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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :200
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2777
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - 7

सुदूर संवेदन के आँकड़ों का प्रसंस्करण एवं अनुप्रयोग

(Data Processing & Application of Remote Sensing)

प्रश्न- प्रतिबिंब निर्वचन के तत्वों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।

उत्तर -

हम अक्सर वस्तुओं की पहचान उनके आकार, प्रतिरूप, स्थिति व उनके अन्य वस्तुओं से सम्बन्ध के आधार पर करते हैं। वस्तुओं की ये विशेषताएँ ही बिंब व्याख्या के महत्वपूर्ण तत्व होते हैं। हम पुनः बिंब की व्याख्या हेतु वस्तुओं की विशेषताओं को दो प्रमुख भागों में बाँट सकते हैं- पहला, बिंब सम्बन्धी विशेषताएँ और दूसरा, धरातलीय विशेषताएँ। बिंब की विशेषताओं में वस्तुओं की आभा अथवा रंग, उनकी आवृत्ति, आकार, प्रतिरूप, गठन व छाया आदि सम्मिलित हैं। दूसरी तरफ धरातलीय विशेषताओं में अवस्थित, अन्य वस्तुओं का संदर्भ या साहचर्य सम्बन्ध आदि सम्मिलित किया जाता है।

(1) आभा या रंग - हम जानते हैं कि सभी वस्तुएँ स्पेक्ट्रम के सभी भागों में ऊर्जा ग्रहण करती हैं। विद्युत् चुम्बकीय ऊर्जा वस्तुओं के धरातल से अंतः क्रिया करती है, जिससे ऊर्जा का अवशोषण, परावर्तन, व प्रेषण होता है। संवेदक द्वारा अभिलेखित ऊर्जा की वह मात्रा, जो धरातलीय पदार्थों द्वारा प्रतिबिंबित की जाती है, वह विभिन्न आभाओं व रंगों में दिखाई देती है। आभाओं व रंगों में भिन्नता वस्तुओं द्वारा प्राप्त ऊर्जा, उनकी धरातलीय विशेषताओं व वस्तुओं की संरचना पर निर्भर करती है। दूसरे शब्दों में, रूक्ष व आर्द्र धरातलीय वस्तुओं की अपेक्षा, चिकने शुष्क धरातल अधिक ऊर्जा परावर्तित करते हैं। इसके अतिरिक्त, ऊर्जा परावर्तन स्पेक्ट्रम के विभिन्न भागों में भी अलग-अलग होता है। उदाहरणार्थ- घनी वनस्पति अवरक्त किरणों को अधिक परावर्तित करती हैं और स्पेक्ट्रम के इस भाग में यह हल्की आभा अथवा मानक त्रियक रंगी मिश्र (Standard False Colour Composite) में लाल रंग में प्रतीत होता है और झाड़ियाँ गहरे या लाल-ग्रे रंग में प्रतीत होती हैं। इसी प्रकार, अलवण जल क्षेत्र, सूर्य से आने वाली सभी किरणों को अवशोषित कर लेते हैं और गहरी आभा या काले रंग में दिखाई देते हैं. जबकि आविल जल क्षेत्र हल्के रंगों के समतुल्य या हल्के रंग में दिखाई देते हैं, जो जल कणों व निलम्बित रेत कणों से ऊर्जा परावर्तन के कारण होता है।

सुदूर संवेदन से प्राप्त चित्रों में भूपृष्ठ की विभिन्न स्थलाकृतियाँ जिन रंगों में प्रतीत होती हैं।

सारणी : भूपृष्ठ लक्षणों के मिथ्या वर्णमिश्र पर रंग चिह्नक

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(2) गठन - रंग सामंजस्य या धूसर आभा में सूक्ष्म भिन्नता ही गठन से सम्बन्धित है। यह छोटे प्रतिरूपों के पुनरावृत्ति का एक वर्ग है, जिन्हें अलग से पहचान पाना मुश्किल है, जैसे कि अधिक व कम घनत्व वाली बस्तियाँ, झुग्गी-झोपड़ियाँ, कूड़ा-कर्कट व अपशिष्ट पदार्थों के स्थान तथा भिन्न प्रकार की फसलें व पौधे। प्रतिबिम्ब में निश्चित वस्तुओं के गठन में भिन्नता समतल से स्थूल गठन की हो सकती है। उदाहरण के लिए एक बड़े शहर में घनी बसी बस्तियाँ एक समतल गठन दिखलाती हैं, क्योंकि कम क्षेत्र में घर एक-दूसरे से सटे होते हैं, जबकि कॅम घनत्व वाले रिहायशी इलाके स्थूल गठन दिखाते हैं। इसी प्रकार उच्च - विभेदन वाले बिंबों में गन्ना व मोटे अनाजों का गठन स्थूल प्रतीत होता है तथा चावल व गेहूँ की फसलें महीन गठन वाली होती हैं। हम इन बिंबों में झाड़ीनुमा वनस्पति को स्थूल गठन तथा हरे सदाबहार वनों को चिकने या समतल गठन में देख सकते हैं।

(3) आकार - वस्तु का उचित आकार, जोकि इमेज की मापनी अथवा विभेदन पर आधारित है, वस्तुओं की एक और विशेषता औद्योगिक संकुल स्थानों को रिहायशी स्थानों से, शहर के बीचों बीच स्थित खेल परिसर को नगर के छोर पर स्थित ईंटों के भट्टों से, अतएव मानव बस्तियों को उनके आकार एवं पदानुक्रम के आधार पर अलग- अलग पहचानने में सहायक होता है।

(4) आकृति - किसी वस्तु की आकृति या रूपरेखा उसकी पहचान का महत्वपूर्ण सुराग है। कुछ वस्तुओं की आकृति इतनी अलग होती है कि हम उसे आसानी से पहचान सकते हैं। उदाहरण के लिए, संसद भवन अन्य निखमत भवनों के आकारों से सर्वथा भिन्न है। इसी प्रकार एक रेलवे लाइन व एक सड़क आसानी से पहचानी जा सकती है, क्योंकि ये रैखिक आकृतियाँ हैं, जिनके मार्ग में क्रमशः अंतर होता है, अर्थात् इनमें अचानक परिवर्तन नहीं पाया जाता। जैसे- मस्जिद व मंदिर भी आसानी से पहचाने जा सकते हैं।

(5) छाया - किसी वस्तु की छाया सूर्य प्रकाश किरण का कोण व उस वस्तु की ऊँचाई का घोतक है। कुछ वस्तुओं की आकृति इतनी जटिल होती है कि उन्हें उनकी छाया के अभाव में पहचान पाना मुश्किल होता है। उदाहरण के रूप में, दिल्ली में स्थित कुतुब मीनार, मस्जिद की मीनारें या बुर्ज, भवनों पर बनीं जल टंकियाँ, बिजली या टेलीफोन के खंभे तथा अन्य कई मिलती-जुलती आकृतियाँ, केवल छाया द्वारा ही पहचानी जा सकती हैं। छाया, वस्तुओं की पहचान में बाधा भी डालती है। लम्बी इमारतों की छाया से इनकी छाया में आने वाली वस्तुएँ गहरे काले रंग में दिखाई देती हैं या छुप जाती हैं। उपग्रही प्रतिबिम्बों की व्याख्या में छाया कम महत्वपूर्ण है तथापि बृहत मापक वायव फोटो चित्रों में इनकी महत्ता बहुत अधिक है।

(6) प्रतिरूप - प्राकृतिक व मानव-निर्मित व्यवस्थित धरातलीय प्रतिरूपों में आकार व वस्तुओं के अंतर्सम्बन्धों की पुनरावृत्ति होती है। कुछ वस्तुएँ उनके प्रतिरूप से पहचानी जा सकती है। उदाहरण के रूप में, नियोजित रिहायशी क्षेत्रों में घरों के प्रतिरूपों एवं आकारों का अध्ययन कर किसी अन्य शहरी क्षेत्रों के अधिवासीय क्षेत्रों को पहचाना जा सकता है। इसी प्रकार फसलों के बाग-बगीचे व रोपण कृषि में पौधे की आपसी दूरी में एकरूपता से भिन्न प्रतिरूप बनता है। ध्यानपूर्वक अध्ययन से भिन्न प्रकार के अपवाह तंत्र व बस्तियों को भी पहचाना जा सकता है।

(7) साहचर्य - साहचर्य का अर्थ है कि वस्तुओं की भौगोलिक स्थिति एवं उनके आसपास की वस्तुओं में आपसी साहचर्य क्या है। उदाहरण के लिए, जहाँ एक शिक्षण संस्था होगी, वहाँ आवासीय क्षेत्र भी होंगे व शिक्षण संस्था के साथ खेल का मैदान भी स्थित होगा। इसी प्रकार स्टेडियम, रेस कोर्स आदि किसी बड़े शहर में ही होंगे। औद्योगिक क्षेत्र किसी मुख्य मार्ग के किनारे या शहर के बाहरी क्षेत्र में स्थित होंगे। इसी प्रकार मलिन बस्तियों की अवस्थिति किसी रेलमार्ग या नालों के नजदीक होगी।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- सुदूर संवेदन से आप क्या समझते हैं? विभिन्न विद्वानों के सुदूर संवेदन के बारे में क्या विचार हैं? स्पष्ट कीजिए।
  2. प्रश्न- भूगोल में सुदूर संवेदन की सार्थकता एवं उपयोगिता पर विस्तृत लेख लिखिए।
  3. प्रश्न- सुदूर संवेदन के अंतर्राष्ट्रीय विकास पर टिप्पणी कीजिए।
  4. प्रश्न- सुदूर संवेदन के भारतीय इतिहास एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
  5. प्रश्न- सुदूर संवेदन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  6. प्रश्न- सुदूर संवेदन को परिभाषित कीजिए।
  7. प्रश्न- सुदूर संवेदन के लाभ लिखिए।
  8. प्रश्न- सुदूर संवेदन के विषय क्षेत्र पर टिप्पणी लिखिए।
  9. प्रश्न- भारत में सुदूर संवेदन के उपयोग पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
  10. प्रश्न- सुदूर संवेदी के प्रकार लिखिए।
  11. प्रश्न- सुदूर संवेदन की प्रक्रियाएँ एवं तत्व क्या हैं? वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- उपग्रहों की कक्षा (Orbit) एवं उपयोगों के आधार पर वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए।
  13. प्रश्न- भारत के कृत्रिम उपग्रहों के कुछ उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
  14. प्रश्न- कार्य के आधार पर उपग्रहों का विभाजन कीजिए।
  15. प्रश्न- कार्यप्रणाली के आधार पर सुदूर संवेदी उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
  16. प्रश्न- अंतर वैश्विक स्थान निर्धारण प्रणाली से आप क्या समझते हैं?
  17. प्रश्न- भारत में उपग्रहों के इतिहास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  18. प्रश्न- भू-स्थाई उपग्रह किसे कहते हैं?
  19. प्रश्न- ध्रुवीय उपग्रह किसे कहते हैं?
  20. प्रश्न- उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
  21. प्रश्न- सुदूर संवेदन की आधारभूत संकल्पना का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के सम्बन्ध में विस्तार से अपने विचार रखिए।
  23. प्रश्न- वायुमण्डलीय प्रकीर्णन को विस्तार से समझाइए।
  24. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रमी प्रदेश के लक्षण लिखिए।
  25. प्रश्न- ऊर्जा विकिरण सम्बन्धी संकल्पनाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। ऊर्जा
  26. प्रश्न- स्पेक्ट्रल बैण्ड से आप क्या समझते हैं?
  27. प्रश्न- स्पेक्ट्रल विभेदन के बारे में अपने विचार लिखिए।
  28. प्रश्न- सुदूर संवेदन की विभिन्न अवस्थाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- सुदूर संवेदन की कार्य प्रणाली को चित्र सहित समझाइये |
  30. प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्रकार और अनुप्रयोगों का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय वर्णक्रम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  32. प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्लेटफॉर्म से आपका क्या आशय है? प्लेटफॉर्म कितने प्रकार के होते हैं?
  33. प्रश्न- सुदूर संवेदन के वायुमण्डल आधारित प्लेटफॉर्म की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  34. प्रश्न- भू-संसाधन उपग्रहों को विस्तार से समझाइए।
  35. प्रश्न- 'सुदूर संवेदन में प्लेटफार्म' से आप क्या समझते हैं?
  36. प्रश्न- वायुयान आधारित प्लेटफॉर्म उपग्रह के लाभ और कमियों का वर्णन कीजिये।
  37. प्रश्न- विभेदन से आपका क्या आशय है? इसके प्रकारों का भी विस्तृत वर्णन कीजिए।
  38. प्रश्न- फोटोग्राफी संवेदक (स्कैनर ) क्या है? इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- सुदूर संवेदन में उपयोग होने वाले प्रमुख संवेदकों (कैमरों ) का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- हवाई फोटोग्राफी की विधियों की व्याख्या कीजिए एवं वायु फोटोचित्रों के प्रकार बताइये।
  41. प्रश्न- प्रकाशीय संवेदक से आप क्या समझते हैं?
  42. प्रश्न- सुदूर संवेदन के संवेदक से आपका क्या आशय है?
  43. प्रश्न- लघुतरंग संवेदक (Microwave sensors) को समझाइये |
  44. प्रश्न- प्रतिबिंब निर्वचन के तत्वों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- सुदूर संवेदन में आँकड़ों से क्या तात्पर्य है?
  46. प्रश्न- उपग्रह से प्राप्त प्रतिबिंबों का निर्वचन किस प्रकार किया जाता है?
  47. प्रश्न- अंकिय बिम्ब प्रणाली का वर्णन कीजिए।
  48. प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण से आप क्या समझते हैं? डिजिटल प्रक्रमण प्रणाली को भी समझाइए।
  49. प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण के तहत इमेज उच्चीकरण तकनीक की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  50. प्रश्न- बिम्ब वर्गीकरण प्रक्रिया को विस्तार से समझाइए।
  51. प्रश्न- इमेज कितने प्रकार की होती है? समझाइए।
  52. प्रश्न- निरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण और अनिरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए।
  53. प्रश्न- भू-विज्ञान के क्षेत्र में सुदूर संवेदन ने किस प्रकार क्रांतिकारी सहयोग प्रदान किया है? विस्तार से समझाइए।
  54. प्रश्न- समुद्री अध्ययन में सुदूर संवेदन किस प्रकार सहायक है? विस्तृत विवेचना कीजिए।
  55. प्रश्न- वानिकी में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- कृषि क्षेत्र में सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी की भूमिका का सविस्तार वर्णन कीजिए। साथ ही, भारत में कृषि की निगरानी करने के लिए सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने हेतु सरकार द्वारा आरम्भ किए गए विभिन्न कार्यक्रमों को भी सूचीबद्ध कीजिए।
  57. प्रश्न- भूगोल में सूदूर संवेदन के अनुप्रयोगों पर टिप्पणी लिखिए।
  58. प्रश्न- मृदा मानचित्रण के क्षेत्र में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  59. प्रश्न- लघु मापक मानचित्रण और सुदूर संवेदन के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
  60. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का अर्थ, परिभाषा एवं कार्यक्षेत्र की व्याख्या कीजिए।
  61. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के भौगोलिक उपागम से आपका क्या आशय है? इसके प्रमुख चरणों का भी वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के विकास की विवेचना कीजिए।
  63. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली का व्याख्यात्मक वर्णन प्रस्तुत कीजिए।
  64. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग क्या हैं? विस्तृत विवरण दीजिए।
  65. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र (GI.S.)से क्या तात्पर्य है?
  66. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  67. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के उद्देश्य बताइये।
  68. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का कार्य क्या है?
  69. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के प्रकार समझाइये |
  70. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र की अभिकल्पना का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के क्या लाभ हैं?
  72. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में उपयोग होने वाले विभिन्न उपकरणों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में कम्प्यूटर के उपयोग का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  74. प्रश्न- GIS में आँकड़ों के प्रकार एवं संरचना पर प्रकाश डालिये।
  75. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के सन्दर्भ में कम्प्यूटर की संग्रहण युक्तियों का वर्णन कीजिए।
  76. प्रश्न- आर्क जी०आई०एस० से आप क्या समझते हैं? इसके प्रशिक्षण और लाभ के संबंध में विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  77. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में प्रयोग होने वाले हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- ERDAS इमेजिन सॉफ्टवेयर की अपने शब्दों में समीक्षा कीजिए।
  79. प्रश्न- QGIS (क्यू०जी०आई०एस०) के संबंध में एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  80. प्रश्न- विश्वस्तरीय सन्दर्भ प्रणाली से आपका क्या आशय है? निर्देशांक प्रणाली के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- डाटा मॉडल अर्थात् आँकड़ा मॉडल से आप क्या समझते हैं? इसके कार्य, संकल्पना और उपागम का वर्णन कीजिए।
  82. प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की विवेचना कीजिए। इस मॉडल की क्षमताओं का भी वर्णन कीजिए।
  83. प्रश्न- विक्टर मॉडल की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  84. प्रश्न- कार्टोग्राफिक संकेतीकरण त्रिविम आकृति एवं मानचित्र के प्रकार मुद्रण विधि का वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की कमियों और लाभ का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- विक्टर मॉडल की कमियों और लाभ के सम्बन्ध में अपने विचार लिखिए।
  87. प्रश्न- रॉस्टर और विक्टर मॉडल के मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  88. प्रश्न- डेटाम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

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