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			| शब्द का अर्थ |  
				| आस्तर					 : | पुं० [सं० आ√स्तृ+अप्] १. आवरण। २. बिछाने की कोई चीज। जैसे—चटाई चादर, गलीचा आदि। ३. हाथी की झूल। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| आस्तरण					 : | पुं० [सं० आ√स्तृ+ल्युट्] १. बिछाने, ढकने या फैलाने की क्रिया या भाव। २. वह जो बिछाया जाए अथवा किसी के ऊपर डाला जाए। जैसे—चादर या झूल। ३. यज्ञ में वेदी पर फैलाये हुए कुश। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |