बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 राजनीति विज्ञान बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 राजनीति विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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तुलनात्मक सरकार और राजनीति : यू के, यू एस ए, स्विटजरलैण्ड, चीन
प्रश्न- जनवादी कांग्रेस की स्थायी समिति के बारे में आप क्या जानते हंत उसकी शक्ति एवं कार्यों को स्पष्ट कीजिए।
सम्बन्धित लघु / अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. कांग्रेस की स्थायी समिति के गठन पर प्रकाश डालिए।
2. स्थायी समिति की प्रमुख शक्तियाँ क्या-क्या हैं?
3. स्थायी समिति के प्रमुख कार्य क्या हैं?
4. स्थायी समिति की वास्तविक स्थिति पर प्रकाश डालिए।
उत्तर -
राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस की स्थायी समिति चीन के संविधान में स्थायी समिति को एक स्थायी अंग के रूप में उल्लिखित किया गया है। स्थायी समिति राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस की एक समिति है जो कांग्रेस के अधिवेशन में न होने पर उसके समस्त अधिकारों एवं शक्तियों का प्रयोग करती है। चूंकि कांग्रेस वर्ष में एक बार अल्पकाल के लिए अधिवेशन में होती है। अतः अधिकांश समय उसकी शक्तियों का स्थायी समिति उपभोग करती है। अनुच्छेद 65 के अनुसार स्थायी समिति के सदस्यों का निर्वाचन कांग्रेस करती है। निर्वाचन के बाद कांग्रेस प्रथम कार्य स्थायी समिति के निर्वाचन के रूप में ही करती है। कांग्रेस के समान ही इसकी भी कार्य अवधि 5 वर्ष की होती है। स्थायी समिति में सभापति, उपसभापति, महासचिव तथा सदस्यगण होते हैं। अनुच्छेद 69 के अनुसार स्थायी समिति अपने समस्त कार्यों के लिए कांग्रेस के प्रति उत्तरदायी एवं जवाबदेह है। अनुच्छेद 65 के अनुसार कांग्रेस स्थायी समिति के किसी भी सदस्य को वापस बुला सकती है। स्थायी समिति का सभापति स्थायी समिति की बैठकों की अध्यक्षता करता है तथा उपाध्यक्ष उसकी सहायता। सभापति की अनुपलब्धता पर अध्यक्षता का कार्य उपसभापति करता है अनुच्छेद 66 के अनुसार स्थायी समिति का सभापति एवं उपसभापति लगातार दो अवधि तक ही इस पद पर रह सकता है। स्थायी समिति का अध्यक्ष समिति के निर्णयों एवं आज्ञप्तियों पर हस्ताक्षर करता है. लेकिन इसके अतिरिक्त उसे कोई और विशेषाधिकार नहीं प्राप्त है।
स्थायी समिति की शक्तियाँ एवं कार्य - अनुच्छेद 67 में स्थायी समिति की शक्तियों एवं कार्यो वन वर्णन है-
1. संविधान की व्याख्या करना एवं क्रियान्वयन में उसका निरीक्षण करना।
2. उन कानूनों का निर्माण एवं संशोधन करना जो राष्ट्रीय जन कांग्रेस के क्षेत्राधिकार में नहीं है :
3. कांग्रेस के अधिवेशन में न होने पर आंशिक रूप से आवश्यकतानुसार विधियों का निर्माण एवं प्रचलित विधियों में संशोधन करना। संशोधन व निर्माण के इस अधिकार में यह शर्त है कि इन निर्मित यसंशोधित विधियों में कांग्रेस द्वारा विधि के संदर्भ में प्रयुक्त आधारभूत सिद्धान्तों के विपरीत आचरण न हो।
4. विधियों की व्याख्या करना।
5. कांग्रेस के अधिवेशन में न होने पर आर्थिक एवं सामाजिक विकास की योजनाओं तथा बजट को स्वीकृति प्रदान करना।
6. राज्य परिषद, केन्द्रीय सैनिक आयोग, सर्वोच्च जन न्यायालय एवं सर्वोच्च जन प्रोक्यूरेटोरेट में कार्यों का निरीक्षण करना।
7. राज्य परिषद द्वारा लिये उन निर्णयों को रद्द करना जो संविधान या प्रचलित विधियों के विपरीत हों।
8. प्रान्तों, स्वशासी क्षेत्रों एवं केन्द्र के नियंत्रण वाली नगरपालिकाओं के स्थानीय नियमों एवं निर्णयों को रद्द करना जो देश के संविधान या प्रचलित विधियों के विपरीत हों।
9. कांग्रेस के अधिवेशन की अवस्था में न होने पर विभिन्न मंत्रालयों एवं आयोगों के मंत्रियों के चयन, आडीटर जनरल या राज्य परिषद के महासचिव के प्रधानमंत्री द्वारा चयन को सहमति प्रदान करना !
10. केन्द्रीय सैनिक आयोग के अध्यक्ष द्वारा उसके सदस्यों के चयन को सहमति प्रदान करनाबशर्ते कांग्रेस अधिवेशन में न हो।
11. सर्वोच्च जन न्यायालय के सभापति के परामर्श के अनुसार उपसभापति, न्यायालय न्यायाधीशों, इसकी विभिन्न न्यायिक समितियों के सदस्यों तथा सैनिक न्यायालय के सभापति की नि या उन्हें पद मुक्त करने का अधिकार स्थायी समिति को प्राप्त है।
12. इसी प्रकार प्रोक्यूरेटर जनरल के परामर्श के अनुसार उप प्रोक्यूरेटर जनरल प्रोक्यूरेटोरेट समिति के अन्य सदस्यों की नियुक्ति एवं उन्हें पदमुक्त करने का अधिकार भी स्थायी को ही प्राप्त है।
13. विदेशों में नियुक्त किये जाने वाले प्रतिनिधियों की नियुक्ति व पदच्युत करने का अधिकार भी स्थायी समिति को है।
14. विदेशों से की जाने वाली संधियों की पुष्टि करने का अधिकार स्थायी समिति को ही है।
15. कूटनीतिक एवं सैनिक उपाधियाँ वितरित करने का अधिकार स्थायी समिति को है।
16. राज्य की ओर से दिये जाने वाले सम्मान भी इसी स्थायी समिति की स्वीकृति से ही प्रदान किये जाते हैं।
17. क्षमादान देने का अधिकार भी स्थायी समिति को है।
18. सम्पूर्ण देश या किसी एक भाग में मार्शल लॉ लागू किये जाने से सम्बन्धित निर्णय लेने का अधिकार स्थायी समिति को ही है।
19. सेना के पूर्ण या आंशिक प्रचालन संबंधी निर्णय लेने का अधिकार स्थायी समिति को है।
20. समय-समय पर राष्ट्रीय जन कांग्रेस द्वारा अन्य वे सभी कार्य करने का अधिकार स्थायी समिति को है, जो उसे सौंपे जाते हैं।
अनुच्छेद 67 में स्थायी समिति को जो अधिकार एवं कार्य सौंपे गये हैं, वे अत्यन्त व्यापक हैं। इन शक्तियों को देखने से ऐसा आभासित होता है कि चीन में कांग्रेस की यह स्थायी समिति ही वास्तविक सत्ता का प्रयोग करती है।
स्थायी समिति की वास्तविक स्थिति - स्थायी समिति के कार्य विधायी कार्यपालिकीय, न्यायिक तथा प्रशासनिक सभी प्रकार के हैं। स्थायी समिति के इस रूप से यह स्पष्ट है कि यह शक्ति पृथक्करण के सिद्धान्त को मान्यता नहीं प्रदान करता है। चीन के संविधान में इसका केन्द्रीय स्थान है क्योंकि यही वास्तविक शक्तियों का प्रयोग करती है। संवैधानिक दृष्टि से शासन की सर्वोच्च सत्ता कांग्रेस में निहित है। किन्तु अपने व्यापक आकार एवं अल्प समय के अधिवेशनकाल के कारण अपने अधिकारों का प्रयोग नहीं कर पाती। व्यवहार में कांग्रेस की संपूर्ण शक्तियों का प्रयोग स्थायी समिति ही करती है। सैद्धान्तिक स्थिति में स्थायी समिति अपने समस्त कार्यों के लिए कांग्रेस के प्रति उत्तरदायी है किन्तु व्यावहारिक स्थिति कुछ और ही है।
स्थायी समिति कांग्रेस के ऊपर भी व्यवहार में अपना नियंत्रण स्थापित कर लेती है। पूर्व सोवियत ध की सुप्रीम सोवियत की प्रेसीडियम की भांति स्थायी समिति हमेशा सत्र में रहती है और कांग्रेस की शक्तियों का प्रयोग करती है। इसे सरकार के कार्यकारी अंग के रूप में जाना जा सकता है। सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए स्थायी समिति विधानसभा के रूप में कार्य करती है। राज्य परिषद के कार्यों का निरीक्षण एवं उन्हें रद्द करने का अधिकार स्थायी परिषद के पास है।
स्थायी समिति कार्यपालिका शक्तियों सहित राज्य परिषद पर प्रभावशाली नियंत्रण रखती है। इसी प्रकार सर्वोच्च जन न्यायालय के उपसभापति तथा अधीनस्थ न्यायाधीशों एवं प्रोक्यूरेटरों आदि की नियुक्ति और उन्हें पदमुक्त करने की शक्ति का प्रयोग कर स्थायी समिति न्यायिक क्षेत्र में प्रभावशाली भूमिका अदा करती है। संविधान एवं विधियों की व्याख्या करने के अधिकार ने स्थायी समिति को पूरी तरह से न्यायपालिका क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान पर स्थापित कर दिया है। स्थायी समिति अपनी इन शक्तियों के उपभोग के कारण सत्ता के केन्द्र की तरह कार्य करती है।
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- प्रश्न- मन्त्रिमंडल के कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बिटिश प्रधानमंत्री सारे शासन तंत्र की धुरी है।' इस कथन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन की सम्प्रभुता की विवेचना कीजिए तथा इस प्रभुसत्ता की सीमाओं का उल्लेख कीजिए।
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- प्रश्न- कामन्स सभा की शक्तियों, कार्यों एवं व्यावहारिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कामन सभा के स्पीकर एवं उसकी शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटिश समिति व्यवस्था की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटेन में विधेयकों का वर्गीकरण कीजिए एवं व्यवस्थापन प्रक्रिया पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- न्यायपालिका से आप क्या समझते हैं? इसके प्रमुख कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटिश न्यायपालिका के संगठन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- ब्रिटिश न्याय व्यवस्था की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विधि का शासन ब्रिटिश संविधान का एक विशिष्ट लक्षण है। इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- राजनीतिक दलों से क्या तात्पर्य है? राजनीतिक दलों की भूमिका एवं महत्व को समझाइये।
- प्रश्न- राजनीतिक दल प्रणाली के विभिन्न रूपों का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- रूढ़ियों के महत्व का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के ऐतिहासिक कारणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के राजनैतिक कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के मनोवैज्ञानिक कारणों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के अन्तर्राष्ट्रीय कारणों का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- राजनीतिक दलों के कार्यों का विवेचनात्मक वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- अमेरिकी राष्ट्रपति की वृद्धि एवं उसके कारणों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- अमेरिकी व ब्रिटिश मंत्रिमंडल की तुलना कीजिए।
- प्रश्न- ब्रिटिश संप्रभु (क्राउन) प्रधानमंत्री तथा अमेरिकी राष्ट्रपति की तुलनात्मक विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिका के सीनेट के गठन, उसकी शक्ति एवं कार्यों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्रतिनिधि सभा के संगठन, शक्ति एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिकी कांग्रेस की शक्ति एवं कार्यों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिका का उच्चतम न्यायालय व्यवस्थापिका का तृतीय सदन बनता जा रहा है। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सर्वोच्च के महत्व का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- न्यायिक पुनर्निरीक्षण से आप क्या समझते हैं? अमेरिका के उच्चतम न्यायालय के संदर्भ में इसकी व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सर्वोच्च न्यायालय की कार्य-प्रणाली का विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय के गठन का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति तथा भारत के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों के उद्भव एवं विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिका की राजनीतिक व्यवस्था में राजनीतिक दलों की क्या भूमिका है?
- प्रश्न- अमेरिका तथा ब्रिटेन के राजनीतिक दलों की समानता और असमानताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दबाव अथवा हित समूह से आप क्या समझते हैं? दबाव समूह के प्रमुख लक्षण एवं साधनों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- संयुक्त राज्य अमरीका के संविधान की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- अमेरिकी राष्ट्रपति को दलीय अथवा राष्ट्रीय नेता के रूप में पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रपति एवं मन्त्रिमण्डल के सम्बन्धों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जैरीमैण्डरिंग पर संछिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सीनेट के महत्व पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- यू. एस. ए. 'सीनेट की शिष्टता' का क्या अर्थ है?
- प्रश्न- प्रतिनिधि सभा की दुर्बलता के कारण बताइये।
- प्रश्न- संघीय न्यायपालिका कितने प्रकार की होती है?
- प्रश्न- संघीय न्यायलय क्यों आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- जिला न्यायालय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- संघीय अपील न्यायालय पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों की कमियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अमरीका और इंग्लैण्ड की दल- प्रणाली की तुलना कीजिए।
- प्रश्न- अमेरिका के राजनीतिक दलों की कार्य प्रणाली का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- माओवाद क्या है? माओवाद के प्रमुख सिद्धान्त कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- कन्फ्यूशियसवाद क्या है? इसके प्रमुख सिद्धान्त कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- चीनी विधानमंडल राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस के गठन, शक्ति एवं कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जनवादी कांग्रेस की स्थायी समिति के बारे में आप क्या जानते हंत उसकी शक्ति एवं कार्यों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- स्थायी समिति की शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जनवादी चीन के राष्ट्रपति के कार्यों एवं अधिकारों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- चीन में न्याय व्यवस्था की प्रमुख विशेषतायें बताते हुये न्यायपालिका के संगठन एवं उसकी शक्तियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जनवादी चीन में साम्यवादी दल के संगठन का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जनवादी चीन में साम्यवादी दल की भूमिका की विवेचना कीजिए।
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- प्रश्न- राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस की स्थायी समिति पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस की वास्तविक स्थिति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चीन में कांग्रेस के सदस्यों के अधिकारों एवं दायित्वों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- चीन राज्य परिषद के गठन पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- चीन के सैनिक केन्द्रीय आयोग पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- चीन के राज्य परिषद की वास्तविक स्थिति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- चीन के राज्य परिषद की शक्ति एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जनवादी चीन में प्रोक्यूरेटोरेट पद की व्यवस्था का विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड के वर्तमान संविधान की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड के संविधान की संशोधन प्रकिया का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रत्यक्ष लोकतन्त्र से आप क्या समझते हैं? स्विट्जरलैण्ड में प्रत्यक्ष लोकतन्त्र की सफलता के कारणों को इंगित कीजिए।
- प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड में प्रत्यक्ष प्रजातन्त्र की कार्यप्रणाली का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्विट्जरलैंड की कार्यपालिका के बारे में बताइये।
- प्रश्न- स्विस व्यवस्थापिका के बारे में बताइये।