| शब्द का अर्थ | 
					
				| खील					 : | स्त्री० [सं० पा० प्रा० बँ० खील; गु.खिलो;उ० कीड़ा; मरा० खिड़, खिड़ा] १. खिला या भुना हुआ चावल। लावा। २. चावल को भूनकर तथा चाशनी में पकाकर जमाई हुई कतली। ३.किसी चीज का बहुत छोटा टुकड़ा। जैसे–शीशे का गिलास गिरते ही खील-खील हो गया। स्त्री० [हिं० कील](यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) १. कील। मेख। (दे० ‘कील’) २. बाँस आदि की पतली सींक जो पात्रों आदि को जोड़कर दोना बनाने के काम आती है। ३. मांस-कील।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) स्त्री० [सं० खिल] वह भूमि जो जोती जाने से पहले बहुत दिन परती छोड़ी गई हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| खीलना					 : | स० [हिं० खील] १. पत्रों में खील लगाकर दोना, पत्तल आदि बनाना। खील लगाना। २. दे० ‘कीलना’। | 
			
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				| खीला					 : | पु० [हिं० कील] [स्त्री० खीली] १. बाँस आदि की पतली छोटी सींक। २. बड़ी और मोटी कील। ३.खूँटा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| खीली					 : | स्त्री०=खिल्ली (पान का बीड़ा)। | 
			
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