| शब्द का अर्थ | 
					
				| नाजुक					 : | वि० [फा० नाजुक] [भाव० नजाकत] १. कोमल। सुकुमार। २. पतला। बारीक। महीन। गूढ़ और सूक्ष्म (भाव या विचार)। ४. इतना कोमल कि सहज में टूट-फूट जाय या बिगड़ जाय। ५. (समय) जिसमें अनिष्ट, अपकार, हानि कि विशेष संभावना हो। | 
			
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				| नाजुक-दिमाग					 : | वि० [फा०+अ०] १. जिसका दिमाग या मस्तिष्क इतना कोमल हो कि अपनी इच्छा, रुचि आदि के विपरीत होनेवाली छोटी-सी बात भी न सह सके। २. बात-बात पर चिड़चिड़ाने या बिगड़नेवाला व्यक्ति। | 
			
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				| नाजुक-बदन					 : | वि० [फा०] सुकुमार शरीरवाला। कोमलांग। पुं० १. डोरिए की तरह की एक प्रकार की (पुरानी चाल की) मलमल। २. गुल्लाला नामक पौधे और फूल का एक प्रकार। | 
			
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				| नाजुक-मिजाज					 : | वि० [फा०+अ०] १. बहुत ही कोमल और मृदु प्रकृतिवाला। २. दे० ‘नाजुक दिमाग’। | 
			
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