| शब्द का अर्थ | 
					
				| ठाल					 : | वि०=ठाला। पुं०=ठाला। | 
			
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				| ठाला					 : | पुं० [हिं० निठल्ला] [स्त्री० ठाली] १. (व्यक्ति) जो कुछ भी काम-धंधा न करता हो निठल्ला। मुहावरा–ठाला बताना या ठाली देना=(वास्तविक काम न करके) व्यर्थ इधर-उधर की बातें करना या बताना। पुं० १. व्यापार की ऐसी स्थिति जिसमें विशेष बिक्री-बट्टा न होता हो। जैसे–आज तो बाजार में ठाला है। २. किसी बात या वस्तु का होनेवाला प्रत्यक्ष और विशेष अभाव। जैसे–रुपए-पैसे या बुद्धि का ठाला। | 
			
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				| ठालिनी					 : | स्त्री० [सं०] करधनी। | 
			
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