बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 राजनीति विज्ञान बीए सेमेस्टर-2 राजनीति विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
0 |
बीए सेमेस्टर-2 राजनीति विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
महत्त्वपूर्ण तथ्य
अमरीकी राजनीति विज्ञानी बाक्सटर एडमस ने सर्वप्रथम 'राजनीति विज्ञान' शब्द का प्रयोग किया।
पहला ऐसा अध्ययन केन्द्र जिसने राजनीति को एक अध्ययन के रूप में ग्रहण किया गया वह था— द फ्री स्कूल ऑफ पोलिटिकल साइंस (पेरिस)।
गार्नर, हर्नशा और थामसन राजनीति को विज्ञान मानते हैं।
'जिस प्रकार हम सौंदर्य विज्ञान को विज्ञान की संज्ञा नहीं दे सकते हैं, उसी प्रकार राजनीति विज्ञान को विज्ञान बनाना न तो सम्भव है न ही वांछनीय'- बर्क
गुडनोव, लार्ड एक्टन, डॉ0 जकारिया के द्वारा भी राजनीति विज्ञान को राज्य का अध्ययन माना गया है।
सीले एवं लीकॉक ने राजनीति विज्ञान को सरकार का अध्ययन माना है।
पालजैनेट, लास्की, गैटेल तथा गिलक्राइस्ट ने राज्य एवं सरकार दोनों का अध्ययन माना है।
प्लेटो, अरस्तू, हाब्स, लॉक, मैकाइवर ने राजनीति विज्ञान के परम्परागत उपागम का समर्थन किया है।
राबर्ट डहल, ईस्टन, आमण्ड-पावेल ने राजनीति विज्ञान के आधुनिक उपागम का समर्थन किया है।
वी0ओ0की, जो० रोलैण्ड, पिनॉक, डेविड जी0 स्मिथ ने परम्परागत एवं आधुनिक दृष्टिकोण का समन्वय किया है।
काटे, मेटलैण्ड, एमास, वियर्ड, केटलिन, मोस्का आदि विद्वान राजनीति विज्ञान को विज्ञान नहीं मानते हैं।
अरस्तू, बोंदा, हाब्स, मान्टेस्क्यू, ब्राइस, ब्लंटशली जेलीनेक तथा फाइनर राजनीति विज्ञान को विज्ञान मानते हैं।
अरस्तू ने राजनीति विज्ञान को मास्टर साइंस की संज्ञा दी है।
राजनीति विज्ञान के परिभाषा एवं क्षेत्र के परम्परागत दृष्टिकोण के समर्थक 'है— ब्लंटशली, गैरिस, गार्नर, सीले, लीकॉक गैटल एवं लास्की।
आधुनिक दृष्टिकोण के समर्थक डेविड ईटन, राबर्ट ए0 डाहल, केटलिन मैक्सवेबर, एच0डी0 लासवेल।
राजनीति विज्ञान राजनीति की कला भी है तथा उसका विज्ञान भी है।
"जो हमें विनाश की ओर ले जाते हैं वे हैं: बिना सिद्धान्तों के राजनीति, बिना अंतरात्मा के सुख, बिना परिश्रम का धन, बिना चरित्र का ज्ञान, बिना नैतिकता का व्यापार, बिना मानवता का विज्ञान, बिन त्याग की भक्ति" दर्शन राजनीति विज्ञान की प्रेरणा है— गाँधी'
राजनीति विज्ञान का पारम्परिक दृष्टिकोण उसकी विषय सूची में जिनके अध्ययन को महत्त्वपूर्ण मानता है, उसमें राज्य का अध्ययन, सरकार का अध्ययन, नागरिकों के रूप में मनुष्य का अध्ययन, राजनीतिक सिद्धांतों का अध्ययन, स्थानीय, प्रान्तीय, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं का अध्ययन आदि का विशेष उल्लेख किया जा सकता है।
पारम्परिक दृष्टि से राजनीति विज्ञान अपनी प्रकृति व स्वरूप में आदर्शात्मक है जिसका सम्बन्ध राज्य क्या है, से इतना नहीं है जितना इस तथ्य से है कि राज्य कैसा होना चाहिए। मूल्यपरकता पारम्परिक राजनीति विज्ञान का एक लक्ष्य है।
राजनीति विज्ञान का आधुनिक दृष्टिकोण अपने स्वरूप में मूल्यविहीन है जो तथ्यों/घटनाओं पर आधारित विश्लेषण करता है। यह मानवीय न होकर यथार्थवादी है, दार्शनिक न होकर वैज्ञानिक पद्धति का अनुसरण करता है, आदर्श न होकर अनुभवात्मक है, अपनी प्रकृति में आधुनिक राजनीति विज्ञान अन्तर अनुशासनात्मक है।
हर्बर्ट स्पैरो के अनुसार, “राजनीतिक वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा मानव-समाज अपनी राजनीतिक समस्याओं का समाधान करता है।
सेबाइन के शब्दों में “प्रतिरोधी हितों के बीच सामंजस्य स्थापित करने वाली विशेष कला राजनीति
माओ बताता है कि राजनीति केवल एक विवाद ही नहीं है अपितु यह ऐसी विधि है जिसके द्वारा झगड़ों को सुलझाकर एवं संघर्षों का निपटारा करके ऐसी नीतियाँ अपनाई जाती हैं जो शासन से सम्बन्धित होती हैं तथा बाध्यकारी भी।
ईस्टन राजनीति को एक प्रक्रिया बताता है जिसके द्वारा व्यक्तियों की माँगों व आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सीमित साधनों का समाज में बँटवारा होता है।
माइकल ऑकशाट ने अपने एक लेख पोलिटिकल एजुकेशन में कहा है राजनीतिक गतिविधि में लोग सदैव तैरने की स्थिति में रहते हैं, जहाँ न तो कोई पतन होता है और न ही कोई फर्श, न ही कोई आरम्भ करने की स्थिति और न ही कोई मंजिल, सिर्फ प्रयास तैरते रहने का होता है।"
बर्नार्ड क्रिक ने अपनी पुस्तक इन डिफेंस आफ पोलिटिक्स में राजनीति को एक ऐसी प्रक्रिया बताया है जो सरकार द्वारा विभिन्न हितों में मेंल स्थापित करती है और जो स्थिरता एवं व्यवस्था का आश्वासन देती है।
|
- अध्याय -1 राजनीति विज्ञान : परिभाषा, प्रकृति एवं क्षेत्र
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 2 राजनीतिक विज्ञान की अध्ययन की विधियाँ
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 3 राजनीति विज्ञान का अन्य सामाजिक विज्ञानों से संबंध
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 4 राजनीतिक विज्ञान के अध्ययन के उपागम
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 5 आधुनिक दृष्टिकोण : व्यवहारवाद एवं उत्तर-व्यवहारवाद
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 6 आधुनिकतावाद एवं उत्तर-आधुनिकतावाद
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 7 राज्य : प्रकृति, तत्व एवं उत्पत्ति के सिद्धांत
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 8 राज्य के सिद्धान्त
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 9 सम्प्रभुता : अद्वैतवाद व बहुलवाद
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 10 कानून : परिभाषा, स्रोत एवं वर्गीकरण
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 11 दण्ड
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 12 स्वतंत्रता
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 13 समानता
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 14 न्याय
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 15 शक्ति, प्रभाव, सत्ता तथा वैधता या औचित्यपूर्णता
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 16 अधिकार एवं कर्त्तव्य
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 17 राजनीतिक संस्कृति, राजनीतिक सहभागिता, राजनीतिक विकास एवं राजनीतिक आधुनिकीकरण
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 18 उपनिवेशवाद एवं नव-उपनिवेशवाद
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 19 राष्ट्रवाद व सांस्कृतिक राष्ट्रवाद
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 20 वैश्वीकरण
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 21 मानवाधिकार
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 22 नारीवाद
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 23 संसदीय प्रणाली
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 24 राष्ट्रपति प्रणाली
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 25 संघीय एवं एकात्मक प्रणाली
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 26 राजनीतिक दल
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 27 दबाव समूह
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 28 सरकार के अंग : कार्यपालिका, विधायिका एवं न्यायपालिका
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 29 संविधान, संविधानवाद, लोकतन्त्र एवं अधिनायकवाद .
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 30 लोकमत एवं सामाजिक न्याय
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 31 धर्मनिरपेक्षता एवं विकेन्द्रीकरण
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 32 प्रतिनिधित्व के सिद्धान्त
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला