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बीए सेमेस्टर-2 समाजशास्त्र

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2725
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-2 समाजशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर

महत्वपूर्ण तथ्य

जनसंख्या के सांख्यिकी विश्लेषण को जनांकिकी कहा जा सकता है। जनांकिकी मानव, मानव के आकार एवं वितरण का अध्ययन है।

समाजशास्त्र की एक शाखा के रूप में जनांकिकी मानी जाती है।

जनांकिकी जनसंख्या के घटकों, जन्मदर, मृत्युदर, देशान्तर आदि का अध्ययन समाज और संस्कृति के सन्दर्भ में करती है।

जनांकिकी में जनसंख्या नियन्त्रण को केवल स्वास्थ्य चिकित्सा के दृष्टिकोण से ही नहीं देखा जाता बल्कि सांस्कृतिक, धार्मिक तथा सामाजिक आपत्तियों एवं आकांक्षाओं का भी ध्यान रखा जाता है।

भारतीय जनसंख्या की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

(i) जनसंख्या वृद्धि,
(ii) जन्मदर एवं मृत्युदर,
(iii) प्रत्याशित आयु,
(iv) जनसंख्या का घनत्व,
(v) आयु संरचना,
(vi) लिंग अनुपात
(vii) साक्षरता दर
(viii) ग्रामीण एवं नगरीय जनसंख्या,
(ix) कार्यशील जनसंख्या,
(x) धर्म
(xi) भाषा,
(xii) अनुसूचित जातियाँ तथा जनजातियाँ।

जनसंख्या वृद्धि के कारण-

(1) उच्च जन्मदर तथा मृत्युदर में निरन्तर आती गिरावट
(2) गर्म जलवाय,
(3) अपरिपक्व आयु में विवाह
(4) परिवार नियोजन के प्रति धार्मिक एवं  परम्परावादी विचार
(5) घोर निरक्षरता
(6) निर्धनता
(7) अपर्याप्त प्रेरणा
(8) विवाह की अनिवार्यता
(9) अन्य कारण 

जनाधिक्य के - निम्नलिखित सामाजिक आर्थिक प्रभाव हैं-

(1) भोजन, वस्त्र तथा आवास की समस्या
(2) रोजगार की समस्या
(3) अनेक सामाजिक समस्याओं का जन्म
(4) आर्थिक विषमता
(5) आर्थिक विपन्नता
(6) पारिवारिक विघटन
(7) पूँजी निर्माण की धीमी गति
(8) भूमि के भार में वृद्धि
(9) पर्यावरण असन्तुलन की समस्या
(10) अपराधों में वृद्धि
(11) गन्दी बस्तियों में वृद्धि

अप्रैल 1977 में राष्ट्रीय जनसंख्या नीति प्रथम बार घोषित किये जाने तक भारत की जनसंख्या नीति सामान्यतया परिवार नीति मानी जाती थी।

जनसंख्या वृद्धि को रोकने हेतु सुझाव-

(1) शिक्षा का प्रचार-प्रसार
(2) विवाह की आयु में वृद्धि
(3) नियम-संयम
(4) गर्भपात पर छूट
(5) मनोरंजन के साधनों में वृद्धि
(6) भूमि व्यवस्था में सुधार
(7) परिवार कल्याण
(8) औद्योगीकरण
(9) समाजवाद
(10) देशान्तरण

जनांकिकी की विषय-सामग्री में निम्नलिखित तत्वों को सम्मिलित किया जाता है- 

(1) प्रजननता और प्रजनन दर
(2) जनसंख्यात्मक गतिशीलता
(3) जन्म दर एवं मृत्यु दर
(4) परिवार नियोजन
(5) जन- स्वास्थ्य एवं एवं प्रक्षेपण
(6) लैंगिक संरचना,
(7) जनसंख्या की शिक्षा और जीवनस्तर
(8) सामाजिक और आर्थिक विकास में जनसंख्या की भूमिका
(9) जनांकिकी की माप पद्धतियाँ
(10) श्रम पूर्ति के जनांकिकी तत्व

जनांकिकीय समष्टि भाव सम्बन्धी अनुसन्धान राष्ट्रों, महाद्वीपों तथा विभिन्न स्वतन्त्र स्तरों जैसे क्षेत्र, प्रान्त, राज्य, नगर आदि को मानकर किये जाते हैं।

जनांकिकीय व्यष्टि भाव में व्यक्ति, परिवार समूह आदि को इकाई मानकर अध्ययन किया जाता है।

1665 के बाद जनांकिकी के क्षेत्र या विषय-सामग्री का काफी विस्तार हुआ है।

1954 और 1965 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित विश्व जनसंख्या सम्मेलनों में निम्नलिखित विषयों पर विचार किया गया था।

(1) प्रजननता
(2) मृत्युक्रम
(3) जनसंख्या और संसाधन
(4) जनसंख्या नापने की प्रविधियाँ
(5) परिवार नियोजन
(6) जनसंख्या प्रक्षेपण
(7) जनसंख्या का वितरण
(8) श्रमपूर्ति के जनांकिकीय पहलू
(9) बचत और विनियोग के जनांकिकीय पहलू
(10) जनांकिकीय आँकड़ों का गुणात्मक पहलू इत्यादि

प्लेटो और अरस्तू ने इतनी ही जनसंख्या को वांछनीय माना है जितनी किसी समाज में आत्मनिर्भर हो सके।

माल्थस के अनुसार-

(1) जनसंख्या में ज्यामितीय दर से वृद्धि होती है,
(2) खाद्यान्न वृद्धि में अंकगणितीय दर से वृद्धि होती है।

किसी भी शारीरिक, रासायनिक, यांत्रिक अथवा शल्य चिकित्सा में गर्भ धारण करने में बाधा पहुँचाना या गर्भपात से जीवित प्रसव की सम्भावना समाप्त करना ही सन्तति-निग्रह है।

सन् 1815 में सर एडवर्ड वेस्ट ने अपने निबन्ध 'Essay on the application of Capital to Land' में यह विचार व्यक्त किये हैं कि जनसंख्या में वृद्धि हो जाने से उत्पादन में भी वृद्धि होती है क्योंकि जनसंख्या बढ़ने के साथ ही धन में विशिष्टीकरण हो जाता है।

डाल्टन के अनुसार इष्टतम जनसंख्या वह है, जो प्रति व्यक्ति अधिकतम आय देती हैं।

रॉबिन्स के अनुसार वह जनसंख्या जिससे अधिकतम उत्पादन सम्भव होता है, इष्टतम जनसंख्या कहते हैं।

राष्ट्रीय विकास परिषद की सिफारिश के आधार पर दीर्घकालीन राष्ट्रीय जनसंख्या नीति का प्रारूप तैयार करने के लिये सन् 1993 में डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक समिति गठित की गई। इस समिति ने मई 1994 में जनसंख्या नीति का प्रारूप तैयार किया।

भारत के लिये प्रथम राष्ट्रीय जनसंख्या नीति 16 अप्रैल, 1976 को घोषित की गई। इसमें राज्यों को अनिवार्य बन्ध्याकरण करने की छूट दी गई।

इसमें विवाह के समय लड़कों की आयु 21 वर्ष और लड़कियों की आयु 18 वर्ष कर दी गई।

राज्य सरकारों को यह निर्देश दिया गया कि वे विकास सहायता राशि का 8 प्रतिशत परिवार कल्याण कार्यक्रम पर व्यय करें।

नसबन्दी कराने वाले स्त्री, पुरुष के लिये प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई।

बालिका शिक्षा, प्रेरणा तथा जनसंख्या शिक्षा पर अधिक बल दिया गया।.

सन् 1977 में केन्द्रीय सरकार ने परिवार नियोजन कार्यक्रम को पूर्णतया स्वैच्छिक बना दिया।

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    अनुक्रम

  1. अध्याय - 1 भारतीय समाज की संरचना एवं संयोजन : गाँव एवं कस्बे
  2. महत्वपूर्ण तथ्य
  3. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  4. उत्तरमाला
  5. अध्याय - 2 नगर और ग्रामीण-नगरीय सम्पर्क
  6. महत्वपूर्ण तथ्य
  7. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  8. उत्तरमाला
  9. अध्याय - 3 भारतीय समाज में एकता एवं विविधता
  10. महत्वपूर्ण तथ्य
  11. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  12. उत्तरमाला
  13. अध्याय - 4 भारतीय समाज का अध्ययन करने हेतु भारतीय विधा, ऐतिहासिक, संरचनात्मक एवं कार्यात्मक परिप्रेक्ष्य
  14. महत्वपूर्ण तथ्य
  15. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  16. उत्तरमाला
  17. अध्याय - 5 सांस्कृतिक एवं संजातीय विविधताएँ: भाषा एवं जाति
  18. महत्वपूर्ण तथ्य
  19. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  20. उत्तरमाला
  21. अध्याय - 6 क्षेत्रीय, धार्मिक विश्वास एवं व्यवहार
  22. महत्वपूर्ण तथ्य
  23. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  24. उत्तरमाला
  25. अध्याय - 7 भारत में जनजातीय समुदाय
  26. महत्वपूर्ण तथ्य
  27. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  28. उत्तरमाला
  29. अध्याय - 8 जाति
  30. महत्वपूर्ण तथ्य
  31. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  32. उत्तरमाला
  33. अध्याय - 9 विवाह
  34. महत्वपूर्ण तथ्य
  35. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  36. उत्तरमाला
  37. अध्याय - 10 धर्म
  38. महत्वपूर्ण तथ्य
  39. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  40. उत्तरमाला
  41. अध्याय - 11 वर्ग
  42. महत्वपूर्ण तथ्य
  43. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  44. उत्तरमाला
  45. अध्याय - 12 संयुक्त परिवार
  46. महत्वपूर्ण तथ्य
  47. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  48. उत्तरमाला
  49. अध्याय - 13 भारत में सामाजिक वर्ग
  50. महत्वपूर्ण तथ्य
  51. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  52. उत्तरमाला
  53. अध्याय- 14 जनसंख्या
  54. महत्वपूर्ण तथ्य
  55. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  56. उत्तरमाला
  57. अध्याय - 15 भारतीय समाज में परिवर्तन एवं रूपान्तरण
  58. महत्वपूर्ण तथ्य
  59. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  60. उत्तरमाला
  61. अध्याय - 16 राष्ट्रीय एकीकरण को प्रभावित करने वाले कारक : जातिवाद, साम्प्रदायवाद व नक्सलवाद की राजनीति
  62. महत्वपूर्ण तथ्य
  63. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  64. उत्तरमाला

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