बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 गृह विज्ञान बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 गृह विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 गृह विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- राष्ट्रीय सेवा योजना (N.S.S.) पर टिप्पणी लिखिये।
उत्तर -
(National Service Scheme-NSS)
आज भारत में सर्वाधिक महत्वपूर्ण योजना एन० एस० एस० है जिससे नवयुवकों में सेवाभाव का संचार करने के लिए राष्ट्रीय सेवा का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसका लक्ष्य है, 'सामुदायिक सेवा द्वारा शिक्षा और शिक्षा द्वारा सामुदायिक सेवा।
इस योजना में स्नातक कक्षा के छात्र-छात्राओं को समाज सेवा का और राष्ट्रीय विकास का प्रशिक्षण देने के लिए कार्यक्रम बनाया जाता है। इस योजना का प्रारंभ सन् 1969 में हुआ था। इसमें छात्र-छात्राओं को ऐच्छिक रूप से और चयनित रूप से सम्मिलित किया जाता है। योजना के प्रारम्भ में चालीस हजार छात्र - छात्राओं से कार्यक्रम प्रारंभ किया गया था। आज तो 180 विश्वविद्यालयों में 17 लाख छात्र इसमें नामांकित हैं।
देश के सभी राज्यों के विश्वविद्यालयों में यह योजना चल रही है। लगभग साढ़े तीन हजार कॉलेजों में भी यह योजना चल रही है। कुछ राज्यों में इण्टरमीडिएट स्तर पर भी प्रयोग के तौर पर यह योजना लागू की गई है और डेढ़ करोड़ छात्र इससे लाभान्वित हो रहे हैं। सन् 1976-77 से इस योजना में निम्नलिखित कार्यक्रमों पर बल दिया गया-
(1) सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग की दशा सुधारने के कार्यक्रम,
(2) परिवार कल्याण कार्यक्रम,
(3) ग्रामीण विकास के कार्यक्रम,
(4) पर्यावरण शुद्धिकरण,
(5) स्कूल का भवन निर्माण व मरम्मत,
(6) सड़कों का निर्माण व मरम्मत,
(7) ग्राम के तालाब व पोखर का निर्माण तथा मरम्मत,
(8) श्रमदान एवं अन्य समाज सेवा कार्यक्रम,
(9) प्रौढ़ शिक्षा, पूर्व- स्कूल कार्यक्रम,
(10) उत्पादनशील कार्यक्रम,
(11) पुष्टाहार कार्यक्रम,
(12) स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्यक्रम |
योजना का उद्देश्य देश के विभिन्न विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अध्ययन करने वाले स्नातक स्तर के विद्यार्थियों में राष्ट्रीय चेतना जगाना व सृजनात्मक एवं रचनात्मक कार्यों के माध्यम से उनमें सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना विकसित करना है जिससे छात्र - छात्राओं में यह भावना विकसित हो कि शिक्षा का कार्य सेवा है। राष्ट्रीय सेवा योजना जिन उद्देश्यों को लेकर आगे बढ़ रही थी वे अब संकुचित होने लगे हैं। आज योजना से जुड़ने वाले अधिकतर विद्यार्थियों का ध्येय विविध पाठ्यक्रमों व सेवा योजनाओं में प्रवेश के लिए कुछ अधिभार (वेटेज) अंक जुटाना रह गया है।
इस योजना का ध्येय वाक्य है - (Not me, but you)। इस ध्येय वाक्य के अनुसार इस योजना का मुख्य उद्देश्य युवा छात्र - छात्राओं में सामाजिक चेतना एवं समाज तथा राष्ट्र के प्रति सेवा भाव का विकास करना है और विद्यालय एवं समाज तथा विद्यालय एवं गाँवों के बीच अर्थपूर्ण सम्बन्ध बनाना है। यह योजना ज्ञान एवं कर्म में उचित तालमेल पर बल देती है।
उद्देश्य
राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्यों को निम्न प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है-
(1) युवाओं में सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना का विकास करना।
(2) युवाओं को समाज सेवा कार्यों में प्रशिक्षित करना।
(3) युवाओं में राष्ट्रीय चेतना जागृत करना।
(4) युवाओं को राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति के प्रति सजग करना।
(5) युवाओं को रचनात्मक कार्यों के सम्पादन में प्रशिक्षित करना।
(6) युवाओं को सहयोग से कार्य करने में प्रशिक्षित करना।
(7) युवाओं को अवकाश के समय का सदुपयोग करने की ओर प्रवृत्त करना।
(8) विद्यालय और समुदाय के बीच अर्थपूर्ण सम्बन्ध स्थापित करना।
(9) विद्यालय और गाँवों के बीच अर्थपूर्ण सम्बन्ध स्थापित करना।
(10) ज्ञान और कर्म में अर्थपूर्ण तालमेल बैठाना।
प्रशिक्षण कार्यक्रम
यह कार्यक्रम 2 वर्ष की अवधि का है। प्रत्येक वर्ष में कम-से-कम 120 घण्टे समाज सेवा कार्य करना अनिवार्य है और इन दो वर्षों में किसी एक वर्ष में 10 दिन के कैम्प में भाग लेना अनिवार्य है।
सर्वप्रथम इच्छुक छात्र-छात्राओं का नामांकन किया जाता है। 100 छात्र - छात्राओं की एक यूनिट के लिए एक प्राध्यापक / प्राध्यापिका को प्रोग्राम ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया जाता है। किसी भी संस्था में एक से अधिक यूनिटें भी हो सकती हैं।
वर्ष में किए जाने वाले 120 घण्टे काम के लिए प्रोगाम ऑफिसर किसी भी प्रकार के समाज सेवा कार्यों का चयन कर सकते हैं। इसके अन्तर्गत सामान्यतः निम्नलिखित कार्य कराए जाते हैं-
(1) विद्यालय प्रांगण की सफाई।
(2) विद्यालय प्रांगण की सड़कों एवं भवन के मरम्मत कार्यों में श्रमदान।
(3) पर्यावरण जागरूकता एवं वृक्षारोपण |
(4) स्थानीय सामाजिक रचनात्मक कार्यों में सहयोग।
प्रशिक्षण के दौरान 10 दिन के कैम्प के लिए सर्वप्रथम किसी गाँव को एडोप्ट किया जाता है और फिर उस गाँव के आस-पास कैम्प लगाया जाता है। इस कैम्प के दौरान सामान्यतः निम्न कार्य किए जाते हैं-
(1) एडोप्टिड गाँव के विकास कार्यों में सहयोग प्रदान करना।
(2) उसमें सड़क, पुलिया व तालाब आदि बनाने में सहयोग करना।
(3) उसमें स्वास्थ्य एवं पोषण सम्बन्धी कार्य करना और एड्स के प्रति जागरूकता पैदा करना।
(4) उसके परिवार कल्याण सम्बन्धी कार्यों में भाग लेना।
(5) उसके प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रमों में सहयोग प्रदान करना।
(6) उसके स्त्रियों की दशा सुधारने सम्बन्धी कार्यक्रमों में भाग लेना।
(7) उसके पिछड़े वर्ग की दशा सुधारने सम्बन्धी कार्यक्रमों में भाग लेना।
(8) उसके पर्यावरण संरक्षण सम्बन्धी कार्यों में भाग लेना और वृक्षारोपण करना।
(9) उसमें स्वस्थ मनोरंजन कार्यक्रमों का आयोजन करना और उनके द्वारा गाँवों में जागरूकता पैदा करना।
प्रमाण-पत्र
राष्ट्रीय सेवा योजना एक ऐच्छिक कार्यक्रम है, इसमें जो जितना भाग लेता है, उसे उसी का प्रमाण-पत्र दिया जाता है। दोनों वर्षों में से किसी भी एक वर्ष में 120 घण्टों से कम समय सेवा कार्य करने वालों को कोई प्रमाण-पत्र नहीं दिया जाता।
(1) 120 घण्टे सेवा कार्य करने वालों को 120 घण्टे सेवा कार्य करने का प्रमाण-पत्र दिया जाता है।
(2) 120 घण्टे सेवा कार्य करने और 10 दिन के कैम्प में भाग लेने वालों को 120 घण्टे सेवा कार्य करने और 10 दिन के कैम्प में भाग लेने का प्रमाण-पत्र दिया जाता है।
(3) 240 घण्टे सेवा कार्य करने और निर्धारित कैम्प में भाग लेने वालों को 240 घण्टे सेवा कार्य करने और 10 दिन के कैम्प में भाग लेने का प्रमाणपत्र दिया जाता है।
प्रोत्साहन
वर्तमान में इस कार्यक्रम को गति प्रदान करने के लिए कुछ प्रोत्साहन (Incentives) की भी व्यवस्था है।
(1) कुछ पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु एन० एस० एस० सर्टिफिकेटों पर अभिभार (Extra Weightage) दिया जाता है।
(2) कुछ सेवा पदों हेतु चयन में भी एन० एस० एस० के सर्टिफिकेटों पर अभिभार दिया जाता है।
(3) समाज सेवा के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले युवा छात्र - छात्राओं को सम्मान पत्र प्रदान किए जाते हैं।
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- प्रश्न- सामुदायिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामुदायिक विकास कार्यक्रम की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना का क्षेत्र एवं उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के उद्देश्यों को विस्तारपूर्वक समझाइए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास की विधियों को समझाइये।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास की विशेषताएँ बताओ।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास के मूल तत्व क्या हैं?
- प्रश्न- सामुदायिक विकास के सिद्धान्त बताओ।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम की सफलता हेतु सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम क्या है?
- प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना संगठन को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- सामुदायिक संगठन से आप क्या समझते हैं? सामुदायिक संगठन को परिभाषित करते हुए इसकी विभिन्न परिभाषाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक संगठन की विभिन्न परिभाषाओं के आधार पर तत्त्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक संगठन के विभिन्न प्रकारों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन की सैद्धान्तिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- सामुदायिक संगठन के विभिन्न उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक संगठन की आवश्यकता क्यों है?
- प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन के दर्शन पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास प्रक्रिया के अन्तर्गत सामुदायिक विकास संगठन कितनी अवस्थाओं से गुजरता है?
- प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- सामुदायिक संगठन और सामुदायिक विकास में अंतर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन और सामुदायिक क्रिया में अंतर बताइये।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन के प्रशासनिक ढांचे का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास में सामुदायिक विकास संगठन की सार्थकता एवं भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइये।
- प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के उद्देश्यों का विस्तार से वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की विशेषताएँ समझाइयें।
- प्रश्न- ग्रामीण विकास में गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का महत्व समझाइये।
- प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के क्षेत्र, आवश्यकता एवं परिकल्पना के विषय में विस्तार से लिखिए।
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- प्रश्न- मूल्यांकन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निगरानी का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निगरानी के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निगरानी में कितने प्रकार के सूचकों का प्रयोग किया जाता है?
- प्रश्न- मूल्यांकन का अर्थ और विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- निगरानी और मूल्यांकन के बीच अंतर लिखिए।
- प्रश्न- मूल्यांकन के विभिन्न प्रकारों को समझाइये।