शब्द का अर्थ
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डामर :
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पुं० [सं०] १. शिव-प्रणीत माना जानेवाला एक तंत्र जिसके छः भेद हैं।-योग डामर, शिव डामर, दुर्गा डामर, सारस्वत डामर, ब्रह्म डामर और गंधर्व डामर। २. प्राचीन भारत में एक प्रकार का चक्र जिसके द्वारा दुर्ग के शुभाशुभ फल जाने जाते थे। ३. धूम-धाम। ४. आडंबर। ५. ठाठ-बाट। ६. हलचल। ७. चमत्कार। ८. उनचास क्षेत्रपाल भैरवों में से एक भैरव का नाम। ९. साल वृक्ष का गोंद। राल। १॰. दक्षिण भारत में होनेवाला एक प्रकार का सफेद गोंद। ११. एक प्रकार की छोटी मधु-मक्खी। १२. उक्त छोटी मधु-मक्खियों के छत्ते से निकलनेवाला एक प्रकार का गोंद या राल। १३. अलकतरा। पुं० दे० ‘डामल’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं०=डाबर (बरसाती पानी का गड्ढा) उदाहरण–-यह सच है कि मनोहर बोला तुम उथले पानी के डामर।–पन्त। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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