बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 समाजशास्त्र बीए सेमेस्टर-2 समाजशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 समाजशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 2
नगर और ग्रामीण-नगरीय सम्पर्क
(City and Rural-Urban Linkage)
"ग्रामीण समुदाय एक घड़े में शान्त जल के समान है और नगरीय समुदाय पतीली में उबलते हुए पानी के समान। ....... एक का विशिष्ट लक्षण स्थिरता है तो दूसरी की गतिशीलता "
मुख्यतः समुदाय को दो भागों में बाँटा गया है ग्रामीण तथा नगरीय प्रत्येक व्यक्ति इन दोनों में से किसी एक प्रकार के समुदाय में निवास करता है। ग्राम और नगर मानव जीवन के दो पहलू हैं। गाँवों का प्रकृति से प्रत्यक्ष और निकट सम्पर्क पाया जाता है जबकि नगरों में कृत्रिमता की प्रधानता होती है। जहाँ मानव व प्रकृति के बीच अन्तर्क्रिया का रूप अधिक निकट, प्रत्यक्ष और गहन है, वह गाँव है और जहाँ इन दोनों के बीच सम्बन्ध अप्रत्यक्ष और क्षीण है वह नगर है। गाँव के लोग सरल, प्रायः अशिक्षित और निर्धन, एकरूपता लिये हुए, कृषि कार्यों पर निर्भर, परम्परागत, धर्म को महत्व देने वाले तथा विश्वास करने योग्य होते हैं जबकि नगरों के निवासी सुशिक्षित, अमीर, विशेषीकृत, व्यस्त, व्यवसाय एवं उद्योगों पर निर्भर, आधुनिकी बनावटी तथा तार्किकता को महत्व देने वाले होते हैं। गाँव और नगर में परस्पर आदान-प्रदान और अन्तः क्रिया होती रहती है जिसके परिणामस्वरूप दोनों का ही जीवन परिवर्तित होता रहता है गाँवों द्वारा नगरीय उत्पादन के लिये कच्चे माल की आपूर्ति, नगरीय उद्योगों में ग्रामीण श्रमिकों द्वारा किया जाने वाला श्रम, परिवहन एवं संचार की सुविधाएँ, खेती का व्यापारीकरण, परम्परागत संस्थाओं जैसे जाति व्यवस्था एवं जजमानी व्यवस्था का विघटन, वे कड़ियाँ हैं जो गाँव और नगर को एक-दूसरे से जोड़ती हैं, इसके फलस्वरूप ग्रामीण एवं नगरीय जीवन के बीच आदान-प्रदान की एक ऐसी प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई है जिसे ग्रामीण-नगरीय सम्बन्ध कहा जाता है।
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- अध्याय - 1 भारतीय समाज की संरचना एवं संयोजन : गाँव एवं कस्बे
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 2 नगर और ग्रामीण-नगरीय सम्पर्क
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 3 भारतीय समाज में एकता एवं विविधता
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 4 भारतीय समाज का अध्ययन करने हेतु भारतीय विधा, ऐतिहासिक, संरचनात्मक एवं कार्यात्मक परिप्रेक्ष्य
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 5 सांस्कृतिक एवं संजातीय विविधताएँ: भाषा एवं जाति
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 6 क्षेत्रीय, धार्मिक विश्वास एवं व्यवहार
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 7 भारत में जनजातीय समुदाय
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 8 जाति
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 9 विवाह
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 10 धर्म
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 11 वर्ग
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 12 संयुक्त परिवार
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 13 भारत में सामाजिक वर्ग
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय- 14 जनसंख्या
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 15 भारतीय समाज में परिवर्तन एवं रूपान्तरण
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 16 राष्ट्रीय एकीकरण को प्रभावित करने वाले कारक : जातिवाद, साम्प्रदायवाद व नक्सलवाद की राजनीति
- महत्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला