शब्द का अर्थ
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					डाँक					 :
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					स्त्री० [हिं० दमक, दर्वँक] ताँबे या चाँदी का कागज की तरह का वह पतला पत्तर जो नगीनों के नीचे उनकी चमक बढ़ाने के लिए लगाया जाता है। स्त्री० [हिं० डाँकना] १. डाँकने या लाँघने की क्रिया या भाव। २. कै। वमन। स्त्री०=डाक। पुं० १.=डंक।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) २.=डंका।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					डाँकना					 :
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					स० [सं०√तक से] १. रास्ते में पड़ी हुई किसी चीज अथवा होनेवाले किसी गड्ढे को कूदते हुए लाँघना २. (खेल में) किसी रोक को दौडते तथा कूदते हुए पार करना। जैसे–रस्सी डाँकना। ३. बीच का कुछ अंश छोड़ते हुए उसके आगे या पार जाना। [हिं० डाँक] वमन करना। उलटी करना।				 | 
			
			
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					डांक-खाना					 :
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					पुं० [हिं० डाक+फा० खानः] वह सरकारी कार्यालय या उसका भवन जो डाक द्वारा चिट्टियाँ आदि बाहर भेजवाने तथा बाहर से आई हुई चिट्टियाँ आदि बँटवाने की व्यवस्था करता है।				 | 
			
			
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