बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर 6 पेपर 1 अंकेक्षण बीकाम सेमेस्टर 6 पेपर 1 अंकेक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
|
बीकाम सेमेस्टर 6 पेपर 1 अंकेक्षण
अध्याय 11 - अंश पूँजी का अंकक्षण तथा कम्पनी अधिनियम, 2013 की धारा 143(1) के अधीन जाँच-पड़ताल
(Audit of Share Capital and Enquiries Under Section 143(1) of the Companies Act, 2013)
ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिये चार विकल्प दिये गये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प चुनिए।
-
धारा 143 प्रावधान करती है -
(a) अंकक्षकों की शक्तियाँ एवं कर्तव्य तथा अंकक्षण मानक
(b) अंकक्षक का पारिश्रमिक
(c) अंकक्षकों की योग्यता, पात्रता एवं अयोग्यता
(d) अंकक्षक को पद से हटाया जाना व त्यागपत्र तथा विशेष सूचना दिए जाना -
कम्पनी के प्रत्येक अंकक्षक को हर समय किस तक पहुँचने का अधिकार होता है ?
(a) कम्पनी के प्रमाणों तक
(b) कम्पनी की खाता पुस्तकों तक
(c) (a) व (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं -
एक सहायक कम्पनी का अंकक्षक को भी अपनी सभी सहायक कम्पनियों के अभिलेखों के पास रहने तक पहुँचने का अधिकार होता है जहाँ तक कि ..... के एकीकरण से सम्बन्धित नहीं हैं।
(a) सहायक कम्पनियों के वित्तीय विवरण
(b) आर्थिक चित्रण
(c) लाभ-हानि विवरणपत्र
(d) इनमें से कोई नहीं -
अंश पूँजी का प्रकार है -
(a) पूर्णाधिकार अंश पूँजी
(b) समता अंश पूँजी
(c) (a) व (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं -
कम्पनी अंकक्षक को इनमें से किस पर विचार करना चाहिए ?
(a) आन्तरिक जाँच प्रणाली
(b) पार्षद सीमानियम तथा पार्षद अनानियम
(c) प्रवर्तन
(d) उपरोक्त सभी -
अंश पूँजी के अंकक्षण का उद्देश्य है -
(a) यह जानना कि याचनाओं पर प्राप्त राशि ठीक से रिकॉड की गयी है।
(b) यह देखना कि प्रीमियम पर जारी अंशों के सम्बन्ध में नियमों तथा विनियमों का पालन किया गया है।
(c) यह देखना कि अंशों का शोधन कम्पनी अधिनियम के नियमों के अनुसार किया गया है।
(d) उपरोक्त सभी
-
नकदी हेतु अंश जारी करते समय अंकक्षक को ध्यान में रखना चाहिए -
(a) आवेदक राशि
(b) आवेदन राशि
(c) याचना राशि
(d) उपरोक्त सभी -
जनता को अंकित मूल्य से अधिक पर अंश प्रस्तावित करना कहलाता है -
(a) अंशों का प्रीमियम पर निर्गमन
(b) अतिरक्त कीमत पर निर्गमन
(c) अंशों का असाधारण कीमत पर निर्गमन
(d) इनमें से कोई नहीं -
नवनिर्मित कम्पनी की अंश पूँजी के निर्माण में अंकक्षक को इनमें से किसकी जाँच करनी चाहिए ?
(a) अंशों के लिए आवेदन पत्र
(b) अंश आवेदन पुस्तक
(c) अंश याचना पुस्तक
(d) उपरोक्त सभी -
सत्य कथन बताइए -
(a) कम्पनी अंकक्षक को प्राप्त प्रीमियम की राशि का प्रमाणन करना चाहिए।
(b) अंशों पर प्रीमियम की राशि का उचित उपयोग न होने का अंकक्षण रिपोर्ट में उल्लेख किया जाना चाहिए।
(c) (a) व (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं -
नकदी हेतु जारी अंशों की रक्षा में, सेबी मार्गदर्शिकाओं ने कानूनी प्रावधान बनाए हैं -
(a) आवेदन की अवस्था हेतु
(b) आवेदनों की अवस्था हेतु
(c) याचनाओं की अवस्था हेतु
(d) उपरोक्त सभी -
आवेदन अवस्था में उठाया जाने वाला कदम है -
(a) पार्षद सीमा नियम के अधिनियम पूँजी की सीमा की जाँच करना
(b) आवेदन व आवेदन पर प्राप्त राशि को सही खातों में जाँचना
(c) आवेदन की जनता प्रविष्टि देखना
(d) इनमें से कोई नहीं -
याचना के चरण में अंकक्षक का कर्तव्य है -
(a) अग्रिम प्राप्त राशि का सही समायोजन जाँचना
(b) यह सत्यापित करना कि क्या प्राप्त याचना राशि को अंश रजिस्टर में ठीक से रिकॉर्ड किया गया है।
(c) (a) व (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं -
आवंटन चरण के अंकक्षण में अंकक्षक का कर्तव्य है -
(a) अंश आवंटन राशि का प्रमाणन करना
(b) अतिरक्त आवंटन राशि का आवंटन में उपयोग जाँचना
(c) (a) व (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं -
यदि अंशों को प्रीमियम पर जारी किया गया हो, तो अंकक्षक को इनमें से किस दस्तावेज को देखना चाहिए ?
(a) पार्षद अनियम
(b) पार्षद सीमानियम
(c) (a) व (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं -
न्यूनतम अभिदान राशि की आवश्यकता क्यों होती है ?
(a) खरीदी गई सम्पत्ति के भुगतान के लिए
(b) प्रारंभिक व्यय तथा कमीशन इत्यादि की राशि चुकाने के लिए
(c) उपरोक्त व्ययों के लिए प्राप्त ऋणों को चुकाने हेतु
(d) उपरोक्त सभी
-
रजिस्टर को भेजे जाने वाले आवेदन सम्बन्धी विवरण में इनमें से दी जाने वाली जानकारी है -
(a) रोकड़ के लिए आवंटित अंश।
(b) रोकड़ के अतिरिक्त अन्य प्रतिफल के लिए आवंटित अंश।
(c) (a) व (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं -
प्रीमियम पर जारी अंशों के बारे में अंकक्षक को कौन-सा तथ्य देखना चाहिए ?
(a) कम्पनी के पार्षद सीमानियम तथा पार्षद अनानियम का अध्ययन करके देखना कि अधिशेष के सम्बन्ध में क्या व्यवस्थाएं हैं।
(b) प्रीमियम की राशि का प्रयोग अधिनियम के अनुसार किया गया है या नहीं।
(c) (a) व (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं -
सत्य कथन बताइए -
(a) जब कोई अंशधारी बिना माँगी हुई राशि का भी भुगतान कर दे तो इसे याचना पर अग्रिम भुगतान की राशि कहेंगे।
(b) कम्पनी याचना पर अग्रिम राशि को तभी स्वीकार कर सकती है, जब कम्पनी के अनानियम में ऐसी व्यवस्था की गई हो।
(c) भविष्य में माँग दिए जाने पर अग्रिम राशि का समायोजन कर दिया जाता है।
(d) उपरोक्त सभी -
जब कोई अंशधारक याचना की गई राशि का भुगतान नहीं करता तो इसे ...... याचना कहते हैं।
(a) बकाया
(b) जमा
(c) अधिमूल्य
(d) आवेदन -
बकाया याचना के बारे में अंकक्षक का कर्तव्य है -
(a) बकाया राशि के सम्बन्ध में अनानियम का अध्ययन करना
(b) यह देखना कि इस राशि को पूँजी में से घटाया गया है या नहीं
(c) संचालकों पर बकाया (यदि हो) राशि को अलग से दिखाया जाना
(d) उपरोक्त सभी
|