| शब्द का अर्थ | 
					
				| ख्याल					 : | पुं० [अ० खयाल-ध्यान] [वि० ख्याली] १. दे० खयाल। २. केवल खयाल या ध्यान में आ जाने पर मनमाने ढंग से और कौतुक या परिहास के रूप में किसी को खिझाने या चिढ़ाने के लिए किया जानेवाला कोई अनुचित काम। तंग या परेशान करने के लिए किया जानेवाला मजाक। उदाहरण-(क) यह सुनि रुक्मिनि भई बेहाल। जानि पर्यौ नहिं हरि कौं ख्याल।–सूर। (ख) मोकों जनि बरजौ जुवती कोउ, देखौ हरि के ख्याल। मुहावरा– (किसी के) ख्याल पड़ना=किसी को चिढ़ाने और तंग करने के लिए उतारू होना या पीछे पड़ना। उदाहरण-(क) ख्याल परैं ये सखा सबै मिलि मेरै मुख लपटायो।–सूर। (ख) ये सब मेरे ख्याल परी हैं, अब हीं बातन लै निरुआरति।–सूर। पुं०=खेल(क्रीड़ा)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| ख्यालिया					 : | पुं० [हिं० ख्याल (गीत)] वह गवैया जो ख्याल गाने में निपुण हों। | 
			
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				| ख्याली					 : | पुं० [हिं० ख्याल] १. खब्ती। झक्की। सनकी। २. खेलवाड़ी। वि०=खयाली। | 
			
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