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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :200
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2777
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग क्या हैं? विस्तृत विवरण दीजिए।

उत्तर -

भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग

(1) जी.आई.एस. का विभिन्न कृषि सम्बन्धी कार्यों में उपयोग किया जा रहा है, जैसे फसल उत्पादन प्रबन्धन, फसल चक्र अवलोकन, कृषि क्षेत्र में मृदा संरक्षण आदि में।

(2) जी.आई.एस. द्वारा व्यापारिक सूचनाओं की स्थिति के अनुसार उनके प्रबन्धन में मदद मिलती है। उपयोगकर्त्ता द्वारा व्यापार की साइट, व्यापार प्रचार, अधिकतम बिक्री के क्षेत्र आदि के बारे में जानने का मार्ग निर्धारित किया जा सकता है। जी.आई.एस. किसी कम्पनी को अधिक प्रतिस्पर्धापरक एवं सफल बना सकती है।

(3) विद्युत एवं गैस उपयोग में जी.आई.एस. शहरों में विद्युत एवं गैस के वितरण में भी जी.आई.एस. से सहायता मिलती है। यह ट्रैक को ठीक करने, शिकायत निवारण या मॉडल वितरण के विश्लेषण आदि में भी सहायक है।

(4) प्रतिदिन पर्यावरण को सुरक्षित रखने हेतु जी.आई.एस. सहायक है। मानचित्र बनाने, स्पेस इन्वेंटरी, पर्यावरण प्रभाव मापन, प्रदूषणकारी पदार्थों की पहचान आदि सभी में जी.आई.एस. की खासी भूमिका है पर्यावरण में जी.आई.एस. के अनंत उपयोग हो सकते हैं।

(5) आज वन प्रबन्धन बहुत ही जटिल एवं चुनौती पूर्ण कार्य है। जी.आई.एस. के साथ वन कर्मचारी सरलता से जंगल की पर्यावरण प्रणाली की देखरेख एवं उसका प्रबन्धन कर सकते हैं।

(6) सर्वप्रथम जी.आई.एस. का उपयोग भूगर्भ वैज्ञानिकों द्वारा किया गया। आज प्रतिदिन विभिन्न कार्यों हेतु इसका उपयोग किया जाता है। भूगर्भीय संरचना, आकृति, मृदा विश्लेषण, सिसमिक सूचना, भौगोलिक आकृतियों के 3D प्रदर्शन आदि सभी में जी.आई.एस. का उपयोग होता है।

(7) शहरी क्षेत्र के विकास हेतु भूमि उपयोग के अवलोकन एवं योजना निर्माण में राष्ट्रीय / राज्य / स्थानीय शासन-प्रशासन द्वारा जी.आई.एस. की सहायता ली जाती है। भूजल निर्धारण में भी अनेक कारक महत्वपूर्ण हैं। उनको एकीकृत करके विश्लेषित करने में जी.आई.एस. का विशेष महत्व है।

(8) सेना के विश्लेषक एवं मानचित्रकार जी.आई.एस. का उपयोग विभिन्न कार्यों हेतु करते हैं, जैसे आधार मानचित्र बनाने, स्थलाकृति का विश्लेषण करने एवं नीति निर्धारण आदि में।

(9) जी.आई.एस. आपदा प्रबन्धन एवं विश्लेषण में भी सहायता कर सकता है। प्राकृतिक या मानवीय आपदा प्रभावित क्षेत्र को चिह्नित करने में जी.आई.एस. का इस्तेमाल होता है। एक बार क्षेत्र का निर्धारण या पहचान हो जाने पर उस हेतु आवश्यक प्रबन्धन योजना तैयार करनी तथा कार्यान्वित करनी सम्भव हो पाती है।

(10) परिवहन प्रबन्धन एवं यात्रा प्रबन्धन / मार्गदर्शन में भी जी.आई.एस. सहायता कर सकता है। रेल लाइन एवं सड़कों की हालत के अवलोकन एवं सामग्री भेजने हेतु उत्तम रास्ते के चयन में भी जी.आई.एस. की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।

इसके अतिरिक्त साइट योजना, औद्योगिक इकाइयों के अवशेषों को नष्ट करने जैसे अनेक कार्यों में जीआईएस की भूमिका महत्वपूर्ण है।

(11) केनेडियन वन्य जीवन रेखा वन्य जीव शोध संस्थान के माध्यम से उत्तर एवं दक्षिण अमेरिका में वन्य जीवन के वितरण का अध्ययन करती है। इसके लिए एक ऐसी विधि की आवश्यकता थी जिसके द्वारा जानवरों की वितरण प्रणाली को प्रदर्शित किया जा सके। डा. गुये मोरिशन ने इस समस्या का समाधान मैपइंफो के माध्यम से किया। सी.डब्ल्यू. एस. ने ऑटोकेट एवं मैपइन्फो का उपयोग कर पक्षियों के वितरण से सम्बन्धित अनेक एटलस प्रकाशित किये।

(12) जब हम जन सुरक्षा की बात सुनते हैं, तो हमारे दिमाग में मुख्य रूप से यह बात आती है कि सड़क पर पुलिस द्वारा यातायात नियन्त्रण कैसे हो या कितनी जल्दी आपातकाल में अग्निशामक या एम्बुलेंस उपलब्ध हो अथवा आक्रमण, बाढ़ या भूकंप आने पर किस तरह मदद प्राप्त हो। किन्तु क्या आपने कभी जन सुरक्षा के मानचित्रीकरण का विचार किया। आज के अनिश्चितता के दौर में विश्व में जन- सुरक्षा हेतु यह अत्यन्त आवश्यक है। डिजिटल मानचित्रण तकनीक के उपयोग से सभी सम्बन्धित आँकड़ों के प्रयोग से बिना रिपोर्ट पढ़े ही एक दृश्य प्रस्तुत किया जा सकता है।

(13) जनता को अपराध एवं अपराधी से बचाने हेतु यह जरूरी है कि आपराधिक गतिविधियों को ट्रैक किया जा सके और अपराधों के पैटर्न को ज्ञात किया जा सके। इस प्रकार प्राप्त जानकारी के आधार पर सुरक्षात्मक उपायों हेतु योजनाएँ तैयार की जा सकती हैं, और उसे कार्यान्वित किया जा सकता है।

(14) जी.आई.एस. का प्रयोग भारत में 80 के दशक के शुरू में प्रारम्भ हुआ। इसका एक सबसे महत्वपूर्ण प्रयास वसुंधरा परियोजना में दिखता है, जो भू-सर्वेक्षण विभाग एवं अंतरिक्ष विभाग का संयुक्त कार्यक्रम है। संयुक्त रूप से दोनों संस्थाओं ने इस परियोजना को कार्यान्वित किया। क्षेत्रीय स्तर पर सूचना प्रणाली विकसित करने हेतु इसमें सुदूर संवेदन आँकड़ों एवं परम्परागत आँकड़ों का उपयोग किया गया। इसी तरह अंतरिक्ष विभाग एवं भू-खनन विभाग द्वारा गुजरात में खनिज अन्वेषण सूचना प्रणाली विकसित करने हेतु एक परियोजना पर कार्य किया गया।

जी.आई.एस. पैकेज के आने के बाद, अंतरिक्ष विभाग द्वारा विभिन्न परियोजनाएँ ली गईं। पर्यावरण विभाग, भारतीय सर्वेक्षण, शहर एवं देश योजना संस्थान एवं अन्य विभाग जो शहरी योजना, क्षेत्रीय योजना, जिला योजना, परती भूमि विकास, वन प्रबन्धन आदि से जुड़े हैं, विभिन्न परियोजनाओं में जी.आई.एस. प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं।

(15) प्रणाली को पूर्ण करने के पूर्व सावधानी अत्यन्त आवश्यक है। जी.आई.एस. को उपयोग करने हेतु प्रबन्धन मामले बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। मानचित्र का अंकरूपण एक बड़ा पहलू है। इसमें समय एवं प्रयास दोनों लगते हैं। विश्लेषण से पहले उपयोगकर्त्ता की आवश्यकता पहचानना, उपलब्ध प्रणाली से लागत की तुलना करना, भविष्य में विस्तार, संवाद में सुविधा आदि पर ध्यान देना जरूरी है। हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर पहलू का भी अध्ययन किया जाता है।

(16) निम्न पुंजी, छोटे पैमाने पर छोटे समूहों द्वारा किये जा रहे प्रयास हेतु एक पायलट परियोजना ली जाती है, जिसके द्वारा तकनीक के सामर्थ्य को प्रदर्शित किया जा सके। देश में अधिकतर प्रयास इसी श्रेणी में आते हैं।

(17) ऐसा कार्य जिसकी तत्काल आवश्यकता है एवं लागत की समस्या नहीं है और परिणाम समय से अपेक्षित है परती भूमि विकास इस श्रेणी के अन्तर्गत आता है। इस उद्देश्य हेतु सुदूर संवेदन एवं जी.आई.एस. का बहुत उपयोग हो रहा है।

(18) डाटा प्रबन्धन हेतु, जहाँ डाटा अत्यधित मात्रा में है एवं डाटा सम्भालना एक पूर्णकालिक कार्य है, वहाँ प्रभावशाली टूल की आवश्यकता होती है। बड़ी संस्थाएँ, जैसे भारतीय भू सर्वेक्षण विभाग एवं भारतीय सर्वेक्षण विभाग आदि को इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसीलिए इन्होंने जी.आई.एस. एवं सुदूर संवेदन तकनीकों का उपयोग सबसे पहले शुरू किया था।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- सुदूर संवेदन से आप क्या समझते हैं? विभिन्न विद्वानों के सुदूर संवेदन के बारे में क्या विचार हैं? स्पष्ट कीजिए।
  2. प्रश्न- भूगोल में सुदूर संवेदन की सार्थकता एवं उपयोगिता पर विस्तृत लेख लिखिए।
  3. प्रश्न- सुदूर संवेदन के अंतर्राष्ट्रीय विकास पर टिप्पणी कीजिए।
  4. प्रश्न- सुदूर संवेदन के भारतीय इतिहास एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
  5. प्रश्न- सुदूर संवेदन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  6. प्रश्न- सुदूर संवेदन को परिभाषित कीजिए।
  7. प्रश्न- सुदूर संवेदन के लाभ लिखिए।
  8. प्रश्न- सुदूर संवेदन के विषय क्षेत्र पर टिप्पणी लिखिए।
  9. प्रश्न- भारत में सुदूर संवेदन के उपयोग पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
  10. प्रश्न- सुदूर संवेदी के प्रकार लिखिए।
  11. प्रश्न- सुदूर संवेदन की प्रक्रियाएँ एवं तत्व क्या हैं? वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- उपग्रहों की कक्षा (Orbit) एवं उपयोगों के आधार पर वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए।
  13. प्रश्न- भारत के कृत्रिम उपग्रहों के कुछ उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
  14. प्रश्न- कार्य के आधार पर उपग्रहों का विभाजन कीजिए।
  15. प्रश्न- कार्यप्रणाली के आधार पर सुदूर संवेदी उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
  16. प्रश्न- अंतर वैश्विक स्थान निर्धारण प्रणाली से आप क्या समझते हैं?
  17. प्रश्न- भारत में उपग्रहों के इतिहास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  18. प्रश्न- भू-स्थाई उपग्रह किसे कहते हैं?
  19. प्रश्न- ध्रुवीय उपग्रह किसे कहते हैं?
  20. प्रश्न- उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
  21. प्रश्न- सुदूर संवेदन की आधारभूत संकल्पना का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के सम्बन्ध में विस्तार से अपने विचार रखिए।
  23. प्रश्न- वायुमण्डलीय प्रकीर्णन को विस्तार से समझाइए।
  24. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रमी प्रदेश के लक्षण लिखिए।
  25. प्रश्न- ऊर्जा विकिरण सम्बन्धी संकल्पनाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। ऊर्जा
  26. प्रश्न- स्पेक्ट्रल बैण्ड से आप क्या समझते हैं?
  27. प्रश्न- स्पेक्ट्रल विभेदन के बारे में अपने विचार लिखिए।
  28. प्रश्न- सुदूर संवेदन की विभिन्न अवस्थाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- सुदूर संवेदन की कार्य प्रणाली को चित्र सहित समझाइये |
  30. प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्रकार और अनुप्रयोगों का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय वर्णक्रम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  32. प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्लेटफॉर्म से आपका क्या आशय है? प्लेटफॉर्म कितने प्रकार के होते हैं?
  33. प्रश्न- सुदूर संवेदन के वायुमण्डल आधारित प्लेटफॉर्म की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  34. प्रश्न- भू-संसाधन उपग्रहों को विस्तार से समझाइए।
  35. प्रश्न- 'सुदूर संवेदन में प्लेटफार्म' से आप क्या समझते हैं?
  36. प्रश्न- वायुयान आधारित प्लेटफॉर्म उपग्रह के लाभ और कमियों का वर्णन कीजिये।
  37. प्रश्न- विभेदन से आपका क्या आशय है? इसके प्रकारों का भी विस्तृत वर्णन कीजिए।
  38. प्रश्न- फोटोग्राफी संवेदक (स्कैनर ) क्या है? इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- सुदूर संवेदन में उपयोग होने वाले प्रमुख संवेदकों (कैमरों ) का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- हवाई फोटोग्राफी की विधियों की व्याख्या कीजिए एवं वायु फोटोचित्रों के प्रकार बताइये।
  41. प्रश्न- प्रकाशीय संवेदक से आप क्या समझते हैं?
  42. प्रश्न- सुदूर संवेदन के संवेदक से आपका क्या आशय है?
  43. प्रश्न- लघुतरंग संवेदक (Microwave sensors) को समझाइये |
  44. प्रश्न- प्रतिबिंब निर्वचन के तत्वों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- सुदूर संवेदन में आँकड़ों से क्या तात्पर्य है?
  46. प्रश्न- उपग्रह से प्राप्त प्रतिबिंबों का निर्वचन किस प्रकार किया जाता है?
  47. प्रश्न- अंकिय बिम्ब प्रणाली का वर्णन कीजिए।
  48. प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण से आप क्या समझते हैं? डिजिटल प्रक्रमण प्रणाली को भी समझाइए।
  49. प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण के तहत इमेज उच्चीकरण तकनीक की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  50. प्रश्न- बिम्ब वर्गीकरण प्रक्रिया को विस्तार से समझाइए।
  51. प्रश्न- इमेज कितने प्रकार की होती है? समझाइए।
  52. प्रश्न- निरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण और अनिरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए।
  53. प्रश्न- भू-विज्ञान के क्षेत्र में सुदूर संवेदन ने किस प्रकार क्रांतिकारी सहयोग प्रदान किया है? विस्तार से समझाइए।
  54. प्रश्न- समुद्री अध्ययन में सुदूर संवेदन किस प्रकार सहायक है? विस्तृत विवेचना कीजिए।
  55. प्रश्न- वानिकी में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- कृषि क्षेत्र में सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी की भूमिका का सविस्तार वर्णन कीजिए। साथ ही, भारत में कृषि की निगरानी करने के लिए सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने हेतु सरकार द्वारा आरम्भ किए गए विभिन्न कार्यक्रमों को भी सूचीबद्ध कीजिए।
  57. प्रश्न- भूगोल में सूदूर संवेदन के अनुप्रयोगों पर टिप्पणी लिखिए।
  58. प्रश्न- मृदा मानचित्रण के क्षेत्र में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  59. प्रश्न- लघु मापक मानचित्रण और सुदूर संवेदन के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
  60. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का अर्थ, परिभाषा एवं कार्यक्षेत्र की व्याख्या कीजिए।
  61. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के भौगोलिक उपागम से आपका क्या आशय है? इसके प्रमुख चरणों का भी वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के विकास की विवेचना कीजिए।
  63. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली का व्याख्यात्मक वर्णन प्रस्तुत कीजिए।
  64. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग क्या हैं? विस्तृत विवरण दीजिए।
  65. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र (GI.S.)से क्या तात्पर्य है?
  66. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  67. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के उद्देश्य बताइये।
  68. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का कार्य क्या है?
  69. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के प्रकार समझाइये |
  70. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र की अभिकल्पना का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के क्या लाभ हैं?
  72. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में उपयोग होने वाले विभिन्न उपकरणों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में कम्प्यूटर के उपयोग का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  74. प्रश्न- GIS में आँकड़ों के प्रकार एवं संरचना पर प्रकाश डालिये।
  75. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के सन्दर्भ में कम्प्यूटर की संग्रहण युक्तियों का वर्णन कीजिए।
  76. प्रश्न- आर्क जी०आई०एस० से आप क्या समझते हैं? इसके प्रशिक्षण और लाभ के संबंध में विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  77. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में प्रयोग होने वाले हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- ERDAS इमेजिन सॉफ्टवेयर की अपने शब्दों में समीक्षा कीजिए।
  79. प्रश्न- QGIS (क्यू०जी०आई०एस०) के संबंध में एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  80. प्रश्न- विश्वस्तरीय सन्दर्भ प्रणाली से आपका क्या आशय है? निर्देशांक प्रणाली के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- डाटा मॉडल अर्थात् आँकड़ा मॉडल से आप क्या समझते हैं? इसके कार्य, संकल्पना और उपागम का वर्णन कीजिए।
  82. प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की विवेचना कीजिए। इस मॉडल की क्षमताओं का भी वर्णन कीजिए।
  83. प्रश्न- विक्टर मॉडल की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  84. प्रश्न- कार्टोग्राफिक संकेतीकरण त्रिविम आकृति एवं मानचित्र के प्रकार मुद्रण विधि का वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की कमियों और लाभ का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- विक्टर मॉडल की कमियों और लाभ के सम्बन्ध में अपने विचार लिखिए।
  87. प्रश्न- रॉस्टर और विक्टर मॉडल के मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  88. प्रश्न- डेटाम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

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