| शब्द का अर्थ | 
					
				| कुंतल					 : | पुं० [सं० कुंत√ला (लेना)+क] १. सिर के बाल। केश। २. जौ। ३. हल। ४. प्याला। ५. एक प्रकार का सुंगधित द्रव्य। ६. सूत्रधार। ७. संगीत में संपूर्ण जाति का एक राग। ८. कोंकण और बरार के बीच का एक प्राचीन जनपद। ९. राम की सेना का एक बंदर। १॰. आज-कल के हैदराबाद के दक्षिण-पश्चिमी प्रदेश का पुराना नाम। वि० [स्त्री० कुंतला] जिसके सिर के बाल बड़े-बड़े हों। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कुंतल-वर्द्धन					 : | पुं० [सं० वर्धन√वृध् (बढना)+णिच्+ल्यु-अन, कुंतल-वर्धन, ष० त०] भृंगराज या भंगरैया नामक वनस्पति, जिसका तेल सिर के बाल बढ़ाता है। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कुंतलवाही (हिन्)					 : | पुं० [सं० कुंतल√वह् (ढोना)+णिनि] [स्त्री० कुंतलवाहिनी] वह जो राजाओं की सवारी के साथ भाला या बरछा लेकर चलता हो। भाला-बरदार। बरछैत। उदाहरण—कुंतलवाही निपुन साहसी सजग सजीले।—रत्ना०। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कुंतला					 : | स्त्री० [सं० कुंतल+अच्-टाप्] लंबे केशोंवाली स्त्री। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कुंतलिका					 : | स्त्री० [सं० कुंतल+ठन्-इक,टाप्,इत्व] १. एक प्रकार की वनस्पति। २. मक्खन आदि काटने या निकालने का चम्मच। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| कुंतली					 : | स्त्री० [सं० कुंत=भाला] १. चाकू। २. मधुमक्खी की एक जाति। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |