शब्द का अर्थ
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					तुझ					 :
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					सर्व० [सं० तुभ्यम्, पा० तुटह, प्रा० तुज्झ] तू का वह रूप जो उसे द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, और सप्तमी के विभक्तियाँ लगने पर प्राप्त होता है। जैसे–तुझको तुजसे तुझमें आदि आदि।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
					
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					तुझे					 :
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					सर्व० [हिं० तुझ] तू का वह रूप जो उसे द्वितीया और चुतर्थी की विभक्तियाँ लगने पर प्राप्त होता है। तुझको। जैसे–(क) तुझे मारूगाँ। (ख) तुझे भी मिलेगा।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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