शब्द का अर्थ
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					ऊहा					 :
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					स्त्री० [सं०√ऊह्+अ-टाप्] १. अनुमान, कल्पना, तर्क-वितर्क, व्युत्पत्ति आदि द्वारा किसी बात का अर्थ या आशय जानना या समझना। २. बुद्धि। समझ। ३. तर्क। ४. किंवदंती। जन-प्रवाद।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					ऊहापोह					 :
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					पुं० [सं०√ऊह-अपोह, द्व० स०] किसी विषय में कुछ निश्चय न होने की दशा में मन में होनेवाला तर्क-वितर्क या सोच-विचार।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					ऊहा					 :
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					स्त्री० [सं०√ऊह्+अ-टाप्] १. अनुमान, कल्पना, तर्क-वितर्क, व्युत्पत्ति आदि द्वारा किसी बात का अर्थ या आशय जानना या समझना। २. बुद्धि। समझ। ३. तर्क। ४. किंवदंती। जन-प्रवाद।				 | 
			
			
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					ऊहापोह					 :
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					पुं० [सं०√ऊह-अपोह, द्व० स०] किसी विषय में कुछ निश्चय न होने की दशा में मन में होनेवाला तर्क-वितर्क या सोच-विचार।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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