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			| शब्द का अर्थ |  
				| दर-दर					 : | अव्य० [फा० दर=दरवाजा] १. दरवाजे-दरवाजे। २. प्रत्येक स्थान पर। जगह-जगह। मुहावरा— दर-दर की ठोकरें खाना=सब जगहों से तिरस्कृत होते हुए इधर-उधर घूमना। मारे-मारे फिरना। वि० दरदरा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |