| शब्द का अर्थ | 
					
				| आभीर					 : | पुं० [सं० आ-बी, प्रा० स० आभी√रा (दान)+क] [स्त्री०आभीरी] १. अहीर। गोप। ग्वाला। २. एक प्राचीन देश या जनपद जिसमें गोप जाति के लोग रहते थे। ३. एक छंद जिसके प्रत्येक चरण में ११ मात्राएँ और अंत में जगण होता है। ४. एक राग जो भैरव राग का पुत्र कहा गया है। | 
			
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				| आभीरक					 : | वि० [सं० आभीर+अण्+कन्] अहीर या गोप संबंधी। पुं० १. आभीर या गोप जाति। अहीर। २. इस जाति का कोई व्यक्ति। अहीर। | 
			
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				| आभीरी					 : | स्त्री० [सं० आभीर+ङीष्] १. अहीर की स्त्री। २. अहीर जाति की स्त्री। ३. प्राचीन आभीरो की एक बोली जो ईसवी आरंभिक शतियों में उत्तरी पंजाब में बोली जाती थी और जो आगे चलकर अपभ्रश बन गई थी। ४. संगीत में एक संकर रागिनी। | 
			
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