स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- मरुस्थल के युद्ध की समस्याएँ लिखिए।
- प्रश्न- कच्छ के रन का रेखाचित्र बनाइये।
- प्रश्न- कच्छ के रण का महत्व समझाइये।
- प्रश्न- ताशकन्द समझौते के मुख्य प्रस्तावों पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- कच्छ सैन्य अभियान पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत-पाक युद्ध 1971 का वर्णन कीजिए तथा युद्ध के कारणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 1971 के युद्ध में जैसोर तथा ढाका की घेराबन्दी अभियान तथा ढाका के आत्मसमर्पण का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत के लिए कारगिल क्यों महत्वपूर्ण है?
- प्रश्न- कारगिल युद्ध 1999 की उत्पत्ति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कारगिल युद्ध 1999 में भारतीय वायुसेना की आक्रामक कार्यवाही का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- कारगिल संघर्ष 1999 के कारणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कारगिल युद्ध के पीछे पाकिस्तान की मंशा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कारगिल युद्ध (1999) के समय भारतीय सेनाओं के समक्ष आई समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- कारगिल युद्ध 1999 में भारतीय वायुसेना की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- 1 - वैदिक एवं महाकाव्यकालीन सैन्य व्यवस्था (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 2 - झेलम संग्राम - 326 ई. पू. (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 3- कौटिल्य का युद्ध दर्शन (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 4 - तुर्क एवं राजपूत सैन्य पद्धति : तराइन का युद्ध (1192 ईस्वी) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 5- सैन्य संगठन एवं सल्तनत काल की सैन्य पद्धति (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 6 - मुगल सैन्य पद्धति : पानीपत का प्रथम संग्राम (1526 ईस्वी) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 7- राजपूत सैन्य संगठन, शस्त्र प्रणाली एवं खानवा का संग्राम (1527 ईस्वी) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 8- मराठा सैन्य पद्धति एवं पानीपत का तीसरा युद्ध (1761 ईस्वी) (वस्तुनिष्ठ प्रश्नऋ
- उत्तरमाला
- 9 - सिक्ख सैन्य प्रणाली एवं सोबरांव का युद्ध (1846 ईस्वी) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 10 - ईस्ट इण्डिया कम्पनी की सैन्य पद्धति, 1858-1947 ईस्वी तक (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 11- प्रथम भारत पाक युद्ध (1947-48) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 12 - भारत-चीन युद्ध 1962 (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 13 - भारत-पाकिस्तान युद्ध - 1985 (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 14- बांग्लादेश की स्वतन्त्रता - 1971 (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 15 - कारगिल संघर्ष - 1999 (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला