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			| शब्द का अर्थ |  
				| आचरित					 : | भू० कृ० [सं० आ√चर्+क्त] १. आचरण या व्यवहार के रूप में लाया हुआ। २. वि० नियमित और निर्दिष्ट। पुं० १. प्राचीन भारत में दिया हुआ ऋण वसूल करने की वह परिपाटी जिसमें या तो ऋणी के दरवाजे पर बैठकर धरना दिया जाता था या उसकी स्त्री पुत्र आदि ले लिये जाते थे। २. दे० ‘जीवक’ (कोरियर) |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |