बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A अर्थशास्त्र - पर्यावरणीय अर्थशास्त्र बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A अर्थशास्त्र - पर्यावरणीय अर्थशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A अर्थशास्त्र - पर्यावरणीय अर्थशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- पर्यावरण नीति व विनियमों का लागत लाभ विश्लेषण का विश्लेषण कीजिए।
उत्तर -
(Cost-Benefit Analysis)
लागत-लाभ विश्लेषण की उत्पत्ति कल्याण अर्थशास्त्र की देन है। लाभ आयोजन करना व्यवसाय का मुख्य या प्रमुख उद्देश्य होता है। व्यवसाय में लाभ अर्जन को संयोग पर नहीं छोड़ना चाहिए बल्कि इसके लिए उचित नियोजन किया जाना चाहिए। लाभ अथवा हानि की मात्रा निम्नलिखित घटकों के पारस्परिक सम्बन्धों पर निर्भर करती है - (1) कुल उत्पाद, (2) प्रति इकाई मूल्य, (3) परिवर्तनशील लागतें (4) स्थिर लागतें।
उपर्युक्त चारों तत्वों में यदि किसी एक या अधिक तत्वों में परिवर्तन आ जाता है तो उसका प्रभाव लाभ की मात्रा पर भी पड़ता है। जैसे विक्रय की मात्रा में कमी आ जाने पर यदि अन्य बातें पूर्ववत् रहें तो लाभ की मात्रा में कमी आ जाएगी। अन्य कारक स्थिर रहे और वस्तु की प्रति इकाई कीमत बढ़ जाती है तो लाभ बढ़ जाता है। किसी व्यवसाय की सफलता के लिए आवश्यक है कि चारों तत्वों का सर्वोत्तम सन्तुलन बना रहे। लागत लाभ विश्लेषण सामाजिक दृष्टिकोण से एक परिणाम के दूसरे परिणाम पर लाभ का आकलन करने में सहयोग करता है। पर्यावरणीय लागतों और लाभों का मूल्य सबसे स्पष्ट रूप से तब समझा जाता है जब मौद्रिक इकाइयों में दर्शाया जाता है और फिर एक-दूसरे के विरुद्ध संतुलित किया जाता है।
लागत-लाभ विश्लेषण के चरण
लागत-लाभ विश्लेषण के निम्नलिखित चरण हैं -
(1) परियोजना की पहचान - इसका आशय नए विचार, किसी नए अवसर अथवा किसी नयी अवधारणा से है जिसके आधार पर पूँजी कोषों का लाभदायक निवेश किया जा सकता है।
(2) परियोजना निर्धारण - इसका अभिप्राय किसी अमूर्त विचार या अवधारणा का परीक्षण करके यह देखना होता है कि उसे व्यवहारिक रूप देकर अमल में लाया जा सकता है अथवा नहीं।
(3) परियोजना मूल्यांकन - इस चरण में परियोजना की आर्थिक तकनीक व वित्तीय पक्षों की जाँच परख की जाती है।
(4) परियोजना क्रियान्वयन - परियोजना मूल्यांकन के चरण से सन्तुष्ट होने के बाद दूसरा प्रमुख चरण परियोजना क्रियान्वयन का होता है। इस विषय में निर्णय प्रबन्ध को सर्वोच्च स्तर पर ही प्रायः किया जाता है।
(5) परियोजना संचालन - यह अन्तिम चरण होता है जो क्रियान्वयन का कार्य समाप्त होने के बाद प्रारम्भ होता है। यह वह चरण है जब माल अथवा सेवाओं का वास्तविक उत्पादन होना आरम्भ होता है।
लागत लाभ विश्लेषण से लाभ
लागत-लाभ विश्लेषण से निम्नलिखित लाभ हैं -
(1) इसमें पर्यावरण संरक्षण का लाभ मिलता है।
(2) इसमें सीमित संसाधनों से अधिकतम लाभ प्राप्त करने की विधि है।
(3) विभिन्न प्रकार के विभिन्न प्रभावों को एक ही इकाई में मापा जा सकता है।
(4) प्राथमिकताओं की दिशा व तीव्रता दोनों को ध्यान में रखता है।
(5) पर्यावरण संरक्षण के आर्थिक मूल्य के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा की अवसर लागत दोनों पर जोर देने की अनुमति देती है।
पर्यावरण नीति व विनिमय दर पर लागत लाभ विश्लेषण लागू करने में कठिनाई पर्यावरण नीति व विनिमय दर लागत लाभ विश्लेषण को लागू करने में निम्नलिखित समस्याएँ आती हैं -
(1) पर्यावरण का आर्थिक मूल्य निर्धारण करना कठिन है।
(2) वन जीवन का बाजार मूल्य निर्धारण करना कठिन है।
(3) सम्पूर्ण पारिस्थितिकी तन्त्र पर किसी एक परिवर्तन के प्रभाव की भविष्यवाणी करना कठिन है।
(4) पर्यावरण पर किसी एक निश्चित नीति के प्रभाव का आकलन करना कठिन है।
(5) लागत लाभ विश्लेषण स्थिरता का परीक्षण नहीं करता है।
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- प्रश्न- पर्यावरणीय अर्थशास्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी विषय सामग्री को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय अर्थशास्त्र की विषय सामग्री बताइये।
- प्रश्न- पारिस्थितिक तन्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी संरचना को समझाइये।
- प्रश्न- पारिस्थितिक तन्त्र की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पारिस्थितिक तन्त्र की संरचना बताइए।
- प्रश्न- पारिस्थितिक तन्त्र के प्रकार बताइए तथा पारिस्थितिक तन्त्र के महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विकास में पारिस्थितिक तन्त्र का महत्व क्या है?
- प्रश्न- पेरेटो की सामान्य कल्याण की इष्टतम् दशाओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कल्याणवादी अर्थशास्त्र में पैरेटो अनुकूलतम की शर्तें पूर्ण प्रतियोगिता में कैसे पूरी होती हैं? .आलोचनात्मक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय अर्थशास्त्र की अवधारणाएँ समझाइए।
- प्रश्न- पेरेटो के कल्याण अर्थशास्त्र की अथवा इससे सम्बद्ध अनुकूलतम शर्तों की मान्यताएँ बताइए।
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- प्रश्न- बाजार असफलताओं के कारण समझाइये।
- प्रश्न- बाह्यताओं का आशय बताइये।
- प्रश्न- बाह्यताओं के प्रकार समझाइये।
- प्रश्न- भारत में पर्यावरणीय नीतियों के संक्षिप्त अवलोकन का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत की पर्यावरणीय नीति के सिद्धान्त बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरण नीति बताइये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय पर्यावरणीय नीति, 2006 क्या हैं?
- प्रश्न- राष्ट्रीय पर्यावरण नीति, 2006 के उद्देश्य बताइए।
- प्रश्न- पर्यावरण में वृहत आर्थिक नीति की भूमिका की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय जल नीति को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत में वन नीति को समझाइए।
- प्रश्न- सतत विकास को प्राप्त करने में पर्यावरणीय नीति कहाँ तक सहायक रही है?
- प्रश्न- पर्यावरणीय प्रदूषण नियंत्रण हेतु नीतिगत उपकरण बताइये।
- प्रश्न- पीगूवियन कर क्या है?
- प्रश्न- सीमा पार पर्यावरणीय मुद्दों से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अर्थव्यवस्था पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन से आप क्या समझते हैं? इसके मूल्यांकन की विधियों को बताइये। पर्यावरणीय मूल्यांकन की स्पष्ट अधिमान विधियों का विस्तार पूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन की विभिन्न विधियाँ क्या हैं?
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन की अभिव्यक्त अधिमान विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन की प्रकरित अधिमान विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आनन्द कीमत विधि क्या है? रेखाचित्र की सहायता से स्पष्ट कीजिए तथा इसकी आलोचनाएँ भी बताइए।
- प्रश्न- प्रतिबन्धात्मक व्यय विधि को समझाइये।
- प्रश्न- टिप्पणी लिखिए - (a) प्रतिनिधि बाजार रीति तथा (b) सम्पत्ति मूल्य रीति।
- प्रश्न- मजदूरी-विभेदात्मक उपागम बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन की लागत आधारित विधियाँ का विस्तृत वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- पर्यावरण नीति व विनियमों का लागत लाभ विश्लेषण का विश्लेषण कीजिए।
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- प्रश्न- सतत् विकास से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सतत् विकास को प्राप्त करने के लिए उपायों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सतत् विकास के अवरोधक घटकों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- सतत् विकास की रणनीति पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- बाह्यताओं का पीगूवियन विश्लेषण समझाइये।
- प्रश्न- बाह्यताओं के प्रकार समझाइये।
- प्रश्न- उत्पादन की सकारात्मक बाह्यताओं को पीगू के विश्लेषण के अनुसार समझाइए।
- प्रश्न- पीगू के विश्लेषण के अनुसार उत्पादन की नकारात्मक बाह्यताएँ समझाइए।
- प्रश्न- उपभोग में सकारात्मक बाह्यताओं पर टिप्पणी लिखिए तथा इसमें नकारात्मक बाह्यताएँ समझाइए।
- प्रश्न- सार्वजनिक वस्तुओं से आप क्या समझते हैं? इनकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए। बाह्यताओं तथा बाजार विफलताओं को किस प्रकार समाप्त किया जा सकता है? विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सार्वजनिक खराबी किसे कहते हैं?
- प्रश्न- सार्वजनिक वस्तुएँ क्या विशेषताएँ रखती हैं?
- प्रश्न- बाह्यताओं एवं बाजार विफलताओं को दूर करने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- कल्याणकारी अर्थशास्त्र को परिभाषित कीजिए। कल्याणकारी अर्थशास्त्र में नैतिक निर्णयों का क्या स्थान है?
- प्रश्न- कल्याणकारी अर्थशास्त्र में नैतिक निर्णयों का क्या स्थान है?
- प्रश्न- पीगू के कल्याणवादी अर्थशास्त्र की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- बाजार असफलता क्या है?
- प्रश्न- बाजार असफलता किन दशाओं में सम्भव है?
- प्रश्न- पीगूवियन सब्सिडी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बाह्यताओं के समाधान हेतु सुझाव क्या हैं?
- प्रश्न- बाजार असफलताओं के कारण समझाइये।
- प्रश्न- सम्पत्ति अधिकारों के सम्बन्ध में प्रो. रोनाल्ड कोज की प्रमेयों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रो. आर. कोज द्वारा सम्पत्ति अधिकारों के सम्बन्ध में बतायी गयी द्वितीय प्रमेय को समझाइये।
- प्रश्न- कोज द्वारा बताए गए प्रमेयों का महत्व समझाइए।
- प्रश्न- सम्पदा अधिकार के विभिन्न प्रकारों को बताइए।
- प्रश्न- मानव पूँजी के अवयव लिखिए।
- प्रश्न- पर्यावरण एक सार्वजनिक वस्तु है। समझाइए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय गुणवत्ता का आशय एवं महत्व बताइये।
- प्रश्न- इको लेबलिंग (Eco Labelling) का क्या अर्थ है?
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- प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली से आप क्या समझते हैं? इसके लक्षण बताइए। इसके लक्ष्यों को भी लिखिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली के लक्षण बताइए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली के लक्ष्य बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली के लाभ बताइये। सतत् सुधार चक्र को समझाइये।
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- प्रश्न- मूल्य आधारित पर्यावरणीय शिक्षा का महत्व एवं आवश्यकता समझाइये।
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- प्रश्न- पर्यावरणीय जागरूकता से आप क्या समझते हैं? पर्यावरणीय जागरूकता / शिक्षा के उपाय बताइये।
- प्रश्न- भारत में पर्यावरणीय शिक्षा पर लेख लिखिए।
- प्रश्न- पर्यावरण शिक्षा की प्रमुख समस्याओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण शिक्षा के प्रसार के अवरोधों को दूर करने के उपायों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय विधान पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियन्त्रण) अधिनियम, 1981 में वायु प्रदूषण के निवारण एवं नियन्त्रण के सम्बन्ध में कौन-कौन से प्रावधान किये गये हैं? समझाइये।
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- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन के अन्तर्गत व्यापार तथा पर्यावरणीय मुद्दों को समझाइये।
- प्रश्न- "जनसंख्या, निर्धनता तथा पर्यावरण एक-दूसरे से घनिष्ठ रूप से सम्बन्धित है।' विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास एवं स्वास्थ्य के मध्य सम्बन्ध का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन क्या है?
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- व्यापार एवं पर्यावरण में सम्बन्ध लिखिए।
- प्रश्न- पर्यावरण पर मनुष्य का क्या प्रभाव पड़ा है?
- प्रश्न- लिंग समानता तथा पर्यावरण को बताइये।
- प्रश्न- ग्रीन हाउस प्रभाव से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियन्त्रण) अधिनियम, 1981 में वायु प्रदूषण के निवारण एवं नियन्त्रण के सम्बन्ध में कौन-कौन से प्रावधान किये गये हैं? समझाइये।
- प्रश्न- पारिस्थितिकी तन्त्र (Eco System) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- यूरो मानक से क्या समझते हो?
- प्रश्न- भारतीय उत्सर्जन मानक (BS) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रमुख वैश्विक पर्यावरण मुद्दों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैश्विक ऊष्मीकरण या वैश्विक उष्मण।
- प्रश्न- मरुस्थलीयकरण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ओजोन परत व उसके क्षरण पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अम्लीय वर्षा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- पर्यावरण संरक्षण में भारत की न्यायपालिका की सक्रियता या भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कार्बन ट्रेडिंग या कार्बन व्यापार से आप क्या समझते हैं?