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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :200
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2777
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- सुदूर संवेदन के विषय क्षेत्र पर टिप्पणी लिखिए।

उत्तर -

सुदूर संवेदन तकनीक का उपयोग भूगोल के विभिन्न अध्ययनों जैसे फसल के क्षेत्रफल और उत्पाद के आकलन, मौसम के पूर्वानुमान, भूमिगत जल की खोज, मत्स्यपालन, वन संसाधनों के सर्वेक्षण, खनिजों का पता लगाने, नगरीय विकास एवं नियोजन, मृदा वर्गीकरण क्षारीय व अम्लीय मृदा का मानचित्रण, बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना तथा बाढ़ग्रस्त का सीमांकन आदि क्षेत्रों में सफलतापूर्वक किया जा रहा है।

1. मौसम के पूर्वानुमान में (Forecasting of Weather) - सुदूर संवेदन का उपयोग वायुमण्डल विशेष रूप में मौसम सम्बन्धी विभिन्न तथ्यों की जानकारी प्राप्त करने हेतु किया जाता है। सुदूर संवेदन तकनीकी के प्रयोग से चक्रवातों के आगे की जानकारी उनकी दिशा, गति आदि का ज्ञान प्राप्त होता है। इसी प्रकार झंझावात आँधी-तूफान, वर्षा, हिमपात व ओलावृष्टि के आने की सूचना प्राप्त होती है। इन सभी सूचनाओं के माध्यम से अपार जन-धन की हानि होने से बचाया जा सकता है। मौसम की जानकारी को मौसम विज्ञान विभाग देश के प्रत्येक वायुयान अड्डों को पहुँचाकर वायु परिवहन की उड़ानों को सुखद, सुगम एवं सुनिश्चित बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

2. भूमिगत जल की खोज में (Searching of Ground Water) - विश्व के अनेक देश जहाँ पेयजल आपूर्ति समुचित नहीं है या स्थलीय जल स्रोतों की पर्याप्त मात्रा में होने के बावजूद जनसंख्या के बाहुल्य वाले देशों में जल आपूर्ति सभी मानवों को सुलभ एवं सुनिश्चित नहीं होती है तो ऐसे देश भूमिगत जल पर निर्भर होते हैं। सुदूर संवेदन तकनीकी से भूमिगत जल के स्रोतों को खोजने में पर्याप्त सहायता प्राप्त होती है।

3. खनिजों की खोज में (In Mineral Exploration) - सुदूर संवेदन तकनीक द्वारा देश के खनिज भण्डारों का पता लगाने में महत्वपूर्ण सफलता मिल रही है। "लैण्डसेट" एवं इन्सैट-1 बी से प्राप्त आँकड़ों से मेहसाणा, केम्बे बेसिन के कादोकलीम क्षेत्रों में भारी मात्रा में कच्चे माल तेल होने का पता लगाया गया है। इसी प्रकार अन्य खनिज पदार्थों, जैसे- कोयला, लोहा, मैग्नीशियम, रेडियम, थोरियम आदि का पता लगाने में दूर संवेदन तकनीकी ने अहम् भूमिका निभाई है।

विश्व के विकसित देश सुदूर संवेदन तकनीकी का उपयोग कर खनिज पदार्थों का बड़ी मात्रा में उत्खनन कर रहे हैं। भारत जैसे विकासशील देश में भी सुदूर संवेदन तकनीकी का काफी विस्तार किया गया है, जिससे इसका उपयोग कर देश को खनिज पदार्थों के उत्पादन में सक्षम बनाया जा सकें।

4. वन-संरक्षण के क्षेत्र में (In Forest Conservation) - वन संरक्षण के क्षेत्र में सुदूर संवेदन तकनीकी का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इस तकनीकी की सहायता से वनों पर निगरानी करने में सहायता मिलती है, ताकि कोई जंगलों की अवैध कटाई न करने पाए। वन के विकास में इस तकनीक ने महत्वपूर्ण योगदान किया है।

5. मृदा संरक्षण में (In Soil Conservation) - वायु, जल आदि के द्वारा भूमि का कटाव होता है जिससे मृदा अपरदन होता है। भूमि कटाव की जानकारी भी सुदूर संवेदन द्वारा सुगमतापूर्वक की जा रही है। लैण्डसेट उपग्रह द्वारा विशाखापट्टनम, चेन्नई एवं पाराद्वीप पतनों के किनारे कटाव आदि के बारे में जानकारी एकत्र की गई है।

6. कृषि क्षेत्रों में (In Agriculture) - कृषि पर आधारित देश सुदूर संवेदन का उपयोग कर कृषि क्षेत्रों में बहुत उन्नति कर रहे हैं। फसल के सम्बन्ध में अनुमान लगाने एवं बीमारियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने में सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है। 'लैण्डसेट' उपग्रह द्वारा अरूणाचल प्रदेश में 'झूमिंग' नामक कृषि से होने वाली हानियों का पता लगाया गया है।

इसके अलावा सुदूर संवेदन तकनीकी लागत प्रभावी विधि (Cost effective method) से भी काफी उपयोगी है। हांलाकि सुदूर संवेदन एक महँगी तकनीक है, परन्तु जब हम इसकी उपयोगिता एवं भिन्न-भिन्न विषयों में इसके अनुप्रयोग (Application) पर विचार करते हैं, तो हमें यह तकनीक अपेक्षाकृत बहुत सस्ती प्रतीत होती है। सुदूर संवेदन से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर हम आने वाली विपत्तियों से जूझने हेतु सावधान हो जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप हम अपार धन-जन की क्षति होने से बचा लेते हैं। सुदूर संवेदन तकनीक के ज्ञान से पूर्व ऐसा करना सर्वदा सम्भव नहीं था। इस प्रकार सुदूर संवेदन विज्ञान की विभिन्न शाखाओं से सम्बन्धित है। इससे कुछ ही क्षणों में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- सुदूर संवेदन से आप क्या समझते हैं? विभिन्न विद्वानों के सुदूर संवेदन के बारे में क्या विचार हैं? स्पष्ट कीजिए।
  2. प्रश्न- भूगोल में सुदूर संवेदन की सार्थकता एवं उपयोगिता पर विस्तृत लेख लिखिए।
  3. प्रश्न- सुदूर संवेदन के अंतर्राष्ट्रीय विकास पर टिप्पणी कीजिए।
  4. प्रश्न- सुदूर संवेदन के भारतीय इतिहास एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
  5. प्रश्न- सुदूर संवेदन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  6. प्रश्न- सुदूर संवेदन को परिभाषित कीजिए।
  7. प्रश्न- सुदूर संवेदन के लाभ लिखिए।
  8. प्रश्न- सुदूर संवेदन के विषय क्षेत्र पर टिप्पणी लिखिए।
  9. प्रश्न- भारत में सुदूर संवेदन के उपयोग पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
  10. प्रश्न- सुदूर संवेदी के प्रकार लिखिए।
  11. प्रश्न- सुदूर संवेदन की प्रक्रियाएँ एवं तत्व क्या हैं? वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- उपग्रहों की कक्षा (Orbit) एवं उपयोगों के आधार पर वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए।
  13. प्रश्न- भारत के कृत्रिम उपग्रहों के कुछ उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
  14. प्रश्न- कार्य के आधार पर उपग्रहों का विभाजन कीजिए।
  15. प्रश्न- कार्यप्रणाली के आधार पर सुदूर संवेदी उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
  16. प्रश्न- अंतर वैश्विक स्थान निर्धारण प्रणाली से आप क्या समझते हैं?
  17. प्रश्न- भारत में उपग्रहों के इतिहास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  18. प्रश्न- भू-स्थाई उपग्रह किसे कहते हैं?
  19. प्रश्न- ध्रुवीय उपग्रह किसे कहते हैं?
  20. प्रश्न- उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
  21. प्रश्न- सुदूर संवेदन की आधारभूत संकल्पना का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के सम्बन्ध में विस्तार से अपने विचार रखिए।
  23. प्रश्न- वायुमण्डलीय प्रकीर्णन को विस्तार से समझाइए।
  24. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रमी प्रदेश के लक्षण लिखिए।
  25. प्रश्न- ऊर्जा विकिरण सम्बन्धी संकल्पनाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। ऊर्जा
  26. प्रश्न- स्पेक्ट्रल बैण्ड से आप क्या समझते हैं?
  27. प्रश्न- स्पेक्ट्रल विभेदन के बारे में अपने विचार लिखिए।
  28. प्रश्न- सुदूर संवेदन की विभिन्न अवस्थाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- सुदूर संवेदन की कार्य प्रणाली को चित्र सहित समझाइये |
  30. प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्रकार और अनुप्रयोगों का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय वर्णक्रम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  32. प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्लेटफॉर्म से आपका क्या आशय है? प्लेटफॉर्म कितने प्रकार के होते हैं?
  33. प्रश्न- सुदूर संवेदन के वायुमण्डल आधारित प्लेटफॉर्म की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  34. प्रश्न- भू-संसाधन उपग्रहों को विस्तार से समझाइए।
  35. प्रश्न- 'सुदूर संवेदन में प्लेटफार्म' से आप क्या समझते हैं?
  36. प्रश्न- वायुयान आधारित प्लेटफॉर्म उपग्रह के लाभ और कमियों का वर्णन कीजिये।
  37. प्रश्न- विभेदन से आपका क्या आशय है? इसके प्रकारों का भी विस्तृत वर्णन कीजिए।
  38. प्रश्न- फोटोग्राफी संवेदक (स्कैनर ) क्या है? इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- सुदूर संवेदन में उपयोग होने वाले प्रमुख संवेदकों (कैमरों ) का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- हवाई फोटोग्राफी की विधियों की व्याख्या कीजिए एवं वायु फोटोचित्रों के प्रकार बताइये।
  41. प्रश्न- प्रकाशीय संवेदक से आप क्या समझते हैं?
  42. प्रश्न- सुदूर संवेदन के संवेदक से आपका क्या आशय है?
  43. प्रश्न- लघुतरंग संवेदक (Microwave sensors) को समझाइये |
  44. प्रश्न- प्रतिबिंब निर्वचन के तत्वों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- सुदूर संवेदन में आँकड़ों से क्या तात्पर्य है?
  46. प्रश्न- उपग्रह से प्राप्त प्रतिबिंबों का निर्वचन किस प्रकार किया जाता है?
  47. प्रश्न- अंकिय बिम्ब प्रणाली का वर्णन कीजिए।
  48. प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण से आप क्या समझते हैं? डिजिटल प्रक्रमण प्रणाली को भी समझाइए।
  49. प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण के तहत इमेज उच्चीकरण तकनीक की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  50. प्रश्न- बिम्ब वर्गीकरण प्रक्रिया को विस्तार से समझाइए।
  51. प्रश्न- इमेज कितने प्रकार की होती है? समझाइए।
  52. प्रश्न- निरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण और अनिरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए।
  53. प्रश्न- भू-विज्ञान के क्षेत्र में सुदूर संवेदन ने किस प्रकार क्रांतिकारी सहयोग प्रदान किया है? विस्तार से समझाइए।
  54. प्रश्न- समुद्री अध्ययन में सुदूर संवेदन किस प्रकार सहायक है? विस्तृत विवेचना कीजिए।
  55. प्रश्न- वानिकी में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- कृषि क्षेत्र में सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी की भूमिका का सविस्तार वर्णन कीजिए। साथ ही, भारत में कृषि की निगरानी करने के लिए सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने हेतु सरकार द्वारा आरम्भ किए गए विभिन्न कार्यक्रमों को भी सूचीबद्ध कीजिए।
  57. प्रश्न- भूगोल में सूदूर संवेदन के अनुप्रयोगों पर टिप्पणी लिखिए।
  58. प्रश्न- मृदा मानचित्रण के क्षेत्र में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  59. प्रश्न- लघु मापक मानचित्रण और सुदूर संवेदन के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
  60. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का अर्थ, परिभाषा एवं कार्यक्षेत्र की व्याख्या कीजिए।
  61. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के भौगोलिक उपागम से आपका क्या आशय है? इसके प्रमुख चरणों का भी वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के विकास की विवेचना कीजिए।
  63. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली का व्याख्यात्मक वर्णन प्रस्तुत कीजिए।
  64. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग क्या हैं? विस्तृत विवरण दीजिए।
  65. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र (GI.S.)से क्या तात्पर्य है?
  66. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  67. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के उद्देश्य बताइये।
  68. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का कार्य क्या है?
  69. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के प्रकार समझाइये |
  70. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र की अभिकल्पना का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के क्या लाभ हैं?
  72. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में उपयोग होने वाले विभिन्न उपकरणों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में कम्प्यूटर के उपयोग का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  74. प्रश्न- GIS में आँकड़ों के प्रकार एवं संरचना पर प्रकाश डालिये।
  75. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के सन्दर्भ में कम्प्यूटर की संग्रहण युक्तियों का वर्णन कीजिए।
  76. प्रश्न- आर्क जी०आई०एस० से आप क्या समझते हैं? इसके प्रशिक्षण और लाभ के संबंध में विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  77. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में प्रयोग होने वाले हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- ERDAS इमेजिन सॉफ्टवेयर की अपने शब्दों में समीक्षा कीजिए।
  79. प्रश्न- QGIS (क्यू०जी०आई०एस०) के संबंध में एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  80. प्रश्न- विश्वस्तरीय सन्दर्भ प्रणाली से आपका क्या आशय है? निर्देशांक प्रणाली के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- डाटा मॉडल अर्थात् आँकड़ा मॉडल से आप क्या समझते हैं? इसके कार्य, संकल्पना और उपागम का वर्णन कीजिए।
  82. प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की विवेचना कीजिए। इस मॉडल की क्षमताओं का भी वर्णन कीजिए।
  83. प्रश्न- विक्टर मॉडल की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  84. प्रश्न- कार्टोग्राफिक संकेतीकरण त्रिविम आकृति एवं मानचित्र के प्रकार मुद्रण विधि का वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की कमियों और लाभ का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- विक्टर मॉडल की कमियों और लाभ के सम्बन्ध में अपने विचार लिखिए।
  87. प्रश्न- रॉस्टर और विक्टर मॉडल के मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  88. प्रश्न- डेटाम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

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