| शब्द का अर्थ | 
					
				| कुंदन					 : | पुं० [सं० कुंद=श्वेतपुष्प] १. बहुत अच्छे और साफ सोने का पतला पत्तर, जो प्रायः अवलेह के रूप में होता है और जिसकी सहायता से गहनों में नगीने जड़े जाते हैं। २. शुद्ध और स्वच्छ सोना। वि० उक्त प्रकार के सोने की तरह शुद्ध, सुंदर और स्वच्छ। | 
			
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				| कुंदनपुर					 : | पुं० =कुंडिनपुर। | 
			
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				| कुंदन-साज					 : | पुं० [हिं० कुंदन+फा० साज] १. सोने से कुंदन का पत्तर बनानेवाला। २. कुंदन की सहायता से नगीने जड़नेवाला। ज़ड़िया। | 
			
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				| कुँदना					 : | पुं० [सं० कंडु] बाजरे के पौधों में लगनेवाला एक रोग, जिसमें बाल में दाने न पड़कर राख-सी उड़ने लगती है। कंडो। | 
			
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