लोगों की राय

बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-5 माल एवं सेवा कर

बीकाम सेमेस्टर-5 माल एवं सेवा कर

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2807
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

बीकाम सेमेस्टर-5 माल एवं सेवा कर - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- माल एवं सेवा कर के व्यापार, विनिर्माण, सेवा आदि क्षेत्रों पर प्रभाव बताइये।

अथवा
माल एवं सेवा कर के अर्थव्यवस्था पर प्रभाव समझाइये।

सम्बन्धित लघु / अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. माल एवं सेवा कर के व्यापारियों तथा विनिर्माताओं पर प्रभाव स्पष्ट कीजिए

उत्तर -

माल एवं सेवा कर के व्यापारियों पर प्रभाव
(Impacts of Goods and
Services Tax on the Trades)

माल एवं सेवा कर के व्यापारियों पर सकारात्मक प्रभाव निम्नलिखित हैं-

1. पंजीयन हेतु अधिकतम सीमा में वृद्धि (Increase in Threshold Limit for Registration) - माल एवं सेवा कर के लागू होने से विशेष वर्ग के राज्यों (उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम तथा सात उत्तर-पूर्वी राज्य) हेतु आई.एन.आर. 10 लाख की सीमा तथा शेष राज्यों हेतु 20 लाख की सीमा तय की गयी है। इससे स्टार्ट-अप तथा नए व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा।

2. कम्पोजीशन उगाही में वृद्धि (Increase in Composition Levy) - आई.एन.आर. 50 लाख ₹ से बढ़ाकर 75 लाख ₹ किया गया जबकि विशेष श्रेणी वाले राज्यों हेतु इसे आई एन आर 50 लाख ही रखा गया है। प्रत्येक व्यापारी के लिए 25 लाख का यह मार्जिन निश्चित रूप से अच्छा प्रभाव डालने वाला है। इसके अलावा सरकार द्वारा कम्पोजीशन की अधिकतम सीमा को 50 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ किया जा सकता है।

8. उत्पाद शुल्क हेतु आई.टी.सी. की उपलब्धता (Availability of ITC for Excise) - माल एवं सेवा कर के लागू होने से पहले कोई व्यापारी उत्पाद शुल्क के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट पाने के योग्य नहीं था, जिससे लागतें बढ़ती थीं, परन्तु इस नयी व्यवस्था में करों का सोपानी प्रभाव इसलिए कम होगा क्योंकि केन्द्रीय माल एवं सेवा कर की उत्पाद शुल्क के समतुल्य की उगाही की जायेगी। चूँकि इनपुट केन्द्रीय माल एवं सेवा कर की पूरी क्रेडिट उपलब्ध होगी. इसलिए पूरी श्रृंखला में आई.टी.सी. निबाध प्रवाह होगा।

4. मूल्य संवर्द्धन पर कर (Tax on Value Addition) - थोक व्यापारी या फुटकर व्यापारी पर कर का प्रभाव मूल्य संवर्द्धन की सीमा तक प्रतिबन्धित होने से पूर्ववर्ती स्तरों तक चुकता कर का समायोजन आपूर्तियों पर माल एवं सेवा कर भुगतान पर उपलब्ध होगा। इसलिए व्यवसायी वर्ग ऐसी आपूर्तियों को पाने को वरीयता देगे जो कि माल एवं सेवा कर पश्चात् बीजक आधारित हों।

5. स्कन्ध हस्तान्तरण (Stock Transfer) - माल एवं सेवा कर के अन्तर्गत अन्तर्राज्यीय स्कन्ध हस्तान्तरण कर योग्य होता है।

6. पूँजीगत माल के क्रय पर पूर्ण एवं त्वरित आई.टी.सी. (Full and Immediate ITC on Purchase of Capital Goods) - माल एवं सेवा कर के पश्चात् पूँजीगत माल तथा व्यापार हेतु माल का उपचार एक जैसा होगा तथा पूँजीगत माल के क्रय पर आई.टी.सी. स्वत: उपलब्ध होगी।

निर्माताओं पर प्रभाव
(Impact on Manufacturers)

माल एवं सेवा कर व्यवस्था के निर्माताओं पर प्रभाव निम्नलिखित हैं-

1. प्रतियोगी दशा (Competitive Position) - निर्माण के पूर्व स्तर पर दिए गए कर का समायोजन प्राप्त करने में प्रतिबन्धों को कम किए जाने से माल व सेवाओं की लागतें कम होगीं। इससे प्रतियोगी क्षमता बढ़ेगी।

2. मूल्यांकन का सरलीकरण (Simplification of Valuation) - माल एवं सेवा कर व्यवस्था लागू होने से कर योग्य घटना का 'विनिर्माण' से 'माल की आपूर्ति पर अन्तरित होने का प्रभाव यह होगा कि माल के मूल्यांकन में आसानी होगी। माल की आपूर्ति के प्रतिफल के रूप में प्राप्त होने वाले मूल्य पर माल एवं सेवा कर लगेगा।

3. सस्ते निर्यात (Cheap Exports) - पूर्ववर्ती स्तरों पर चुकाए गए माल एवं सेवा कर की आसानी से वापसी प्राप्त होने से निर्यात सस्ते होंगे।

4. व्यवसाय करने में सरलता (Ease of doing Business) सूचना प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग किए जाने से विनिर्माता वर्ग को अपने व्यवसाय संचालन में आसानी होगी।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

    अनुक्रम

  1. प्रश्न- कर का आशय तथा प्रकार बताइये। अप्रत्यक्ष कर क्या होता है? क्या माल एवं सेवा कर भारत में पहले लागू अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था का उपचार है?
  2. प्रश्न- भारत में पूर्ववर्ती अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की उन कमियों को बताइये जिन्होंने माल एवं सेवा कर व्यवस्था को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
  3. प्रश्न- स्पष्ट कीजिए कि माल एवं सेवा कर पूर्ववर्ती अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के दोषों का उपचार है।
  4. प्रश्न- माल एवं सेवा कर की अवधारणा समझाइये। इसकी आवश्यकता तथा उद्देश्य क्या हैं?
  5. प्रश्न- माल एवं सेवा कर की आवश्यकता तथा उद्देश्य बताइए।
  6. प्रश्न- माल एवं सेवा कर की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
  7. प्रश्न- भारत में माल एवं सेवा कर इतिहास / पृष्ठभूमि समझाइये।
  8. प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के अन्तर्गत निम्नलिखित पदों को परिभाषित कीजिए -
  9. प्रश्न- माल एवं सेवा कर नेटवर्क का वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- माल एवं सेवा कर नेटवर्क के उद्देश्य क्या हैं?
  11. प्रश्न- माल एवं सेवा कर नेटवर्क के लक्षण बताइये।
  12. प्रश्न- जी.एस.टी. नेटवर्क के क्या कार्य है?
  13. प्रश्न- माल एवं सेवा कर परिषद की संरचना तथा कार्यों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- माल एवं सेवा कर परिषद के प्रमुख लक्षण क्या हैं?
  15. प्रश्न- माल एवं सेवा कर परिषद के कार्यों को बताइए।
  16. प्रश्न- माल एवं सेवा कर परिषद की सभाओं के बारे में लिखिए।
  17. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के व्यापार, विनिर्माण, सेवा आदि क्षेत्रों पर प्रभाव बताइये।
  18. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के निम्नांकित पर प्रभाव बताइये। (a) सेवाप्रदाताओं पर (b) उपभोक्ताओं पर (c) केन्द्रीय सरकार पर (d) राज्य सरकारों पर
  19. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के देश पर तथा विशिष्ट क्षेत्रों पर प्रभाव बताइये।
  20. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के समग्र प्रभाव बताइये।
  21. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के उद्ग्रहण को समझाइये।
  22. प्रश्न- जी.एस.टी. नेटवर्क की सेवाएँ बताइए। इस नेटवर्क के द्वारा करदाता कौन-सी सूचनाएं देते हैं?
  23. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के अधीन कर के भुगतान के लिए कौन दायी होता है?
  24. प्रश्न- जी एस टी के लाभ-हानियों का उल्लेख करें-
  25. प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के अन्तर्गत आपूर्ति से आपका क्या आशय है? इसके क्षेत्र को विस्तारपूर्वक समझाइये।
  26. प्रश्न- आपूर्ति के क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
  27. प्रश्न- 'संयुक्त आपूर्ति' व प्रमुख आपूर्ति तथा 'मिश्रित आपूर्ति का आशय बताइये। इनमें अन्तर तथा कर दायित्व का वर्णन कीजिए।
  28. प्रश्न- संयुक्त आपूर्ति पर करदेयता को बताइए।
  29. प्रश्न- मिश्रित आपूर्ति का आशय बताइए।
  30. प्रश्न- मिश्रित आपूर्ति की दशा में करदेयता बताइए।
  31. प्रश्न- संयुक्त आपूर्ति तथा मिश्रित आपूर्ति में अन्तर बताइये।
  32. प्रश्न- आपूर्ति का समय क्या होता है? आपूर्ति के समय पर माल एवं सेवा कर की दरों में परिवर्तन का प्रभाव बताइये।
  33. प्रश्न- माल की आपूर्ति का समय बताइए।
  34. प्रश्न- सेवाओं की आपूर्ति का समय बताइये।
  35. प्रश्न- आपूर्ति के समय पर माल एवं सेवा कर की दरों में परिवर्तन का प्रभाव बताइए।
  36. प्रश्न- आपूर्ति का मूल्य क्या है? इसकी गणना के सम्बन्ध में सामान्य नियम बताइए।
  37. प्रश्न- आपूर्ति के मूल्य के लक्षण बताइए।
  38. प्रश्न- आपूर्ति के मूल्य की गणना के सम्बन्ध में सामान्य नियम बताइये।
  39. प्रश्न- कम्पोजीशन योजना की विशेषताएँ तथा लाभ व हानियाँ बताइए।
  40. प्रश्न- कम्पोजीशन योजना की हानियाँ बताइए।
  41. प्रश्न- आपूर्तिकर्ता तथा प्राप्तकर्ता का स्थान भारत में होने की दशा में सेवाओं की आपूर्ति का स्थान समझाइये।
  42. प्रश्न- सेवाओं की आपूर्ति का स्थान बताइये यदि आपूर्तिकर्ता का स्थान अथवा प्रापक का स्थान भारत के बाहर हो।
  43. प्रश्न- सम्बन्धित व्यक्ति, भिन्न व्यक्ति तथा परिवार में कौन शामिल है?
  44. प्रश्न- वे गतिविधियाँ या लेनदेन बताइये जिन्हें न तो माल की आपूर्ति और न ही सेवा की आपूर्ति के रूप में माना जायेगा।
  45. प्रश्न- अन्तर्गमन तथा बहिर्गमन आपूर्तियाँ क्या होती हैं?
  46. प्रश्न- माल अथवा सेवाओं अथवा दोनों की आपूर्ति का स्थान समझाइये।
  47. प्रश्न- भिन्न अथवा सम्बन्धित व्यक्तियों के मध्य आपूर्ति के मूल्य निर्धारण के नियम बताइये।
  48. प्रश्न- आपूर्ति के मूल्य निर्धारण हेतु निम्नलिखित के बारे में नियम बताइये - एजेण्ट के माध्यम से आपूर्ति
  49. प्रश्न- प्रमुख करमुक्त सेवाओं को बताइये।
  50. प्रश्न- प्रमुख करमुक्त माल की सूची बनाइए।
  51. प्रश्न- निम्नांकित सेवाओं के बारे में माल एवं सेवा कर विधान के अन्तर्गत प्रदत्त करमुक्ति के प्रावधान बताइये- (a) पुण्यार्थ संस्थान द्वारा सेवा, (b) सरकार द्वारा सेवा, (c) धार्मिक सेवा।
  52. प्रश्न- लघु आपूर्तियों पर टिप्पणी लिखिए।
  53. प्रश्न- इनपुट टैक्स क्रेडिट का आशय क्या है? इसकी विशेषताएँ बताइये।
  54. प्रश्न- इनपुट टैक्स क्रेडिट की विशेषताएँ बताइये।
  55. प्रश्न- इनपुट टैक्स क्रेडिट की उपलब्धता के लिए क्या शर्तें निर्धारित की गयी हैं? उनका वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- इनपुट टैक्स क्रेडिट को प्राप्त करने हेतु शर्तें बताइए।
  57. प्रश्न- केन्द्रीय माल तथा सेवाकर अधिनियम, 2017 की धारा 17 के अन्तर्गत जिन पर इनपुट टैक्स क्रेडिट उपलब्ध नहीं होती है, उनके बारे में बताइये। क्रेडिट विभाजन के बारे में समझाइये।
  58. प्रश्न- क्रेडिट विभाजन सम्बन्धी प्रावधान बताइये।
  59. प्रश्न- सेवा वितरक से आप क्या समझते हैं? इसके द्वारा क्रेडिट का वितरण समझाइये।
  60. प्रश्न- इनपुट सेवा वितरक द्वारा क्रेडिट का वितरण समझाइये।
  61. प्रश्न- माल तथा सेवाकर के अन्तर्गत कर के भुगतान की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए। माल तथा सेवाकर भुगतान प्रक्रिया के प्रमुख लक्षण लिखिए।
  62. प्रश्न- कर भुगतान के प्रमुख लक्षण बताइये।
  63. प्रश्न- माल तथा सेवाकर के अन्तर्गत करों के भुगतान हेतु रखे जाने वाले विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक अभिलेखों को समझाइए।
  64. प्रश्न- इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर को समझाइए।
  65. प्रश्न- इलेक्ट्रॉनिक दायित्व रजिस्टर के बारे में बताइए।
  66. प्रश्न- करदाता को कितने प्रकार के रिफण्ड (धन वापसी) उपलब्ध होते हैं? रिफण्ड के दावे की प्रक्रिया समझाइये।
  67. प्रश्न- रिफण्ड के दावे की प्रक्रिया समझाइए।
  68. प्रश्न- अन्यायपूर्ण संवर्धन का सिद्धान्त क्या है? इसकी विशेषताएँ बताइए।
  69. प्रश्न- उपभोक्ता कल्याण कोष को समझाइए।
  70. प्रश्न- माल तथा सेवाकर के अन्तर्गत स्रोत पर कर की कटौती के बारे में क्या व्यवस्था की गई है?
  71. प्रश्न- स्रोत पर कर संग्रह के बारे में लिखिए।
  72. प्रश्न- विवरणी से आप क्या समझते हैं? इसके उद्देश्य बताइए। माल एवं सेवा कर विधान के अधीन विवरणियों को फाइल करने के लिए कौन उत्तरदायी है तथा किसे मुक्ति दी गयी है?
  73. प्रश्न- विवरणियों के उद्देश्य बताइए।
  74. प्रश्न- विवरणियों के लिए उत्तरदायी व्यक्तियों को बताइए।
  75. प्रश्न- "विवरणी फाइल करने के माध्यम तथा विवरणियों के प्रकार बताइए। बहिर्गमन आपूर्ति तथा अन्तर्गमन आपूर्ति के विवरण प्रस्तुतीकरण को समझाइए।
  76. प्रश्न- बहिर्गमन आपूर्तियों के विवरण प्रस्तुतीकरण को स्पष्ट कीजिए।
  77. प्रश्न- अन्तर्गमन आपूर्तियों के विवरण प्रस्तुतीकरण को बताइए।
  78. प्रश्न- माल एवं सेवा कर प्रैक्टिशनर अथवा जी एस टी व्यवसायी कौन होता है? इसके पात्रता मानदण्ड बताइए। इसके सम्बन्ध में अनुमोदन की रीति, गतिविधियाँ, शर्ते तथा विवरण के ठीक होने के उत्तरदायित्व के बारे में लिखिए।
  79. प्रश्न- माल एवं सेवा कर प्रैक्टिशनर हेतु अनुमोदन प्रक्रिया क्या है? माल एवं सेवा कर प्रैक्टिशनर की गतिविधियाँ बताइये।
  80. प्रश्न- माल एवं सेवा कर प्रैक्टिशनर हेतु शर्तें क्या है? विवरण के ठीक होने के सम्बन्ध में इसका उत्तरदायित्व बताइए।
  81. प्रश्न- जी एस टी आर-3 में मासिक विवरणी का प्रस्तुतीकरण बताइये।
  82. प्रश्न- वार्षिक विवरणी क्या होती है? बताइए।
  83. प्रश्न- अन्तिम विवरणी के बारे में बताइए। विवरणी फाइल करने में चूक करने वालों को सूचना देने तथा विलम्ब शुल्क की उगाही के बारे में क्या व्यवस्था की गयी है?
  84. प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के अधीन किस प्रकार के व्यक्ति पंजीकरण कराने के लिए दायी होते हैं? समझाइये।
  85. प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम 2017 की धारा 24 के अधीन कौन से व्यक्तियों को पंजीयन कराना आवश्यक है?
  86. प्रश्न- अन्य मामलों में पंजीयन हेतु कौन दायी है?
  87. प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 25 के अधीन पंजीकरण प्रक्रिया समझाइये।
  88. प्रश्न- पंजीयन के विशिष्ट मामलों का वर्णन कीजिए।
  89. प्रश्न- अनिवासी कराधेय व्यक्ति को परिभाषित कीजिए तथा इसकी पंजीयन प्रक्रिया बताइए।
  90. प्रश्न- जॉब वर्कर तथा विशेष आर्थिक क्षेत्र में स्थित इकाई के पंजीयन को बताइए।
  91. प्रश्न- कौन-कौन से व्यक्ति कम्पोजीशन लेवी का विकल्प चुन सकते हैं? इस स्कीम को अपनाने के अपात्र व्यक्ति कौन हैं?
  92. प्रश्न- कम्पोजीशन लेवी का विकल्प कौन चुन सकता है?
  93. प्रश्न- कम्पोजीशन स्कीम के अपात्र व्यक्ति बताइये।
  94. प्रश्न- कम्पोजीशन स्कीम हेतु शर्तें तथा प्रतिबन्ध बताइये। शर्तों के अतिलंघन के सम्बन्ध में दण्ड के क्या प्रावधान हैं?
  95. प्रश्न- कम्पोजीशन स्कीम की शर्तों के उल्लंघन की दशा में दण्ड का प्रावधान बताइए।
  96. प्रश्न- वे कौन से व्यक्ति हैं जो पंजीयन हेतु दायी नहीं होते हैं?
  97. प्रश्न- आकस्मिक कराधेय व्यक्ति तथा अनिवासी कराधेय व्यक्ति में अन्तर बताइये।
  98. प्रश्न- टिप्पणी लिखिये- (a) पंजीयन प्रमाणपत्र की वैधानिकता, (b) पंजीयन हेतु वाँछनीय सूचनाएँ, (c) पंजीयन आवेदनपत्र पर हस्ताक्षरी, (d) अग्रिम कर जमा करना।
  99. प्रश्न- पंजीयन प्रमाणपत्र का निरस्तीकरण समझाइए।
  100. प्रश्न- 'पंजीकरण के निरस्तीकरण का खण्डन' बताइये।
  101. प्रश्न- समझाइये कि 'कम्पोजीशन लेवी एक विकल्प मात्र है।
  102. प्रश्न- कम्पोजीशन लेवी के तहत कर की दरें बताइये।
  103. प्रश्न- कर बीजक से आप क्या समझते हैं? इसकी विषय सामग्री, समय तथा जारी करने की पद्धति को स्पष्ट कीजिए।
  104. प्रश्न- कर बीजक को जारी करने के समय के बारे में बताइए।
  105. प्रश्न- कर बीजक को जारी करने की रीति समझाइये।
  106. प्रश्न- कर बीजक की विषय-सामग्री क्या होती है?
  107. प्रश्न- निम्नलिखित को समझाइए- (a) संशोधित कर बीजक (b) समेकित कर बीजक, (c) प्राप्ति प्रमाणक का निर्गमन, (d) रिफण्ड या वापसी बाउचर का निर्गमन, (e) प्रतिलोभी प्रभार के तहत बीजक, तथा भुगतान वाउचर।
  108. प्रश्न- समेकित कर बीजक क्या होता है? आपूर्ति का बिल कब निर्गमित किया जाता है? इसमें दी जाने वाली सूचनाएँ बताइए।
  109. प्रश्न- प्राप्ति प्रमाणक क्या होता है? इसकी विषय-वस्तु बताइए।
  110. प्रश्न- रिफण्ड वाउचर के निर्गमन को समझाइए।
  111. प्रश्न- प्रतिलोमी प्रभार के तहत बीजक के बारे में क्या प्रावधान हैं? भुगतान प्रमाणक के बारे में भी समझाइए।
  112. प्रश्न- विशेष मामलों में कर बीजक को समझाइये।
  113. प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए-
  114. प्रश्न- क्रेडिट तथा डेबिट नोट को समझाइए।
  115. प्रश्न- ई-वे बिल क्या है? इसकी विशेषताएँ तथा आवश्यकता को समझाइए।
  116. प्रश्न- माल एवं सेवा कर विधान के अन्तर्गत अंकेक्षण के बारे में बताइए तथा निम्नलिखित को समझाइए- (a) चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट अथवा कॉस्ट एकाउण्टेन्ट द्वारा अंकेक्षण, (b) कर प्राधिकारियों द्वारा अंकेक्षण, तथा (c) विशेष अंकेक्षण।
  117. प्रश्न- माल एवं सेवा कर विधान के अन्तर्गत अंकेक्षण के प्रकार बताइए। चार्टर्ड एकाउण्टेन्ट
  118. प्रश्न- कर प्रधिकारियों द्वारा अंकेक्षण को समझाइए।
  119. प्रश्न- विशेष अंकेक्षण को समझाइए।
  120. प्रश्न- कर निर्धारण से आप क्या समझते है? इसमें क्या-क्या शामिल रहता है? वर्णन कीजिए।
  121. प्रश्न- अस्थायी कर निर्धारण को समझाइए।
  122. प्रश्न- सारांश निर्धारण क्या है?
  123. प्रश्न- सर्वोत्तम निर्णय कर निर्धारण को समझाइए।
  124. प्रश्न- HSN कोड का वर्णन कीजिए।
  125. प्रश्न- इनपुट सेवा वितरक से आप क्या समझते हैं?
  126. प्रश्न- इनपुट सेवा वितरक की भूमिका बताइए।
  127. प्रश्न- माल तथा सेवा कर पहचान संख्या की संरचना बताइए।
  128. प्रश्न- माल तथा सेवा कर में सेवा लेखांकन कोड (SAC) को बताइये।

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book