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			| शब्द का अर्थ |  
				| आज्ञा चक्र					 : | पुं० [सं० मध्य० स०] हठयोग में, शरीर के अंदर से आठ चक्रों में से छठा चक्र जो दो दलों का श्वेत वर्णका और दोनों भौहों के बीच में स्थित माना गया है। कहते है कि इसके साधन से वाक्-सिद्धि प्राप्त होती है। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |