| शब्द का अर्थ | 
					
				| आखन					 : | अव्य० [सं० आ+क्षण] प्रतिक्षण। हर समय। | 
			
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				| आखना					 : | स० [सं० आख्यान, पा० अक्खान, पं० आखना] १. किसी से कोई बात कहना। उदाहरण—तोहिं सेवा बिछुरन नहि आखौं। पीजर हिए घालि तोहिं रखौ। जायसी। अ० [सं० आकांक्षा] इच्छा करना। चाहना। स० [हिं० आँख] देखना। | 
			
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				| आखनिक					 : | वि० [सं० आ√खन्(खोदना)+इकन्] खोदनेवाला। पुं० १. वह व्यक्ति जो खोदता हो। जैसे—खान में काम करनेवाला व्यक्ति। २. चूहा, सूअर आदि पशु जो जमीन खोदते रहतें हैं। ३. खोदने के औजार या करण। | 
			
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