बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञान बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञान : लोक प्रशासन
प्रश्न- वर्तमान भारतीय प्रशासन की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर -
किसी भी देश की प्रशासन व्यवस्था उस देश के ऐतिहासिक, भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक कारणों से अधिक प्रभावित होती है। प्रशासन तन्त्र बाह्य वातावरण से न केवल प्रभावित होता है बल्कि बाह्य वातावरण को प्रभावित भी करता है। परिवर्तन संसार का शाश्वत नियम है अतः प्रशासनिक व्यवस्थाएँ भी समय एवं परिस्थिति के अनुसार परिवर्तित होती रहती हैं किन्तु वे अपने ऐतिहासिक एवं समसामयिक प्रभावों से अलग नहीं रहती हैं।
वर्तमान भारतीय प्रशासन तत्व की कई विशेषतायें निम्नलिखित हैं-
1. ब्रिटिश शासन का प्रभाव - भारत में सत्ता का हस्तान्तरण ब्रिटिश हाथों से भारत तथा पाकिस्तान नामक दो राष्ट्रों को किया गया था, अतः स्वाभाविक रूप से पूर्व ब्रिटिशकालीन शासन का प्रभाव वर्तमान भारतीय प्रशासन में आज भी दृष्टिगत होता है। जिस प्रकार मुगलकालीन फारसी भाषा का आज भी राजस्व तथा न्याय प्रशासन में प्रभाव दिखाई पड़ता है उसी प्रकार अंग्रेजों द्वारा विकसित कानून. नियम, प्रक्रियाएँ तथा परम्पराएँ भारतीय लोक प्रशासन में आज भी दिखलाई पड़ती हैं। अखिल भारतीय एवं अन्य लोक सेवाएँ, सचिवालय की व्यवस्थाएँ, नौकरशाही की कठोर कार्यप्रणाली, संघीय व्यवस्था एवं राष्ट्रीय एकता, प्रशासनिक अनामता एवं गोपनीयता, कमेटी प्रणाली, जिला प्रशासन, राजस्व प्रशासन इत्यादि ब्रिटिश शासन के मुख्य प्रभाव हैं।
2. प्रशासनिक गतिविधियों का द्वारा आधार कानून - वर्तमान भारतीय प्रशासन संविधान के प्रावधानों के अनुसार संचालित होता है। राष्ट्र के समस्त नागरिकों की भावनाओं तथा इच्छाओं का पर्याय संविधान, प्रशासन तन्त्र को वैध, तार्किक सत्ता प्रदान करता है। संविधान के अनुसार भारत में 'विधि का शासन' है अर्थात् कानून सर्वोपरि है। श्रीमती इंदिरा गाँधी के अनुसार "कानून राजाओं का राजा है।' अतः भारतीय लोक प्रशासन की प्रत्येक गतिविधि का मुख्य आधार कानून होता है। जो जन कल्याण, विकास, सुरक्षा, समानता तथा न्याय के मूलभूत सिद्धान्तों एवं लक्ष्यों की पूर्ति हेतु बनाया जाता है। राज्य के समस्त कार्यों की पूर्ति का दायित्व आज के प्रशासन के ऊपर है अतः कहा जा सकता है कि भारत में प्रशासकीय राज्य है।
3. भारत राज्यों का संघ है - भारत के संविधान के अनुसार भारत राज्यों का एक संघ है। अतः संघीय स्तर पर केन्द्र सरकार तथा प्रान्तीय सरकारें कार्य करती हैं। संविधान की सातवीं अनुसूची अनुच्छेद 246 में शासन के कार्यों को संघीय, प्रान्तीय तथा समवर्ती सूचियों में विभाजित किया गया है अतः आवंटित कार्यों के अनुसार लोक प्रशासन का संगठन तथा कार्यकरण निर्धारित किया हुआ है। रेलवे, डाक- तार, दूरसंचार तथा विदेश नीति इत्यादि केन्द्र सरकार के कार्यक्षेत्र में है जबकि पुलिस, सिंचाई, स्वास्थ्य, स्थानीय स्वशासन इत्यादि राज्य सरकारों के अधीन हैं। यही कारण है कि भारत में प्रत्येक प्रान्त में राज्य प्रशासनिक संस्थाएँ कार्यरत हैं जो राज्य विधानमण्डलों द्वारा पारित अधिनियमों के अनुसार कार्य करती हैं।
4. प्रशासन लोकतात्रिक मूल्यों पर आधारित - आज विश्व में लोक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा कमोवेश सर्वत्र व्याप्त है। स्वतन्त्रता के पश्चात् भारत में प्रजातान्त्रिक प्रणाली को शासन की पद्धति के रूप में अपनाया गया। भारत ने अपने आपको संसदीय लोकतन्त्र के रूप में विकसित किया। जनता द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधि न केवल विधायिका में कानून निर्मित करते हैं बल्कि कार्यपालिका में मन्त्री के रूप में लोक प्रशासन का नेतृत्व भी करते हैं। प्रजातान्त्रिक विकेन्द्रीकरण को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए नगरों में नगरपालिकाएँ तथा गाँवों में पंचायतीराज संस्थाओं का प्रवर्तन हुआ है। प्रजातान्त्रिक समाजवाद के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु शान्तिपूर्ण, न्यायपूर्ण तथा राज्य प्रभावी कदमों को प्रोत्साहित किया गया।
5. लोक कल्याणकारी प्रशासन - आज राज्य को एक आवश्यक आवश्यकता के रूप में स्वीकार किया जाता है। यही कारण है कि आम व्यक्ति की समस्त मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्रशासनिक संगठन कार्यरत है। आज प्रशासन व्यक्ति के जन्म के पूर्व से लेकर मृत्यु के उपरान्त तक के सर्वांगीण विकास एवं कल्याण हेतु अनेक कार्यक्रमों का संचालन करता है। राज्य के लोक कल्याणकारी दायित्वों में हो रही आशातीत वृद्धि के कारण ही प्रशासनिक संगठनों एवं कार्यों का विस्तार हुआ है।।
6. विकासोन्मुख प्रशासन - भारतीय प्रशासन की एक प्रमुख विशेषता उसका विकासोन्मुख होना है। लोक कल्याणकारी राज्य के दायित्वों तथा लक्ष्यों की पूर्ति हेतु अनेक प्रकार के विकास कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं। भारत में सामाजिक-आर्थिक विकास को तीव्र गति प्रदान करने के लिए आर्थिक नियोजन की प्रणाली अपनायी गई है जिसके अन्तर्गत संघीय स्तर पर कार्यरत योजना आयोग पंचवर्षीय विकास योजनाएँ निरूपित करता है जिन्हें राज्य स्तरीय प्रशासनिक संस्थाएँ व्यावहारिक रूप में कार्यान्वित करती हैं।
7. उत्तरदायी प्रशासन - प्रशासनिक कार्यों को कुशलतापूर्वक एवं सफलतापूर्वक सम्पादित करने के लिए लोक सेवकों को पर्याप्त अधिकार व शक्तियाँ प्रदान की गई हैं, किन्तु ये अधिकार अनन्य नहीं हैं बल्कि उत्तरदायित्व भी निर्धारित किए गए हैं। लोक प्रशासन में निम्नतम स्तर पर कार्यरत कार्मिक से लेकर मन्त्री महोदय तक सभी को संविधान, जनता, कानून तथा व्यवस्था के प्रति जवाबदेय बनाया गया है। लोक प्रशासन की जवाबदेयता सुनिश्चित करने के लिए संसदीय कार्यपालिका तथा न्यायिक नियन्त्रण की अनेक प्रजातियाँ प्रभावी हैं। स्वतन्त्र न्यायपालिका के द्वारा प्रशासनिक जवाबदेयता तथा नियन्त्रण को अधिक प्रभावी बनाया गया है।
8. नौकरशाही का प्रभुत्व - आधुनिक प्रशासनिक तथा लोक कल्याणकारी राज्यों में कर्मचारी तन्त्र का अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान है किन्तु कर्मचारी तन्त्र में भारत अहं की भावना, लालफीताशाही, कठोर नियमों के प्रति मोह, शक्ति लालसा, अकार्यकुशलता तथा संवेदन शून्यता इत्यादि नौकरशाही के लक्षण बाधक तत्व हैं।
भारतीय लोक प्रशासन में भी भ्रष्टाचार, अकार्यकुशलता, अनुशासनहीनता सहित नौकरशाही के समस्त अवगुण विद्यमान हैं। यद्यपि लोक प्रशासन का भारत में बाह्य स्वरूप विकासोन्मुख तथा कल्याणकारी दिखलाई पड़ता है। किन्तु उसका आन्तरिक स्वरूप, प्रशासन तन्त्र, कार्य शैली आज भी अंग्रेजों की शासन-पद्धति पर ही आधारित है जिसमें आम आदमी की मानवीय संवेदनाओं से कहीं अधिक नियमों तथा कानूनों को वरीयता दी जाती है।
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- प्रश्न- 'लोक प्रशासन' के अर्थ और परिभाषाओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन की प्रकृति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- लोकतांत्रिक प्रशासन की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- प्रशासन' शब्द का प्रयोग सामान्य रूप से किन प्रमुख अर्थों में किया जाता है?
- प्रश्न- "लोक प्रशासन एक नीति विज्ञान है" यह किन आधारों पर कहा जा सकता है?
- प्रश्न- लोक प्रशासन का महत्व बताइए।
- प्रश्न- प्रशासन के प्रमुख लक्षणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र का 'पोस्डकोर्ब दृष्टिकोण' की व्यख्या कीजिये।
- प्रश्न- लोक प्रशासन को विज्ञान न मानने के क्या कारण हैं?
- प्रश्न- एक अच्छे प्रशासन के गुण बताइए।
- प्रश्न- विकासशील देशों में लोक प्रशासन की चुनौतियाँ बताइये।
- प्रश्न- 'लोक प्रशासन में सैद्धान्तीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति', टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- कार्मिक प्रशासन के मूल तत्व क्या हैं?
- प्रश्न- राजनीतिज्ञ एवं प्रशासक के मध्य अन्तर लिखिए।
- प्रश्न- शासन एवम् प्रशासन में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- अनुशासन से क्या तात्पर्य है? लोक प्रशासन में अनुशासन के महत्व को दर्शाइए।
- प्रश्न- भारत में लोक सेवकों के आचरण को अनुशासित बनाने के लिए किए गए प्रावधानों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लोक सेवकों को अनुशासन में बनाए रखने के लिए उन पर लगाए गए प्रतिबन्धों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- किसी संगठन में अनुशासन के योगदान पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रशासन में अनुशासनहीनता को बढ़ावा देने वाले प्रमुख कारण कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- "अनुशासन में गिरावट लोक प्रशासन के लिए चुनौती" इस कथन पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? निजी प्रशासन लोक प्रशासन से किस प्रकार भिन्न है?
- प्रश्न- "लोक प्रशासन तथा निजी प्रशासन में अनेकों असमानताएँ होने के बावजूद कुछ ऐसे बिन्दू भी हैं जो उनके बीच समानताएँ प्रदर्शित करते हैं।' कथन का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- निजी प्रशासन में लोक प्रशासन की अपेक्षा भ्रष्टाचार की सम्भावनाएँ कम है, कैसे?
- प्रश्न- निजी प्रशासन के नकारात्मक पक्षों पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन की तुलना में निजी प्रशासन में राजनीतिकरण की सम्भावनाएँ न्यूनतम हैं, कैसे?-
- प्रश्न- निजी प्रशासन के दो प्रमुख लाभ बताइए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के महत्व पर विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक राज्यों में लोक प्रशासन के विभिन्न रूपों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विकासशील देशों में लोक प्रशासन की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन का अर्थ स्पष्ट करते हुए, इसके आधारों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के आधारों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के प्रकारों को स्पष्ट कीजिए। औपचारिक संगठन की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- औपचारिक संगठन की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- अनौपचारिक संगठन से आप क्या समझते हैं? इनकी विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- औपचारिक तथा अनौपचारिक संगठन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन की समस्याओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- संगठन के यान्त्रिक अथवा शास्त्रीय दृष्टिकोण (उपागम) को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पदसोपान प्रणाली के गुण व दोष बताते हुए इसका मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के आदेश की एकता सिद्धान्त की विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आदेश की एकता सिद्धान्त के गुण बताते हुए इसकी समालोचनाओं पर भी प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'प्रत्यायोजन' से आप क्या समझते हैं? प्रत्यायोजन को परिभाषित करते हुए इसकी आवश्यकता एवं महत्व को बताइए।
- प्रश्न- प्रत्यायोजन के विभिन्न सिद्धान्तों एवं प्रकारों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के सिद्धान्तों के विशेष सन्दर्भ में प्रशासन को लूथर गुलिक एवं लिंडल उर्विक के योगदान की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र में एल्टन मेयो द्वारा प्रस्तुत मानव सम्बन्ध उपागम पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हरबर्ट साइमन के निर्णय निर्माण सम्बन्धी मॉडल की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- हर्बर्ट साइमन के निर्णय निर्माण सिद्धान्त का लोक प्रशासन में महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- नौकरशाही का अर्थ बताइये और परिभाषाएँ दीजिए।
- प्रश्न- नौकरशाही की विशेषताएँ अथवा लक्षणों को बताइये।
- प्रश्न- निर्णयन का क्या अर्थ है? प्रशासन में निर्णयन प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हेनरी फेयाफल द्वारा उल्लिखित किये गये संगठन के सिद्धान्तों को बताइए।
- प्रश्न- 'गेंगप्लांक' पर टिप्पणी कीजिये।
- प्रश्न- हरबर्ट साइमन द्वारा 'प्रशासन की कहावत' किन्हें कहा गया है और क्यों?
- प्रश्न- ऐल्टन मेयो को मानव सम्बन्ध उपागम के प्रवर्तकों में शामिल किया जाता है, क्यों?
- प्रश्न- निर्णयन के अवसरों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निर्णयन के लक्षणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रतिबद्ध नौकरशाही की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सूत्र एवं स्टाफ अभिकरण का आशय स्पष्ट कीजिए। सूत्र एवं स्टाफ अभिकरण में अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सूत्र या पंक्ति अभिकरण से क्या आशय है एवं सूत्र (लाइन) या पंक्ति अभिकरणों की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रशासन में स्टाफ अभिकरण के महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्टाफ अभिकरणों के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्टाफ अभिकरण के विभिन्न रूपों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सहायक अभिकरण का अर्थ स्पष्ट कीजिए एवं स्टाफ अभिकरण से इनकी भिन्नता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मुख्य प्रशासक की प्रशासन में क्या स्थिति है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बजट से आप क्या समझते हैं? इसे परिभाषित कीजिए। भारत में बजट कैसे तैयार किया जाता है?
- प्रश्न- बजट किसे कहते है? एक स्वस्थ बजट के महत्वपूर्ण सिद्धान्त बताइए।
- प्रश्न- भारत में केन्द्रीय बजट का निर्माण किस प्रकार होता है?
- प्रश्न- वित्त विधेयक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वित्त विधेयक के सम्बन्ध में राष्ट्रपति के विशेषाधिकार को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बजट का महत्व बताइए।
- प्रश्न- भारत में बजट के क्रियान्वयन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बजट के कार्य बताइये।
- प्रश्न- बजट के प्रकार लिखिए।
- प्रश्न- वित्त आयोग के कार्य बताइए।
- प्रश्न- योजना आयोग का प्रशासनिक ढाँचा क्या है?
- प्रश्न- शून्य आधारित बजट का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? नवीन लोक प्रशासन के उदय के कारण बताते हुए इसकी दार्शनिक पृष्ठभूमि का वर्णन कीजिए तथा नवीन लोक प्रशासन एवं दार्शनिक पृष्ठभूमि में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के विभिन्न चरणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के लक्ष्य को स्पष्ट करते हुए इसके लक्षणों का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रबन्ध के अभ्युदय कैसे हुआ? नवीन लोक प्रबन्ध की मुख्य विशेषताएँ बताते हुए इसके अंतर्गत सरकार की भूमिका में आए बदलावों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन की भावी सम्भावनाओं को व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- नव लोक प्रशासन का उदय किन परिस्थितियों में हुआ?
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के प्रमुख तत्व कौन से हैं?
- प्रश्न- 'नवीन लोक प्रबन्ध' दृष्टिकोण के हानिकारक पक्षों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- नव लोक प्रबन्ध की पारिस्थितिकीय दृष्टिकोण के समर्थक क्या आलोचना करते हैं?
- प्रश्न- नव लोक प्रबन्ध की हरबर्ट साइमन द्वारा प्रस्तुत आलोचना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रशासकीय कानून का क्या अर्थ है? प्रशासकीय कानून के विकास के प्रमुख कारण बतलाइए।
- प्रश्न- प्रशासकीय अधिनिर्णय का क्या अर्थ है? इसके विकास के प्रमुख कारणों का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में जन शिकायतों के निस्तारण हेतु ओम्बड्समैन की स्थापना हेतु किए गए प्रयासों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्रशासन पर न्यायिक नियन्त्रण से क्या तात्पर्य है? कोई न्यायालय प्रशासन के कार्यों को किस प्रकार अवैध घोषित कर सकता है?
- प्रश्न- भारत में प्रशासन पर न्यायिक नियन्त्रण के विभिन्न साधनों का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- भारत में प्रशासकीय न्यायाधिकरणों को कितने वर्गों में विभाजित किया गया है?
- प्रश्न- प्रशासकीय न्यायाधिकरणों से क्या लाभ हैं?
- प्रश्न- प्रशासकीय न्यायाधिकरणों की हानियाँ बताइए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के आधुनिक उपागमों को बताइये तथा व्यवहारवादी उपागमन को सविस्तार समझाइये।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के व्यवस्था उपागम का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के संरचनात्मक कार्यात्मक उपागम की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के पारिस्थितिकी उपागम का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सुशासन से आप का क्या आशय है? सुशासन की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय क्षेत्र में सुशासन स्थापित करने की प्रमुख चुनौतियाँ कौन-कौन सी हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत में सुशासन की स्थापना हेतु किये गये प्रयासों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन से क्या अभिप्राय है? इसके प्रमुख लक्षणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन से आप क्या समझते हैं? विकास प्रशासन के विभिन्न सन्दर्भों का उल्लेख करें।
- प्रश्न- विकास प्रशासन की धारणा के उद्भव व विकास को समझाते हुए विकास की विभिन्न रणनीतियों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन के विभिन्न तत्वों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन की प्रकृति एवं साधन बताइए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन के सामान्य अभिप्राय के सम्बन्ध में प्रमुख विवादों (भ्रमों) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकासात्मक नीतियों को लागू करने में विकास प्रशासन कहाँ तक उपयोगी है?
- प्रश्न- विकास प्रशासन की प्रमुख समस्याएँ बताइए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन के 'स्थानिक आयाम' को समझाइए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन की धारणा के विकास के दूसरे चरण में विकास सम्बन्धी कि मान्यताओं का उदय हुआ?
- प्रश्न- विकास प्रशासन के समय अभिमुखी आयाम पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन और प्रशासनिक विकास में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- राजनीतिक और स्थायी कार्यपालिका से आप क्या समझते हैं और उनके मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय प्रशासन के विकास का विश्लेषणात्मक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राजनीति क्या है? मानव सामाजिकता में राजनीतिक भूमिका लिखिए।
- प्रश्न- वर्तमान भारतीय प्रशासन की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।