| शब्द का अर्थ | 
					
				| आमोद					 : | पुं० [सं० आ√मुद् (हर्ष)+णिच्+अच्] १. मन बहलाने और प्रसन्नता प्राप्त करने के उद्देश्य से किया जानेवाला काम। २. ऐसे कर्मों से होनेवाली प्रसन्नता। (एम्यूजमेण्ट) ३. महक। सुगंधि। ४. शतावर (कंद)। | 
			
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				| आमोदन					 : | पुं० [सं० आ√मुद्+णिच्+ल्युट्-अन] १. दूसरों को प्रसन्न या मुदित करना। २. अपना मन बहलाना। ३. सुगंधि से युक्त करना। सुवासित किया हुआ। | 
			
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				| आमोद-प्रमोद					 : | पुं,० [सं० द्व०स०] भोग-विलास। सुख-चैन। पुं० [सं० ] १. ऐसे काम जो केवल मन-बहलाव या चित्त प्रसन्न करने के लिए होते या किये जाते हों। जैसे—खेल तमाशे, संगीत, नृत्य, जादू के खेल आदि। (एन्टरटेन्टमेण्ट) २. हँसी-ठटठा। | 
			
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				| आमोदित					 : | भू० कृ० [सं० आ√मुच्+णिच्+क्त] १. जिसका आमोदन (या मन-बहलाव) किया गया हो या हुआ हो। २. सुगंधि से युक्त या सुवासित किया हुआ। | 
			
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				| आमोदी (दिन्)					 : | पुं० [सं० आ√मुद्+णिच्+णिनि] वह जो स्वयं भी प्रसन्न रहे और दूसरों को भी प्रसन्न करता हो। | 
			
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