बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर 6 पेपर 1 अंकेक्षण बीकाम सेमेस्टर 6 पेपर 1 अंकेक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर 6 पेपर 1 अंकेक्षण
अध्याय 10 - कंपनी का ऑडिट और कंपनी ऑडिटर की नियुक्ति, शक्तियाँ, कर्तव्य एवं दायित्व
(Company Audit and Appointment, Powers, Duties and Liabilities of the Company Auditor)
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
निम्नलिखित में प्रस्तुत प्रश्न के उत्तर के लिए चार विकल्प दिए गए हैं, जिसमें केवल एक सही है। सही विकल्प चुनिए।
1. कंपनी ऑडिटर की नियुक्ति की जा सकती है -
(a) कंपनी के संस्थापकों द्वारा
(b) shareholders द्वारा
(c) केंद्रीय सरकार द्वारा
(d) उपर्युक्त सभी
2. कंपनी का प्रमुख ऑडिटर नियुक्त होता है -
(a) संविदा मंडल
(b) केंद्रीय सरकार द्वारा
(c) राज्य सरकार द्वारा
(d) अन्य
3. कंपनी का ऑडिटर कौन होना चाहिए -
(a) कंपनी का स्थायी
(b) कंपनी का स्थायी
(c) स्वतंत्र
(d) संविदा
4. प्रमुख ऑडिटर को पारिश्रमिक कितना तक कर सकता है?
(a) संविदा मंडल
(b) प्रवक्ता
(c) कंपनी पंजीकृत
(d) केंद्रीय सरकार
5. कंपनी ऑडिटर की स्थिति है -
(a) एजेंट होना
(b) उपर्युक्त और दोनों
(c) उपर्युक्त सभी
(d) इनमें से कोई नहीं
6. ऑडिटर का पुन: नियुक्त नहीं किया जा सकता यदि -
(a) नियुक्ति का अनुमोदन हो
(b) पुनः नियुक्ति को नकारा गया
(c) वर्गीकृत आदेश से प्रस्तुत किया गया
(d) उपर्युक्त सभी
7. सार्वजनिक कंपनी के लिए ऑडिट -
(a) अनिवार्य है
(b) वित्तीयता
(c) एथिकल
(d) वैकल्पिक
8. कंपनी का चाटर है -
(a) पंजीकृत अवैतनिक
(b) विचलन पत्रिका
(c) विवरण पत्रिका
(d) कंपनी
9. पारिश्रमिक में परिवर्तन के लिए किसकी आवश्यकता है?
(a) सामग्री
(b) केंद्रीय सरकार
(c) राज्य सरकार
(d) इसे कोई नहीं
10. जब ऑडिटर को वित्तीय कार्य या कार्यवाही या दोनों दिया जाता है तो ऐसा दायित्व कहलाता है -
(a) लापवती के लिए दायित्व
(b) कर्तव्य भाग के लिए दायित्व
(c) साधारण दुखी के लिए दायित्व
11. कंपनी ऑडिटर कौन हो सकता है -
(a) वाणिज्य स्नातक
(b) लॉग लेखाकार
(c) विधि स्नातक
(d) चार्टर्ड एकाउंटेंट
12. कंपनी का ऑडिटर नियुक्त नहीं हो सकता -
(a) कंपनी का अधिकारी या कर्मचारी
(b) कंपनी की ओर से
(c) पंजीकृत सीवीटी दायित्व साक्षी के अलावा कोई निम्नलिखित
(d) ये सभी
13. निम्नलिखित में से कौन-सा कार्य ऑडिटर का दायित्व माना जाता है?
(a) अन्य कार्य
(b) स्वतंत्र कार्य
(c) उपयुक्त और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
14. कंपनी ऑडिटर का उपयुक्त, उपयुक्त कार्य -
(a) दायित्व
(b) उपर्युक्त दायित्व
(c) उपर्युक्त एवं (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
15. प्रमुख ऑडिटर: प्रमुख सामान्य सूत्र के अंतिम दिन तक अपने पद पर कार्य करता है -
(a) प्रमुख कार्ययोजना को पुन: प्रकाशित करेगा
(b) ऑडिटर मुख्य रीचर्स को 30 दिन में देगा
(c) प्रमुख पर निर्भर नहीं देता है
16. कौन-सा कर्तव्य अनुसार है?
(a) एकल व्यापार के ऑडिटर की नियुक्ति समान रूप से होती है
(b) सायबरोव व्यापार के ऑडिटर की नियुक्ति अधिकारी रूप में होती है
(c) कंपनी का विपरीत अधिकारियों से सरकारी नीति होनी चाहिए
(d) संरक्षक विस्तार में निगम की स्थिति भी होती है
17. कंपनी अधिनियम, 2013 में किस धारा में कंपनी ऑडिटर अधिनियम की गई है?
(a) धारा 141(1) में
(b) धारा 141(2) में
(c) उपर्युक्त और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
18. कंपनी अधिनियम की अवधि बदलने गई है?
(a) कंपनी अधिनियम की धारा 141(1) (3) के अंतर्गत
(b) कंपनी अधिनियम की धारा 141 (2) के अंतर्गत
(c) कंपनी अधिनियम की धारा 144 के अंतर्गत
(d) चार्टर्ड एकाउंटेंट अधिनियम, 1949 की धारा 22 के अंतर्गत
19. किसी कंपनी का ऑडिटर 20 कंपनियों से अधिक का ऑडिट नहीं हो सकता -
(a) किसी कंपनी का ऑडिटर 20 कंपनियों से अधिक का ऑडिट नहीं हो सकता
(b) यदि ऑडिटर की नियुक्ति हुई है तो अधिक संख्या के लिए 20 कंपनियों का पंजीकरण निश्चित किया गया है
(c) उपर्युक्त
(d) इनमें से कोई नहीं
20. कंपनी में ऑडिटर बनने के उद्देश्य -
(a) निम्नलिखित (सीमित दायित्व वाली फर्म की थोडीकर)
(b) कंपनी को अधिकारी या कर्मचारी
(c) कंपनी को अधिकारियों का संदर्भ
(d) अधिकार प्राप्त कार्य
21. कौन-सा कर्तव्य सच है?
(a) दो या तीन से ऑडिटर नियुक्त संकलन में कार्य संभालते हैं
(b) दी गयी कंपनी से सही समझ को आवश्यक है; संकल्प बदल सकता है
(c) उपर्युक्त (a) (b) और (d)
(d) इनमें से कोई नहीं
22. एकल व्यापार के ऑडिटर की नियुक्ति की जाती है -
(a) उद्योगों का स्थायित्व निर्णय अंतिम रूप से दिया जाता है
(b) स्वायत्त कार्यप्रणाली यह निर्धारण करता है
(c) उपर्युक्त और कोई नहीं
(d) इनमें से कोई नहीं
23. एकल व्यापार के ऑडिटर का अधिकारी है -
(a) पुस्तकें रखने के अधिकार
(b) स्पष्टीकरण लेने और संकलन संशोधन अधिकार
(c) पारिश्रमिक पाने का अधिकार
(d) उपर्युक्त सभी
24. सायडरी फर्म का ऑडिटर नियुक्त किया जाता है -
(a) सायडरी संस्था तथा ऑडिटर के मध्य समझौते द्वारा
(b) भारतीय सायडरी अधिनियम, 1932 के अनुसार
(c) भारतीय प्राथमिक अधिनियम, 1882 के अनुसार
(d) सायडरी जीवन कानून के अनुसार
25. सायडरी फर्म के ऑडिटर का अधिकार है -
(a) सायडरी संस्था देना
(b) लेखनी रचना
(c) स्पष्टीकरण प्राप्त करना
(d) उपर्युक्त सभी
26. सायडरी फर्म के ऑडिटर का कर्तव्य है -
(a) सायडरी संस्था का भारतीय सायडरी अधिनियम का अध्ययन करना
(b) कार्यवाही के बाद में लिखित आस्थापन
(c) सूचना मिलने पर उस समय सूचना देना
(d) उपर्युक्त सभी
27. व्यक्तिगत व्यापार के ऑडिटर का कर्तव्य है -
(a) हिसाब-किताब का जोड़ करना
(b) रिपीट देना
(c) व्यापार के दूसरे कार्य के लिए सूचना देना
(d) उपर्युक्त सभी
28. कौन-सा कर्तव्य है?
(a) ऑडिटर की केंद्रीय सरकार से पूर्व अनुमति से; पालन समाप्त होने से पूर्व हटाया जा सकता है
(b) कर्मचारी स्थानिका के रूप में होते हैं
(c) सभी कंपनी के दो या दो से अधिक ऑडिटर नियुक्त कर सकते हैं
(d) ऑडिटर कोर्ट से धोखाधड़ी के प्रमाण दिखाते हैं
29. कंपनी अधिनियम, 2013 को किस धारा में ऑडिटर की नियुक्ति की गई है?
(a) धारा 139 में
(b) धारा 117 में
(c) धारा 142 में
(d) धारा 463 में
30. कंपनी की प्रमुख ऑडिटर की नियुक्ति सामान्य मंडल द्वारा की जाती है -
(a) कंपनी की प्रारंभिक 30 दिन की अवधि में
(b) कंपनी की सामान्य के 30 दिन की अवधि में
(c) कंपनी की प्रमुख सामान्य सभा को 42 दिन की अवधि में
(d) कंपनी की व्यापार योजना को 60 दिन की अवधि में
31. यदि कंपनी का प्रमुख ऑडिटर की नियुक्ति संलंग्न मंडल द्वारा निर्धारित 30 दिन में न की जाए तो ऑडिटर नियुक्त किया जाएगा -
(a) 90 दिन में अस्वीकृति सामान्य सभा में
(b) 45 दिन में अस्वीकृत सामान्य सभा में
(c) 21 दिन में संलंग्न मंडल में
(d) 60 दिन में राष्ट्रीय कंपनी विधि
32. न्यायालयीय अधिकार पुष्टि करने के लिए ऑडिटर की नियुक्ति पर पुनःपुष्टि होती रहती है -
(a) एक ही और अधिक दोनों
(b) फर्म को ऑडिटर के रूप में भी लगाया जाएगा
(c) उपर्युक्त और दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
33. सरकारी कंपनियों को ऑडिटर नियुक्त किया जाता है -
(a) भारतीय महलेखा परीक्षा द्वारा नियुक्ति द्वारा
(b) राज्य कंपनियों द्वारा न्यायिकरण द्वारा
(c) न्यायालय द्वारा
(d) यह स्वीकार किया जाता है
34. सरकारी कंपनियों के प्रमुख ऑडिटर की नियुक्ति कंपनी के सामान्य के .......... दिन की अवधि के भीतर होनी चाहिए
(a) 60
(b) 120
(c) 21
(d) 30
35. यदि भारतीय महलेखा परीक्षा द्वारा निष्क्षित, सरकारी कंपनियों में 60 दिन में प्रमुख ऑडिटर की नियुक्ति नहीं होती है तो, संलंग्न मंडल प्रमुख ऑडिटर की नियुक्ति करेगा -
(a) 90 दिन में
(b) 45 दिन में
(c) 21 दिन में
(d) 30 दिन में
36. कौन-सा कर्तव्य है?
(a) एक ऑडिटर और ऑडिट के कार्य के मध्य पुस्तकों में कोई परिवर्तन नहीं हो सकता
(b) एक ऑडिटर आश्रयकारी कार्यों की प्रतिबद्धता
(c) एक अंकेक्षण अपने अंकेक्षण कार्य के दौरान लेखा पुस्तकों में किसी भी प्रकार का बदलाव कर सकता है
(d) उपरोक्त सभी
37. यदि सरकारी कंपनी का संलंग्न मंडल प्रमुख ऑडिटर की नियुक्ति करने में असफल रहता है तो क्या किया जाएगा?
(a) सदस्यों को सूचित किया जाएगा।
(b) अस्वीकृत सामान्य सभा में 60 दिनों में ऑडिटर की नियुक्ति की जाएगी।
(c) ऑडिटर के कार्य प्रमुख कौल-प्रमुख साक्षी सभा के समान तक होगी।
(d) उपर्युक्त सभी
38. चार्टर्ड एकाउंटेंट अधिनियम की धारा 22 के अनुसार कंपनी ऑडिटर का व्यावसायिक दायित्व है -
(a) नियुक्ति में कंपनी अधिनियम, 2013 के प्रावधानों का पालन देना
(b) नियुक्ति को प्रमाणिकता के आधार पर स्वीकृत करना
(c) नियुक्ति हेतु व्यावसायिक दस्तावेज़ दुरुस्त करना
(d) उपर्युक्त सभी
39. ऑडिटर की नियुक्ति नहीं की जा सकती यदि -
(a) वह पुनर्निर्माण के अंगवस्तु हो
(b) ऑडिटकर्ता हो
(c) अवलोकन में प्रस्तुत पारित किया गया हो
(d) उपर्युक्त सभी
40. कंपनी ऑडिटर की पारिश्रमिक के बारे में प्रावधान किया गया है -
(a) कंपनी अधिनियम की धारा 142 में
(b) कंपनी अधिनियम की धारा 139 में
(c) कंपनी अधिनियम की धारा 340 में
(d) चार्टर्ड एकाउंटेंट अधिनियम की धारा 22 में
41. यदि ऑडिटर संलंग्न मंडल द्वारा नियुक्त हो तो पारिश्रमिक प्राप्त किया जाएगा -
(a) कंपनी धारा 145 से
(b) संलंग्न मंडल द्वारा नियुक्त किया जाएगा
(c) एम. सी. पी. धारा 146 में
(d) इनमें से कोई नहीं
42. ऑडिटर है -
(a) विशेषज्ञ का उद्देश्य
(b) कंपनी का उद्देश्य
(c) संलंग्न मंडल का उद्देश्य
(d) भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट संस्था का उद्देश्य
43. कंपनी अधिनियम की धारा .......... में ऑडिटर की कंपनी का अधिकारी माना गया है -
(a) धारा 299 और 463
(b) धारा 340 और 342
(c) धारा 300
(d) धारा 340 और 342 व 463 में
44. ऑडिटर का अधिकार है -
(a) प्रश्नों और लेख-पुस्तकों को देखना
(b) ऑडिटर से साक्षात्कार तथा स्पष्टीकरण प्राप्त करना
(c) सामान्य सभा से धोखा सूचना प्राप्त करना
(d) उपर्युक्त सभी
45. सामान्य सभा से सदस्य को अधिकार दिया गया है -
(a) धारा 143(2) में
(b) धारा 146 में
(c) धारा 181 में
(d) धारा 178 में
46. ऑडिटर की रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने का अधिकार दिया गया है -
(a) धारा 145 के अंतर्गत
(b) धारा 26 में
(c) धारा 217 के अंतर्गत
(d) धारा 477 के अंतर्गत
47. ऑडिटर का कर्तव्य है -
(a) वित्तीय जांच करना
(b) रिपीट देना
(c) रिपोर्टे में हस्ताक्षर करना
(d) उपर्युक्त सभी
48. ऑडिटर की सीमा है -
(a) राज्य-प्रस्ताव शूलक को ग्रांटी नहीं
(b) अधिवक्ता खाता में हड़ताली कंफ्रस मापन
(c) ऑडिटर की कार्यविधि की कठिनाई नहीं
(d) उपर्युक्त सभी
49. जानकारियाँ साक्षात्कार रिपोर्ट देना है -
(a) दायित्व दायित्व
(b) आपराधिक दायित्व
(c) अन्य दायित्व
(d) इनमें से कोई नहीं
50. लापवाही में सहमति हेतु होता है -
(a) ऑडिटर का दायित्व
(b) ऑडिटर के सहायक का दायित्व
(c) कंपनी का दायित्व
(d) उपर्युक्त सभी
51. सफल ऑडिटर उत्तरदायित्व होता है -
(a) सामाजिक दृष्टि से
(b) अपने हितों के कार्य के प्रति
(c) उपर्युक्त (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
52. शास्त्र ऑडिटर धारा 143 (3)(c) के अनुसार अपनी रिपोर्ट भेजता है -
(a) कंपनी ऑडिटर के पास
(b) केंद्रीय सरकार के पास
(c) राज्य कंपनी विधि-न्यायिकरण के पास
(d) ऑडिटर को पास
53. वित्तीय संस्थाओं को आदेश दिए जाते हैं -
(a) राज्य कंपनी विधि-न्यायिकरण द्वारा
(b) कंपनी के प्रबंधक द्वारा
(c) भारत के वित्त मंत्री द्वारा
(d) उपर्युक्त सभी
54. वित्त ऑडिटर अपनी रिपोर्ट देता है -
(a) ऑडिटर को
(b) केंद्रीय सरकार को
(c) सार्वजनिक संस्था को
(d) प्रासंगिक संस्थान को
55. वित्त ऑडिटर में दो जाने वाली सूचना है -
(a) धारा 143 के अनुसार आवश्यक बातें
(b) वित्तीय मामलों पर विचार
(c) उपर्युक्त (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
56. किसी संस्था में ऑडिटर तुरंत हटाया जा सकता है -
(a) खातों में त्रुटि के लिए
(b) कार्य के प्रति लापवाही होने पर
(c) उपर्युक्त (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
57. कंपनी ऑडिटर का दायित्व होता है -
(a) दायित्व के प्रत्येक कार्य की रिपोर्ट
(b) वैधानिक कार्य विधि का अनुसरण
(c) अधिनियम की पालना
(d) उपर्युक्त सभी
58. कंपनी का ऑडिटर दायित्व है -
(a) दायित्व स्पष्ट करना
(b) भारतीय दंड विधि के अंतर्गत
(c) अधिनियम की पालना करना
(d) उपर्युक्त सभी
59. ऑडिटर अपने बचाव हेतु शरण लेता है -
(a) धारा 463 के अनुसार
(b) धारा 145 के अनुसार
(c) धारा 477 के अनुसार
(d) उपर्युक्त सभी
60. किस दिशा में सांप्रदायिक दायित्व होगा?
(a) जानकारियों का स्पष्ट रूप से देना
(b) प्रश्नपत्र व पुस्तक-नोट करना
(c) सायडरी कार्य को अनुसरण करना
(d) उपर्युक्त सभी
61. सायडरी व्यवसाय का ऑडिटर होता है -
(a) एथिकल
(b) वैधिक
(c) अनिवार्य
(d) इनमें से कोई नहीं
62. ऑडिटर का कर्तव्य है -
(a) वित्तीय-पक्ष में दी गई सूचना को प्रमाणित करना
(b) एथिकल समापन पर रिपोर्ट देना
(c) निश्चित की अवकाश, मंडल करना
(d) उपर्युक्त सभी
63. ऑडिटर की जिम्मेदारी का मुख्य उद्देश्य -
(a) सामाजिक दायित्व
(b) दायित्व स्पष्ट करना
(c) कंपनी का स्वीकृत कार्य
(d) इनमें से कोई नहीं
64. एकल व्यापार के ऑडिटर को उनके कार्य को निष्पादित करने का अधिकार है -
(a) वैधिक प्रावधान के आधार पर
(b) संशोधन की प्राधिकारिता के आधार पर
(c) उपर्युक्त (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
65. कंपनी का ऑडिटर की जिम्मेदारी का कार्य -
(a) वैधानिक प्रावधान के आधार पर
(b) स्मगलिंग, ड्रग्स के आधार पर
(c) उपर्युक्त (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
66. कंपनी का विशेष ऑडिट किसके द्वारा कराया जाता है?
(a) केंद्रीय सरकार के द्वारा
(b) राज्य सरकार के द्वारा
(c) संगठनात्मक द्वारा
(d) कंपनी में संस्थापक द्वारा
67. साझेदारी व्यवसाय का ऑडिटर होता है -
(a) वैधानिक
(b) अनिवार्य
(c) एथिकल
(d) इनमें से कोई नहीं
68. सहायकों की लापवाही का दायित्व है -
(a) ऑडिटर का
(b) सहायकों का
(c) निदेशक का
(d) इनमें से कोई नहीं
69. कंपनी ऑडिटर की नियुक्ति होती है -
(a) संविदात्मक के द्वारा
(b) केंद्रीय सरकार के द्वारा
(c) संगठनात्मक द्वारा
(d) उपर्युक्त सभी
70. वित्तीय और कपड़े की जानकारी का होने से होने वाला दायित्व -
(a) सामाजिक दायित्व
(b) दीवानी दायित्व
(c) अन्य दायित्व
(d) उपर्युक्त सभी
71. यदि ऑडिटर प्रदर्शन व अन्य प्रयास में जानबूझकर गलत कार्य करता है, तो किस धारा के अधीन दंडात्मक कारवाई की जाएगी?
(a) धारा 448 के अंतर्गत
(b) धारा 449 के अंतर्गत
(c) धारा 217 के अंतर्गत
(d) धारा 224 के अंतर्गत
72. धारा 449 के अंतर्गत ऑडिटर की बनावट जो उसे प्रमाण-पत्र दिया है, झूठा सिद्ध होता है, तो ऑडिटर को पुनर्निर्माण की अनुमति दी जा सकती है -
(a) 3 वर्ष तक की सजा एवं 10 लाख ₹ तक जुर्माना
(b) 1 वर्ष तक की सजा एवं 20 लाख ₹ तक जुर्माना
(c) 4 वर्ष तक की सजा एवं 5 लाख ₹ तक जुर्माना
(d) 5 वर्ष तक की सजा एवं 3 लाख ₹ तक जुर्माना
73. यदि ऑडिटर को कंपनी के कर्तव्यों से दुराचार करना होता है तो उसे कितने वर्ष तक जुर्माना या पुनर्निर्माण की अनुमति दी जा सकती है?
(a) 2 वर्ष तक की सजा और जुर्माना
(b) 7 वर्ष तक की सजा और जुर्माना
(c) 10 वर्ष तक की सजा और जुर्माना
(d) 5 वर्ष तक की सजा और जुर्माना
74. 5 लाख ₹ तक जुर्माना और 10 वर्ष तक की सजा की अनुशासनिक दंड-प्रवर्तन के तहत किस धारा के अनुसार दंडात्मक निर्णय लिया जा सकता है?
(a) धारा 143 के अनुपालन में जुर्म करने पर
(b) धारा 145 के अनुपालन में जुर्म करने पर
(c) उपर्युक्त (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
75. यदि ऑडिटर केंद्रीय सरकार द्वारा आवश्यक निर्देशों की मदद नहीं करता, तो उसे सजा हो सकती है -
(a) 1 माह
(b) एक वर्ष
(c) दो वर्ष
(d) 1 माह
76. खातों में गड़बड़ी करने पर ऑडिटर को क्या दंड किया जा सकता है -
(a) सात वर्ष की सजा तथा जुर्माना
(b) दो वर्ष की सजा तथा जुर्माना
(c) कठोर सजा एवं जुर्माना
(d) इनमें से कोई नहीं
77. ऑडिटर बाहरी व्यक्तियों के प्रति क्या दायित्व होता है?
(a) झूठे बयान करने पर
(b) झूठे आरोप लगाने को हल करने पर
(c) उपर्युक्त (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
78. ऑडिटर को अपना कार्य करना चाहिए -
(a) ईमानदारी
(b) सावधानी एवं परिश्रम से
(c) उपर्युक्त सभी
(d) इनमें से कोई नहीं
79. "ऑडिटर रखवाली करने वाला कुत्ता है, शिकारी नहीं।" यह निर्णय निम्नलिखित में से किस मामले में दिया गया था?
(a) फेंच क्रांति कंपनी लिमिटेड (1886)
(b) आइसहेर बुटल कंपनी लिमिटेड द्वारा व्यापारी एवं अन्य (1900)
(c) आर्थ पब्लिक कंपनी लिमिटेड द्वारा सेल्स एडवाइजर एंड डिस्काउंट कंपनी लिमिटेड (1902)
(d) लीस्टर बिल्डिंग और इंवेस्टमेंट कंपनी लिमिटेड (1897)
80. कंपनी ऑडिटर का दायित्व निर्धारित किया जाता है -
(a) कंपनी अधिनियम के अनुसार
(b) न्यायालय के निर्णय के अनुसार
(c) चार्टर्ड एकाउंटेंट के अनुसार
(d) उपर्युक्त सभी
81. कंपनी की वित्तीय स्थिति -
(a) द्रव्यात्मक असंतुलन
(b) स्वामित्व एवं प्रवृत्तियों में बदलाव
(c) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
82. ऑडिटर के पूर्व ऑडिटर की तैयारी करनी होती है -
(a) अपनी नियुक्ति के निम्नमासिकरण होना
(b) रिजेक्शन का निरीक्षण
(c) वित्त वर्ष के तहत और ऑडिटर रिपोर्ट को निश्चित करना
(d) उपर्युक्त सभी
83. पारिवारिक न्याय निर्णय में लिखा जाता है -
(a) जनादेश वार्ता
(b) उद्देश्य वार्ता
(c) स्पष्ट वार्ता
(d) उपर्युक्त सभी
84. यदि समान न्याय में परिवर्तन होने पर कंपनी अधिनियम को किस धारा के पालन को दिखाना चाहिए?
(a) धारा 3
(b) धारा 13
(c) धारा 14
(d) धारा 28
85. न्याय निर्णय में परिवर्तन होने पर किस धारा के पालन को जांच करनी चाहिए?
(a) धारा 14
(b) धारा 48
(c) धारा 88
(d) धारा 187
86. प्रवेश में लिखा जिस बात से गई है -
(a) कंपनी अधिनियम की धारा 26 में
(b) कंपनी अधिनियम की धारा 5 में
(c) कंपनी अधिनियम की धारा 39 में
(d) कंपनी अधिनियम की धारा 44 में
87. प्रत्येक कंपनी लौकिक-पुस्तक रखें -
(a) प्रात: तथा दिन को किए गए काम के संबंध में
(b) क्रय व विक्रय के संबंध में
(c) वित्तीय एवं दायित्व के संबंध में
(d) उपर्युक्त सभी
88. कंपनी को लौकिक-पुस्तक सुरक्षित रखना चाहिए -
(a) चालू वर्ष के काम से कम 5 वर्ष तक
(b) चालू वर्ष के काम से कम 8 वर्ष तक
(c) चालू वर्ष के काम से कम 7 वर्ष तक
(d) सदैव
89. लौकिक-पुस्तकें रखने का उत्तरदायित्व किसके होता है?
(a) प्रबंधक संकलन
(b) प्रबंधक
(c) संकलन मंडल
(d) उपर्युक्त सभी
90. साधारण नियम से जनपद से प्रत्येक कार्य से संबंधित रिपोर्ट दर्ज होती है -
(a) धारा 88 के अनुसार
(b) धारा 70 के अनुसार
(c) धारा 82 के अनुसार
(d) धारा 49 के अनुसार
91. प्रवृत्तियों के निदेश रेखा -
(a) प्रवृत्तियों का विवरण
(b) समर्पणों का विवरण
(c) प्रवृत्तियों की तारीख
(d) उपर्युक्त सभी
92. सूक्ष्म प्रस्तुत रखने का प्रावधान है -
(a) धारा 118 में
(b) धारा 170 में
(c) धारा 187 में
(d) धारा 188 में
93. संकलन का प्रबंधक की स्थिति का रजिस्टर रखना होता है -
(a) कंपनी अधिनियम की धारा 170 के अनुसार
(b) कंपनी अधिनियम की धारा 49 के अनुसार
(c) कंपनी अधिनियम की धारा 59 के अनुसार
(d) कंपनी अधिनियम की धारा 69 के अनुसार
94. ऑडिटर को संचालको की सभाओं की सूक्ष्म पुस्तक में निरीक्षण करना चाहिए -
(a) किसी के निर्णय का
(b) अंशों के ऑडिटर का
(c) दायित्व के निरीक्षण का
(d) उपर्युक्त सभी
95. वित्तीयों का रजिस्टर रखा जाता है -
(a) धारा 187 के अनुसार
(b) धारा 186 के अनुसार
(c) धारा 49 के अनुसार
(d) धारा 49 के अनुसार
96. आडिट समग्र विवरण रजिस्टर के पास फाइल करता होता है -
(a) आडिट के 30 दिन के भीतर
(b) आडिट के 90 दिन के भीतर
(c) आडिट के 21 दिन के भीतर
(d) आडिट के 42 दिन के भीतर
97. अंश पूँजी का ऑडिट करते समय ऑडिटर को जाँचना होता है -
(a) पार्क सी.नियम
(b) पार्क अंतर्नियम
(c) प्रमाण-पत्र तथा आंवटन शुद्ध
(d) उपर्युक्त सभी
98. अधिमूल्य पर अंशों का निर्णय करने के संदर्भ में प्रावधान किया गया है -
(a) कंपनी अधिनियम की धारा 52 में
(b) कंपनी अधिनियम की धारा 54 में
(c) कंपनी अधिनियम की धारा 80 में
(d) कंपनी अधिनियम की धारा 56 में
99. अधिमूल्य के अंशों के ऑडिट के संदर्भ में ऑडिटर को देखना होता है -
(a) वित्तीय, आंतरिक तथा संकलकों की सूक्ष्म पुस्तक
(b) वित्तीय लेखा
(c) कंपनी अधिनियम की धारा 54 में
(d) उपर्युक्त सभी
100. प्रवृत्तियों के ऑडिटर का निर्धारण होना चाहिए -
(a) धारा 54 के अंतर्गत
(b) विश्लेष प्रस्तुत द्वारा
(c) उपर्युक्त (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
101. ठेका के बजाए अन्य प्रतिलिपि हेतु जारी ऑडिटर के निर्धारण की धारा में ऑडिटर को देखना चाहिए -
(a) रोज़मर्रा की प्रवृत्तियाँ
(b) वित्तीय में उत्पाद, रूप से प्रवृत्तियाँ
(c) कंपनी के बीच अनुबंध
(d) उपर्युक्त सभी
102. ऑडिटकों के नाम में अन्य का निर्धारण होने पर ऑडिटर को देखना चाहिए -
(a) संकलकों की सूक्ष्म पुस्तक
(b) पार्क अंतर्नियम
(c) वित्तीय-फिजिकल
(d) उपर्युक्त सभी
103. बाईकिंग (पुनः वैनस्पी क्र.) किया जा सकता है -
(a) स्वतन संक्षेप से
(b) वित्तीय प्रतिवेदन को प्राप्त धनराशि से
(c) वित्तीय प्रतिवेदन से
(d) उपर्युक्त सभी
104. बाईकिंग का प्रावधान किया गया है -
(a) कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 68 में
(b) कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 83 में
(c) कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 56 में
(d) कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 180 में
105. बाईकिंग की संकल्पना है -
(a) चुकता पुनः और स्वतंत्र संक्षेप का 50%
(b) चुकता पुनः और स्वतंत्र संक्षेप का 25%
(c) चुकता पुनः और स्वतंत्र संक्षेप का 100%
(d) चुकता पुनः और स्वतंत्र संक्षेप का 5%
106. बाईकिंग के तहत कंपनी के तत्व का अनुमान न है -
(a) जैसा कि जुने से अधिक उपयोग करना
(b) स्वतंत्र संक्षेप को दो गुने से ज्यादा
(c) पंजीकृत फर्मों के बढ़ाव
(d) अधिकतर पुनः संचार के आधार
107. बाईकिंग का असर है -
(a) आंतरिक और प्राधिकृत पूर्ण हो
(b) संदर्भ की निश्चितता का पालन
(c) साधारण सभा में विश्लेष प्रस्तुत
(d) उपर्युक्त सभी
108. कंपनी बाईकिंग नहीं कर सकती -
(a) सहायक कंपनी से माध्यम से
(b) वित्तीय कंपनी के माध्यम से
(c) सभी, निष्कर्ष पर, बजट, श्रेणियों या सार्वजनिक असंवेदनशीलता से
(d) उपर्युक्त सभी
109. अधिमूल्य पर निर्गमन किया जा सकता है -
(a) धारा 52 के अनुसार
(b) धारा 55 के अनुसार
(c) धारा 56 के अनुसार
(d) धारा 78 के अनुसार
110. अंश अधिमूल्य खाते की रकम का उपयोग है -
(a) बोनस अंशों का की निर्गमन
(b) अधिकार अंशों का की निर्गमन
(c) पूर्वाधिकार अंशों का की निर्गमन
(d) इनमे से कोई नही
-
अधिशेष पर निर्माण के अंकनकरण में अंकक्षक को देखना होता है-
(a) कम्पनी के अधिशेष प्रपत्र
(b) धारा 52 की शर्तो का पालन
(c) प्राप्त रक़म का उपयोग
(d) उपरोक्त सभी -
प्रस्ताव समता अंशो का निर्माण स्वीकृत होना चाहिए-
(a) सामान्य प्रस्ताव द्वारा
(b) विशेष प्रस्ताव द्वारा
(c) असामान्य प्रस्ताव द्वारा
(d) इनमें से कोई नहीं -
कम्पनी आधारिक राशि की पैग़ी प्राप्ति का अधिकार रखती है-
(a) धारा 50 के अधीन
(b) धारा 50 के अधीन
(c) धारा 51 के अधीन
(d) धारा 136 के अधीन -
पैगी प्राप्ति पर ब्याज दिया जा सकता है-
(a) 18%
(b) 12%
(c) 15%
(d) बैंक ब्याज दर पर -
कौन-सा कथन सत्य है?
(a) याचन पर पैगी प्राप्ति पूंजी का भाग नहीं है।
(b) पैगी प्राप्ति को चिट्ठे में अलग से लिखा होता है।
(c) पैगी पर लाभांश का भुगतान नहीं किया जा सकता।
(d) उपरोक्त सभी -
पैगी प्राप्ति के सम्बन्ध में अंकक्षक का कर्त्तव्य है-
(a) अनियमितियों का अध्ययन करना
(b) पैगी प्राप्ति की रक़म को मिलान करना
(c) उपरोक्त (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं -
अग्रध याचन रक़म के सम्बन्ध में अंकक्षक का कर्त्तव्य है-
(a) अग्रध याचानाओं की सूची प्राप्त करना
(b) चिट्ठे में विधिवत्क रूप से लिखा होना।
(c) संचालकों के प्रस्ताव को देखना
(d) उपरोक्त सभी -
पूर्वाधिकार अंशो का निर्माण किया जा सकता है-
(a) अनियमिति द्वारा अनुमोदन दिए जाने पर
(b) सीमामिति द्वारा अनुमति दिए जाने पर
(c) उपरोक्त (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं -
पूर्वाधिकार अंशो का निर्माण किया जा सकता है-
(a) लाभांश बाँटने हेतु उपलब्ध लाभ से
(b) अंशो के नये निर्माण से प्राप्त राशि से
(c) उपरोक्त (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं -
पूर्वाधिकार अंशो का विमोचन हो सकता है-
(a) पूर्ण चुकता होने पर
(b) अधिमूल्य पर
(c) उपरोक्त (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं -
पूर्वाधिकार अंशो के सम्बन्ध में अंकक्षक का कर्त्तव्य है-
(a) अनियमितियों को देखना
(b) निर्माण का प्रमाणन करना
(c) विधानों के लिए धारा 55 का पालन देखना
(d) उपरोक्त सभी -
अंश हरण किया जा सकता है-
(a) अनियमितियों के अनुसार
(b) सीमा नियम के अनुसार
(c) समानतम्य के अनुसार
(d) स्वेच्छक रूप से -
अंशहरण के सम्बन्ध में अंकक्षक का कर्त्तव्य है-
(a) अनियमितियों का अवलोकन करना
(b) हरण सम्बन्धी लेखों की जाँच करना
(c) सदस्यों के रजिस्टर को देखना
(d) उपरोक्त सभी -
बोनस अंश निर्माण का कारण है-
(a) समृद्ध शेयर निधि हो जाना
(b) चुकता पूँजी व प्रदत्त पूँजी में काफ़ी अन्तर होना
(c) विशेष लाभ अधिक होने से लाभांश की दर ऊँची हो जाना
(d) उपरोक्त सभी -
बोनस अंश जारी किये जा सकते हैं-
(a) आवश्यक निधियों या ऋणपत्रों के भुगतान में चूक न करने पर।
(b) विशेष निधि के भुगतान में चूक न करने पर।
(c) आर्थिक चुकता अंशों को पूर्ण चुकता करने पर।
(d) उपरोक्त सभी। -
अवशोषक अंकक्षक का दायित्व होता है-
(a) असीमित
(b) सीमित
(c) सामान्य अंकक्षक के दायित्व की भाँति
(d) कोई दायित्व नहीं होता है। -
बोनस अंशों का स्रोत है-
(a) संचित सम्पत्ति
(b) प्रतिफलित प्रीमियम खाता
(c) पूँजी शोधन साधन खाता
(d) उपरोक्त सभी -
बोनस अंशों के निर्माण में सम्बन्ध में अंकक्षक देखता है-
(a) सदस्यों के प्रस्ताव की सूक्ष्म पुस्तक
(b) संचालकों की सिफारिश
(c) सीमामिति द्वारा अनियमित में परिवर्तन
(d) उपरोक्त सभी -
अन्य द्वारा दूसरों को अंश बेच देने को कहते हैं-
(a) पुनःप्रक
(b) अंशों का हस्तान्तरण
(c) अंशों का भुगतान
(d) अंशों का हस्ताकंन -
हस्तांतरण के अंकक्षण में अंकक्षक देखता है-
(a) अनियमित
(b) धारा 56 का अनुपालन
(c) हस्तांतरणकर्ताओं के हस्ताक्षर
(d) उपरोक्त सभी -
यदि हस्तांतरणकर्ता द्वारा हस्तांतरण को रिस्क हस्तांतरण फॉर्म के साथ अंश प्रमाण-पत्र फार्म दिया जाए तो वह कहलाता है-
(a) रिस्क हस्तांतरण
(b) ऋण लेने हेतु हस्तांतरण
(c) बाइबैक
(d) अधिग्रहण -
अंश प्रमाण-पत्र जारी किए जाते हैं-
(a) 60 दिन के अंदर
(b) 90 दिन के अंदर
(c) 21 दिन के अंदर
(d) 45 दिन के अंदर -
अंश प्रमाण-पत्रों का अंकक्षण करने में अंकक्षक को देखना होता है-
(a) धारा 56 का पालन
(b) अंश प्रमाण-पत्रों का सदस्य रजिस्टर से मिलान
(c) उपरोक्त (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं -
रुक्न होते हैं-
(a) पूर्णतः
(b) किसी भी रक़म के
(c) नम्बर न होना
(d) उपरोक्त सभी -
अंशपूँजी वाली कम्पनी ऋण लेने के अधिकार का प्रयोग कर सकती है-
(a) घोषणा जारी करके
(b) चुकता पूँजी की राशि रु. 5 लाख से कम न होने पर (सार्वजनिक कम्पनी की दशा में)
(c) उपरोक्त (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं -
ऋणपत्रों में आते हैं-
(a) स्टॉक बॉण्ड
(b) ऋण के साथ वाली प्रतिज्ञाएँ
(c) उपरोक्त (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं -
ऋणपत्र में विवरण होता है-
(a) ऋण की शर्तों का
(b) ब्याज भुगतान का
(c) मूल्य की वापसी का
(d) उपरोक्त सभी -
प्राप्ति या ऋणपत्र शोधन संचय के लिए कम्पनी का दायित्व होता है-
(a) ऋणपत्र शोधन संचय बनाना
(b) ब्याज देना तथा शोधन करना
(c) ऋणपत्र शोधन संचय की राशि का अन्य उपयोग न करना
(d) उपरोक्त सभी -
अंशपूँजी में परिवर्तन किया जा सकता है-
(a) नए अंश जारी करके
(b) अंशपूँजी का एकीकरण करके
(c) उपर्युक्त राशि को रक़म में बदलना
(d) उपरोक्त सभी -
अंशपूँजी में परिवर्तन के अंकक्षण में अंकक्षक देखता है-
(a) प्राप्त अनियमित
(b) आदेश सूची
(c) अंशधारियों की सूक्ष्म पुस्तक
(d) उपरोक्त सभी
-
कम्पनी अधिनियम, 2013 की धारा 68 सम्बन्धित है-
(a) मिनट पुस्तक से
(b) वैधानिक रिपोर्ट से
(c) समानता से पूर्व लाभ से
(d) इनमें से कोई नहीं -
कम्पनी अंकक्षक की नियुक्ति कम्पनी अधिनियम 2013 की किस धारा के अन्तर्गत होती है ?
(a) 224
(b) 228
(c) 230A
(d) 251 -
कम्पनी का विशेष अंकक्षण कौन कराता है ?
(a) कम्पनी के संचालक
(b) अंशधारी
(c) केन्द्र सरकार
(d) ऋणपात्रधारी -
बिना पारिश्रमिक के अंकक्षण का दायित्व होता है-
(a) सीमित
(b) असीमित
(c) सामान्य अंकक्षक के दायित्व की तरह
(d) इनमें से कोई नहीं -
सार्वजनिक कंपनियों में कम से कम कितने संचालक होने चाहिए ?
(a) 7
(b) 3
(c) 5
(d) 2 -
सरकारी कम्पनी में अंकक्षक की नियुक्ति किया जाता है-
(a) संचालकों द्वारा
(b) अंशधारियों द्वारा
(c) केन्द्र सरकार द्वारा
(d) उपर्युक्त सभी -
अंकक्षक को सदस्य होना चाहिए-
(a) ICAI का
(b) ICWAI का
(c) ICSI का
(d) उपर्युक्त सभी -
निम्नलिखित में से कौन-सी धारा अंकक्षक की योग्यता निर्धारित करता है ?
(a) धारा 226(1) और 226(2)
(b) धारा 224(1) और 224(2)
(c) धारा 226(3) और 224(4)
(d) इनमें से कोई नहीं -
शाखा अंकक्षक की नियुक्ति की जाती है-
(a) अंशधारियों द्वारा वार्षिक साधारण सभा में
(b) अंशधारियों द्वारा साधारण सभा में
(c) संचालकों द्वारा बोर्ड सभा में
(d) इनमें से कोई नहीं -
सार्वजनिक कम्पनी में संचालकों की अधिकतम असमीमित संख्या है
(a) 2
(b) 3
(c) 4
(d) असीमित -
एकलव्य व्यापार में अंकक्षक की नियुक्ति होती है-
(a) समझौते के आधार पर
(b) वैधानिक प्रावधान के आधार पर
(c) (a) एवं (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं -
कम्पनी के पंजीयन के बाद प्रथम अंकक्षक की नियुक्ति कितने दिनों में आवश्यक होती है ?
(a) 15
(b) 30
(c) 60
(d) 90 -
शाखा अंकक्षक की नियुक्ति अधिनियम की किस धारा के अन्तर्गत होती है ?
(a) 139
(b) 140
(c) 228
(d) 146 -
धारा 140 सम्बन्धित है-
(a) अंकक्षक की नियुक्ति से
(b) अंकक्षक को हटाने से
(c) अंकक्षक के पारिश्रमिक से
(d) इनमें से कोई नहीं -
एक अंकक्षक .......... का अधिकारी है।
(a) संचालक
(b) अंशधारी
(c) कम्पनी
(d) सरकार -
किस धारा के अन्तर्गत अंकक्षक के दायित्व को परिसीमित किया गया ?
(a) 145
(b) 146
(c) 148
(d) इनमें से कोई नहीं -
धारा 447 सम्बन्धित है-
(a) त्यागपत्र से
(b) अंकक्षक की नियुक्ति से
(c) अंकक्षक के पारिश्रमिक से
(d) कपट के लिए दण्ड से -
पैशर अंकक्षक का अर्थ है-
(a) आई. सी. डब्ल्यू. ए. आई. के सदस्य
(b) आई. सी. एस. आई. के सदस्य
(c) सी. ए. एस. आई. के सदस्य
(d) सी. ए. ए. आई. के सदस्य -
निम्नलिखित में से कम्पनी-का चार्टर किसे कहते हैं ?
(a) पब्लिक सीमानियम
(b) पार्षद अनियम
(c) प्रवर्तन
(d) इनमें से कोई नहीं
-
कम्पनी अधिनियम, 2013 की धारा 26 सम्बन्धित है :
(a) पार्षद सीमानियम से
(b) पार्षद अनियम से
(c) प्रवर्तन से
(d) मिनट बुक से -
कम्पनी अधिनियम, 2013 की धारा 55 सम्बन्धित है :
(a) पूर्वाधिकार अंशो के निर्माण एवं शोधन से
(b) पूँजी से ब्याज के भुगतान से
(c) ऋणपत्र से
(d) इनमें से कोई नहीं
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