बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B इतिहास - मध्यकालीन एवं आधुनिक सामाजिक एवं आर्थिक इतिहास (1200 ई.-1700 ई.) बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B इतिहास - मध्यकालीन एवं आधुनिक सामाजिक एवं आर्थिक इतिहास (1200 ई.-1700 ई.)सरल प्रश्नोत्तर समूह
|
|
बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B इतिहास - मध्यकालीन एवं आधुनिक सामाजिक एवं आर्थिक इतिहास (1200 ई.-1700 ई.) - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- भक्ति साहित्य पर प्रकाश डालिए।
उत्तर -
भक्ति साहित्य - हिन्दी साहित्य का भक्ति काल 1375 वि० से 1700 वि० तक माना जाता है। यह युग भक्ति काल के नाम से प्रख्यात है। यह हिन्दी का श्रेष्ठ युग है समस्त हिन्दी साहित्य के श्रेष्ठ कवि और उत्तम रचनाएँ इस युग में मिली हैं।
दक्षिण में अलवार बन्धु नाम से प्रसिद्ध भक्त हुए इनमें से अनेक भिन्न-भिन्न व नीची जातियों से थे ये अनुभवी तो थे परन्तु पढ़े लिखे नहीं थे।
दक्षिण में रामानुजाचार्य प्रसिद्ध हुए इसी परम्परा में रामानन्द भी हुए जो असाधारण व्यक्तित्व के थे। इन्होंने भक्ति क्षेत्र में ऊँच-नीच के विचार का खण्डन किया उस समय का सूत्र इस प्रकार है -
"जाति-पांति पूछे नाहिं कोई हरि को भजै सो हरि का होई ॥"
रामानंद जी ने राम की उपासना पर बल दिया तथा अपने शिष्यों के साथ दक्षिणी क्षेत्र में भक्ति सागर की लहर को प्रभावित किया।
महाप्रभु वल्लभाचार्य ने पुष्टि मार्ग को स्थापित किया और विष्णु के कृष्णावतार की भक्ति को प्रोत्साहित किया। 'अष्टछाप' के प्रसिद्ध कवियों ने इनके ही उपदेशों को कविता के रूप में प्रस्तुत किया। इसके पश्चात् माहव व निम्बार्क सम्प्रदायों का जन्म हुआ तथा भक्ति युग की चार प्रमुख काव्य धाराएँ निर्मित हुईं
1. ज्ञानाश्रयी शाखा - इस शाखा के भक्त कवि निर्गुणवादी थे। वे गुरू को बहुत ही महत्त्व तथा सम्मान देते थे, वे आडम्बरों और रूढ़िवादियों का विरोध करते थे। इस युग की भाषा को 'सधुक्कड़ी' कहा गया। कबीरदास इस युग के प्रमुख संत थे।
अन्य संतों में - नानक, रैदास, सुन्दरदास मलूकदास प्रमुख हैं।
2. प्रेमाश्रयी शाखा - मुस्लिम सुफी कवियों की धारा को प्रेमाश्रयी कहा गया है। इनके अनुसार ईश्वर व प्रेम सर्वव्यापी है इनकी रचनाओं में ईश्वर की तरह प्रेम सर्वव्यापी है अर्थात् ईश्वर का जीव के साथ प्रेम का ही सम्बन्ध हो सकता है। ये फारसी शैली पर आधारित गाथाएँ थीं जिनमें दोहा, चौपाई, छन्दों का प्रयोग हुआ है इन कवियों में 'मलिक मुहम्मद जायसी' प्रमुख हैं तथा महाक्व्य 'पदमावत' है।
3. कृष्णाश्रयी शाखा - यह सबसे प्रमुख व सर्वाधिक विख्यात शाखा है। इनमें वल्लभाचार्य व सूरदास जैसे कवि हुए हैं। वात्सल्य व श्रृंगार के सर्वोत्तम कवि 'सूरदास' के पदों का परवर्ती हिन्दी साहित्य पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है इसमें गीति काव्य की प्रधानता है और श्री कृष्ण की बाल व किशोर लीलाओं का मनोहारी वर्णन किया गया है। नर नारी की साधारण प्रेम-लीलाओं को राधा कृष्ण की प्रेम लीला से संयोजित कर जन मानस में रस की भावना का उद्गम किया गया। सूरदास, नन्ददास, मीराबाई, नरोत्तमदास, हरिदास, रसश्वास इसी युग में हुए।
4. रामाश्रयी शाखा - इस शाखा के प्रमुख कवि तुलसीदास जी हैं इन्होंने श्री रामचन्द्र को आराध्य माना है तथा 'रामचरित मानस' द्वारा राम कथा का वर्णन किया है। इन्होंने उस समय प्रचलित समस्त भाषाओं और छन्दों को रामकथा में दर्शाया है।
|
- प्रश्न- सल्तनतकालीन सामाजिक-आर्थिक दशा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सल्तनतकालीन केन्द्रीय मन्त्रिपरिषद का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दिल्ली सल्तनत में प्रांतीय शासन प्रणाली का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सल्तनतकालीन राजस्व व्यवस्था पर एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- सल्तनत के सैन्य-संगठन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- दिल्ली सल्तनत काल में उलेमा वर्ग की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- सल्तनतकाल में सुल्तान व खलीफा वर्ग के बीच सम्बन्धों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- दिल्ली सल्तनत के पतन के कारणों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- मुस्लिम राजवंशों के द्रुतगति से परिवर्तन के कारणों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सल्तनतकालीन राजतंत्र की विचारधारा स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- दिल्ली सल्तनत के स्वरूप की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- सल्तनत काल में 'दीवाने विजारत' की स्थिति का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- सल्तनत कालीन राजदरबार एवं महल के प्रबन्ध पर एक लघु लेख लिखिए।
- प्रश्न- 'अमीरे हाजिब' कौन था? इसकी पदस्थिति का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- जजिया और जकात नामक कर क्या थे?
- प्रश्न- दिल्ली सल्तनत में राज्य की आय के प्रमुख स्रोत क्या थे?
- प्रश्न- दिल्ली सल्तनतकालीन भू-राजस्व व्यवस्था पर एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- दिल्ली सल्तनत में सुल्तान की पदस्थिति स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- दिल्ली सल्तनतकालीन न्याय-व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'उलेमा वर्ग' पर एक टिपणी लिखिए।
- प्रश्न- दिल्ली सल्तनत के पतन के कारणों में सल्तनत का विशाल साम्राज्य तथा मुहम्मद तुगलक और फिरोज तुगलक की दुर्बल नीतियाँ प्रमुख थीं। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विदेशी आक्रमण और केन्द्रीय शक्ति की दुर्बलता दिल्ली सल्तनत के पतन का कारण बनी। व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अलाउद्दीन की प्रारम्भिक कठिनाइयाँ क्या थीं? अलाउद्दीन के प्रारम्भिक जीवन पर प्रकाश डालते हुए यह स्पष्ट कीजिए कि उसने इन कठिनाइयों से किस प्रकार निजात पाई?
- प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी के आर्थिक सुधार व बाजार नियंत्रण नीति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अलाउद्दीन की दक्षिण विजय का विवरण दीजिए। उसकी दक्षिणी विजय की सफलता के क्या कारण थे?
- प्रश्न- अलाउद्दीन की दक्षिण नीति के क्या उद्देश्य थे, क्या वह उनकी पूर्ति में सफल रहा?
- प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी की विजयों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 'खिलजी क्रांति' से क्या समझते हैं? संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अलाउद्दीन की दक्षिण नीति के क्या उद्देश्य थे, क्या वह उनकी पूर्ति में सफल रहा?
- प्रश्न- खिलजी शासकों के काल में स्थापन्न कला के विकास पर टिपणी लिखिए।
- प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी का एक वीर सैनिक व कुशल सेनानायक के रूप में मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी की मंगोल नीति की आलोचनात्मक समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी की राजनीति क्या थी?
- प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी का शासक के रूप में मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- अलाउद्दीन की हिन्दुओं के प्रति नीति स्पष्ट करते हुए तत्कालीन हिन्दू समाज की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी की राजस्व सुधार नीति के विषय में बताइए।
- प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी का प्रारम्भिक विजय का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी की महत्त्वाकांक्षाओं को बताइये।
- प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी के आर्थिक सुधारों का लाभ-हानि के आधार पर विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी की हिन्दुओं के प्रति नीति का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- सूफी विचारधारा क्या है? इसकी प्रमुख शाखाओं का वर्णन कीजिए तथा इसके भारत में विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भक्ति आन्दोलन से आप क्या समझते हैं? इसके कारणों, विशेषताओं और मध्यकालीन भारतीय समाज पर प्रभाव का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- मध्यकालीन भारत के सन्दर्भ में भक्ति आन्दोलन को बतलाइये।
- प्रश्न- समाज की प्रत्येक बुराई का जीवन्त विरोध कबीर के काव्य में प्राप्त होता है। विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मानस में तुलसी द्वारा चित्रित मानव मूल्यों का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- “मध्यकालीन युग में जन्मी, मीरा ने काव्य और भक्ति दोनों को नये आयाम दिये" कथन की समीक्षा कीजिये।
- प्रश्न- सूफी धर्म का समाज पर क्या प्रभाव पड़ा।
- प्रश्न- राष्ट्रीय संगठन की भावना को जागृत करने में सूफी संतों का महत्त्वपूर्ण योगदान है? विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- सूफी मत की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भक्ति आन्दोलन के प्रभाव व परिणामों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भक्ति साहित्य पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भक्ति आन्दोलन पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- भक्ति एवं सूफी सन्तों ने किस प्रकार सामाजिक एकता में योगदान दिया?
- प्रश्न- भक्ति आन्दोलन के कारण बताइए
- प्रश्न- सल्तनत काल में स्त्रियों की क्या दशा थी? इस काल की एकमात्र शासिका रजिया सुल्ताना के विषय में बताइये।
- प्रश्न- "डोमिगो पेस" द्वारा चित्रित मध्यकाल भारत के विषय में बताइये।
- प्रश्न- "मध्ययुग एक तरफ महिलाओं के अधिकारों का पूर्णतया हनन का युग था, वहीं दूसरी ओर कई महिलाओं ने इसी युग में अपनी विशिष्ट उपस्थिति दर्ज करायी" कथन की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- मुस्लिम काल की शिक्षा व्यवस्था का अवलोकन कीजिये।
- प्रश्न- नूरजहाँ के जीवन चरित्र का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। उसकी जहाँगीर की गृह व विदेशी नीति के प्रभाव का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- सल्तनत काल में स्त्रियों की दशा कैसी थी?
- प्रश्न- 1200-1750 के मध्य महिलाओं की स्थिति को बताइये।
- प्रश्न- "देवदासी प्रथा" क्या है? व इसका स्वरूप क्या था?
- प्रश्न- रजिया के उत्थान और पतन पर एक टिपणी लिखिए।
- प्रश्न- मीराबाई पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- रजिया सुल्तान की कठिनाइयों को बताइये?
- प्रश्न- रजिया सुल्तान का शासक के रूप में मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- अक्का महादेवी का वस्त्रों को त्याग देने से क्या आशय था?
- प्रश्न- रजिया सुल्तान की प्रशासनिक नीतियों का वर्णन कीजिये?
- प्रश्न- मुगलकालीन आइन-ए-दहशाला प्रणाली को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- मुगलकाल में भू-राजस्व का निर्धारण किस प्रकार किया जाता था? विस्तार से समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- मुगलकाल में भू-राजस्व वसूली की दर का किस अनुपात में वसूली जाती थी? ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर क्षेत्रवार मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- मुगलकाल में भू-राजस्व प्रशासन का कालक्रम विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- मुगलकाल में भू-राजस्व के अतिरिक्त लागू अन्य करों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मुगलकाल के दौरान मराठा शासन में राजस्व व्यवस्था की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- शेरशाह की भू-राजस्व प्रणाली का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये।
- प्रश्न- मुगल शासन में कृषि संसाधन का वर्णन करते हुए करारोपण के तरीके को समझाइए।
- प्रश्न- मुगल शासन के दौरान खुदकाश्त और पाहीकाश्त किसानों के बीच भेद कीजिए।
- प्रश्न- मुगलकाल में भूमि अनुदान प्रणाली को समझाइए।
- प्रश्न- मुगलकाल में जमींदार के अधिकार और कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मुगलकाल में फसलों के प्रकार और आयात-निर्यात पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अकबर के भूमि सुधार के क्या प्रभाव हुए? संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मुगलकाल में भू-राजस्व में राहत और रियायतें विषय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मुगलों के अधीन हुए भारत में विदेशी व्यापार के विस्तार पर एक निबंध लिखिए।
- प्रश्न- मुग़ल काल में आंतरिक व्यापार की स्थिति का विस्तृत विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- मुगलकालीन व्यापारिक मार्गों और यातायात के लिए अपनाए जाने वाले साधनों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मुगलकाल में व्यापारी और महाजन की स्थितियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 18वीं शताब्दी में मुगल शासकों का यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियों के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
- प्रश्न- मुगलकालीन तटवर्ती और विदेशी व्यापार का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- मुगलकाल में मध्य वर्ग की स्थिति का संक्षिप्त विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- मुगलकालीन व्यापार के प्रति प्रशासन के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- मुगलकालीन व्यापार में दलालों की स्थिति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- मुगलकालीन भारत की मुद्रा व्यवस्था पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
- प्रश्न- मुगलकाल के दौरान बैंकिंग प्रणाली के विकास और कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मुगलकाल के दौरान प्रयोग में लाई जाने वाली हुण्डी व्यवस्था को समझाइए।
- प्रश्न- मुगलकालीन मुद्रा प्रणाली पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मुगलकाल में बैंकिंग और बीमा पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- मुगलकाल में सूदखोरी और ब्याज की दर का संक्षिप्त विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- मुगलकालीन औद्योगिक विकास में कारखानों की भूमिका का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- औरंगजेब के समय में उद्योगों के विकास की रूपरेखा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मुगलकाल में उद्योगों के विकास के लिए नियुक्त किए गए अधिकारियों के पद और कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मुगलकाल के दौरान कारीगरों की आर्थिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 18वीं सदी के पूर्वार्ध में भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रवृत्ति की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- मुगलकालीन कारखानों का जनसामान्य के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- यूरोपियन इतिहासकारों के नजरिए से मुगलकालीन कारीगरों की स्थिति प