| शब्द का अर्थ | 
					
				| ठसक					 : | स्त्री० [हिं० ठस] १. बड़प्पन, योग्यता आदि दिखलाने के उद्देश्य से की जानेवाली साधारण से भिन्न कोई शारीरिक चेष्टा। २. नखरा। ३. अभिमान। गर्व। | 
			
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				| ठसकदार					 : | वि० [हि० ठसक+फा० दार] १. (व्यक्ति) जिसमें ठसक हो। अपना बड़प्पन या योग्यता प्रदर्शित करने के लिए कोई विशिष्ट चेष्टा करनेवाला। २. घमंडी। | 
			
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				| ठसका					 : | पुं०=ठसक।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं० [अनु०] १. एक तरह की सूखी खाँसी। २. धक्का। | 
			
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